जब सिक्स पैक एब्स का मतलब हमें समझ में आया।
तब अपना फलता फूलता पेट देखकर,
हमें भी ये ख्याल आया।
कि जब ४० - ५० पार के एक्टर्स तन से चर्बी उतार सकते हैं ,
तो भई हम भी तो अभी तरो ताज़ा हैं ,
फिर दो चार एब्स तो हम भी उभार सकते हैं।
आखिर वो भी तो ढलती उम्र से लड़े हैं।
फिर हम कहां उनसे तीस साल बड़े हैं।
और जब ये नेक विचार हमने अपने एक दोस्त को बतलाया ,
तो हमारी सोच पर उनको बड़ा गुस्सा आया।
तुनक कर बोले -यार अब किस मुसीबत में पैर डालोगे।
शर्म नहीं आती , इस उम्र में ऐब पालोगे।
हमने कहा भैया , ये ऐब नहीं, एब्स कहलाता है।
तो वो बोले , एक ही तो बात है ,
जब ऐब हों अनेक , तो एब्स बन जाता है।
उनकी भाषा का सामान्य ज्ञान देखकर हम तो सकते में आ गए।
लगा जैसे आसमां से सीधे धरा पर आ गए।
पर उस वक्त तो सिक्स पैक एब्स का ऐसा चढ़ा बुखार,
कि रोज सुबह शाम को जिम और खाने में अपनाया सात्विक आहार।
इस जुगलबंदी की छाप हम पर इस कद्र छा गई ,
कि दो ही हफ्ते में कमर की नाप, सेंसेक्स की तरह गिरी,
और तीन इंच नीचे आ गई।
अब आधा समय तो मैं ओ पी डी में बैठ,
पेशेंट्स की देखभाल में निकालता हूँ।
और बाकी के समय अपनी बार बार खिसकती पैंट संभालता हूँ।
वैसे मैं भी अब लिफ्ट को छोड़ सीढियाँ चढ़ने लगा हूँ,
और घरवालों को भी हीरो सा लगने लगा हूँ।
पर एक बात आप सब के लिए भी समझ में आई है।
कि भैया एब्स तो ठीक हैं ,
पर ये सिगरेट का ऐब छोड़ दो , इसी में भलाई है।
अरे सिगरेट छोड़ना है इतना आसान।
ज़रा मुझे ही देखो, मैं जाने कितनी बार कर चुका हूं ये काम।
किसी बड़े फिजिशियन ने कहा है - इट इज वेरी ईजी टू स्टॉप स्मोकिंग , एंड आई हैव डन इट सो मेनी टाइम्स।