एक दिन एक महिला बोली,
आप पत्नी विषय पर कविता क्यों नहीं सुनाते हैं !
हमने कहा हम पत्नी पर कविता लिखते तो हैं,
पर सुनाने से घबराते हैं।
एक बार पत्नी पर लिखी कविता पत्नी को सुनाई ,
गलती ये हुई कि अपनी को सुनाई।
उस दिन ऐसी मुसीबत आई कि हमें घर छोड़कर जाना पड़ा ,
और सारा दिन फुटपाथ पर बिताना पड़ा।
तब से हम पत्नी विषय पर कविता तो सुनाते हैं ,
पर अपनी को भूलकर भी नहीं सुनाते हैं।