क्या करूँ कंट्रोल नही होता ---
तम्बाकू और धूम्रपान से सम्बंधित कुछ तथ्य :-
* सबसे पहले कोलंबस ने १४९२ में दक्षिण अमेरिका के निवासियों को धूम्रपान करते देखा था।
*भारत में इसका सेवन १६ वीं शताब्दी में शुरू हुआ।
*विश्व में ११० करोड़ लोग धूम्रपान करते हैं।
*विश्व में प्रतिवर्ष ५०,००० करोड़ सिग्रेट और ८००० करोड़ बीडियाँ फूंकी जाती हैं।
*धूम्रपान से हर ८ सेकंड में एक व्यक्ति की म्रत्यु हो जाती है।
* ५० लाख लोग हर साल अकाल काल के गाल में समां जाते हैं।
*सिग्रेट के धुएं में ४००० से अधिक हानिकारक तत्व और ४० से अधिक कैंसर उत्त्पन करने वाले पदार्थ होते हैं।
*भारत में ४०% पुरूष और ३% महिलायें धूम्रपान करती हैं।
*भारत में मुहँ का कैंसर विश्व में सबसे अधिक पाया जाता है और ९०% तम्बाकू चबाने से होता है।
धूम्रपान और तम्बाकू से होने वाली हानियाँ :-
*हृदयाघात, उच्च रक्त चाप, कोलेस्ट्रोल का बढ़ना, तोंद निकलना, मधुमेह , गुर्दों पर दुष्प्रभाव ।
*स्वास रोग _ टी बी , दमा, फेफडों का कैंसर ,गले का कैंसर आदि।
* पान मसाला और गुटखा खाने से मुहँ में सफ़ेद दाग, और कैं सर होने की अत्याधिक संभावना बढ़ जाती है।
श्रोतागण
लोग धूम्रपान करते क्यों हैं?
कहते हैं पीने वालों को पीने का बहाना चाहिए । वैसे तो ये बात शराब के लिए कही गई है लेकिन बीड़ी सिग्रेट पर भी उतनी ही लागू होती है । लोग कैसी कैसी हालातों में भी धूम्रपान करते हैं और क्या क्या बहाने बनाते हैं , ज़रा देखिये इस हास्य -व्यंग कविता में ।
अस्पताल के प्रांगण में
ओ पी डी के आँगन में
जेठ की धूप में जले, पेड़ तले
कुछ लोग आराम कर रहे थे ।
करना मना है , फिर भी मजे से धूम्रपान कर रहे थे ।
एक बूढ़े संग बैठा उसका ज़वान बेटा था
बूढा बेंच पर इत्मीनान से लेटा था ।
साँस भले ही धोंकनी सी चल रही थी
मूंह में फिर भी बीड़ी जल रही थी ।
बेटा भी बार बार पान थूक रहा था
बैठा बैठा वो भी सिग्रेट फूंक रहा था ।
एक बूढा तो बैठा बैठा भी हांफ रहा था
साथ बैठी बुढिया को जोर जोर से डांट रहा था ।
हांफते हांफते डांटते डांटते जैसे ही उसको खांसी आई
उसने भी जेब से निकाल, तुरंत बीड़ी सुलगाई।
मैंने कहा बाबा , अस्पताल में बीड़ी पी रहे हो
चालान कट जायेगा
वो बोला बेटा , गर बीड़ी नहीं पी
तो मेरा तो दम ही घुट जायेगा ।
डॉ ने कहा है -
सुबह शाम पार्क की सैर किया करो
खड़े होकर लम्बी लम्बी साँस लिया करो ।
लम्बे लम्बे कश लेकर वही काम कर रहा हूँ ।
खड़ा खड़ा थक गया था , लेटकर आराम कर रहा हूँ ।
मैंने बेटे से कहा --भाई तुम तो युवा शक्ति के चीते हो
फिर भला सिग्रेट क्यों पीते हो ?
वो बोला बाबा की बीमारी से डर रहा हूँ
सिग्रेट पीकर टेंशन कम कर रहा हूँ ।
मैंने कहा भैये -टेंशन के चक्कर में मत पालो हाइपर्तेन्शन
वर्ना समय से पहले ही लेनी पड़ जाएगी फैमिली पेंशन ।
एक बोला मुझे तो बीडी बिलकुल भी नहीं भाती है
पर क्या करूँ इसके बिना टॉयलेट ही नहीं आती है ।
दूसरा बोला सर मैं तो रात में पीता हूँ जब पत्नी और सास सो जाती है
एक दो सिगरेट पी लेता हूँ तो गैस पास हो जाती है ।
एक युवक गोल गोल हवा में धुएं के छल्ले बना रहा था
वो लड़का होने की ख़ुशी में खुशियाँ मना रहा था ।
कुछ लोग ग़म में पीते हैं , कुछ पीकर ख़ुशी मनाते हैं ।
कुछ लोग दम भर पीते हैं , फिर दमे से छटपटाते हैं ।
उड़ाकर बीडी सिगरेट के धुएं का ज़हर
अपनी और पूरे परिवार की जिंदगी , दांव पर लगाते हैं ।
ये धूम्रपान की आदत , आसानी से कहाँ जा पाती है
पहले सिग्रेट हम पीते हैं , फिर सिग्रेट हमें खा जाती है ।
दोस्तों धूम्रपान छोड़ने के लिए सिर्फ़ और सिर्फ़ इच्छा शक्ति की आवश्यकता होती है।
जरा सोचिये , बड़े बड़े शहरों में जहाँ बहुत सा धुआं हम पहले ही साँस के साथ खींचते हैं, फ़िर भला सिग्रेट के धुएं की कहाँ जरूरत रह जाती है। एक बार छोड़ कर देखिये , आप कितना परिवर्तन महसूस करेंगे अपनी जिंदगी में।