लोग पैट पालने का शौक तो पाल लिया करते हैं ,
लेकिन पैट का पेट फुटपाथ पर साफ़ कराते हैं जिस पर खुद चला करते हैं।
फिर कहीं पैर में पैट का पेट त्याग न लग जाये ,
इस डर से इस शहर में लोग सर उठाकर नहीं , सर झुकाकर चला करते हैं।
लोग गऊ को गौ माता तो कह कर बुलाया करते हैं ,
लेकिन कूड़ा कचरा खाने को उन्हें सडकों पर आवारा छोड़ दिया करते हैं।
फिर कहीं पावन गोबर में गाड़ी के टायर न सन्न जाएँ ,
इस डर से इस शहर में लोग सडकों पर गाड़ी जिग जैग चलाया करते हैं।
लोग जंक फ़ूड खाने का शौक तो रख लिया करते हैं ,
लेकिन प्लास्टिक के रैपर और खाली बोतल सड़क पर ही फेंक दिया करते हैं।
फिर गंदगी से कहीं महामारी न फ़ैल जाये ,
इस डर से नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को ही सारा दोष दिया करते हैं।
लोग बड़ी बड़ी गाड़ियां तो सडकों पर चलाया करते हैं ,
लेकिन बेतरतीब चलाते ट्रैफिक के नियमों का पालन नहीं किया करते हैं।
फिर कहीं ज़रा सा छूने पर इज़्ज़त न चली जाये ,
इस डर से इस शहर के लोग रोड रेज़ में मरने मारने पर उतर आया करते हैं।
लोग बड़े बड़े मंचों पर बड़ी बड़ी बातें तो बनाया करते हैं ,
लेकिन मुसीबत में फंसे किसी मुसीबत के मारे की मदद नहीं किया करते हैं।
फिर कहीं कोर्ट कचहरी पुलिस के चक्कर में न फंस जाएँ ,
इस डर से इस शहर के लोग अक्सर नज़र बचाकर निकल जाया करते हैं।
लोग बेटी बचाओ आंदोलन तो चलाया करते हैं ,
लेकिन बेटे की चाहत में अजन्मे बच्चे का लिंग परिक्षण कराया करते हैं।
फिर कहीं स्वास्थ्य विभाग की नज़र में न आ जायें ,
इस डर से इस शहर के लोग चोरी चुपके से गर्भपात भी कराया करते हैं।
इस शहर के लोग मौज मस्ती से जीया करते हैं ,
लेकिन इनकम टैक्स , सेल्स टैक्स और वैट की चोरी किया करते हैं।
फिर कहीं इनकम टैक्स विभाग की जाँच में न फंस जाएँ ,
इस डर से इस शहर के लोग बात बात पर रिश्वत लिया दिया करते हैं।