जो जंगली जानवरों को जाल में फंसाते हैं,
फिर उनको अधमरा अधपका खा जाते हैं ,
कोरोना वायरस को वही लोग पसंद आते हैं।
जब यही लोग विदेश के सफ़र पर जाते हैं ,
खुले आम छींक मारने से बाज नहीं आते हैं,
यही लोग हवा में रोग के कीटाणु फैलाते हैं।
जो रोगी बिना हाथ धोये ही हाथ मिलाते हैं ,
दूसरों को ज़बरदस्ती प्यार से गले लगाते हैं ,
वही यारी दोस्ती में दोस्तों को रोग दे जाते हैं।
जो लोग डर कर रोग के लक्षणों को छुपाते हैं,
कोरोना वायरस का टैस्ट कराने से घबराते हैं,
वही संक्रमण को रोकने में बाधा बन जाते हैं।
जो लोग त्रासदी का नाज़ायज़ फायदा उठाते हैं,
चीज़ों की जमाखोरी कर ज्यादा मुनाफ़ा कमाते हैं,
वही व्यापारी देश के असली दुशमन कहलाते हैं।
कोरोना वायरस के नाम से ही लोग घबरा जाते हैं ,
जाने क्यों लोग दहशत में आसानी से आ जाते हैं,
बस स्वास का संक्रमण है डॉक्टर्स यही समझाते हैं।
होली पर चलो प्यार से नहीं ध्यान से गले लगाते हैं,
ग़र हो जाए सर्दी खांसी बुखार तो मिलने से कतराते हैं,
सात्विक भोजन और नमस्कार ही कोरोना से बचाते हैं।