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Wednesday, November 24, 2021

ज़िंदगी का सफ़र, अविरल अनवरत --

 

ज़िंदगी का सफ़र 

वक्त के वाहन पर होकर सवार 

चलता जाता है अविरल, अनवरत।  

सफ़र की पगडंडी में 

आते हैं कई मोड़।  

हर एक मोड़ पर 

दिखती है एक नयी डगर।  

अंजानी डगर पर लगता है 

अंजाना सा डर। 

एक राह से पहचान होती है 

कि फिर आ जाता है एक मोड़।  

और एक नयी अंजान डगर,  

आगे बढ़ने के लिए 

अंजानी मंज़िल की ओर। 

मन करता है मुड़कर देखना 

पीछे छूट गये 

पहचाने रास्ते की ओर। 

लेकिन जीने के लिए चलना पड़ता है 

आगे ही आगे, अविरल, अनवरत।  


राहों की तरह ज़िंदगी की मंज़िल भी 

अंजानी होती है।  

फिर भी चलना ही पड़ता है 

अविरल, अनवरत। 

इसी अंजाने सफ़र का नाम जिंदगी है।  



14 comments:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार(२५-११-२०२१) को
    'ज़िंदगी का सफ़र'(चर्चा अंक-४२५९ )
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

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  2. सुंदर दर्शन से भरा सफरनामा।

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  3. मन करता है मुड़कर देखना

    पीछे छूट गये

    पहचाने रास्ते की ओर।

    लेकिन जीने के लिए चलना पड़ता है

    आगे ही आगे, अविरल, अनवरत।
    सही कहा आपने...
    बहुत ही सुन्दर।

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  4. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना शुक्रवार २६ नवंबर २०२१ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं।
    सादर
    धन्यवाद।

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  5. सटीक उपमाओं से सजी सुंदर रचना । ज़िन्दगी इसी सफर का नाम है ।।

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  6. जीवन यात्रा का सटीक दर्शन । अनवरत रास्ते, कुछ मोड़ और अनचीन्हा गंतव्य --- यही है जीवन की परिभाषा। सार्थक रचना के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं आदरणीय डाक्टर साहब 🙏🙏🌷🌷

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  7. बहुत सुन्दर !
    ज़िंदगी में पीछे मुड़ कर देखना तो इतिहास जानना है.
    और
    ज़िंदगी में आगे बढ़ना इतिहास बनाना है.

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  8. राहों की तरह ज़िंदगी की मंज़िल भी
    अंजानी होती है।
    फिर भी चलना ही पड़ता है
    अविरल, अनवरत।
    इसी अंजाने सफ़र का नाम जिंदगी है।
    बहुत ही शानदार प्रस्तुति आदरणीय सर!
    जिंदगी के खेल बड़े निराले हैं!
    कितनी भी तकलीफ क्यों न दे जिंदगी फिर भी मौत से प्यारी है!


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  9. राहों की तरह ज़िंदगी की मंज़िल भी

    अंजानी होती है।

    फिर भी चलना ही पड़ता है

    अविरल, अनवरत।

    इसी अंजाने सफ़र का नाम जिंदगी है।

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