धूम्रपान रहित दिवस पर आज प्रस्तुत है , एक पूर्व प्रकाशित रचना। अस्पताल एक धूम्रपान निषेद्ध क्षेत्र होता है। फिर भी लोग बीड़ी सिग्रेट पीते नज़र आते हैं। कानून की दृष्टि में यह अपराध है जिसमे १०० से ५०० रूपये तक का जुर्माना किया जा सकता है। ऐसे ही अभियान के दौरान जब लोगों को धूम्रपान करते पकड़ा, तब लोगों ने धूम्रपान करने के क्या क्या बहाने बताये, इसी पर लिखी है यह हास्य- व्यंग कविता।
अस्पताल के प्रांगण में, ओ पी डी के आँगन में
जेठ की धूप में जले पेड़ तले,
कुछ लोग आराम कर रहे थे ।
करना मना है ,फिर भी मजे से धूम्रपान कर रहे थे ।
एक बूढ़े संग बैठा उसका ज़वान बेटा था
बूढा बेंच पर बेचैन सा लेटा था ।
साँस भले ही धोंकनी सी चल रही थी
मूंह में फिर भी बीड़ी जल रही थी ।
बेटा भी बार बार पान थूक रहा था
बैठा बैठा वो भी सिग्रेट फूंक रहा था ।
एक बूढा तो बैठा बैठा भी हांफ रहा था
और हांफते हांफते साथ बैठी बुढिया को डांट रहा था ।
फिर डांटते डांटते जैसे ही उसको खांसी आई
उसने भी जेब से निकाल, तुरंत बीड़ी सुलगाई।
मैंने पहले बूढ़े से कहा बाबा , अस्पताल में बीड़ी पी रहे हो
चालान कट जायेगा,
वो बोला बेटा, गर बीड़ी नहीं पी, तो मेरा तो दम ही घुट जायेगा ।
डॉ ने कहा है, सुबह शाम पार्क की सैर किया करो
और खड़े होकर लम्बी लम्बी साँस लिया करो ।
लम्बे लम्बे कश लेकर वही काम कर रहा हूँ ।
खड़ा खड़ा थक गया था , लेटकर आराम कर रहा हूँ ।
मैंने बेटे से कहा --भई तुम तो युवा शक्ति के चीते हो
फिर भला सिग्रेट क्यों पीते हो ?
वो बोला बाबा की बीमारी से डर रहा हूँ
सिग्रेट पीकर टेंशन कम कर रहा हूँ ।
मैंने कहा भैये -
टेंशन के चक्कर में मत पालो हाईपरटेंशन
वरना समय से पहले ही मिल जाएगी फैमिली पेंशन ।
एक बोला मुझे तो बीड़ी बिल्कुल भी नहीं भाती है
पर क्या करूँ इसके बिना टॉयलेट ही नहीं आती है ।
दूसरा बोला सर बिना पिए, मूंह में बांस हो जाती हैं
एक दो सिग्रेट पी लेता हूँ, तो गैस पास हो जाती है ।
एक युवक हवा में धुएं के गोल गोल छल्ले बना रहा था
पता चला वो लड़का होने की ख़ुशी में ख़ुशी मना रहा था ।
कुछ युवा डॉक्टर भी सिग्रेट के कश भर रहे थे ,
मूंह में सिग्रेट दबा गर्ल फ्रेंड को इम्प्रेस कर रहे थे।
कुछ लोग ग़म में पीते हैं , कुछ पीकर ख़ुशी मनाते हैं ।
कुछ लोग दम भर पीते हैं , फिर दमे से छटपटाते हैं ।
भले ही जेब में पैसे नहीं रिक्शा लायक घर जाने को।
लेकिन बण्डल माचिस ज़रूर मिलेगी बीड़ी सुलगाने को।
ये धूम्रपान की आदत , आसानी से कहाँ छूटती है
पहले सिग्रेट हम फूंकते हैं , फिर सिग्रेट हमें फूंकती है।
नोट : किसी ने कहा है -- इट्स वेरी ईजी टू स्टॉप स्मोकिंग , एंड आई हैव डन इट सो मेनी टाइम्स।