अभी अस्पताल से फोन आया,
फोन करने वाले ने फ़रमाया,
डॉक्टर साहब को अस्पताल में बुला रहे हैं।
जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल है,
इसलिए साहब की ड्यूटी लगा रहे हैं।
फोन जिस मेड ने सुना,
वो यूँ तो मेड इन इंडिया की पात्रा थी,
किंतु एम ऐ पोल साइंस की छात्रा थी।
बोली,
काहे इस उम्र में साहब से काम करा रहे हैं !
हड़ताल बच्चों ने की है और,
सज़ा उनके मात पिता को दिला रहे हैं।
एक ओर तो उन्हें कोरोना वारियर कहते हैं,
पर तीन का काम दो रेजिडेंट्स से करा रहे हैं।
अरे ज़रा सोचो समझो,
ये कोर्ट कचहरी का चक्कर छोड़ो,
और तुरंत पी जी एडमिशन खोलो,
वरना हम आपको बता रहे हैं,
तीसरी लहर लेकर समझो,
ओमिक्रोन महाराज बस आ रहे हैं।
वैसे रिटायर होकर भी साहब सदा तैयार हैं,
किंतु अभी व्यस्त हैं, किचन में रोटियां बना रहे हैं।
जब भी कोरोना की लहर आती है, डॉक्टर्स की मुसीबत बढ़ जाती है। उस पर यदि डॉक्टर्स की संख्या भी कम हो जाये तो काम दुगना हो जाता है।
ReplyDeleteव्यंग्य के साथ सच्चाई को कहती रचना । बस रोटी नहीं बना रहे होंगे।
ReplyDelete😃😃😃🙏🙏
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