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Monday, September 28, 2020

विश्व पुत्री दिवस पर एक खास पेशकश --

बेटी होती है, 

मन मोहिनी, 

मां के मन की, 

अंतरंग संगिनी।  

पिता के दिल का, 

एक नाज़ुक कोना। 

छोटी हो तो, 

भैया की दुलारी।  

पथ प्रदर्शक बनती,  

ग़र बड़ी हो बहना।  


शैशव काल में, 

उसकी किलकारियां।  

छुटपन में ,

उसके नन्हे क़दमों की छम छम। 

किशोरावस्था में,

खिलखिलाहट भरी हंसी।  

कानो में जैसे, 

घोल देती हैं,

मधुर संगीत की सरगम।  


मेहमान सी होती है,

बेटी अपने ही घर में।  

एक दिन रौशन करती है, 

दूसरे घर को।   

भले ही ,

अमानत होती हैं बेटियां, 

जीवन के पतझड़ में, 

मददगार होती हैं बेटियां।  


ग़र घर का 

चिराग है बेटा,

तो रौशनी है बेटी। 

उसके बिना जीवन है जैसे,

मरुस्थल की रेती। 

सुरक्षित है मानवता, 

यदि सुरक्षित हैं बेटी।     


पिता पुत्री का रिश्ता बहुत खास होता है, 

स्वर्ग होता है जहाँ पुत्री का वास होता है। 

जिनके घर में बेटी नहीं होती उनको ,

जीवन भर एक कमी का अहसास होता है। 

Monday, September 14, 2020

कभी हो जाये जब यूँ ही --

 कभी हो जाये जब यूँ ही बोझिल मन, तब देखिये इन तस्वीरों को, एक सुखद अहसास होगा।