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Friday, May 31, 2024

विश्व धूम्रपान रहित दिवस:


सिगरेट पीते थे हमदम, हम दम भर कर,

अब हरदम हर दम पर, दम निकलता है। 


गुटखा खाते थे सनम, मुंह में चबा चबा कर,

अब खाने के लिए भी, मुंह ही नहीं खुलता है।

Saturday, May 25, 2024

तोड़ मरोड़ कर :

 

हमारी परेशानी को तुम क्या समझोगे दोस्त,

हम जब गुजरते हैं कब्रिस्तान से,

तो मुर्दे भी उठकर कहने लगते हैं,

डॉक्टर साहब, एक कविता तो सुनाते जाओ। 

😅

Monday, May 20, 2024

दोहे...

 कमर का नाप राखियो, ज्यों बैल्ट पहन पाय,

कमीज़ भी अटकी रहे, पैंट खिसक ना पाय। 


डाइटिंग एसन कीजिये, वज़न घट नहीं पाय,

आप भी ना भूखा रहे, रात नींद आ जाय। 


झूठ की मैराथन में, जो अव्वल आ जाय,

आज कल राजनीति में, वो नेता कहलाय।


नेता जी दल बदल के, फिर सी एम बन जाय, 

सज्जन सोशल साइट्स पे, बेबात भिड़त जाय। 


नेता जी धांधले में, अगर कभी फंस जाय,

बीवी को सी एम बना, खुद राज करत जाय। 


Monday, May 13, 2024

ले भाई, हो गया हिसाब बराबर...


आजकल साइबर फ्रॉड के केस बहुत नज़र आते हैं,

फ्रॉड करने वाले भी रोज नए नए तरीके अपनाते हैं। 

हम तो सावधानी में इस कदर सावधान हो गए हैं कि,

बीवी की बेवक्त कॉल को भी डर के मारे नही उठाते हैं।


शादियों में सबसे पहले मेजबान को लिफाफा थमाते हैं,

फिर प्लेट पकड़ पंडाल का चक्कर लगा जम कर खाते हैं।

फिर मेजबान को ढूंढ कर, अच्छा जी चलते हैं बोलकर,

मिठाई का डिब्बा देना हो तो दे दो, ये याद दिलाते हैं। 


सरकारी अस्पताल में मरीज़ दिखते हैं बदहाल से,

जेब में किसी के माल नहीं होता, लगते हैं कंगाल से। 

चार बच्चों की अम्मा जब अपनी उम्र बताती है बीस,

तो डॉक्टर को भी पूछना पड़ता है, कितने साल से।


एक बाइक वाला उधर से आ रहा था,

एक रिक्शावाला उधर को जा रहा था। 

एक गाड़ी वाला दोनों से जा टकराया,

वो ग्रीन लाइट जंप करके जा रहा था ।


रोज सोचते हैं सेहत बनाने कल से जिम जाएंगे,

या सुबह शाम पार्क की सैर करने ही चले जाएंगे।

परंतु पत्नी कहती है, घर के काम काज किया करो,

वरना मेरी तरह ही हाथ पैरों के जोड़ जाम हो जाएंगे। 


कुछ सरकारी अफसर दफ्तर खुद लेट आते हैं,

लेकिन पी ए लेट आए तो जमकर डांट लगाते हैं। 

दरअसल अंदर की बात बताएं तो ये वही लोग हैं,

जो घर में सुबह शाम खुद पत्नी से डांट खाते हैं।


उच्च शिक्षा से जिंदगी के कई अहम मुद्दे हल होते हैं,

कभी सुशिक्षित भी जिंदगी के इम्तिहान में विफल होते हैं।

जो लोग शादी को सादी और आशा को आसा बोलते हैं,

वे अक्सर हास्य कवि के रूप में ज्यादा सफल होते हैं। 


हरियाणवी ताऊ खुश रहते हैं रोज हलवा खाकर,

जलेबी और लड्डू खूब उड़ाते हैं शादियों में जाकर।

डायबिटिक भी हों तो आधा किलो लड्डू खाने के बाद,

एक पाव करेला खाकर बोलेंगे, हो गया हिसाब बराबर।














Monday, May 6, 2024

कुछ और मुक्तक...

 समय दिन महीने और साल दिखा देता है, 

जमा घटा गुना और भाग सिखा देता है। 

ये स्मार्ट फोन कुछ ज्यादा ही नौटी हो गया है,

पत्नी की कॉल को भी जंक कॉल बता देता है। 


क्वारेंटिन और डिस्टेंसिंग जैसे शब्द अब यक्ष हो गए,

आइसोलेशन में पति पत्नी के जुदा शयन कक्ष हो गए। 

कोरोना की ऐसी तैसी, पत्नी तो इस बात से खुश है कि,

लॉकडाउन में पति और बेटा गृह कार्यों में दक्ष हो गए। 


गृह कार्य करने से  स्वास्थ्य सुधर जाता है,

जोड़ सलामत रहते हैं, वजन घट जाता है। 

हम भी लॉकडाउन में पतले कैसे हुए,

ये राज़ तो हमें अब समझ में आता है। 


रोज सोचते हैं सेहत बनाने कल से जिम जाएंगे,

या सुबह शाम पार्क की सैर करने ही चले जाएंगे।

परंतु पत्नी कहती है, घर के काम काज किया करो,

वरना मेरी तरह ही हाथ पैरों के जोड़ जाम हो जाएंगे। 


हर साल दीवाली पर ऑड इवन की बात होती है,

दिन भर भारी प्रदूषण और घनी काली रात होती है।

अकेले नहीं पर गाड़ी में पत्नी संग मुंह पर मास्क हो,

सोचता हूं क्या सच में पत्नी इतनी खतरनाक होती है।