आजकल साइबर फ्रॉड के केस बहुत नज़र आते हैं,
फ्रॉड करने वाले भी रोज नए नए तरीके अपनाते हैं।
हम तो सावधानी में इस कदर सावधान हो गए हैं कि,
बीवी की बेवक्त कॉल को भी डर के मारे नही उठाते हैं।
शादियों में सबसे पहले मेजबान को लिफाफा थमाते हैं,
फिर प्लेट पकड़ पंडाल का चक्कर लगा जम कर खाते हैं।
फिर मेजबान को ढूंढ कर, अच्छा जी चलते हैं बोलकर,
मिठाई का डिब्बा देना हो तो दे दो, ये याद दिलाते हैं।
सरकारी अस्पताल में मरीज़ दिखते हैं बदहाल से,
जेब में किसी के माल नहीं होता, लगते हैं कंगाल से।
चार बच्चों की अम्मा जब अपनी उम्र बताती है बीस,
तो डॉक्टर को भी पूछना पड़ता है, कितने साल से।
एक बाइक वाला उधर से आ रहा था,
एक रिक्शावाला उधर को जा रहा था।
एक गाड़ी वाला दोनों से जा टकराया,
वो ग्रीन लाइट जंप करके जा रहा था ।
रोज सोचते हैं सेहत बनाने कल से जिम जाएंगे,
या सुबह शाम पार्क की सैर करने ही चले जाएंगे।
परंतु पत्नी कहती है, घर के काम काज किया करो,
वरना मेरी तरह ही हाथ पैरों के जोड़ जाम हो जाएंगे।
कुछ सरकारी अफसर दफ्तर खुद लेट आते हैं,
लेकिन पी ए लेट आए तो जमकर डांट लगाते हैं।
दरअसल अंदर की बात बताएं तो ये वही लोग हैं,
जो घर में सुबह शाम खुद पत्नी से डांट खाते हैं।
उच्च शिक्षा से जिंदगी के कई अहम मुद्दे हल होते हैं,
कभी सुशिक्षित भी जिंदगी के इम्तिहान में विफल होते हैं।
जो लोग शादी को सादी और आशा को आसा बोलते हैं,
वे अक्सर हास्य कवि के रूप में ज्यादा सफल होते हैं।
हरियाणवी ताऊ खुश रहते हैं रोज हलवा खाकर,
जलेबी और लड्डू खूब उड़ाते हैं शादियों में जाकर।
डायबिटिक भी हों तो आधा किलो लड्डू खाने के बाद,
एक पाव करेला खाकर बोलेंगे, हो गया हिसाब बराबर।