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Monday, February 11, 2019

कुछ हंसी मज़ाक , कुछ बातें साफ साफ --

जिंदगी के सफर में हमसफ़र अनेक होते हैं ,
कुछ बेवफा, बेगैरत , कुछ बन्दे नेक होते हैं।
अच्छी सूरत देखकर झांसे में ना आओ यारो ,
फेसबुक पर दिखते चेहरे अक्सर फेक होते हैं।

आस्था के बाज़ार में बाबा अनेक होते हैं ,
कुछ रामदेव से संत, कुछ आसाराम से नेक होते हैं।
डेरों के घेरों में नहीं होते सदा सौदे सच्चे ,
गुफाओं में रहने वाले बाबा भी फेक होते हैं।

खुद को खुद पर ही बहुत प्यार आया ,
जब जब डी पी में  नया फोटो लगाया।
असली सूरत तो अपनी तब दी दिखाई ,
जब पहली बार आधार कार्ड हाथ में आया।

क्रिकेट में कर के घोटाला , ललित मोदी तो फरार हुआ ,
बैंकों का नौ हज़ार करोड़ , विजय माल्या पे उधार हुआ।
नीरव मोदी भी डकार गया, देश के ग्यारह हज़ार करोड़,
कुछ हज़ार का क़र्ज़ लेकर बेचारा किसान गुनेहगार हुआ।

वक्त ग़र साथ दे तो आम भी खास बन जाते हैं ,
वक्त बदलते ही रिश्तों के अहसास बदल जाते हैं।
ना कर गुमां इस बेवफ़ा पर, ये किसी की ना हुई ,
कुर्सी छूटते ही राजा भोज भी गंगू दास बन जाते हैं।

स्मार्ट फोन ने ऐसा झमेला कर दिया है , 
इन्सां को भीड़ में भी अकेला कर दिया है। 
जुड़े रहते हैं विश्व भर से हर पल लेकिन , 
अब घरों को तो जैसे तबेला कर दिया है।

कभी सर्जिकल स्ट्राइक को फ़र्ज़ी बता रहे हैं , 
कभी पत्थरबाज़ों की पिटाई पर आंसू बहा रहे हैं।  
स्विस बैंकों के खातों में अरबों रखने वाले पूछते हैं ,  
कि खाते में पंद्रह लाख रूपये कब आ रहे हैं ! 

वो आतंकवादियों का साथ निभाते हैं , 
अपने ही सैनिकों पर पत्थर बरसाते हैं।  
जांबाज़ जुल्मियों संग भी बरतते हैं संयम, 
बाढ़ आने पर वो ही नैया पार लगाते हैं।   






Tuesday, February 5, 2019

सर्दी में बाल कभी मत कटाओ --


आज फिर हमने कटिंग कराई ,
आज फिर अपनी हुई लड़ाई ।

नाई ने पूर्ण आहुति की पुकार जब लगाईं ,
तो हमने कहा , बाल कुछ तो काटो भाई ।

भले ही ले लो जितना तुमको माल चाहिए ,
वो बोला काटने के लिए भी तो बाल चाहिए।

बाहर निकले तो सिर के बीच सर्दी लग रही थी ,
घर जाकर देखा , आधे सिर में बर्फ जम रही थी। 

अब हम समझे कि बाल बचाओ, माल बचाओ ,
समझ जाओ, सर्दी में कभी मत बाल कटाओ ।  

Saturday, February 2, 2019

पहले मुर्गी आई या अंडा --


विदेशों में सडकों पर,
कोई हॉर्न नहीं बजाता।
हॉर्न नहीं बजाता,
क्योंकि वहां आवश्यकता नहीं होती। 
आवश्यकता नहीं होती,
क्योंकि वहां अनुशासन होता है।
अनुशासन होता है,
क्योंकि वहां कानून व्यवस्था अच्छी है।
कानून व्यवस्था अच्छी है,
क्योंकि वहां जनसँख्या कम है।
जनसँख्या कम है,
क्योंकि वहां लोग काम में व्यस्त होते हैं।
काम में व्यस्त होते हैं,
क्योंकि वहां जनसँख्या कम है।
इसी से साबित होता है,
कि पहले मुर्गी आई या अंडा ! 
यह आज तक कोई नहीं समझ पाया।