ऐसे में दिल्ली के जाने माने कारडियोलौजिस्ट डॉ बी सी रॉय अवार्डी , पदमश्री डॉ के के अग्रवाल द्वारा प्रकाशित दैनिक ई-पत्रिका मेडीन्यूज डॉक्टर्स के लिए जानकारी का एक बड़ा अच्छा और सुगम श्रोत साबित हो रही है ।
प्रस्तुत हैं , यहीं से लिए गए कुछ स्वास्थ्य सम्बन्धी समाचार आपकी जानकारी के लिए :
* सन्डे हो या मंडे , रोज खाएं अंडे --
यह विज्ञापन तो आपने देखा सुना ही होगा । इसके मुताबिक रोज एक अंडा खाना सेहत के लिए अच्छा होता है । लेकिन एक शोध से पता चला है कि सप्ताह के सातों दिन रोज एक अंडा खाने से पुरुषों में ५५% और महिलाओं में ७७% डायबिटीज होने के सम्भावना बढ़ जाती है ।
वैसे तो अंडे की सफेदी में प्रोटीन होती है जिसे स्टेंडर्ड प्रोटीन माना जाता है । लेकिन अंडे के मध्य जो ज़र्दी होती है वास्तव में वह कॉलेस्ट्रोल युक्त वसा होती है ।
यदि साबुत अंडा खाया जाए तो यह वसा सुगर मेटाबोलिज्म को प्रभावित कर मधुमेह को जन्म दे सकता है ।
इसलिए यदि अंडे खाने भी हों तो सिर्फ सफेदी ही खाना चाहिए जिससे वसा रहित भरपूर प्रोटीन मिल सके ।
* खर्राटे --
सोते हुए बहुत से लोग खर्राटे लेते हैं । विदेशों में तो ये पति पत्नी के बीच तलाक का कारण भी बन जाते हैं । वैसे भी दूसरे व्यक्ति की नींद तो खराब करते ही हैं ।
यह पाया गया है कि खर्राटे लेने वाले व्यक्ति को हार्ट अटैक , या अकस्मात मृत्यु की सम्भावना ज्यादा होती है ।
खर्राटे अक्सर गले में टोंसिल , एडिनोइड , या साइनस ब्लॉक होने की वज़ह से होते हैं । मोटे व्यक्तियों में भी ज्यादा होते हैं ।
इनसे बचने के लिए वज़न कम करना चाहिए, सिग्रेट पीना छोड़ना चाहिए। सोते समय करवट लेकर सोना चाहिए ।
* कुत्ते के काटने पर --
सबसे पहला और सबसे ज़रूरी काम है --घाव को बहते पानी में धोना । साबुन लगाकर धोना और भी अच्छा है । ऐसा करने से ही रेबीज होने की सम्भावना ५०% कम हो जाती है ।
* सर्दियों के दिन और सुबह का समय --
हृदय रोगियों के लिए अक्सर घातक सिद्ध होते हैं । इन दिनों में बी पी हाई होने , स्ट्रोक , हार्ट अटैक और हृदयाघात से मृत्यु होने की सम्भावना बढ़ जती है । इसलिए हृदय रोगियों को सर्दियों में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए और अपने डॉक्टर से विमर्श कर दवा समय पर लेते रहना चाहिए । अक्सर सर्दियों में दवा की मात्रा बढ़ानी पड़ती है ।
* छाती में दर्द --
छाती के बायीं तरफ होने वाले दर्द को अक्सर एंजाइना यानि दिल का दर्द समझा जाता है । हालाँकि यह दर्द नौन कारडिअक यानि किसी और वज़ह से भी हो सकता है ।
छाती के नीचे बायीं ओर पेट में होने वाले दर्द को अक्सर एसिडिटी की वज़ह से माना जाता है । लेकिन कई बार यह दर्द एसिडिटी न होकर दिल का दर्द भी हो सकता है । यह विशेषकर इन्फीरियर वॉल इन्फार्क्शन में होता है ।
अफ़सोस तो यह है कि कई बार डॉक्टर्स भी इस दर्द को एसिडिटी समझ कर एंटएसिड्स प्रेस्क्राइब कर देते हैं ।
यह एक ब्लंडर है जो रोगी के लिए घातक हो सकता है ।
* हृदयाघात का रोगी और सेक्सुअल एक्टिविटी :
आजकल हार्ट अटैक की सम्भावना युवाओं में भी बढ़ने लगी है । ऐसे में अक्सर एक सवाल पैदा होता है कि क्या हृदयाघात से पीड़ित होने के बाद सेक्सुअल एक्टिविटी बंद कर देनी चाहिए ।
जी नहीं , पूर्णतया ठीक होने के बाद सेक्स पर कोई पाबंधी नहीं होती । बल्कि नॉर्मल सेक्सुअल एक्टिविटी स्वास्थ्य के लिए इन लोगों में भी उतनी ही लाभकारी होती है जितनी स्वस्थ लोगों में ।
लेकिन एक बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए । हृदय रोगियों को वायग्रा जैसी दवाओं के सेवन से बचना चाहिए। इसके सेवन से फेटल हार्ट अटैक हो सकता है ।
वैसे भी वायग्रा सिर्फ उन्ही लोगों के लिए लाभदायक होती है जिन्हें किसी वज़ह से नपुंसकता हो गई है ।
वायग्रा को यौन शक्ति वर्धक दवा के रूप में लेना खतरनाक हो सकता है ।
नोट : स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई भी शिकायत होने पर अपने डॉक्टर से परामर्श करना न भूलें ।