top hindi blogs

Saturday, February 12, 2022

काव्यात्मक प्रवचन --

 

जो कविता के चक्कर में अपनी कविता को भूल जाए,

उसे कवि कहते हैं।

जो संगीत के चक्कर में अपनी संगीता को भूल जाए,
उसे संगीतज्ञ कहते हैं।

जो विशेष के चक्कर में आम बातों को भूल जाए,
उसे विशेषज्ञ कहते हैं।

जो प्रजातंत्र के चक्कर में अपनी प्रजा को भूल जाए,
उसे नेता कहते हैं।

जो अभिनय के चक्कर में हकीकत को भूल जाए,
उसे अभिनेता कहते हैं।

और आजकल ऐसे लोग दुनिया में बहुतायत में रहते हैं।

Friday, February 4, 2022

इंसान खुद निष्काम हो गया --


    इंसान ने अपने आराम के

सभी संसाधन तो बना लिए,

लेकिन खुद बेकाम हो गया।


इसीलिए बी पी शुगर मोटापा

जैसे जीवन शैली रोगों का,

मानव शरीर गुलाम हो गया।


पहले गांवों में लोग काम पर

जाते थे मीलों पैदल चलकर,

अब पैदल चलना भी एक काम हो गया।


और पार्क में पैदल चलकर तो हम

कैलरीज जलाते हैं, पर पार्क जाने को

कार का इस्तेमाल करना आम हो गया।