मैसाज के चक्कर में पर म्हारी घरवाली खो गई।
इत् उत् जाने कित कित ना ढूंढा पर हम हार गए,
इंतज़ार में उनके हम तीन कप कॉफी डकार गए।
तन का तनाव किया था जो कम फिर बढ़ने लगा,
अब तन के साथ मन पर भी संताप चढ़ने लगा।
हमने मुनादी करा दी कि एक अनहोनी हो गई है ,
किसी को दिखे तो बताओ हमारी पत्नी खो गई है।
आखिर मिली साड़ी की दुकान पर खड़ी थी उदास ,
क्योंकि फोन उनके पास था और कार्ड़ हमारे पास।
हमारे पास नहीं था मोबाईल तो फोन कैसे करती ,
उनके पास नहीं था कार्ड तो खरीदारी कैसे करती।
इसीलिए पति पत्नी इक दूजे के बगैर अधूरे होते हैं ,
सच तो यही है कि पति पत्नी इक दूजे से पूरे होते हैं।