आज वर्ष २००९ का अंतिम दिवस।
ये वर्ष भी गुजर गया, इक झोंके की तरह।
लेकिन अच्छा रहा, पिछले वर्षों की भांति।
२००७ गुजरा, हँसते-हंसाते , इतिश्री हुई दिल्ली हंसोड़ दंगल के साथ।
२००८ , कवियों की संगत में गुज़रा। और हम भी बन गए छोटे मोटे कवि।
२००९ में शुरू की ब्लोगिंग। और आज एक साल पूरा हो गया , ब्लोगिंग को।
लेकिन ये सब , अपना काम छोड़कर नहीं।
अब २०१० क्या लेकर आ रहा है, ये तो वक्त ही बताएगा।
ब्लोगिंग जगत में करीब १०,००० ब्लोगर्स हैं, लेकिन सिर्फ १०० के करीब ही सक्रीय और जाने माने ब्लोगर्स हैं। ऐसा ब्लोगवाणी पर देख कर लगता है।
क्योंकि दस में से एक दो को ही एक दो से ज्यादा टिप्पणियां मिलती हैं। कुछ को तो एक भी नहीं।
यह हिंदी ब्लोगिंग के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं।
हालाँकि आरम्भ में हमारा भी यही हाल था। प्रारंभिक पोस्ट्स पर एक या दो या फिर एक भी नहीं।
छै महीने लग गए, लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में। और ये जुलाई के बाद ही संभव हो सका की टिप्पणियों की संख्या में दहाई का आंकड़ा पार होने लगा।
और इसके लिए मैं आभारी हूँ आप सब का , विशेष तौर पर वो जो शुरू से ही मेरे साथ हैं, और वो भी जो अभी हाल में ही जुड़े हैं। यहाँ मैं कुछ नाम विशेष रूप से लेना चाहूँगा ।
मेरे ब्लॉग पर सबसे पहले आकर और नियमित रूप से जुड़े रहने वालों में हैं, क्रम से ---
संगीता पूरी जी जो सबसे पहले आई और आज तक अपना समर्थन दे रही हैं।
डॉक्टर श्याम सखा श्याम , जो तीस साल से बहुत सुन्दर कवितायेँ लिखते आ रहे हैं।
श्री डी के मुफलिस जी, जिनकी खूबसूरत शायरी के हम कायल हैं।
श्री चंदर मोहन गुप्ता जी, जिन्होंने हर कदम पर मेरा साहस बढाया।
श्री समीर लाल जी, पहले और अकेले मित्र जिनसे मैं व्यक्तिगत तौर पर मिला, वो भी घर से १५,००० किलोमीटर दूर एजेक्स, कनाडा में। सही मायने में मेरी पहचान , समीर लाल जी से मिलने के बाद ही बनी।
समीर भाई ने सभी नए ब्लोगर्स का हमेशा उत्साह वर्धन किया है, मेरा भी।
हरकीरत हीर जी, जिनकी रचनाएँ तो बेहतरीन होती ही हैं, उनकी टिप्पणियां भी बहुत आत्मीयता से भरपूर होती हैं।
अलबेला खत्री जी, भले ही मंच पर व्यस्त रहते हों, लेकिन ब्लोगिंग के लिए वक्त निकाल ही लेते हैं, और उनकी टिपण्णी पढ़कर उनके कला श्रेष्ठ होने का आभास होता है।
बबली जी, सुशीला पूरी जी, श्यामल सुमन जी , अमिताभ श्रीवास्तव जी और प्रेम फरुखाबादी जी का भी अक्सर सहयोग मिलता रहता है।
अगस्त में साथ मिला --खुशदीप सहगल का , जिन्होंने ब्लॉग तो मेरे साथ ही बनाया था, लेकिन सक्रीय ब्लोगिंग शुरू की अगस्त में । और जाने कब एक अटूट रिश्ता बन गया , ब्लोगर बंधू का। खुशदीप ने इतना सम्मान दिया की हमें अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होने लगा एक ब्लोगर के रूप में।
आज वो ब्लॉग जगत के सबसे तेज़ी से चमकते सितारे हैं।
इसी समय कई और वरिष्ठ और सम्मानीय बंधुओं से परिचय हुआ, जिनमे डॉ रूप चाँद शास्त्री मयंक जी, श्री नीरज गोस्वामी जी, और श्री शरद कोकास जी उल्लेखनीय हैं। युवाओं में मुरारी पारीक और सुनीता शर्मा जी ने अपना विश्वास व्यक्त किया , हमारे लेखन में।
सितम्बर में परम आदरणीया निर्मला कपिला जी, रचना दीक्षित जी, प्रसन्न चतुर्वेदी जी, श्री देवेंदर जी, डॉ अरविन्द मिश्रा जी, और श्री महेंदर मिस्र जी का आगमन हुआ हमारे ब्लॉग पर और ब्लॉग की इज्ज़त बढ़ गयी, आप सब के आने से ।
अक्तूबर में परिचय हुआ श्री पी सी गोदियाल जी , श्री अजय कुमार जी, भाई महफूज़ अली, अदा जी, दीपक मशाल , ऍम वर्मा जी, श्रीमती आशा जोगलेकर जी, पी अन सुब्रामनियम जी, पंडित किशोर जी, शमा जी, के के यादव जी से।
इसी समय भीष्म पितामह के रूप में श्री जे सी साहब ने अपना योगदान देना शुरू किया और अपने अपार अनुभव से समय समय पर हमारी जानकारी बढाई , विशेष तौर पर जिंदगी के अन्भिग्य पहलुओं के बारे में।
नवम्बर में सामीप्य मिला श्री योगेन्द्र मोदगिल जी , श्री परमजीत बाली जी, श्री अजित वडनेरकर जी, सुलभ सतरंगी, श्याम कोरी उदय जी, और श्री श्रीश पाठक जी का।
इसी समय वरिष्ठ एवम सम्मानीय ब्लोगर्स श्री सी ऍम प्रशाद जी, श्री दिगंबर नास्वा जी, और युवा ब्लोगर मिथलेश दूबे का प्रथम आगमन हुआ।
अंत में जिनका बेसब्री से इंतज़ार रहा , उनके भी दर्शन हुए --ताऊ रामपुरिया, श्री पाबला जी, श्री राज भाटिया जी, श्री ललित शर्मा जी और ब्लोगर्स के ब्लोगर श्री अजय कुमार झा जी।
मैं उपरोक्त सभी ब्लोगर साथियों का अहसानमंद रहूँगा जिनकी वज़ह से मैं आगामी वर्ष में भी अपना योगदान देने का साहस और शक्ति जुटा पा रहा हूँ।
मैं उन सभी साथियों का भी आभारी हूँ जो मुझे पढ़ते हैं, लेकिन समय के अभाव में टिपण्णी नहीं दे पाते।
कुछ नाम अनायास छूट गए होंगे, मैं उनसे माफ़ी मांगते हुए आगे भी सहयोग की अपेक्षा रखता हूँ।
नव वर्ष के लिए संकल्प :
नव वर्ष में मेरा प्रयास रहेगा की कम से कम सप्ताह में एक , और ज्यादा से ज्यादा दो पोस्ट लिखूं।
न कम न ज्यादा।
क्योंकि और भी ग़म हैं ज़माने में।
ब्लोगिंग जिंदगी का एक हिस्सा है, लेकिन जिंदगी नहीं।
याद रहे , घर में और भी लोग हैं, जिनके लिए आपका समय सुरक्षित रहना चाहिए।
आप सब को नव वर्ष की हार्दिक बधाई अवम शुभकामनायें।
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विश्लेषण अच्छा रहा अच्छा है संकल्प।
ReplyDeleteजीवन जीने संग में लेखन एक विकल्प।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
बढ़िया विश्लेषण..उत्तम संकल्प..अनेक शुभकामनाएँ एवं हार्दिक बधाई...
ReplyDeleteनिअयमित विकास मार्ग पर अग्रसर रहे,,मंगलकामनाएँ.
डा. दराल साहिब ~ "ज़र्रा नवाजी के लिए धन्यवाद (शुक्रिया)/ वर्ना बंदा किस लायक है" :)
ReplyDeleteमुझे जो भी अनुभव अपने ७०+ वर्ष के जीवन काल में हुए हैं उनमें से अधिक अपनी स्वर्गीय पत्नी और उनके माध्यम से मिलने वाले विभिन्न डॉक्टरों (विभिन्न पद्दत्तियों के भी) के कारण ही हुए - जिस श्रंखला के अंतिम डॉक्टर, स्तेफेंस के सज्जन डिरेक्टर, डा. मैथ्यू रहे हैं...
इस सन्दर्भ में मैं यह कहना चाहूँगा कि जब मेरी 'तीसरी' लड़की ने 'तीन' साल तक ('71 से '74 तक) चलना शुरू नहीं किया तो उसको 'मैंने' ही चलाया, केवल उसका भय - गले का उपयोग कर (जिससे आप भी सम्बंधित हैं :) - और थोडा सा सहारा दे कर...पिछले जनम में "मैं" शायद डा. ही था :) जो कृष्ण क़ी दीवानी मीराबाई क़ी कविता क़ी भी याद दिलाता है :)
नव वर्ष क़ी सभी को अनेकानेक शुभेच्छाओं सहित!!! सज्जन
आप को भी नववर्ष पर बहुत बहुत शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteEnd is the point of Start'
ReplyDeleteसुन्दर विश्लेषण किया है आपने
2010 में आप ब्लोगिंग के मील के पत्थर बने मेरी शुभकामना है (क्षमा करें आप मील के पत्थर तो पहले से ही हैं)
सुन्दर पोस्ट!
ReplyDeleteब्लोगिंग का साल पूरा होने की बधाई!
दराल सर,
ReplyDeleteइस पोस्ट को पढ़ने के बाद मुझे पहली बार लग रहा हूं कि मैं शब्दों से चूक रहा हूं...आपने जो मुझे मान दिया है, उसके लिए मेरे दिल में क्या है, बस आप खुद ही समझ लीजिए...जैसा कि आप हमेशा से करते आए हैं...इसे आप क्या कहेंगे...हम एक ही शहर (दिल्ली-नोएडा) में रहते हैं लेकिन जीवन में अभी तक एक-दूसरे से मिलने का संयोग नहीं बन पाया...लेकिन क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि आप मेरे और मैं आपके दिल की बात बिना कहे ही अब समझ जाते हैं...शायद ये रिश्ता ख़ून के रिश्ते से भी बढ़कर हो गया है...मुझे कोई परेशानी होगी तो मैं अपने सगे भाई से खुलकर बात नहीं कर सकूंगा, जैसे कि आप से कर सकता हूं...
खैर छोड़िए कुछ ज़्यादा ही जज़्बाती हो रहा हूं...आज रात को टीचर महाराज तो मुलाकात करने आ ही रहे होंगे...
कल बरेली जा रहा हूं...उसी बरेली में जहां कभी शहीद हुआ था...जी अपने ससुराल...दो-तीन दिन तो लगेंगे ही...आपकी ही सलाह पर अमल कर रहा हूं...बच्चों और पत्निश्री को भी कुछ वक्त देना चाहिए...
नया साल आप और आपके परिवार के लिए असीम खुशियां लाए...
जय हिंद...
लाजबाब डा० साहब ! नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !
ReplyDeleteइसे कहते हैं, एक वरिष्ट डाक्टर ब्लोगर की रिपोर्ट. आत्मीयता से भरपूर.
ReplyDeleteएक अच्छा सन्देश दिया आपने, सभी जिम्मेदारी महत्वपूर्ण है.
नव वर्ष की जय जय !!
आप ऐसे ही आशीर्वाद बनाये रखिये..... बहुत उत्तम पोस्ट....
ReplyDeleteआपको नव वर्ष कि शुभकामनाएं...
डाक्तर साहब, साल के अंतिम दिन बहुत ही उम्दा प्रतिक्रमण किया है आपने. आपको नये साल की घणी रामराम.
ReplyDeleteरामराम.
बहुत सुन्दर विश्लेषण किया है आपने।आभार।
ReplyDelete.आप को तथा आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
badhaai ho daraal saheb !
ReplyDeletenav varsh ki bhi aur bloging me ek varsh poorna hone ki bhi
aapne bahut hi sateek vishleshna kiya ...
bloging zindgi nahin hai lekin aap aur hum khushnaseeb hain jo iske vikaaskaal me hi is se jud gaye hain aur yathaasambhav apna yogdaan kar rahe hain
aapke poorna parivaar aur isht-mitron ko meri aur mere parivaar ki or se haardik badhaiyaan
डाक्टर-दराल साब, ब्लोगिंग जगत में करीब १०,००० ब्लोगर्स हैं, लेकिन सिर्फ १०० के करीब ही सक्रीय और जाने माने ब्लोगर्स हैं। ऐसा ब्लोगवाणी पर देख कर लगता है।
ReplyDeleteआपका कहना सही है,
आपको एव सारे परिवार को नुतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
"नव वर्ष में मेरा प्रयास रहेगा की कम से कम सप्ताह में एक , और ज्यादा से ज्यादा दो पोस्ट लिखूं।"
ReplyDeleteनियमितता बनाए रखिए, बस यही दरकार है संपर्क के लिए। नववर्ष की शुभकामनाएं॥
आप सभी साथियों का अत्यंत आभारी हूँ, इस स्नेह और सम्मान के लिए।
ReplyDeleteपोस्ट को जल्दी ख़त्म करने के चक्कर में कुछ महत्त्वपूर्ण ब्लोगर मित्रो के नाम छूट गए थे।
भूल के लिए मांफी चाहता हूँ ।
श्री दिनेश राय द्विवेदी जी का हिंदी ब्लोगिंग में बहुत बड़ा योगदान रहा है। श्री जी के अवधिया जी नियमित रूप से ब्लॉग पर हाज़िर रहते हैं, अपने भी और दूसरों के भी ।
रश्मि रविजा जी, श्री काजल कुमार जी , श्री विनोद कुमार पाण्डेय जी ,श्री जाकिर अली रजनीश जी , विवेक रस्तोगी जी, श्री संजय बेगाणी जी , और अपने सभी अनुसरण कर्ताओं का तहे दिल से आभारी रहूँगा।
सर बहुत अच्छे तरीके से आपने याद किया , आपको नये साल और ब्लाग वर्षगांठ की बधाई ।
ReplyDeleteऐसे ब्लाग जिन पर कोई टिप्पणी नही होती , हमें उनका उत्साह बढ़ाने की जरूरत है । ब्लाग जगत को हम एक परिवार मानते हैं तो एक दूसरे की पीठ थपथपा कर ऊर्जा देना चाहिये ।
बहुत सुंदर लिखा आप ने. धन्यवाद
ReplyDeleteआप को ओर आप के परिवार को नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
मुझे याद रखने के लिए शुक्रिया,
ReplyDeleteस्नेह बनाए रखिएगा
आप को भी पाश्चात्य नववर्ष की शुभकामनाएँ
बी एस पाबला
साल पुरा करने की बधाई।
ReplyDeleteइन चिट्टाकारों के लिंक भी दे देते तब और भी बढ़िया रहता।
मुझे याद रखने के लिए शुक्रिया,
ReplyDeleteनववर्ष की शुभकामनाएं...!!!
ब्लॉगिंग का एक वर्ष पूरा होने की बधाई । नव वर्ष के लिये अनेक शुब कामनाएं ।
ReplyDeleteआपने मेरा भी नाम लिखा है यह तो देखा ही नही था । जर्रानवाजी का शुक्रिया ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पोस्ट. हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार में प्रभावी योगदान के लिए आभार
ReplyDeleteआपको और आपके परिजनों मित्रो को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये...
डाक्टर साहब हमारा नाम छूट गया ......... पर कोई बात नही .....२०१० ज़रूर याद रखवाएगा ये नाम आपको ....... अच्छी पोस्ट है आपकी ....... सभी साथियों को याद करना बहुत आनंद देता है ........
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को नव वर्ष की मंगल कामनाएँ ........
ऐसा कैसे हो सकता है , नासवा जी।
ReplyDeleteआपका नाम वरिष्ठ ब्लोगर्स की सूची में है, श्री सी ऍम प्रशाद जी के साथ ।
शुभकामनायें स्वीकारें।
माफी डाक्टर साहब ....... मेरा नाम बिल्कुल है ........ एक बार फिर से आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की मंगल कामनाएँ ........
ReplyDelete--नववर्ष मंगलमय हो।
ReplyDeleteडा. साहिब ~ आपने वर्ष २००९ के अंतिम दिन लिखा था. "ब्लोगिंग जगत में करीब १०,००० ब्लोगर्स हैं, लेकिन सिर्फ १०० के करीब ही सक्रीय और जाने माने ब्लोगर्स हैं...क्योंकि दस में से एक दो को ही एक दो से ज्यादा टिप्पणियां मिलती हैं। कुछ को तो एक भी नहीं..."
ReplyDeleteनव वर्ष २०१० के आरंभ में मैं अपने स्कूल में पढ़ी एक अंग्रेजी कविता की याद दिलाना चाहूँगा जिसमें कवी ने प्रश्न किया था कि मरुस्थल में खिले फूलों को कोई व्यक्ति नहीं देख पाता, फिर वो सुंदर, रंग बिरंगे, खुशबूदार फूल किस के लिए खिलते हैं?
नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाए!!!
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाएं ................
ReplyDeleteनव वर्ष नव कल्पना नित सृजन करे, अपनी लेखनी द्वारा सभी का उत्साह ज्ञानवर्धन व मनोरंजन हमेशा जारी रहे।
ReplyDeleteसपरिवार नव वर्ष मंगलमय हो........।
Blogging men 1 sal pura karne par badhai...
ReplyDeleteनया साल...नया जोश...नई सोच...नई उमंग...नए सपने...आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !!! नव वर्ष-2010 की ढेरों मुबारकवाद !!!
डा. दराल साहिब ~ आपकी सूची में श्री पा. ना. सुब्रहमनियन का नाम देख याद आया कि उन्होंने अपने ब्लॉग में अपनी श्रीमती जी कि टांग टूटने और ऑपरेशन होने के बारे में लिखा था...और बातों-बातों में - कई ई मेल के आदान प्रदान से - पता चला कि उनका बचपन भी मेरी ससुराल में ही गुजरा था! और उन्होंने अपने स्कूल में गुरु रहे मेरे साले से भी, फ़ोन नंबर मुझसे ले, बात कर ली है और भविष्य में मिलने का निर्णय भी लिया है!
ReplyDeleteएक और सज्जन इसी प्रकार एक दूसरे ब्लॉग के माध्यम से मेरी तीसरी बेटी के साथ दिल्ली में एक समय पर काम करने वाली एडिटर के 'कजिन' निकले!
उपरोक्त से पता चल सकता है कि कैसे इन्टरनेट ने संसार को लगभग एक बिंदु में लाने का काम किया है!
डा. दराल जी ~ आपको सात माह रुकना पडा था लोगों का ध्यान अपने ब्लॉग की ओर आकर्षित करने में...कविता, एक दक्षिण भारतीय 'आर्ट हिस्टोरियन', सन २००४ से अंग्रेजी ब्लॉग जगत में पदार्पण कर चुकी थी, और शिव भक्त होने के कारण उस समय वो केवल दक्षिण भारत के शिव मंदिर पर ही पोस्ट लिखती थी...२००५, फरवरी माह में मैंने संयोगवश उसका एक पोस्ट देखा...वो अपनी बहन या भांजी आदि के नाम से टिप्पणी लिखती आ रही थी तब तक (जो मुझे बाद में उसीसे पता चला), जब उस स्टेज में मैंने आरंभ किया था किसी भी ब्लॉग में अपनी टिप्पणी लिखनी...उसीके बाद उसके ब्लॉग में अन्य ब्लोगर्स की भी टिप्पणियां आनी आरंभ हो गयी - जिसमें कुछ विदेशी भी थे जो भारत के आध्यात्मिक दृष्टिकोण में रूचि रखते थे/ हैं...उसने मुझसे अनुग्रह किया था कि मैं उसके हर पोस्ट पर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य लिखूं, यद्यपि मुझे ऐसा लगा था कि मेरे पास कुछ नया नहीं रह गया था...इस कारण मैं तब से निरंतर उसके ब्लॉग के हर पोस्ट में एक ही नहीं कई टिप्पणियाँ लिखता आ रहा हूँ - क्यूंकि बात से बात निकलती है, और 'बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी' :)
ReplyDeleteआपको नये साल २०१० की असंख्य शुभ कामनाये !
ReplyDeleteसभी दोस्तों का दिल से शुक्रिया।
ReplyDeleteआप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
"आशा है एक नए उमंग की,
ReplyDeleteतरंग और उसके संवेग की॥
घूँघट उठाती दुल्हन २०१०...
और उसके स्पर्श की
मेरी दुल्हन २०१०
आपका स्वागत"
tez pi singh जी, आपका swagat है।
ReplyDeleteआपने बहुत बढ़िया बात कही कि... ब्लोगिंग जिंदगी का एक हिस्सा है, लेकिन जिंदगी नहीं।
ReplyDeleteयाद रहे , घर में और भी लोग हैं, जिनके लिए आपका समय सुरक्षित रहना चाहिए"...