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Monday, January 2, 2012

खाली शुभकामनाओं से काम नहीं चलेगा, शुभ काम भी करने पड़ेंगे --

एक और वर्ष भूतकाल की गर्त में चला गया रह गई तो बस यादें , कुछ खट्टी , कुछ मीठी अब आशा भरी नज़र से देखते हैं वर्ष २०१२ की ओर

शुभकामनाओं का दौर ज़ारी है कोई तहे दिल से , कोई दिल की उपरी सतह से महज़ औपचारिकता वश , कोई ब्लॉग पर , कोई एस एम एस द्वारा , कोई फोन कर --एक दूसरे को शुभकामनायें दिए जा रहे हैं

सामाजिक सुव्यवस्था बनाये रखने के लिए यह ज़रूरी भी है हालाँकि --

हर वर्ष आता है नया साल
हर
वर्ष होता है यही हाल
करते
हैं हम कुछ संकल्प
फिर
भूल जाते हैं हर साल

हमने जनवरी २००९ को यह ब्लॉग बनाया था पहली पोस्ट --नव वर्ष की शुभकामनायें -- जनवरी को पोस्ट की थी इस कविता में हमने बहुत सारी शुभकामनायें की थी, सभी के लिए

आज देखते हैं, तीन साल बाद कितनी कामनाएं पूर्ण हुई : ( एक हास्य व्यंग कविता )

गुजर गया एक और साल
कर गया देश का वो हाल

मुक्ति मिली सभी को भूख से
लत छूटी किसी की घूस से

ग़रीब कुंवारे कुपोषण में पलते रहे
शरीफ़ बेचारे शोषण में जलते रहे

जनता को चावल दाल मिले
दो रूपये किलो कोई माल मिले

भ्रष्टाचार के दानव से जनता भी हार गई
पोलियो से बचे रहे , पर महंगाई मार गई

लोकपाल को ना मत मिले
अन्ना से ना मुंबईकार हिले .

राजा का काणीमोढी से हुआ मेल
खेल खेल में कलमाड़ी पहुंचे जेल

माल्या की उड़ान में गई फिशर
डॉलर के आगे रुपया हुआ बेअसर

सैफ को इंतज़ार कराती रही करीना
धुड़की दे गई सलमान को कटरीना

ऐश्वर्या भी हिरोइन की हिरोइन होती
पर अमिताभ के हाथ में गई पोती

विलायत में टीम इण्डिया के बिक गए भांडे
क्योंकि वादा करके मुकर गई पूनम पांडे

बिग बॉस की तब बढ़ गई टी आर पी
साड़ी पहन सन्नी जब बन गई सावित्री .

पुलिस को के ४७ मिली
बुल्लेट प्रूफ जेकेट मिली

पर कसाब की चलती रही साँस
अफज़ल को मिलती रही आस

भूल गए सब संसद के जांबाज़ शहीदों को
रहे ताकते शंका से , शर्मा के ज़ज्बातों को

इस भ्रष्टतंत्र में लोकतंत्र होता रहा बदहाल
पर स्विस बैंकों के खाते, रहे मालामाल

इन्सान की इंसानियत जब जाग जाएगी
नव वर्ष की कामना तभी शुभ हो पायेगी .

आओ सब मिलकर अभी , करें यही संकल्प
इस वर्ष के संकल्प करें , कर्मों का कायाकल्प .

देखते हैं , वर्ष २०१२ विश्व के लिए क्या लेकर आया है
खाली शुभकामनाओं से काम नहीं चलेगा, शुभ काम भी करने पड़ेंगे तभी यह नव वर्ष मंगलकारी होगा

44 comments:

  1. बिलकुल सटीक कहा है आपने ... केवल बातों से कुछ ना होने का ...
    आप को सपरिवार नव वर्ष २०१२ की बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं !

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  2. विसंगतियों का सटीक विश्लेषण
    केवल बातों से कब कुछ हुआ है....

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  3. पुरे वर्ष का लेखा जोखा दे दिया ... सटीक प्रस्तुति ... नव वर्ष मंगलमय हो यही कामना है .

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  4. बिल्कुल सही कहा…………नव वर्ष मंगलमय हो।

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  5. laajabaab likha hai dr.daral ji.bahut achcha bejod likha hai.sashaqt vyang.
    aapko naya saal mubarak ho.

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  6. नव-वर्ष के ही साथ ब्लग के चतुर्थ वर्ष मे प्रवेश हेतु भी हार्दिक मंगलकामनाएं।

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  7. ये तो बिल्कुल सही कहा आपने ...

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  8. विलायत में टीम इण्डिया के बिक गए भांडे
    क्योंकि वादा करके मुकर गई पूनम पांडे ।
    वाह-वाह... डा० साहब, मोगैम्बो खुश हुआ ! इनके शुभ कामों से भगवन बचाए देश को, ऐसे शुभ काम ये ना ही करें तो बेहतर :) आपको पुनश्च: नव-वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये !

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  9. अगर संकल्प ही करना है तो 'अभी इस पल जो कार्य किया जाना है, उसे सम्पूर्णत: किये जाने का' किया जाना चाहिए।
    Dr Saab best wishes for newyear's new moments...

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  10. बात तो एकदम ठीक की है.

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  11. आओ सब मिलकर अभी , करें यही संकल्प
    इस वर्ष के संकल्प करें , कर्मों का कायाकल्प .

    --------
    ऐसा करते ही वह स्वर्गिक शांति का अनुभव करेगा।
    आपका संकल्प बहुत अच्छा है।
    हमने इसका ज़िक्र ब्लॉगर्स मीट वीकली 24 में भी किया है।
    आप सभी सादर आमंत्रित हैं।
    http://www.hbfint.blogspot.com/

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  12. गया साल तो फिर भी बहुत कुछ दे गया,
    नए के भरोसे में सपने दिखा गया !

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  13. 'इन्सान की इंसानियत जब जाग जाएगी
    नव वर्ष की कामना तभी शुभ हो पायेगी .'
    - यह सूत्र-वाक्य हर मन में बैठ जाये तो जगत का कल्याण हो जाये !

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  14. बीता का अच्छा विश्लेषण ! नया कितना कुछ कर पायेगा -उम्मीद पर तो दुनिया कायम है !

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  15. आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्य को नये साल की ढेर सारी शुभकामनायें !

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  16. प्रश्नों के उत्तर मांगती हैं यह पोस्ट .....

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  17. इस रचना में हास्य भी है । ज़रा ढूंढिए तो , गोदियाल जी की तरह ।
    आखिर नव वर्ष में तनाव को कम रखने का यही तरीका है ।

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  18. सही पहचाना प्रतिभा जी । सन्देश ग्रहण हो तो ख़ुशी होती है ।
    शुक्रिया डॉ ज़माल जी , और शास्त्री जी ।
    अरविन्द जी , उम्मीद के साथ साथ अपने कर्म पर भी ध्यान देना पड़ेगा ।

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  19. परिवेश प्रधान ,घटना प्रधान ,चरित बहुल जानदार शानदार रचना .

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  20. स्पेम से निकाल ली गई है आपकी बहु -मूल्य टिपण्णी ध्यान आकर्षण के लिए शुक्रिया .

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  21. shubh kaam to karne hi honge sach mein....

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  22. nice thoughtful poem
    yes action is required
    happy new year

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  23. नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ,
    हम सभी के हृदय में करूणा और कोमल भावों की अभिवृद्धि हो!!

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  24. मन-वचन-कर्म से जुटे बिना कब कोई परिवर्तन आया है? सुन्दर सलाह के लिये आभार और नववर्ष की शुभकामनायें!

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  25. इस भ्रष्टतंत्र में लोकतंत्र होता रहा बदहाल
    पर स्विस बैंकों के खाते, रहे मालामाल ।
    हुआ तो यही है इस साल ...
    शुभकामना के साथ शुभ कार्य भी किये जा सके ....
    शुभकामनायें !

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  26. JC said...
    डॉक्टर साहिब, जो वर्तमान में अथवा निकट भूत में मानव जीवन में 'भारत' में घटित हो रहा है, और सभी देश वासियों को दिख भी रहा है, उस का सार आपने शायद इस पंक्ति में लिखा, " लोकपाल को ना मत मिले / अन्ना से ना मुंबईकार हिले..."...

    सबकी इच्छा एक ऐसी व्यवस्था बनाने की है जिस के माध्यम से सब छोटे-बड़े सुखी हों और प्रसन्नता पूर्वक जीवन यापन कर सकें...

    यह भी हम जानते हैं कि हमारे सौर-मंडल के सभी सदस्य, (पृथ्वी भी जिसने हमें, अन्य अस्थायी प्राणीयों आदि के साथ-साथ, धरा हुआ है), साढ़े चार अरब वर्षों से अंतरिक्ष के अनंत शून्य में प्रसन्नता पूर्वक अपनी अपनी कक्षा में अपनी अपनी स्वतंत्र धुरियों पर नटराज, (आकाश, धरा और पाताल के राजा 'त्रिलोकपाल '), समान नाच रहीं हैं, किन्तु उसको हम 'अपस्मरा पुरुष', काल के प्रभाव से भूल चुके हैं...

    और गीता में कृष्ण को कहते हुए भी पाते हैं कि सत्य जानने हेतु कृष्ण में आत्म-समर्पण आवश्यक है...क्यूंकि वो बहुरूपिया सब में है और वो केवल आपसे उसी को वोट देने को कहता है :)

    January 3, 2012 11:04 AM

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  27. सही संकल्प है भाई जी ! काश ऐसा हो जाए !

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  28. जो विचलित न कर दे वह स्त्री नहीं है
    और जो विचलित हो जाए वह पुरूष नहीं है

    लिखते जाओ और लिखते ही चले जाओ
    नया वर्ष यही कहता है मुझसे और आपसे

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  29. शीर्षक ही
    सब कह रहा है ...
    शुभ कार्य , करने भी होंगे ...
    इस आह्वान में हम सब भी शामिल रहेंगे
    हर दम ,,,हमेशा ही ... !

    अभिवादन स्वीकारें .

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  30. अरे वाह क्या बात है सर ...इस कविता के मध्यम से तो आपने पूरे वर्ष का लेखा जोखा दे डाला बहुत ही बढ़िया व्यङ्गात्म्क प्रस्तुति सच ही कहा आपने केवल शुभकामनायें देने से काम नहीं चलेगा कुछ शुभकाम भी करने होंगे ....:-)

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  31. वाह दराल साहब साल भर का लेखा जोखा क्या खूबसूरत व्यंग से बिखेर दिया मज़ा आ गया. अंतिम दिनों का खेल तो और भी बढ़िया था. प्रजा तंत्र के मंदिर में कितना बढ़िया था मुखौटो का खेल. बुद्धू बक्से ने जमकर दिखाया " हमारे पैदा होने से पहले अन्ग्रेज्वे भाग गए सैतालिश में " वाह देश का भविष्य सवारने वाले विदूषक धन्य है देश और धन्य है यहाँ के लोग ..

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  32. प्रेरक ,उत्प्रेरक माहौल का शव -उच्छेदन करती बेहतरीन रचना अपने छोटे कलेवर में २०११ समेटे .

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  33. संकल्प तो तोड़ने के लिए ही किये जाते हैं ना :)

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  34. प्रसाद जी , बस टूट जाते हैं । लेकिन प्रयास तो यही होना चाहिए कि पूरे किये जा सकें ।

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  35. अच्‍छी कविता। यह सही है कि शुभकार्य करने से ही शुभकामनाएं आती है।

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  36. 'अच्छे' कार्य के पीछे 'अच्छी' सोच, ज्ञान के आधार पर लक्ष्य/ गंतव्य को ध्यान में रख सोच समझ के, आवश्यक जाना गया... क्यूंकि 'कर्म' का फल, 'मनसा, कर्मा, और वाचा', अर्थात मन पर उठते विभिन्न विचारों में से किसी एक चयनित विचार के आधार पर ही - उस पर बोल/ लिख अथवा कार्यान्वयन द्वारा - भविष्य में 'अच्छा' अथवा 'बुरा' सामने आता है... कहावत भी है, "Think twice before you leap"... और "To err is human / And to forgive divine"... इसलिए कामना के पीछे भावना सही होनी चाहिए...

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  37. क्या बात है!! बहुत बढिया है जी :)
    नव वर्ष पर आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनायें।

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  38. "खाली शुभकामनाओं से काम नहीं चलेगा, शुभ काम भी करने पड़ेंगे ।" -
    सच कह रहे हैं आप | किन्तु शुभ कार्य करने का बीज शुभ की कामना ही है - जहाँ बीज हो, वहीँ शुभ कार्य की पौध उगेगी | तो शुभकामना का अपना महत्व है | :)

    सभी को हार्दिक शुभकामनायें।

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  39. वाह डाक्टर साहब ... कच्चा चिटठा खोल दिया है आपने पूरे साल का ... गज़ब का व्यंग है ... किसी को नहीं छोड़ा .... मज़ा आ गया ...
    आपको नया साल बहुत मुबारक हो ...

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  40. कुछ अच्छा करने को उकसाती रचना .आभार .

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  41. गणित देखें तो, कामना = 'काम' + 'ना', अर्थात कोई काम न करना पड़े (अर्थात मन में शून्य विचार, क्यूंकि कर्म का बीज विचार ही है)... किन्तु कृष्ण तक अर्जुन से कहते हैं कि यद्यपि तीनों लोक में उनके लिए पाने को कुछ भी नया नहीं रह गया है, फिर भी वे हर क्षण काम किये जा रहे हैं, क्यूंकि वो पालनहार हैं (निराकार नादबिन्दू, विष्णु, के अष्टम अवतार और बहुरूपिया, अनंत साकार रूप), संहारकर्ता नहीं हैं (जिस कारण अनंत काल-चक्र)... और यह भी कि माया से हर व्यक्ति कृष्ण को अपने भीतर पाता है, यद्यपि सारी सृष्टि वास्तव में उनके भीतर समायी है!... इत्यादि इत्यादि...
    इस लिए हर 'भारतीय' / 'हिन्दू' से कहा गया कि वो पहले यह जाने कि वो है कौन ("मैं कौन हूँ?)...

    नव-वर्ष २०१२ संभवतः सभी को सद्बुद्धि दे, 'सत्य' का रहस्योद्घाटन करे, "सत्यम शिवम् सुन्दरम", और "सत्यमेव जयते" जैसे हमारे पूर्वज कह गए, और हम भी तोते समान दोहराते आ रहे हैं... :p) ...

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  42. बहुत बढ़िया प्रस्तुति,सुंदर रचना.काम तो अच्छे करने पडेगे,सिर्फ शुभकामनाओं से काम नही चलेगा,.....
    welcome to new post--जिन्दगीं--

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  43. सच कहा है सर....
    सुन्दर व्यंग्य....
    सादर बधाई...

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  44. आपके पोस्ट पर आकर का विचरण करना बड़ा ही आनंददायक लगता है । मेरे नए पोस्ट "लेखनी को थाम सकी इसलिए लेखन ने मुझे थामा": पर आपका बेसब्री से इंतजार रहेगा । धन्यवाद। .

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