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Sunday, February 7, 2010

आखिर मिलने की चाह हमें खींच कर ले ही गई ---

कहते हैं , चाहने वाले उड़कर, दौड़कर , चलकर , तैरकर पहुँच ही जाते हैं
ऐसा हमने स्कूल की बायोलोजी की किताब में पढ़ा था , पोलिनेशन एंड फ़र्तिलाइज़ेशन के चैप्टर में।
हालाँकि हालात तो ऐसे न थे , फिर भी हम भी पहुँच ही गए --दिल्ली के ब्लोगर मिलन में ।
और चुरा लिए कुछ पल , कैद कर लिए कैमरे में ।


अन्दर से बाहर का द्रश्य


चीफ गेस्ट --श्री राज भाटिया जी , चीफ गेस्ट वाली सीट परसाथ में कविता जी


ये खूबसूरत मुस्कराहटें बता रही हैं की सब कितने खुश थे मिलकर
राजीव तनेजा , श्रीमती तनेजा , कविता जी और भाई --


लेकिन ये क्या सीरियस डिस्कशन चल रहा है भाई ? ( अजय झा और सतीश सक्सेना )



कुछ भी रहा हो, पर बात साफ़ हो गई और अब तो स्माइल ही स्माइल है



अच्छा भाई हम तो चले , आप एन्जॉय करते रहिये



अविनाश जी और पांडे जी बड़े ध्यान से सुन रहे हैं , जैसे सब समझ में गया



हीरो ऑफ़ डे---और कौन , अरे भाई खुशदीप सहगल



ये झा जी क्या सब की क्लास ले रहे हैं और लोग भी बड़ी तन्मयता से सुन रहे हैं।



वर्मा जी सबसे देर से आये , लेकिन सबसे ज्यादा खुश नज़र आ रहे हैं। भई खुश क्यों न हों , आखिर देर आयद , दूरस्त आयद।
तो ये थी कुछ झलकियाँ , दिल्ली के ब्लोगर मिलन की।
पूरी विस्तृत जानकारी तो भाई अजय झा जी से सुनेंगे तो बड़ा मज़ा आएगा।

41 comments:

  1. मेरी तो ट्रेन ही मिस कर गयी... आपसे मिलने की इच्छा अधूरी रह गयी.... कोई बात नहीं अबकी बार आऊंगा... तो ज़रूर मिलूंगा....

    --
    www.lekhnee.blogspot.com


    Regards...


    Mahfooz..

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  2. कुछ ऐसा रिश्ता ही बन जाता है जिसका कोई नाम नही पर सब एक दूसरे से मिलने के लिए दौड़े चले आते है...डॉ. साहब आप तो भूतपूर्व नौजवान रह चुके है बहुत अनुभव है परंतु मुझे तो अभी बहुत कुछ सीखना है आज की इस मीटिंग में आप से मिल कर बहुत ही खुशी हुई.....बस स्नेह बनाएँ रखें...प्रणाम!!!

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  3. ये हुई न बात ..दिल खोल कर फोटो छापी हैं..बधाइयां

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  4. मेरे खुशदीप भैया तो हीरो हैं ही....

    वर्मा जी .... बहुत अच्छे लग रहे हैं....

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  5. डॉक्‍टर साहब से मिलने का अरमान था
    मिल लिए पर पूरा नहीं हुआ है
    करता है दिलमेरा मिलते ही रहें
    ब्‍लॉगर मिलन के मेले सजते रहें

    कोशिश करते हैं होली पर रंग बिखेरेंगे शब्‍दों के
    इंटरनेट पर खेलेंगे होली इस बार
    जिसने रंग डलवाना हो पहुंच जाए नुक्‍कड़ के द्वार।

    लोग कहते हैं डॉक्‍टरों से बच कर रहें
    पर यहां पर डॉक्‍टरों का सुहाना संग है
    मन में बस गई खुशी की उमंग है
    जैसे पी ली हो हमने बेहोली भंग है
    समझ में नहीं आया फिर भी दंग हैं।

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  6. डाक्टर साहब, बहुत अच्छा लगा....जैसी पोस्ट आ रही है, लगता है सब बहुत खुश है, आपने तो अपनो की तरह मेरा मार्गदर्शन भी किया, मुझे आज बहुत आन्नद आया, आशा है अब सबसे मुलाकातें होती ही रहेगीं

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  7. बहुत बढ़िया झलकियाँ रहीं, आनन्द आया.

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  8. @ विनोद कुमार पांडे

    आप ऐसा कैसे कह सकते हैं आप पर मानहानि का मुक़दमा चलेगा

    " डॉ. साहब आप तो भूतपूर्व नौजवान रह चुके है "
    इसका स्पष्टीकरण तुरंत से पेशतर दें

    :)

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  9. बहुत ही बढ़िया...सुंदर चित्रों से साजी रिपोर्ट

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  10. congratulations 4 success of blogger's Meet at Delhi....
    MAHAVEER B. SEMLANI

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  11. ये पोस्ट डाल के आप दिल जला रहे हैं मेरा... चिढ़ा रहे हैं... और क्या...
    जय हिंद...

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  12. @ दीपक मशाल

    आलोक देने के लिए

    मशाल का जलना जरूरी है

    इसलिए मशाल में शाल

    पहले से तैयार मिलती है

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  13. ....सुन्दर प्रस्तुति, ब्लागर मीट की कुछ सारगर्भित चर्चाएं भी साथ-साथ ........!!!!

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  14. बहुत बढ़िया चित्र व संक्षिप्त विवरण

    अपने न आ पाने पर अफ़सोस है
    खैर, अगली बार फिर कभी

    बी एस पाबला

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  15. वाह उम्दा रिपोर्ट और फ़ोटो, ऐसा लगा कि हम भी वहीं थे।

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  16. आनन्ददायक चित्रमय झलकियाँ !

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  17. महफूज़, दीपक, पाबला जी, द्विवेदी जी, आप लोग भले ही न आ पाए हों लेकिन दिल में तो सबके हैं।
    फिर सही।
    अविनाश जी , मिलने की प्यास और आस बनी रहे , तो क्या कहने।
    महेश जी, विनोद शायद लिखने में चूक गए।
    दरअसल हमने उन्हें नौज़वान और भूतपूर्व नौज़वान की परिभाषा समझाई थी।
    ये भी फिर कभी।
    फिलहाल तो इतना ही की इस मुलाकात में सिर्फ और सिर्फ आनंद था , और आने वाली होली की मस्ती थी ।

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  18. बहुत सुन्दर चित्रण इस मिलन का डाक्टर सहाब ! हम तो चाह कर भी नहीं आ सकते थे, खैर , बहुत बढ़िया !

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  19. डाक्टर साब आप सबसे मिलना का मौका चूकने का अफ़सोस हमेशा रहेगा।खुशदीप भाई तो हिरों है ही उनके साथ-साथ आप लोग भी जो वंहा पंहुचे हिरो है हैं,और प्रोड्यूसर,डायरेक्टर और राईटर अजय झा तो सुपर हिरो हैं।

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  20. बहुत सुंदर फ़ोटो और आत्मियता से भरपूर कैप्शन पढकर आनंद आया, झा जी और सतिश सक्सेना जी की फ़ोटो देखकर लग रहा है कि अगली मिटिंग का एजेंडा अभी से तय करने के लिये सीरियस डिस्कशन चल रहा है. :)

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  21. अरे इस बार मैं कहाँ खो गया.

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  22. बढियां फोटो और शीर्षक

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  23. "बहुत अच्छा लगा यह सब देख-जानकर!
    आपने इस मिलन-समारोह को
    बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत करके
    मिलने पर सबको मुस्कराते रहने की प्रेरणा दी है!"

    --
    मेरे लिए -
    "नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा!"
    --
    संपादक : सरस पायस

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  24. बहुत सुंदर लगा सर जी .

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  25. आपने फ़ोटो प्रकाशित किये हैं इसलिये मैने कहा - कि सारगर्भित चर्चाओं का भी साथ-साथ उल्लेख हो जाता तो पोस्ट "कुछ ज्यादा" सार्थक हो जाती ....आपका ये सुझाव "चर्चाओं पर ध्यान न दें।" यदि ये चर्चा "पर्सनल टाईप" की थी तो उसमे मेरी कोई दिलचस्पी नही है!!!

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  26. मैं तो हिंद-युग्म के पुस्तक लोकार्पण समारोह और पुस्तक मेले में ही घूमता रह गया...आ पाता तो अधिक खुशी होती मगर दोनों हाथों में लड्डू !! हम इतने भाग्यशाली भी कहाँ..!

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  27. सर सच तो ये है कि सबने अपनी उपस्थिति और खुशी , अनुभव जिस तरह से बांटे वो मेरे लिए मेरी पूंजी से कम नहीं है , आप सबका साथ और स्नेह सहेज कर रख लिया है मैंने । श्याम जी से मेरा आग्रह है कि वे रिपोर्टों के लिए बस सेवक का ब्लोग और अन्य बहुत से मित्रों के ब्लोग को देखते रहें
    अजय कुमार झा

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  28. सुन्दर !
    सुन्दर !
    अति सुन्दर !

    ___________जय हो आपकी !

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  29. bahut badhiyaa posting ki hain aapne, apne blog par.
    aapko ko hanstaa-muskuraataa or khush dekh kar mujhe achchhaa lag raha hain.
    aaj ke ghor-kalyug main or aajkal ki aapaa-dhaapi, bhaag-daud bhari zindagi main aadmi do pal bhi khush rehle to bahut hain.
    thanks.
    www.chanderksoni.blogspot.com

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  30. सुन्दर तस्वीरों के साथ आपने बखूबी प्रस्तुत किया है! बहुत बढ़िया लगा!

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  31. आपके मधुर व्यवहार ने सबका दिल जीत लिया डॉ साहब ! आपके स्नेह का आभारी हूँ !
    सादर !

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  32. दराल सर का यही कमाल,
    डॉक्टर का हृदय इतना विशाल,
    हंसाने पे आएं तो कर दें बेहाल,
    मरीज़ ठहाके लगाए भूल कर अपना हाल,
    तभी तो है पूरा ब्लॉगवुड निहाल...

    जय हिंद...

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  33. बहुत सुन्दर प्रस्तुति है और चित्रों ने तो चार चाँद लगा दिए हैं.
    महावीर शर्मा

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  34. वाह हम भी दिल्ली के ब्लोग मिलन मे शरिक़ हो गये। आपके चित्रों के जरिये। धन्यवाद।

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  35. मुझे तो खुद जलन हो रही है ये तस्वीरें देख कर सोच रही हूँ अगली बार चाहे कुछ हो प्रोग्राम मिस नही करूँगी। मुझे ये ध्यान ही नही रहा कि तबियत अधिक खराब हुयी तो हमारे डाक्टर दराल जी वहाँ हैं । बहुत अच्छी लगी ये रिपोर्ट धन्यवाद्

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  36. बढिया चित्र और कमेन्टस . कास मैं बी पहुंचती पर इधर बहुत दिनों से ब्लॉग पर जाना ही नही हुआ ।

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  37. भाई आप तो कमाल के फोटोग्राफर भी हैं ..... सबको क़ैद कर लिया अपने कैमरे में ..... सभी ब्लॉगेर्स की असल उतार ली आपने .....
    हा .. हा... बहुत कमाल के चित्र हैं .... मीट अच्छी रही जान कर बहुत अच्छा लगा .....

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  38. आप सभी मित्रों का दिल से धन्यवाद।
    अजय कुमार झा और अविनाश वाचस्पति जी ने मिलकर बहुत बढ़िया आयोजन किया ब्लोगर मिलन का।
    जो मित्रगण नहीं आ पाए , और जो दिल्ली से बाहर हैं, उन सब के लिए यह मीटिंग एक प्रेरणा स्रोत बनेगी , ऐसा मेरा विश्वास है।
    इस मीटिंग से यह तो साबित हो ही गया की बिना किसी शिकवे शिकायत के भी ब्लोगर्स मीट की जा सकती है।
    इसके लिए सभी बंधू बधाई के पात्र हैं।

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  39. इस पोस्ट को तो पहले भी देखा था...एक बार फिर से उस दिन की याद दिलाने के लिए बहुत-बहुत आभार

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