कहते हैं, मैन प्रोपोजिज-- गौड डिस्पोजिज। यानि आदमी सोचता कुछ और है , और हो कुछ और जाता है।
मैंने सोचा था इस बार आपके मनोरंजन के लिए एक हास्य कथा प्रस्तुत करूँगा। लेकिन उसे पोस्टपोंड करके फ़िलहाल यही लिखना पड़ रहा है। दरअसल परसों रात पिताजी का ब्लड प्रेशर बहुत बढ़ गया , जिसकी वज़ह से उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। अभी ठीक हैं, लेकिन ३-४ दिन और वहीँ रहना पड़ेगा।
उसी रात डिनर के बाद टहलते हुए हमारे भी पैर में मोच आ गई।
लेकिन शायद मोच थोड़ी कम थी या यूँ कहिये हम खुद डॉक्टर हैं तो कम ही महसूस हुई। खैर हमने भी RICE
का इस्तेमाल करते हुए पैर को १२ घंटे में ही इतना ठीक कर लिया की अगले दिन दिल्ली के भारी ट्रैफिक में १०० किलोमीटर ड्राइव कर सका।
आइये आपको भी बताते हैं की अगर पैर में मोच आ जाये तो तुरंत उपचार क्या होना चाहिए :
RICE
आर : रेस्ट यानि घूमना फिरना बंध --बिस्तर पर लेट जाओ।
आई : आइस पैक ---एक कपडे में बर्फ डालकर पैर पर लपेट दो और हर आधे घंटे में ५ मिनट के लिए ऐसा करें।
सी : कम्प्रेशन यानि पैर पर गर्म पट्टी ( क्रेप बैंडेज ) बाँध कर रखिये।
ई : एलिवेशन यानि पैर के नीचे तकिया लगा कर पैर को ऊपर रखिये।
इसके साथ आप कोई दर्द निवारण दवा ( एंटी इन्फ्लामेतरी ) ले सकते हैं और जैल या क्रीम की हलके हलके मालिश भी कर सकते हैं।
इस उपचार से आपका पैर २४ घंटे में ठीक हो जायेगा।
लेकिन यदि सूजन बढती रहे या दर्द कम न हो तो डॉक्टर को दिखाना न भूलें।
आज बस इतना ही । अभी कुछ दिन टिपण्णी की जगह टिप्स से ही कम चलाइये।
इतवार की ब्लोगर्स मीट में भी शायद आना संभव न हो।
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मोच का अच्छा इलाज बताया आपने... पिता जी की अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूँ...
ReplyDeleteपोस्ट बहुत अच्छी लगी... अब आपका पैर कैसा है?
पिता जी और आप दोनों शीघ्र स्वास्थय लाभ करें. RICE टिप अच्छी लगी, काम की.
ReplyDelete.... लाभदायक प्रस्तुति !!
ReplyDeletethanks for tips.........
ReplyDeleteईश्वर करे जल्दी पिताजी स्वस्थ हो जाएँ... इस नुस्खे के लिए बहुत बहुत शुक्रिया.. लेकिन ice ५-५ मिनट के लिए कितनी बार बांधनी है? क्या सारा दिन?
ReplyDeleteजय हिंद....
mamaste ji,
ReplyDeleteab kaise hain aap or aapke pitaa ji????
aapne achchi raay di hain.
bhagwaan naa kare ki kisi ko moch aaye, lekin agar by-the-way aa bhi jaaye to aapki tips laabhdaayak hain.
waise mujhe ek baat samajh main nahi aayi ki-"pair main baraf sake or garam pattaa baandhkar rakhnaa uchit hogaa??? meraa matlab garam-sard nahi ho jaayegaa????"
(please if possible, kindly reply to my blog's comment box or my email address chanderksoni@yahoo.com)
thanks.
www.chanderksoni.blogspot.com
इस पोस्ट में आपने अच्छी जानकारी दी है .. बहुत आभार !!
ReplyDeleteओह डा. साहब पिताजी का सुन कर दुख हुआ, उनका ख्याल रखिए । और ये क्या कृपया कोशिश कीजीए न ,इस बार तो सोच रहा था कि आपसे मुलाकात का सौभाग्य तो मिलेगा ही , यदि जरा सा भी समय मिले तो सुबह ११ से ४ के बीच मुझे इंतजार रहेगा
ReplyDeleteअजय कुमार झा
डॉक्टर साहब,
ReplyDeleteबिल्कुल दुरूस्त फरमाया, आदमी सोचता क्या है, लेकिन होता वही है जो ऊपर वाला चाहता है...सबसे पहले सीनियर
दराल सर का ख्याल कीजिए...बाकी मिलने के तो बहाने आगे भी बनते रहेंगे...लेकिन हां, बड़े दिन से इंतज़ार कर
रहा था कि सात तारीख को आपसे मिलने का मौका मिलेगा...खैर, फिर कभी सही...
जय हिंद...
डाक्टर साहब,
ReplyDeleteसबसे पहले आपके पिताजी को स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनायें।
आज आपने मन खुश कर दिया। RICE से हमारा दोहरा रिश्ता है। पहला कि हम Rice University, Houston में पढते हैं। दूसरा कि हम एक Recreational Runner हैं, और थोडी चोट पेट लग जाने पर Rice ही ध्यान आता है। इस जानकारी को बांटने का शुक्रिया।
एक प्रश्न भी है, कब गर्म सिकाई करनी चाहिये और कब ठंडी?
डा.दाराल साहिब ~ कहते हैं की भगवान जो करते हैं हमारे भले के लिए ही करते हैं. (या यूँ कहिये अपने भले के लिए ही क्यूंकि उनका स्वयं का अंश हर प्राणी के भीतर ही माना जाता है)...आशा है एक साथ आई परेशानियाँ: माई का अवकाश पर जाना, पिताजी का रक्तचाप बढ़ना और उस पर आपके पैर में मोच आना, शीघ्र समाप्त हो जायेंगी - उसी विघ्नहर्ता की कृपा से...
ReplyDeleteआर आई सी ई के लिए धन्यवाद!
लाभकारी जानकारी,स्वस्थ रहें यही कामना है .
ReplyDeleteनुस्खा कारगर है!
ReplyDeleteआपके पिता जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूँ!
यही कामना है कि आपके पिताजी को शीघ्रातिशीघ्र स्वास्थ्यलाभ मिले!
ReplyDeleteसही बात है कि हमेशा आदमी के सोचे अनुसार ही नहीं होता। "मेरे मन कछु और है कर्ता के कछु और"।
ईश्वर आप दोनों को शीघ्र स्वस्थ करे
ReplyDeleteप्रिय चंदर सोनी, आपका सवाल वाजिब है।
ReplyDeleteदरअसल गर्म पट्टी , क्रेप बैंडेज का आम आदमी वाला नाम है।
क्रेप बैंडेज का काम कम्प्रेशन करना है।
आइस कोल्ड एप्लीकेशन से और कम्प्रेशन , दोनों से सूजन आने से रोकते हैं।
इससे बाद में स्टिफनेस कम होती है।
ये चारों तरीके , टिश्यु डैमेज को कम करते हैं, इन्फ्लामेशन को कम करते हैं, और हीलिंग में सहायता करते हैं।
आइस पैक शुरू में आधे घंटे के अंतर पर , कुछ घंटों के बाद दो घंटे में एक बार कर सकते हैं।
अगले २४ घंटे और बेहतर है की ४८ घंटे तक ऐसा ही करना चाहिए। उसके बाद स्टिफनेस को कम करने के लिए हल्का हॉट फोमेंटेशन कर सकते हैं , अल्तार्नेटली।
भाई अजय और खुशदीप , पिताजी की तबियत अब ठीक है । बस अहतियात के तौर पर हॉस्पिटल में रखा है।
ReplyDeleteइसलिए मैं कुछ समय के लिए अवश्य आ पाऊंगा।
मेरी भी बहुत तमन्ना है , आप सब से मिलने के लिए।
दीपक और नीरज भाई, आपके सवाल का ज़वाब दे दिया है ।
आप सब का बहुत बहुत शुक्रिया।
लाभकारी जानकारी के लिए शुक्रिया. आपके और आपके पिताजी को स्वास्थ्य लाभ की कामना
ReplyDeleteपिता जी के शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामना -RICE के लिए शुक्रिया !
ReplyDeleteबहुत ही काम की बात बताई आपने। आभार।
ReplyDeleteपिताजी के शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की कामना के साथ
जाकिर
बातों ही बातों में मोच का सही इलाज बता दिया आपने डाक्टर साहब ..... बहुत धन्यवाद ........ बहुत ही काम की बात ....
ReplyDeleteपिता जी के शीघ्र स्वस्थ होने की शुभकामना ....
ReplyDeleteये पकाने वाले राईस से अच्छा है कम से कम आराम करने को तो कहता है बहुत उपयोगी टिप धन्यवाद
ReplyDeleteमोच का बढ़िया इलाज बताया आपने ...
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