कहते हैं , चाहने वाले उड़कर, दौड़कर , चलकर , तैरकर पहुँच ही जाते हैं।
ऐसा हमने स्कूल की बायोलोजी की किताब में पढ़ा था , पोलिनेशन एंड फ़र्तिलाइज़ेशन के चैप्टर में।
हालाँकि हालात तो ऐसे न थे , फिर भी हम भी पहुँच ही गए --दिल्ली के ब्लोगर मिलन में ।
और चुरा लिए कुछ पल , कैद कर लिए कैमरे में ।
अन्दर से बाहर का द्रश्य
चीफ गेस्ट --श्री राज भाटिया जी , चीफ गेस्ट वाली सीट पर । साथ में कविता जी ।
ये खूबसूरत मुस्कराहटें बता रही हैं की सब कितने खुश थे मिलकर।
राजीव तनेजा , श्रीमती तनेजा , कविता जी और भाई --
लेकिन ये क्या सीरियस डिस्कशन चल रहा है भाई ? ( अजय झा और सतीश सक्सेना )
कुछ भी रहा हो, पर बात साफ़ हो गई और अब तो स्माइल ही स्माइल है।
अच्छा भाई हम तो चले , आप एन्जॉय करते रहिये ।
अविनाश जी और पांडे जी बड़े ध्यान से सुन रहे हैं , जैसे सब समझ में आ गया।
हीरो ऑफ़ द डे---और कौन , अरे भाई खुशदीप सहगल।
ये झा जी क्या सब की क्लास ले रहे हैं। और लोग भी बड़ी तन्मयता से सुन रहे हैं।
वर्मा जी सबसे देर से आये , लेकिन सबसे ज्यादा खुश नज़र आ रहे हैं। भई खुश क्यों न हों , आखिर देर आयद , दूरस्त आयद।
तो ये थी कुछ झलकियाँ , दिल्ली के ब्लोगर मिलन की।
पूरी विस्तृत जानकारी तो भाई अजय झा जी से सुनेंगे तो बड़ा मज़ा आएगा।
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मेरी तो ट्रेन ही मिस कर गयी... आपसे मिलने की इच्छा अधूरी रह गयी.... कोई बात नहीं अबकी बार आऊंगा... तो ज़रूर मिलूंगा....
ReplyDelete--
www.lekhnee.blogspot.com
Regards...
Mahfooz..
कुछ ऐसा रिश्ता ही बन जाता है जिसका कोई नाम नही पर सब एक दूसरे से मिलने के लिए दौड़े चले आते है...डॉ. साहब आप तो भूतपूर्व नौजवान रह चुके है बहुत अनुभव है परंतु मुझे तो अभी बहुत कुछ सीखना है आज की इस मीटिंग में आप से मिल कर बहुत ही खुशी हुई.....बस स्नेह बनाएँ रखें...प्रणाम!!!
ReplyDeleteये हुई न बात ..दिल खोल कर फोटो छापी हैं..बधाइयां
ReplyDeleteमेरे खुशदीप भैया तो हीरो हैं ही....
ReplyDeleteवर्मा जी .... बहुत अच्छे लग रहे हैं....
डॉक्टर साहब से मिलने का अरमान था
ReplyDeleteमिल लिए पर पूरा नहीं हुआ है
करता है दिलमेरा मिलते ही रहें
ब्लॉगर मिलन के मेले सजते रहें
कोशिश करते हैं होली पर रंग बिखेरेंगे शब्दों के
इंटरनेट पर खेलेंगे होली इस बार
जिसने रंग डलवाना हो पहुंच जाए नुक्कड़ के द्वार।
लोग कहते हैं डॉक्टरों से बच कर रहें
पर यहां पर डॉक्टरों का सुहाना संग है
मन में बस गई खुशी की उमंग है
जैसे पी ली हो हमने बेहोली भंग है
समझ में नहीं आया फिर भी दंग हैं।
डाक्टर साहब, बहुत अच्छा लगा....जैसी पोस्ट आ रही है, लगता है सब बहुत खुश है, आपने तो अपनो की तरह मेरा मार्गदर्शन भी किया, मुझे आज बहुत आन्नद आया, आशा है अब सबसे मुलाकातें होती ही रहेगीं
ReplyDeleteअफसोस कि हम वहाँ न थे।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया झलकियाँ रहीं, आनन्द आया.
ReplyDelete@ विनोद कुमार पांडे
ReplyDeleteआप ऐसा कैसे कह सकते हैं आप पर मानहानि का मुक़दमा चलेगा
" डॉ. साहब आप तो भूतपूर्व नौजवान रह चुके है "
इसका स्पष्टीकरण तुरंत से पेशतर दें
:)
बहुत ही बढ़िया...सुंदर चित्रों से साजी रिपोर्ट
ReplyDeletecongratulations 4 success of blogger's Meet at Delhi....
ReplyDeleteMAHAVEER B. SEMLANI
ये पोस्ट डाल के आप दिल जला रहे हैं मेरा... चिढ़ा रहे हैं... और क्या...
ReplyDeleteजय हिंद...
@ दीपक मशाल
ReplyDeleteआलोक देने के लिए
मशाल का जलना जरूरी है
इसलिए मशाल में शाल
पहले से तैयार मिलती है
।
....सुन्दर प्रस्तुति, ब्लागर मीट की कुछ सारगर्भित चर्चाएं भी साथ-साथ ........!!!!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चित्र व संक्षिप्त विवरण
ReplyDeleteअपने न आ पाने पर अफ़सोस है
खैर, अगली बार फिर कभी
बी एस पाबला
वाह उम्दा रिपोर्ट और फ़ोटो, ऐसा लगा कि हम भी वहीं थे।
ReplyDeleteआनन्ददायक चित्रमय झलकियाँ !
ReplyDeleteमहफूज़, दीपक, पाबला जी, द्विवेदी जी, आप लोग भले ही न आ पाए हों लेकिन दिल में तो सबके हैं।
ReplyDeleteफिर सही।
अविनाश जी , मिलने की प्यास और आस बनी रहे , तो क्या कहने।
महेश जी, विनोद शायद लिखने में चूक गए।
दरअसल हमने उन्हें नौज़वान और भूतपूर्व नौज़वान की परिभाषा समझाई थी।
ये भी फिर कभी।
फिलहाल तो इतना ही की इस मुलाकात में सिर्फ और सिर्फ आनंद था , और आने वाली होली की मस्ती थी ।
बहुत सुन्दर चित्रण इस मिलन का डाक्टर सहाब ! हम तो चाह कर भी नहीं आ सकते थे, खैर , बहुत बढ़िया !
ReplyDeleteडाक्टर साब आप सबसे मिलना का मौका चूकने का अफ़सोस हमेशा रहेगा।खुशदीप भाई तो हिरों है ही उनके साथ-साथ आप लोग भी जो वंहा पंहुचे हिरो है हैं,और प्रोड्यूसर,डायरेक्टर और राईटर अजय झा तो सुपर हिरो हैं।
ReplyDeleteबहुत सुंदर फ़ोटो और आत्मियता से भरपूर कैप्शन पढकर आनंद आया, झा जी और सतिश सक्सेना जी की फ़ोटो देखकर लग रहा है कि अगली मिटिंग का एजेंडा अभी से तय करने के लिये सीरियस डिस्कशन चल रहा है. :)
ReplyDeleteझकास फोटो!
ReplyDeleteअरे इस बार मैं कहाँ खो गया.
ReplyDeleteबढियां फोटो और शीर्षक
ReplyDelete"बहुत अच्छा लगा यह सब देख-जानकर!
ReplyDeleteआपने इस मिलन-समारोह को
बहुत सुंदर ढंग से प्रस्तुत करके
मिलने पर सबको मुस्कराते रहने की प्रेरणा दी है!"
--
मेरे लिए -
"नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा!"
--
संपादक : सरस पायस
बहुत सुंदर लगा सर जी .
ReplyDeleteआपने फ़ोटो प्रकाशित किये हैं इसलिये मैने कहा - कि सारगर्भित चर्चाओं का भी साथ-साथ उल्लेख हो जाता तो पोस्ट "कुछ ज्यादा" सार्थक हो जाती ....आपका ये सुझाव "चर्चाओं पर ध्यान न दें।" यदि ये चर्चा "पर्सनल टाईप" की थी तो उसमे मेरी कोई दिलचस्पी नही है!!!
ReplyDeleteमैं तो हिंद-युग्म के पुस्तक लोकार्पण समारोह और पुस्तक मेले में ही घूमता रह गया...आ पाता तो अधिक खुशी होती मगर दोनों हाथों में लड्डू !! हम इतने भाग्यशाली भी कहाँ..!
ReplyDeleteसर सच तो ये है कि सबने अपनी उपस्थिति और खुशी , अनुभव जिस तरह से बांटे वो मेरे लिए मेरी पूंजी से कम नहीं है , आप सबका साथ और स्नेह सहेज कर रख लिया है मैंने । श्याम जी से मेरा आग्रह है कि वे रिपोर्टों के लिए बस सेवक का ब्लोग और अन्य बहुत से मित्रों के ब्लोग को देखते रहें
ReplyDeleteअजय कुमार झा
सुन्दर !
ReplyDeleteसुन्दर !
अति सुन्दर !
___________जय हो आपकी !
bahut badhiyaa posting ki hain aapne, apne blog par.
ReplyDeleteaapko ko hanstaa-muskuraataa or khush dekh kar mujhe achchhaa lag raha hain.
aaj ke ghor-kalyug main or aajkal ki aapaa-dhaapi, bhaag-daud bhari zindagi main aadmi do pal bhi khush rehle to bahut hain.
thanks.
www.chanderksoni.blogspot.com
सुन्दर तस्वीरों के साथ आपने बखूबी प्रस्तुत किया है! बहुत बढ़िया लगा!
ReplyDeleteआपके मधुर व्यवहार ने सबका दिल जीत लिया डॉ साहब ! आपके स्नेह का आभारी हूँ !
ReplyDeleteसादर !
दराल सर का यही कमाल,
ReplyDeleteडॉक्टर का हृदय इतना विशाल,
हंसाने पे आएं तो कर दें बेहाल,
मरीज़ ठहाके लगाए भूल कर अपना हाल,
तभी तो है पूरा ब्लॉगवुड निहाल...
जय हिंद...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है और चित्रों ने तो चार चाँद लगा दिए हैं.
ReplyDeleteमहावीर शर्मा
वाह हम भी दिल्ली के ब्लोग मिलन मे शरिक़ हो गये। आपके चित्रों के जरिये। धन्यवाद।
ReplyDeleteमुझे तो खुद जलन हो रही है ये तस्वीरें देख कर सोच रही हूँ अगली बार चाहे कुछ हो प्रोग्राम मिस नही करूँगी। मुझे ये ध्यान ही नही रहा कि तबियत अधिक खराब हुयी तो हमारे डाक्टर दराल जी वहाँ हैं । बहुत अच्छी लगी ये रिपोर्ट धन्यवाद्
ReplyDeleteबढिया चित्र और कमेन्टस . कास मैं बी पहुंचती पर इधर बहुत दिनों से ब्लॉग पर जाना ही नही हुआ ।
ReplyDeleteभाई आप तो कमाल के फोटोग्राफर भी हैं ..... सबको क़ैद कर लिया अपने कैमरे में ..... सभी ब्लॉगेर्स की असल उतार ली आपने .....
ReplyDeleteहा .. हा... बहुत कमाल के चित्र हैं .... मीट अच्छी रही जान कर बहुत अच्छा लगा .....
आप सभी मित्रों का दिल से धन्यवाद।
ReplyDeleteअजय कुमार झा और अविनाश वाचस्पति जी ने मिलकर बहुत बढ़िया आयोजन किया ब्लोगर मिलन का।
जो मित्रगण नहीं आ पाए , और जो दिल्ली से बाहर हैं, उन सब के लिए यह मीटिंग एक प्रेरणा स्रोत बनेगी , ऐसा मेरा विश्वास है।
इस मीटिंग से यह तो साबित हो ही गया की बिना किसी शिकवे शिकायत के भी ब्लोगर्स मीट की जा सकती है।
इसके लिए सभी बंधू बधाई के पात्र हैं।
इस पोस्ट को तो पहले भी देखा था...एक बार फिर से उस दिन की याद दिलाने के लिए बहुत-बहुत आभार
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