क्या आप चाय पीते हैं ? --ज़रूर पीते होंगे ।
क्या आप ट्रेन में सफ़र करते हैं ? --कभी कभी तो करते ही होंगे ।
क्या आप ट्रेन में सफ़र करते हुए , प्लेटफार्म की चाय पीते हैं ? --सम्भावना हैं ज़रूर पीते होंगे ।
बेहतर है --मत पीजिये । क्योंकि पता नहीं चाय के रूप में आप ज़हर पी रहे हों।
यह मैं नहीं , टी वी वाले कह रहे हैं।
कल टी वी पर न्यूज देखते हुए एक न्यूज आइटम देखने को मिला जिसमे एक लड़के को नकली दूध से चाय बनाते हुए दिखाया गया था ।
सच मानिये , ये नज़ारा देखकर आपके पैरों तले से ज़मीन खिसक जाएगी।
मूंह पर कपडा बांधकर मूंह छुपाकर चाय वाला दिखा रहा था नकली चाय बनाना।
मात्र ८ रूपये में मिलने वाली एक सफ़ेद पेंट की डिबिया --- इस पेंट को २० लीटर पानी में घोला --इसे पतीले में डाल स्टोव पर चढ़ा दिया ---उबाल आने पर चीनी और ढेर सारी इलाइची डाली --और बन गई खुशबूदार चाय।
अब --चाय --बढ़िया चाय --चाय लेलो --सुनकर आपको लगेगा की एक रुपया सस्ती इतने दूध वाली खुशबूदार चाय पीकर मज़ा आ जायेगा।
लेकिन सोचिये इस चाय को पीकर आपको क्या हानि हो सकती है।
तो भई , अब अगली बार आप ट्रेन में सफ़र करें तो सावधान ! प्लेटफार्म की खुली चाय न ही पीयें तो अच्छा है।
डिस्क्लेमर : यह रिपोर्ट टी वी न्यूज देख कर लिखी गई है । इसकी सत्यता और सार्थकता के बारे में हमारी कोई जिम्मेदारी नहीं है।
वैसे यह समझ में नहीं आया की चाय वाला टी वी कैमरे के सामने नकली चाय बनाने के लिए तैयार कैसे हो गया !
अब यह सच्चाई तो टी वी चैनल्स में काम करने वाले ही बता सकते हैं।
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युरिया वाला दुध हानिकारक है या यह वाला? भगवान बचाए.
ReplyDeleteआप सही कह रहे है, शायद लोगो ने रेल की पेंट्री में खाना पकाने के लिए उस पानी को भरते भी देखा होगा जो ट्रेन की टोइलेट साफ करने में इस्तेमाल किया जाता है !
ReplyDeleteयह तो बहुत अच्छी जानकारी दी आपनें ,यह बात काफी दिनों से चर्चा में थी .
ReplyDeleteअब कौन बचाएगा इन मिलावटी चीज़ों से .... मीडीया, रेलवे वाले, पुलिस या कोई और .... मुझे तो लगता है अपनी अपनी चाय साथ ले कर जाना चाहिए ....
ReplyDeleteकुछ दिन पहले मम्मी ने भी ये बात बताई थी,
ReplyDeleteखतरनाक रसायन को लोग बिना जानें चाय समझ कर पीतें है
खाने पीने में मिलावट करने वालों को कड़ी सजा होनी चाहिये
अब तो ईश्वर ही बचा सकता है हमें !!
ReplyDeleteजी....मैंने भी देखा था टी.वी. में.... देख कर हतप्रभ था....
ReplyDeleteयहाँ सब नकली है असली ढूँढ़ें तो जानो
ReplyDeleteडा. साहिब नमस्कार आज शायद कहीं कुछ प्रोबलेम है शायद नेट मे आपके ब्लोग पर कमेन्ट बाक्स नही आ रहा नीचे वाला कमेन्ट ब्लाग पर डाल लें धन्यवा
ReplyDeleteआपकी इस खबर से तो सिहरन सी पैदा हो गयी। ऐसे लोगों को तो चौराहे पर खडा कर गोली मार देनी चाहिये जो लोगों के जीवन से खिलवाड करते हैं पता नही इस मिलावट के रूप मे हम क्या क्या खा रहे हैं। अच्छा है हमे चाय की लत नही है।धन्यवाद इस जानकारी के लिये।
निर्मला कपिला
जी मै जब तक भारत मै रहा ओर बाहर खाना खाता तो यही सोच कर खाता था कि मै तो जहर खा रहा हुं... जब भी किसी मिलावटी को पकडो उसे तुरंत डींशु....डींशु... गोली मार दो.. बस दो चार को मारो फ़िर देखो बाकी कितने बचते है, लानत है इन सब पर, वेसे मेरा होटल वाला भी खुब सारी इलायची डाल कर चाय बनाता था ओर मेरा गला यहां १०, १२ दिन तक बन्द रहा था, अब पता चला कि मै तो पेंट ही पी रहा था... हे राम
ReplyDeleteजीवन जीने का सबसे बड़ा सहारा----------- विश्वास
ReplyDeleteविश्वास का गला नित ही घोटा जा रहा है आज के ज्यदा पढ़े-लिखे समाज में
शायद हमारा अनपढ़ रहना ही ज्यादा उचित था,, विश्वास के चिरंजीवी संरक्षण के लिए...........
चन्द्र मोहन गुप्त
डा. साहिब ~ हवा, पानी, सब्ज़ियाँ, आदि आदि अन्य भोजन के पदार्थ भी, दिन प्रतिदिन अधिक विषैले हो चले हैं... आश्चर्य है कि फिर भी हम जिन्दा हैं और भयाक्रांत हो जीवन व्यतीत कर रहे हैं - गोली खा कर शायद!
ReplyDeleteजहां तक चाय का प्रश्न है, घर में तो मैं कलकत्ते वाली, माँ काली, को याद कर काली (बंगाली दामाद के शब्दों में 'लाल') चाय ही पीता हूँ...किन्तु मेरे अतिथि अधिकतर चीनी, और पाकेट में उपलब्ध 'अमूल दूध' वाली पीना पसंद करते हैं...(उनकी दीर्घायु की कामना करता हूँ क्यूंकि टीवी में एक बार देखा था कि कैसे 'मदर डेरी' दूध के टैंकर को रास्ते में रोक उसमें से दूध निकाल होज़ से पानी मिलाया जा रहा था :(
दराल सर,
ReplyDeleteअभी हमारे चैनल ने ही स्टिंग दिखाया था...जिस गंदे पाइपों से ट्रेनों को धोया जाता है वहीं गंदे पाइप से पानी लेकर पेंट्री कार में जा रहा था...ज़ाहिर है खाना उसी पानी से बन रहा होगा...मिलावट तो खैर होती ही होती है लेकिन अगर आपको पता चले कि जिस चाय को आप पी रहे हैं वो टायलेट के पानी से बनी है...आप व्रत रख लेंगे लेकिन ट्रेन में बना कुछ भी खाना-पीना हजम करना पसंद नहीं करेंगे...
जय हिंद...
बहुत ही बढ़िया जानकरी प्रदान की है आपने , साथ ही डरा भी दिए हैं ।
ReplyDeleteलगत है हम बचे हैं...
ReplyDeleteआपका पहले तो आभार कि हमें आपने टिप्पणी के लायक समझा और अनुमति दे दी। आप सच लिख रहे हैं चाय के बारे में। हम नहीं पीते स्टेशन पर चाय। लेकिन एसी डिब्बे में जरूर कभी-कभी पी लेते हैं सुबह की चाय। अब उसमें भी जहर हो तो फिर क्या किया जा सकता है?
ReplyDeleteकुछ नी हो सक्ता..
ReplyDeleteअरे अरे अजित जी , क्या सचमुच ब्लॉग खुलने में इतना तंग कर रहा है ?
ReplyDeleteलेकिन आप ही बताएं क्या करें , हम टेक्नीकल आदमी तो हैं नहीं।
खैर खुला तो।
खुशदीप जी , आपसे कुछ सवाल पूछने हैं :
ये चैनल वालों को खबर कैसे हो जाती है ?
उनके कैमरे के सामने वो कैसे तैयार हो जाते हैं , दिखाने के लिए ?
फिर वो साफ़ कैसे बच जाते हैं ?
यही कुछ सवाल ज़हन में उठते हैं , ऐसी खबर देखकर।
बाकि तो भगवान् ही रखवाला है , सबका।
काज़ल कुमार जी , हो तो बहुत कुछ सकता है , अगर करना चाहें तो ।
.... प्रभावशाली अभिव्यक्ति ...अब क्या करें मिलावटखोरी चरम पर है ..घी,तेल,दूध सब नकली ...खाने-पीने की सभी चीजें नकली .... अब चाय का ये नकली कारनामा ...लगता है अब धीरे-धीरे हम सभी जहरीले हो जायेंगे !!!
ReplyDeleteहमेशा की तरह एक जानकारी भरी पोस्ट. चाह कर भी कई बार इन्सान बच नहीं पाता, पर हमें प्रयासरत और चौकन्ना तो रहना ही चाहिए. वैसे तो आजकल हर चीज़ में मिलावट होती ही है और शायद पहले भी होती होगी पर पहले की मिलावट इतनी खतरनाक नही होती होगी क्योंकि पहले न तो इन्सान इतना शातिर था न इतना ज्ञान और न ही जल्दी पैसा कमाने की इतनी होड़ है
ReplyDeleteकोरी जी की बात से याद आया कि कैसे बचपन में एक कविता पढ़ी थी जिसमें एक पागल कुत्ते ने एक आदमी को काट खाया तो सब सोच रहे थे कि वो मर जायेगा...किन्तु वो आदमी ऐसा 'जहरीला' निकला कि कुत्ता ही मर गया!
ReplyDeleteचाणक्य ने भी विष-कन्या बनायीं थीं जिन्हें वो उपयोग में लाता था अपने प्रतिद्वान्दों को मारने के लिए!
सच कहा जे सी जी , आजकल आदमी सांप, बिच्छू और कुत्तों से ज्यादा खतरनाक है , काटने के विषय में ।
ReplyDeleteहर जगह मिलावट...ख़बरदार करते रहें.
ReplyDelete_____________
शब्द सृजन की ओर पर पढ़ें- "लौट रही है ईस्ट इण्डिया कंपनी".
मिलावटखोरों के लिये मौत की सजा होनी चाहिये ,क्योंकि ये Attempt
ReplyDeleteto MURDER है ।
चाय मत पियो दूध में मिलावट..पान मत खाओ कत्थे में मिलावट..सब्जी देख कर लो ..पेंट लगा कर हरा किया है..!..सरसों के तेल में मिलावट ...घी में चर्बी की मिलावट...गंगा में नाली की मिलावट..हवा में गैस की मिलावट..!
ReplyDeleteहम बहुत मिलावटी हो गए हैं डाक्टर साहब क्या करें..!
टीवी में हमने भी देखा था भूल गए थे ...आपने फिर याद दिला दिया ..!
एक हम नपुंसक हैं जो कुछ कर नहीं पाते..!
एक वो बेशर्म हैं (जिहें इसे रोकने की जिम्मेदारी है) जो कुछ करना नहीं चाहते...
हम बहुत मिलावटी हो गए हैं डाक्टर साहब क्या करें..!
ऐसे में सचेत तो रह ही सकते हैं।
ReplyDeleteafter all , in the struggle for existense, there is survival of the fittest.
Bilkul sahi kaha apne ऐसे में सचेत तो रह ही सकते हैं। Logon ko bhi jagruk karne ki jarurat hai..nice post.
ReplyDeleteदराल सर,
ReplyDeleteस्टिंग आपरेशन कभी खुले कैमरे से नहीं होता...इसे हिडन कैमरे से ही किया जाता है...
दूसरा, जिस तरह पुलिस के पास इन्फॉर्मर होते हैं, इसी तरह अच्छे रिपोर्टर भी अपने सूत्र रखते हैं...स्टोरीज़ के लिए क्लू वहीं से मिलते हैं...हां अपने सूत्र की पहचान छुपाना हर रिपोर्टर का धर्म होता है...
जिस तरह हाथ की पांचों उंगलियां बराबर नहीं होती, इसी तरह किसी भी फील्ड में सब लोग एक जैसे नहीं होते...जैसे
कई डॉक्टर भी आपको सिर्फ पैसे के पीर मिल जाएंगे...लेकिन वहीं आप जैसे, डॉ कोटनिस जैसे उदाहरण भी होंगे जिनके लिए मानवता की सेवा सबसे पहले होती है...
लेकिन ये दुनिया चल रही है तो सिर्फ अच्छे लोगों के ही दम पर...
जय हिंद...
बड़ी तकलीफदेह स्थिति है डॉ साहब ! अभी हाल में अपने गृह नगर बदायूं गया था , सोचा था कि घर पर पकवान बनाने हेतु यहाँ शुद्ध खोया मिल जायेगा मगर कसबे और गाँव में हालत कम खराब नहीं पायी !
ReplyDeleteहर आदमी कम समय में अधिक पैसा चाहता है उसी का परिणाम है यह सब !!
खुशदीप जी , उम्मीद करता हूँ की चैनल वाले जो दिखाते हैं वह सच ही होता है। यानि स्टेज मैनेज्ड नहीं होता ।
ReplyDeleteफिर भी टी आर पी का भी चक्कर तो होता ही है , कभी कभी ।
बस चिंता इस बात की है की सामने होकर भी ये लोग साफ़ बचे रहते हैं।
ham sab logo ko sachaet-saawdhaan, or jaagruk karne ke liye aabhaar.
ReplyDeleteaap doctor to hain hi, blog ke maadhyam se bhi logo ko vibhinn-bimaariyon se bachaa rahe hain.
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
ये खबर तो पहले टी.वी पर भी देखी थी और फिर आपके ब्लॉग पर भी पढ़ी थी लेकिन शायद आदतानुसार बिना कमेन्ट किए ही...
ReplyDeleteखैर!...छोडिये...आईन्दा से ऐसी गलती कभी नहीं होगी :-)
बढ़िया...जानकारी भरा...आलेख