होली के शुभ अवसर पर आइये आपको ले चलते हैं, अपने मोहल्ले में जहाँ सब मिलकर होली खेल रहे हैं ।
और दिखाते हैं होली के मैदान से --आँखों देखा हाल ।
गुलाब , मोतिया , चन्दन , केसर
रंग टेसू पलाश के फूलों से लेकर ,
जब पहुँच गए सपत्नीक मोहल्ले में
फिर रंग जमाया भांग के हो हल्ले में ।
गुप्ता , शर्मा, वर्मा जी को रंगों में नहलाए
रसगुल्ले , गुलाबजामुन , गुज्जियाँ खूब उडाए ।
रंग बिरंगी भीड़ में फिर , पत्नी को टटोला
जो पत्नी सी लगी तो , हाथ पकड़कर बोला ।
अज़ी अब चलिए भी , बहुत हो गई होली
वो भी मारे ख़ुशी ख़ुशी , संग हमारे होली।
घर जाकर प्रेमपूर्वक , जब उनका रंग छुड़ाया
रंग उड़ा चेहरे का और , सर अपना चकराया ।
हम ये कैसा गड़बड़ घोटाला कर आए थे
पत्नी की बदले पड़ोसन को पकड़ लाए थे ।
अपनी तो मद-मस्त थी , मर्दों की टोली
पर समझ न आया ,कि वो क्यों संग होली ।
मांफी मांग हमने फिर , भाभी जी की चाय बनाई
तभी द्वार पर धर्मपत्नी की , कड़क आवाज़ दी सुनाई ।
हमने कहा भाग्यवान , एक अनहोनी हो गई है ।
वो बोली पता है जी , शर्मा जी की पत्नी खो गई है ।
पत्नी वियोग में शर्मा जी, बहुत घबराए हैं
१०० नंबर पर रिपोर्ट लिखाने , यहीं आए हैं ।
यह सुनकर अपने हाथ पैर, पत्थर से जकड़े गए
लगा रंग उतारकर भी हम तो , रंगे हाथ पकडे गए ।
अब बाहर पडोसी संग खड़ी, पत्नी भड़क रही है
अन्दर पड़ोसन मज़े से बैठी , चाय सुड़क रही है ।
अब आप ही ज़रा बताएं , हम जाएँ तो कहाँ जाएँ ?
कहाँ जाकर मूंह छुपायें , कैसे इज्ज़त बचाएं ? ? ?
होली के दोहे :
होली के हुडदंग में, भांति भांति के रंग
रंगों की बौछार में, मस्ती लाये भंग ।
रंग गुलाल और भंग से , ऐसी रंगत आए
ऊंच नीच को छोडके , सब पर मस्ती छाए ।
शर्मा संग वर्मा जी , सबको रंगे जाएं
गोरे काले रंग में , एक नज़र सभी आएं ।
चश्मे पर जब हो जाये , रन्गों की बौछार
सतरंगी नज़र आये , ये सारा सन्सार ।
भेद भाव को भूलके , मीठे बोलें बोल
अहंकार को त्याग के, रस बरसायें घोल ।
आप सब को होली की हार्दिक शुभकामनायें और बधाई ।
Sunday, March 20, 2011
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आप सब को भी होली की हार्दिक मंगलकामनाएं.
ReplyDeleteवाह आज की होली तो कवितामय हो गई
ReplyDeleteआप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
ReplyDeleteसादर
प्रिय डॉ. दराल भाई जी
ReplyDeleteरंग भरा स्नेह भरा अभिवादन !
पत्नी के बदले पड़ोसन को पकड़ लाए …
आहाऽऽहाऽऽ ! तभी मैं कहूं चेहरे पर इतनी चमक , आवाज़ में खनक और विचारों में महक का राज़ क्या है …
होली पर रहस्य खुला तो सही … अब हम आपसे प्रेरणा ले'कर कुछ करेंगे … :)
बहुत बहुत मजेदार
भेद भाव को भूलके , मीठे बोलें बोल
अहंकार को त्याग के, रस बरसायें घोल
भाईसाहब , आज आपकी लेखनी को सौ सलाम !
… और आपको हज़ार … सलाम ही तो … ;)
बहुत मनभावन है आपकी पूरी पोस्ट
100 में से 1000 अंक आपके नाम ! … पढ़ कर आनन्द ही इतना आया ।
आपको सपरिवार होली की हार्दिक बधाई !
♥ होली की शुभकामनाएं ! मंगलकामनाएं !♥
होली ऐसी खेलिए , प्रेम का हो विस्तार !
मरुथल मन में बह उठे शीतल जल की धार !!
- राजेन्द्र स्वर्णकार
होली होली हो गई, बीत गया त्यौहार।
ReplyDeleteएक बरस के बाद फिर, बरसेगी रसधार।।
--
कृपा करो परमात्मा, सुखी रहें नर-नार।
हँसी-खुशी के साथ में, मनें सभी त्यौहार।।
--
होली में जिस तरह से, उमड़ा प्रेम अपार।
हर दिन ऐसा ही रहे, सबके दिल में प्यार।।
--
बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
हमने कहा भाग्यवान , एक अनहोनी हो गई है ।
ReplyDeleteवो बोली पता है जी , शर्मा जी की पत्नी खो गई है ।
पत्नी वियोग में शर्मा जी, बहुत घबराए हैं
१०० नंबर पर रिपोर्ट लिखाने , यहीं आए हैं ।
आपकी हालत का अंदाजा लगा रही हूँ :):)
होली की शुभकामनायें
होली की बहुत बहुत शुभकामनायें
ReplyDeleteहुज़ूर के चेहरे की चमक का राज समझ में अब आया ...राजेंद्र स्वर्णकार जी की बात में सहमत हूँ :-))
ReplyDeleteहैप्पी होली !
आप को सपरिवार होली की हार्दिक शुभ कामनाएं.
ReplyDeleteराजेन्द्र भाई , मियां तारीफ़ करना तो कोई आप से सीखे । पिघला देते हो यार ।
ReplyDeleteआपके ब्लॉग का कनेक्शन जाने क्यों छूट सा गया है । अभी चेक करते हैं क्या माज़रा है ।
गुप्ता , शर्मा, वर्मा जी को रंगों में नहलाए
ReplyDeleteरसगुल्ले , गुलाबजामुन , गुज्जियाँ खूब उडाए ..
भाई आज तो होली का रंग चढ़ा है सभी पे ... किसी में फ़र्क नज़र नही आ रहा ... गुप्ता, शर्मा और वर्मा जी सभी एक से नज़र आ रहे हैं ... डाक्टर साहब मजेदार रंग छडाए हैं होली के अपने ... दोहे भी लाजवाब हैं ...
आपको और समस्त परिवार को होली की हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएँ ....
रंग-पर्व पर हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteअकड़ रहे थे ये सोचकर हम, जरा भी मजनू से कम नहीं हैं,
ReplyDeleteउतर गया है बुखार सारा, पड़े वो जूते, तेरी गली में।
होली की हार्दिक शुभकामनायें ...
भेद भाव को भूलके , मीठे बोलें बोल
ReplyDeleteअहंकार को त्याग के, रस बरसायें घोल ।
होली का आँखों देखा हाल जबरदस्त रहा. अभी पुलिस में रिपोर्ट हुई तो नहीं.
होली की हार्दिक शुभकामनायें.
इस पड़ोसन के घर के पास,
ReplyDeleteक्या कोई घर खाली मिलेगा,
किराया कितना भी क्यों न हो, चलेगा,
ऊपर वाले ने चाहा तो अगली होली तक,
मर्दों का पूरा ब्लॉगवुड वहीं बसेगा...
जय हिंद...
"आप जेसे रंगीले पतियों का है यही हाल !
ReplyDeleteदूसरे की पत्नी घर लाए; अपनी नोचे बाल !!"...:):):)
भाई आनंद आ गया--होली ने जाते -जाते भी रंग बिखेर ही दिऐ .... डाक्टर साहब !
पूछ ले जमाने से, होली के बहाने से...
ReplyDeleteचलो भई रंगीली पडोसन के पास की खाली मल्टी में फ्लेट्स की बुकिंग भी चालू हो रही है । जरुरतमंद प्राथमिकता के आधार पर अपना नम्बर बुक करवा लें ।
ReplyDeleteहोली पर सभी को रंगारंग शुभकामनाएँ...
.होली पर्व पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ...
ReplyDeleteहोली और हास्य मतलब चोली दामन का साथ. आपको मिलते हैं - पुरे १०१ नंबर. "वाह होली वाह" !!
ReplyDeleteएकदम मनभावन प्रस्तुति ..हर शब्द दिल पर असर कर गया ..जितना सुंदर होली का वातावरण होता है उतना ही सुंदर वर्णन आपने किया है ...आपको सपरिवार होली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteबढिया कमेन्टरी डॊक्टर साहब :)
ReplyDeleteआज तो सारे ब्लाग कुएं में ही भांग पड गई लगती है.:) गजब होलियाना मूड में लिखी है आपने, बहुत शानदार.
ReplyDeleteहोली पर्व की घणी रामराम.
कवियों को किसी अन्य अवसर की तुलना में,होली पर विशेष सम्मान मिलता रहा है। क्यों,समझा जा सकता है!
ReplyDeleteरंग के बहाने पड़ोसन को उड़ा लाये ...और पोस्ट लिखने के लिए सलामत भी बचे हैं ..आश्चर्य !
ReplyDeleteपर्व की बहुत शुभकामनायें !
आपको एवं आपके परिवार को होली की बहुत मुबारकबाद एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteसादर
समीर लाल
http://udantashtari.blogspot.com/
वाह वाह भाई साहब ये हुआ न होली का धमाल और कविता का कमाल। आपकी रचना धांसू है।
ReplyDeleteहोली की शुभकामनाएं।
बेहतरीन , रंग-बिरंगी कविता । होली की शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहमने कहा भाग्यवान , एक अनहोनी हो गई है ।
ReplyDeleteवो बोली पता है जी , शर्मा जी की पत्नी खो गई है ।
पत्नी वियोग में शर्मा जी, बहुत घबराए हैं
१०० नंबर पर रिपोर्ट लिखाने , यहीं आए हैं
मस्त समां बांधा है होली का .
हाँय यह पोस्ट तो बड़ी जबरजंग है। लेकिन मेरा कमेंट कहाँ है ! इसे तो मैने कल ही पढ़ा था । कमेंट भी लिखा था। कुछ गलत लिख दिया सो आपने उड़ा दिया या फिर मैने ही नशे में दूसरा बटन दबा दिया! कुछ भी हो सकता है। जब होली में पत्नी बदल सकती है तो इस ब्लॉग का कमेंट उस ब्लॉग में भी तो जा सकता है। लगता है यहाँ वाला ताऊ में ब्लॉग में भिड़ा दिया।
ReplyDelete..शुभ होली।
aaj ek arse baad hasane kee vajah se stomach ach hai aur jimmedar hai aapkee ye lotpot karne walee rachana ....kaun ye manega ki ye Dr kee lekhini ka kamal hai jee....
ReplyDeletemazaa aagaya jee .
खुशदीप , आपकी तरफ से एक एड हम ही निकाल देते हैं ।
ReplyDeleteदेवेन्द्र जी , होली में तो कुछ भी हो सकता है ।
सरिता जी , होली तो त्यौहार ही हंसने हंसाने का है । चलिए अच्छा हुआ , आप खूब हंसी ।
ऐसी गलती संभव है डा. साहिब...होली तो वैसे रोज खेली जाती है - एक सज्जन अपनी पत्नी को एक रंगारंग कार्यक्रम सुनने एक मैदान में कुर्सी में बिठा छोड़ गए,,,इस बीच बारिश हो गयी तो जब उसको लेने गये तो उसको पहचान नहीं पाए क्यूंकि उसके चेहरे पर उसीके द्वारा मले गए सब रंग, सौन्दर्य प्रसाधन, पानी में घुल मिट चुके थे! ख़ुशी ख़ुशी लौटने वाले ही थे कि पत्नी ने आवाज़ दे कर बुला रंग में भंग मिला दिया :(
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteतो सबसे बढिया होली आपने खेली जी :)
बहुत मजेदार रचना, बधाई
भेद भाव को भूलके , मीठे बोलें बोल
ReplyDeleteअहंकार को त्याग के, रस बरसायें घोल ।
बिलकुल होली के माकूल रचना...आनद आ गया पढ़कर.
भेद भाव को भूलके , मीठे बोलें बोल
ReplyDeleteअहंकार को त्याग के, रस बरसायें घोल ।
होली के तमाम रंगों में यह रंग बहुत ही चोखा है !
बहुत बढिया। मजा आ गया।
ReplyDeleteहोली के पर्व की अशेष मंगल कामनाएं।
धर्म की क्रान्तिकारी व्या ख्याa।
समाज के विकास के लिए स्त्रियों में जागरूकता जरूरी।
ख़ुशी ख़ुशी लौटने वाले ही थे कि पत्नी ने आवाज़ दे कर बुला रंग में भंग मिला दिया--ha ha ha ha !
ReplyDelete