एक और वर्ष बीत गया । अगर सोचें कि गत वर्ष में क्या खोया , क्या पाया तो यही लगता है कि पाया भी बहुत और खोया भी बहुत ।
अब फिर एक नया वर्ष , नई आशाओं के साथ पधार चुका है ।
नए वर्ष में कुछ भी हो , लेकिन क्यों न हम नव वर्ष का स्वागत हंसने हंसाने के साथ करें ।
१)
एक तिज़ोरी पर लिखा था --तोड़ने की ज़रुरत नहीं । बस बटन दबाओ और १५२ प्रेस करो । तिज़ोरी खुल जाएगी । एक चोर ने यह पढ़ा और यही किया । लेकिन यह क्या --१५२ प्रेस करते ही सायरन बज उठा , शोर मचा , पुलिस आई और उसे पकड़ लिया ।
इस पर चोर ने कहा --आज मेरा इंसानियत से भरोसा उठ गया ।
२)
पिता ने बेटे से पूछा --रिजल्ट का क्या हुआ ?
बेटा --पांच सब्जेक्ट में फेल ।
पिता -- आज से मुझे पापा नहीं बोलना ।
बेटा --कम ऑन डैड ! इट वाज नॉट माई डी एन ए टेस्ट ।
३)
बच्चा पैदा होते ही नर्स से --लाईट आ रही है क्या ?
नर्स ---नहीं बच्चा ।
बच्चा --साला फिर यू पी में पैदा हो गया ।
४)
मंदिर के बाहर जूते उतारने और मिस काल करने में क्या समानता है ?
दोनों में यही डर लगा रहता है कि कहीं कोई उठा ना ले ।
५)
सेल्समेन ने द्वार पर दस्तक दी --ठक ठक ।
अन्दर से मालिक ने पूछा --कौन है ?
सेल्समेन : opportunity ।
मालिक : झूठ । opportunity never knocks twice।
आइये संकल्प करें कि कितनी भी मुश्किलें क्यों न आयें , नव वर्ष में हम हँसते रहेंगे , मुस्कराते रहेंगे ।
सभी मित्रों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।
नोट : सारे जोक्स उधार के हैं । लेकिन जल्दी ही स्वरचित भी ।
Saturday, January 1, 2011
नए वर्ष में कुछ भी हो , लेकिन क्यों न हम नव वर्ष का स्वागत हंसने हंसाने के साथ करें--
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वाह वाह ये अन्दाज़ तो बहुत भाया।
ReplyDeleteनव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
मज़ा आगया सर!
ReplyDelete५ वां जोक हंसाने के साथ ही सन्देश परक भी है.
नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ
सादर
यशवन्त
... bahut sundar !
ReplyDeleteनया साल शुभा-शुभ हो, खुशियों से लबा-लब हो
न हो तेरा, न हो मेरा, जो हो वो हम सबका हो !!
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। जोक्स भी स्वरचित? फिर तो इंतजार रहेगा।
ReplyDeleteहाहाहाहाहहाहा इंसानियत से सही में भरोसा उठना मजेदार रहा। ऐसी हरकतें होती रहेंगी तो इंसानियत से तो भरोसा उठना ही है। कम से कम हंसी की तिजोरी तो खुली रहनी चाहिए।
ReplyDeleteएक बच्चा पेपर देने गया। उसे कुछ भी नहीं आ रहा था। उसे परेशान देख टीचर ने कहा -बेटा जो आत है सो लिख दो।
बच्चा दो घड़ी सोचता रहा। फिर उसने उत्तर पुस्तिका पूरी तरह भर दी। अंत में एक डिस्क्लेमर लगा दिया।
"इस उत्तर पुस्तिका में दिए गए सभी उत्तर काल्पनिक हैं और उसका किताब से कोई लेना देना नहीं।"
बड़ा होकर
उसने बहुत
तरक्की की
वो ब्लॉगर हो गया।
नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteपल पल करके दिन बीता दिन दिन करके साल।
नया साल लाए खुशी सबको करे निहाल॥
हा-हा-हा-हा-हा .... डाक्टर साहब, मैं तो प्रिंट आउट लेकर भी ले जा रहा हूँ ....... घर वालों को भी पढ़ाना है ! मिस काल और जूते वाला सबसे अच्छा लगा !
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को मेरी और मेरे परिवार की और से एक सुन्दर, सुखमय और समृद्ध नए साल की हार्दिक शुभकामना ! भगवान् से प्रार्थना है कि नया साल आप सबके लिए अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और शान्ति से परिपूर्ण हो !!
सभी चुटकुले एक से बढ़कर एक हैं।
ReplyDelete....धन्यवाद।
डॉ दाराल ,
ReplyDeleteसभी चुटकुलों ने भरपूर हंसाया।
आभार।
यू पी में पैदा हो गया...
ReplyDeleteहा-हा-हा- बदनाम होंगे तो क्या नाम न होगा.
आप को ओर आप के परिवार को इस नये वर्ष की शुभकामनाऎं
ReplyDeleteजिन से आप यह चुटकले उधार ले कर आये हे ना? वो अकंल अपने चुटकले वापिस मांगने आये हे जी
हाहाहा...वाह मज़ा आ गया.
ReplyDeleteनये वर्ष की असीम-अनन्त शुभकामनाएं.
हाहा...आपको और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये ....
ReplyDeleteचुटकुले अच्छे लगे ...
ReplyDeleteनव वर्ष की बहुत शुभकामनायें !
हा हा हा ! गोदियाल जी , नव वर्ष की शुरुआत हँसते हंसाते हो , तो इससे अच्छी क्या बात है ।
ReplyDeleteभाटिया जी , आने दो । सूद सहित वापस लौटा देंगे । हा हा हा !
रोहित भाई , चलो अच्छा है , कुछ तो बना ।
हँसते रहो ,मुस्कराते रहो तो डाक्टर्स का स्लोगन है ही;आधी बीमारी तो बिना दावा दिए ही ठीक कर देते हैं.आपने वही किया.सब के लिए मंगल कामनाएं .
ReplyDeleteआपको व आपके समस्त परिवार को भी नव-वर्ष मंगलमय,उज्जवल,सुखद एवं उन्नतिकारक हो .
विजय,पूनम एवं यशवंत
हँसते-हँसते साल शुरु हो, हँसते-हँसते दिन बीतें
ReplyDeleteजीवन हँसते हुए ही गुजरे, हँसते-हँसते शाम ढले.
पूर्णतः स्वरचित.
वर्षारम्भ के इस अन्दाज का शुक्रिया...
वाह! वाह! बढ़िया लगा नव-वर्ष २०११ के स्वागत का अंदाज़! कह सकते हैं इंसानियत पर भरोसा अभी पूरा नहीं उठा!
ReplyDelete:) :) ...बहुत बढ़िया अंदाज़ नए साल का
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनाएँ
चुटकुले अच्छे लगे ...
ReplyDeleteनव वर्ष की बहुत शुभकामनायें !
बहुत बदिया मज़ा आ गया पढ़ कर .... मिस कॉल और जूते वाला मज़ेदार था ... नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें !
ReplyDeleteअब भला मुस्कुराएँ क्यों न ,कोई घिसे पिटे जोक्स तो है नहीं ये -बिलुल फडकते हुए से हैं!
ReplyDeleteमुस्कराहट भरी शुभकामनायें !
डा.साहेब ...चोर भी उसूल वाला निकला ...तिजोरी की
ReplyDeleteबातो मे आगया ...सचमुच इंसानियत का जमाना नही
रहा ..|
" धोखा देने वाले को धोखे से ही बस मे किया जा सकता है"
चुटीला अंदाज पसंद आया | नव वर्ष की शुभ कामनाये |
सर्वे भवन्तु सुखिनः । सर्वे सन्तु निरामयाः।
ReplyDeleteसर्वे भद्राणि पश्यन्तु । मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें, और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े .
नव - वर्ष २०११ की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं !
उधार के चुटकी-ले से मुस्कुराते हुए पाश्चात्य नववर्ष की शुभकामनाएँ
ReplyDeleteबहुत खूब। आपको सपरिवार नये साल की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDelete`नोट : सारे जोक्स उधार के हैं । लेकिन जल्दी ही स्वरचित भी ।'
ReplyDeleteयह धमकी देना ठीक नहीं डॊक्टर सा’ब :) नववर्ष की शुभकामनाएं॥
यह देखना दिलचस्प है कि जो चोर घृणा का विषय होते हैं,वे भी चुटकुलों में आकर किस क़दर रस घोलते हैं!
ReplyDelete(नोटःडॉ. साहब,प्रवास में हूं। नववर्ष की विलम्बित शुभकामनाएँ स्वीकर कीजिए)
पांचों उधार के भले ही रहे हों पर मेरे लिए तो एकदम नए निकले. वाह! यू.पी. की भी सही कही बच्चे ने, मैं भी कभी यू.पी. में 12 वोल्ट की कार बैटरी से ही पोर्टेबल टी.वी. देखा करता था. 24 में से कुछ घंटे ही लाइट आती थी जिस दौरान मेरा बैटरी वाला इसे चार्ज किया करता था.
ReplyDeleteजूतों की सुरक्षा का एक तरीका देखा था जब शायद ६० या ७० के दशक में तालकटोरा पार्क में सत्य साईं बाबा को पहली और (शायद) आखिरी बार देखने और सुनने का मौका मिला था...वहाँ पहुँच आश्चर्य हुआ था देख कर कि अधिकतर श्रोता (भक्त) हाथ में झोला लिए आये थे,,,ज़मीन पर गद्दे में बैठने की व्यवस्था थी,,, वे जूते उतार, उन्हें झोले में रख और झोले को अपनी गोद में लिए बैठ जाते थे - बिना चोरी जाने के डर के! जबकि हम जैसे कई जिज्ञासु, जूते पहने ही खड़े, उन्हें कुछ देर सुन, लौट रहे थे!
ReplyDeleteवाह वाह .. डाक्टर साहब मज़ा आ गया ... और आपका कहना भी सच है ,,, कुछ पल को अगर हंस सकें तो जीवन सार्थक हो सकेगा .... आपसे मिलना बहुत अच्छा लगा .... कुछ मीठी कुछ ठंडी यादें संजो ली हैं मैंने तो जेहन में .... .
ReplyDeleteआपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो ...
हा हा हा ! प्रशाद जी , जब इनको झेल लिए तो उनसे क्या डरना !
ReplyDeleteकाजल जी , मुझे भी यू पी वाला ही सबसे मजेदार लगा ।
जे सी जी , शुक्रिया । बातों बातों में बढ़िया कल्यु दे दिया आपने ।
नासवा जी , हमारे लिए भी आपसे मिलना एक सुखद अहसास रहा ।
दराल जी, बहुत सुंदर।
ReplyDeleteआपको भी नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
---------
मिल गया खुशियों का ठिकाना।
महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा के ब्लॉग हिन्दी विश्व पर राजकिशोर के ३१ डिसेंबर के 'एक सार्थक दिन' शीर्षक के एक पोस्ट से ऐसा लगता है कि प्रीति सागर की छीनाल सस्कृति के तहत दलाली का ठेका राजकिशोर ने ही ले लिया है !बहुत ही स्तरहीन , घटिया और बाजारू स्तर की पोस्ट की भाषा देखिए ..."पुरुष और स्त्रियाँ खूब सज-धज कर आए थे- मानो यहां स्वयंवर प्रतियोगिता होने वाली ..."यह किसी अंतरराष्ट्रीय स्तर के विश्वविद्यालय के औपचारिक कार्यक्रम की रिपोर्टिंग ना होकर किसी छीनाल संस्कृति के तहत चलाए जाने वाले कोठे की भाषा लगती है ! क्या राजकिशोर की माँ भी जब सज कर किसी कार्यक्रम में जाती हैं तो किसी स्वयंवर के लिए राजकिशोर का कोई नया बाप खोजने के लिए जाती हैं !
ReplyDeleteप्रीति जी , आप किस सन्दर्भ में क्या बात कह रही हैं , यह समझ नहीं आया ।
ReplyDeleteलिंक दिया होता तो शायद समझ आता ।
हँसते..हंसाते ....नए साल की बहुत ही बढ़िया शुरुआत...
ReplyDeleteआपको नव-वर्ष की अनंत शुभकामनाएं
-साला फिर यू पी में पैदा हो गया ।
ReplyDeleteहा हा हा हा....ही ही ही ही ही...
नीरज
सभी चुटकुले एक से बढ़कर एक हैं।
ReplyDeleteमिस कॉल और जूते वाला और इंसानियत से भरोसा उठ गया मज़ेदार लगे
कुछ और हास्य सामग्री का इंतज़ार कीजिये । आप निराश नहीं होंगे । यह वादा है ।
ReplyDeleteNo matter if some one searches for his vital thing, thus he/she wants to be available that in detail, so that
ReplyDeletething is maintained over here.
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