पिछली पोस्ट में मैंने एक साल पूछा था। बहुत से मित्रों ने सही ज़वाब दिया ।
सबसे पहले इशारा किया संगीता जी ने ।
अरविन्द जी ने भी मज़ाक मज़ाक में अपनी बात कह ही दी ।
फिर रश्मि रविज़ा जी ने सही बताया ।
हरकीरत जी ने भी सही दिशा में इशारा किया ।
चन्द्र सोनी ने आधा सच बोला ।
राजीव तनेजा जी ने रिसर्च ही कर डाली और पता लगा ही लिया ।
समीर जी भी पीछे नहीं रहे और सही ज़वाब दिया ।
लेकिन पूर्ण रूप से सही ज़वाब का इंतज़ार पूरा नहीं हो पाया ।
लीजिये हम ही बता देते हैं ।
दरअसल क्रिकेट एक इन्सेक्ट यानि कीट का नाम है जो कम्बोडिया में बहुतायत में पाया जाता है । वहां इसको खाने का चलन है क्योंकि इसे हाई प्रोटीन डाईट माना जाता है । यानि इसमें प्रोटीन की मात्रा काफी होती है ।
एंजेलिना जोली का बेटा मेडोक्स मूल रूप से कम्बोडिया का है । इसलिए वह उसको वहां लेकर गई और उसे वहां के रीति रिवाज़ अनुसार क्रिकेट खाने का अनुभव कराया ।
एक मां का बेटे के प्रति कर्तव्य निभाने का यह अनोखा उदाहरण है ।
अब एक खुशखबरी :
२३ अक्तूबर को ही हमें पदोन्नति मिली । अब हम सुपर टाइम एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड ऑफिसर (SAG) बन गए हैं ।
ज़ाहिर है अब काम की जिम्मेदारी भी बढ़ेगी ।
लेकिन मेरा मानना है कि इंसान को जिम्मेदार होने के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं होती ।
जिम्मेदारी न सिर्फ अपने काम के प्रति , बल्कि घर , समाज और देश के प्रति भी होती है ।
कामना है कि सब अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए कार्य करते रहें ।
ब्लोगर्स भी ।
Wednesday, October 27, 2010
इंसान को जिम्मेदार होने के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं होती ।
Labels:
क्रिकेट,
जिम्मेदारी,
पदोन्नति
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
आपको प्रमोशन पर बधाई....बाकि आपने सही कहा....जिम्मेदार होने के लिए किसी पद की जरूरत नही होती! बधाई !!!
ReplyDeleteआपके प्रमोशन पे बहुत बहुत बढ़ाई , और आगे तरकी करते रहे इन दुआ के साथ.
ReplyDeleteसर्वप्रथम आपको बधाई। लेकिन जिम्मेदार होने के लिए पद की आवश्यकता भी रहती है। जब तक आप निर्णय लेने के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते तब तक आप की जिम्मेदारी लाख सर पटक ले आप काम ही नहीं कर सकते। आप अब देश हित में कार्य करेंगे, ऐसी शुभकामनाएं।
ReplyDeleteसबसे पहले तो सुपर टाइम एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड ऑफिसर (SAG) के लिए आपको बधाई .. जिम्मेदार तो बिना पद के भी लोग हो सकते हैं .. पर पदवालों को जिम्मेदार होना अधिक आवश्यक है !!
ReplyDeleteपदोन्नति पर बधाई, सर!!
ReplyDeleteअजित जी नें सही कहा, जिम्मेदारियां पद से जुडी हुई ही है।
शुभेच्छा!!!
अजित जी , यह सच है कि पद के साथ जिम्मेदारी बढ़ जाती है । लेकिन जिम्मेदार तो सब को होना चाहिए ।
ReplyDeleteअस्पताल में एक नर्सिंग ऑर्डरली की भी गैर जिम्मेदाराना हरकत मरीज़ के लिए घातक सिद्ध हो सकती है ।
पदोन्नति पर बहुत बहुत बधाई। आते हैं मिठाई खाने। अजित जी ने बिलकुल सही बात कही है कई बार हम चाह कर भी कुछ नही कर पाते अगर उस पद के अधिकार हमारे पास न हों जहाँ कोई फैसलालेना हो। शुभकामनायें।
ReplyDeleteडा. साहिब, पदोन्नति पर बहुत बहुत बधाई! भविष्य में भी ऐसे फलने-फूलने की शुभेच्छा!
ReplyDeleteकिसी ने विश्लेषण कर पाया कि मानव समाज में तीन तरह के व्यक्ति आपको हर पद पर कहीं भी और कहीं भी मिल जायेंगे: #१ जो अपना निर्धारित कार्य तन, मन, धन से करते पाए जायेंगे (worker); #२ काम-चोर (shirker), और # ३ जो स्वयं काम नहीं करते किन्तु अपने नीचे काम करने वालों से काम निकाल लेते हैं (और उसका श्रेय उन्हें मिलता है) (exploiter)...
सही कहा जे सी जी । आजकल उच्च पदों पर तीसरे तरह के लोग ज्यादा देखने को मिलते हैं ।
ReplyDeleteपदोन्नति के लिए हार्दिक शुभकामनायें डॉ दराल !
ReplyDeleteमजेदार उत्तर। ...आता तो न बताते।
ReplyDelete...पदोन्नति के लिए बहुत-बहुत बधाई।
पदोन्नति की बहु बहुत बधाई जी, आप की इस बात से सहमत हे जी...इंसान को जिम्मेदार होने के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं होती , धन्यवाद
ReplyDelete.
ReplyDeleteMy heartiest congratulations !
.
डॉ दराल जी, पदोन्नति पर आपको बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeleteपदोन्नति पर बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबधाई बन्धु,बस ब्लागिंग मत छोड़ियेगा !
ReplyDeleteपदोन्नति के लिए बहुत-बहित बधाई ...
ReplyDeleteआपको बहुत बहुत बधाई...... आपकी कही यह बात बहुत अच्छी लगी..." इंसान को जिम्मेदार होने के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं होती । "
ReplyDeleteएक डॉक्टर जिसके अंदर मानवता कूट कूट कर भरी है,
ReplyDeleteजिसका दिल दूसरे के दर्द के लिए धड़कता है,
जो अपनी फुलझड़ियों से मुरझाए चेहरों पर भी मुस्कान ला सकता है,
उस डॉक्टर को सफलता के सबसे ऊंचे शिखर तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता...सरकारी लालफीताशाही भी नहीं...
बहुत बहुत बधाई....वो टीचर जी आपकी वेट कर रहे हैं...क्या कहा, समीर जी का इंतज़ार हो रहा है....
जय हिंद...
डा. साहिब, २४ घंटे के एक दिन के 'फैक्टरी एक्ट' के अनुसार ८ घंटे शारीरिक कार्य के लिए और आप लोगों के अनुसार ८ घंटे सोने के लिए सही निर्धारित किया जाना आदि, तीन की संख्या का मानव जीवन और उसकी दिनचर्या में भी पाये जाने ने ही शायद योगियों का ध्यान ध्वनि ऊर्जा के सांकेतिक स्वरुप 'ॐ' और भौतिक स्वरूप में 'त्रेयम्बकेश्वर', ब्रह्मा-विष्णु-महेश, की ओर खींचा होगा,,,यानि # १ पृथ्वी से बाहर स्थित चार मुंह वाले ब्रह्मा, अथवा सूर्य, 'अग्नि' अथवा शक्ति का मुख्य बाहरी स्रोत, जो पृथ्वी की चारों दिशाओं का नित्य प्रति और एक वर्ष में भ्रमण कर उसे प्रकाशित करता है और दिनचर्या में खर्च होने वाली शक्ति प्रदान करता है; # २ पृथ्वी का केंद्र, जहां शक्ति यानि 'अग्नि' पिघली चट्टानों के रूप में उपस्थित है, किन्तु केन्द्रित शक्ति स्वयं केवल पृथ्वी को सम्हाले रखने का ही काम निरंतर करती है (तथाकथित 'शेषनाग' समान); और # ३ साकार, अति सुंदर, पृथ्वी, जो अपनी उत्तर-दक्षिणी ध्रुव पर निरंतर घूमती रहती है...
ReplyDeleteवैसे भी कोई बड़ा प्रोजेक्ट (छोटा भी) तीन भाग में बंटा देखा जा सकता है: # १ प्लैनिंग (P) यानि मस्तिष्क में सोचे गए कार्यक्रम का निर्धारण; # २ इम्प्लीमेंटेशन (I) यानि चयनित स्थान पर निर्धारित प्लान के अनुसार निर्माण किया जाना; # ३ इवैलुएशन (E) यानि कार्य प्लान के अनुसार प्रगति कर रहा है या नहीं जानने के लिए बीच-बीच में मूल्यांकन, और तदनुसार आवश्यक परिवर्तन का सुझाव आदि...
इंसान को जिम्मेदार होने के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं होती ।
ReplyDeleteekdam sahi kaha hai aapne.
पदोन्नति की बहुत-बहुत बधाई और ढेरो शुभ-कामनाये डा० सहाब ! पिछले एक हफ़्ते से अजनवी वाय्ररल से ग्र्स्त होने की वजह से इधर ब्लोग जगत से दूर ही हू !
ReplyDeleteपदोन्नति पर आपको हार्दिक बधाई ...सबको ही अपनी ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए ...लेकिन ऐसा सब करते नहीं हैं ...हाँ पदों पर ज़िम्मेदारी समझने वाले लोंग हों तो कुछ बदलाव आ सकता है ...
ReplyDeleteसूपर बधाई डॊ. सा’ब:)
ReplyDeleteआप सभी मित्रों का हार्दिक आभार ।
ReplyDeleteगोदियाल जी , आजकल चिकनगुनिया नाम का वाइरल बुखार चल रहा है । जल्दी ही ठीक हो जायेंगे ।
मैं नहीं चाहता कि मेरे पास कोई ज़िम्मेदारी हो। मुझे सिर्फ पद चाहिए। ऐसा पद,जिससे मैं दूसरों की ज़िम्मेदारी तय कर सकूँ।
ReplyDeleteइसमें शक नहीं कि हर स्तर पर ऐसे कुछ लोग मिल जाएंगे जिन्होंने बगैर कुछ पाए ही,बहुत कुछ दिया है। मगर इसमें भी संदेह नहीं कि अगर आपको गलत के लिए फटकार मिलती है,तो सही के लिए शाबाशी मिलनी चाहिए। गदहों से अलग न रखने से घोड़ों का मनोबल घटता है जिससे कई स्वास्थ्यगत समस्याएं भी पैदा होती हैं और अंततः उसका प्रभाव व्यक्ति की सोच और कार्यक्षमता पर पड़ता ही है।
ReplyDeleteडा. साहिब, श्री गोदियाल जी के स्वस्थ्य में तुरंत सुधार हेतु प्रार्थना करते हुए में कहना चाहूँगा कि हमारे जान-पहचान वालों में कुछेक के बारे में हाल में सुना कि उनका पहले टाईफौइड समझ इलाज किया गया,,,किन्तु बाद में पता चला चिकनगुनिया था,,, जिसके कारण (विशेषकर एक में अर्थराइटिस आरंभ हो कर अत्यंत शारीरिक कष्ट के अतिरिक्त) इलाज भी लम्बा खिंच गया है...
ReplyDeleteजे सी जी , टॉयफोय्ड समझ कर इलाज़ किया गया , यह गलत था । लेकिन इलाज की वज़ह से arthritis हो गई हो , ऐसा नहीं है । चिकनगुनिया बुखार में जोड़ों का दर्द बहुत होता है जो महीनों या सालों तक भी चल सकता है । लेकिन आम तौर पर यह बुखार ७-१० दिन में ठीक हो जाता है , बिना किसी परेशानी के ।
ReplyDeleteराधा रमण जी , सही काम के लिए शाबाशी तो मिलनी चाहिए । लेकिन इन्सान वही होता है जो अपने काम को अपना फ़र्ज़ समझ कर करता रहे । अच्छा काम करने पर पहचान कभी न कभी तो बनेगी , यह निश्चित है ।
ReplyDeleteडा .सा :,
ReplyDeleteबहुत -बहुत बधाई प्रमोशन के लिए .आगे भी और तरक्की के सोपान आप चढ़ें ऐसी हमारी मनोकामना है .
आपका यह कहना कि, जिम्मेदारी के लिए किसी पद की आवशकता नहीं है ,बिलकुल सही है .महात्मा गांधी और जय प्रकाश नारायण किसी पद पर न होते हुए भी ,पद वालों के पथ -प्रदर्शक थे .
आपका नया पद मरीजों के लिए फायदेमंद रहेगा -ऐसी मेरी सोच है .
डा. साहिब, किसी वैज्ञानिक ने कहा कि प्राणियों में केवल मानव ही ऐसा जीव है जिसे जितनी भी सुविधा प्रदान की जाए वो निर्धारित कार्य को छोड़ अन्य सभी कार्य करेगा!
ReplyDeleteपदोन्नति के लिए हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteपदोन्नति के लिए बधाई।
ReplyDeleteपदोन्नति पर बहुत बहुत बधाई I
ReplyDeleteजानकारी आपने बधाई इसके लिए तो शुक्रिया है ही साथ ही साथ तहे दिल से बधाई जो आपको इतनी ज़िम्मेदारी भरी और उँची पद मिली...बस दुआ है निरंतर ऐसे ही सफलता के उँचाइयों को छूते रहें..प्रणाम डॉ. साहब
ReplyDeleteबधाई हो ,बहुत खुशी हुई ।
ReplyDeletedral saheb
ReplyDeletejimmedari hi kamyabi ki manjil hai jise aap bhut nishtha ke sath nibh rhe hai . bhut bhut bdhai our bhut bhut shubhkamnaye .
दराल जी, जिम्मेदारी संसार का सबसे बडा पद है।
ReplyDeleteवैसे प्रमोशन की बधाई स्वीकारें।
---------
सुनामी: प्रलय का दूसरा नाम।
चमत्कार दिखाऍं, एक लाख का इनाम पाऍं।
धन्यवाद विजय माथुर जी , कविता जी , उन्मुक्त जी , सरिता जी , विनोद , अजय कुमार जी , राजवंत जी और जाकिर अली जी । आप सबका बहुत बहुत आभार ।
ReplyDeleteheartly congrats.
ReplyDeletethanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
इंसान को जिम्मेदार होने के लिए किसी पद की आवश्यकता नहीं होती ...
ReplyDeleteआपकी इस बात से इत्तेफाक रखते हुवे .... आपको बधाई ... बहुत बहुत बधाई ....
२३ अक्तूबर को ही हमें पदोन्नति मिली । अब हम सुपर टाइम एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड ऑफिसर (SAG) बन गए हैं ।...
ReplyDeleteओये होए ......!!
बधाइयां जी बधाइयां.....!!
चलिए आज तो आपके नाम से कुछ मीठा बना ही लेते हैं .....
जी शुक्रिया ।
ReplyDelete