काफी समय से गंभीर विषयों पर चर्चा चल रही थी । आज थोडा हल्का फुल्का लिखने का मूढ़ है ।
कभी कभी अख़बारों में भी अज़ीबो ग़रीब ख़बरें पढने को मिलती हैं । जिन्हें पढ़कर सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि ऐसा भी होता है ! पेश हैं पिछले दो सालों में पढ़ी कुछ दिलचस्प ख़बरें , चटपटे अंदाज़ में ।
१)
धैर्य और विश्वास :
फ़्रांस में एक प्रेमी प्रेमिका ने पचास साल तक प्रेम में एक दूसरे को परखने के बाद शादी की । उस समय दुल्हे की उम्र १०४ और दुल्हन की उम्र ९७ साल थी ।
२)
सहनशीलता :
दिल्ली में एक दंपत्ति ने पचास साल की शादीशुदा जिंदगी काटने के बाद तलाक का निर्णय लिया । और मिल भी गया ।
३)
मेहनत और लगन :
दिल्ली में ही एक विवाहित दंपत्ति पचास साल तक तलाक का केस लड़ते रहे । अंत में उन्हें कामयाबी मिल ही गई ।
४)
पेरिस :
पेरिस में पेरिस ने पेरिस से नाता तोड़ा। (यहाँ एक पेरिस हिल्टन और दूसरा उसका ब्वाय फ्रेंड पेरिस था)
५)
क्रिकेट :
हॉलीवुड ऐक्ट्रेस एंजेलिना जोली ने अपने गोद लिए हुए बेटे --मेडोक्स को कम्बोडिया ले जाकर क्रिकेट खिलाया ।
अब आपके लिए एक सवाल : क्यों खिलाया ?
कम्बोडिया में कब से क्रिकेट खेला जाने लगा है ?
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जनाब खबरे तो सारी धांसू जी मस्त,धन्यवाद
ReplyDeleteवहां क्रिकेट खाया जाता होगा !!
ReplyDeleteपहला और दूसरा जोरदार लगे वाह ....आभार
ReplyDelete... अजब-गजब खबरें !!!
ReplyDeleteएक से बढ़कर एक खबर लाए हो डॉं. साहिब ....
ReplyDeleteखबरों का चुनाव दिलचस्प है...डा0 साहब, इरादा तो नेक है !हा..हा..हा..
ReplyDeleteखाया और खिलाया कहते तो समझ भी लेते .....वैसे भी वे खूब खाई पीई हैं !
ReplyDeleteवाकई दिलचस्प है ।
ReplyDeleteपाण्डे जी , अरविन्द जी --सवाल का ज़वाब चाहिए । टालिए मत ।
ReplyDeleteइस दुनिया मे क्या क्या नही होता? सब कुछ सम्भव है जी। धन्यवाद।
ReplyDeletemajedar hai
ReplyDeleteरोचक, मजेदार।
ReplyDeleteमजेदार खबरे कहाँ से लाये डाक्टर साहेब
ReplyDeleteब्लॉगजगत में हाल ही में विज्ञान समाचार की पहल की गई है। रोचक समाचारों का भी एक बुलेटिन लोकप्रिय हो सकता है।
ReplyDeleteभाई साहब फ़िल्मों का तो शौक है ही नहीं इसलिए आपके सवाल का जवाब दे नहीं सकूंगा।
ReplyDeleteपोस्ट उम्दा है।
आभार
आज तो नया अंदाज़ रहा ..
ReplyDeleteओह!!...आपका मतलब है..क्रिकेट (झींगुर ) खिलाया...?? वैसे कोई अनहोनी नहीं, कई जगह वह एक ड़ेलिकेसी मानी जाती है.
ReplyDeleteदो दिन में फिर नई पोस्ट .....????
ReplyDeleteये कम्बोडिया में झींगुर ज्यादा होते हैं क्या ....?
डॉक्टर साहब आप पत्रकार कबसे बन गए हैं??
ReplyDeleteना जाने कहाँ-कहाँ से ऐसी मस्त-मस्त, अनोखी-अनोखी ख़बरें ले लाये हैं??
आप तो खालिस पत्रकार लग रहे हैं.
आपके सवाल का जवाब =
असल में, कम्बोडिया में क्रिकेट खेल नहीं खाए जाने वाला एक व्यंजन हैं. जिसे मैडम ने अपने दत्तक पुत्र को खिलाया. अब ये नॉन-वेज व्यंजन हैं या वेज, ये मुझे नहीं मालूम.
बहुत अच्छी और हल्की-फुल्की पोस्ट के लिए आभार.
धन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
बढ़िया खबरें...
ReplyDeleteकम्बोडिया में 'क्रिकेट' एक खास तरह का व्यंजन है जिसमें झींगुरों को या फिर काक्रोचों को पका कर खाया जाता है
ये लिंक देखें
http://www.google.co.in/images?hl=en&q=combodia%20cricket&rlz=1B3GGLL_enIN397IN397&um=1&ie=UTF-8&source=og&sa=N&tab=wi&biw=1024&bih=492
पहली तीन खबरों में कुछ तो राहत देती हैं. :)
ReplyDeleteकम्बोडिया में क्रिकेट एक डिश है जो insects से बनाई जाती है.
Crickets are a delicacy, served up deep-fried, crunchy and seasoned.
हॉलीवुड ऐक्ट्रेस एंजेलिना जोली ने अपने गोद लिए हुए बेटे मेडोक्स को कम्बोडिया ले जाकर यही क्रिकेट खिलाया.
सभी खबरे कमाल की हैं....
ReplyDeleteवाकई दिलचस्प डॉ, साहब...ऐसी खबर इत्तिफाक से बनती है पर सुर्खियाँ बन जाती बन...हम तक पहुँचाने के लिए बहुत बहुत आभार...वैसे भी गंभीर दौर में ऐसी क्षणिकाएँ आनंद देने वाली है..कम शब्दों में बढ़िया बात..जानकारी उपर से.....बढ़िया है ...शुक्रिया जी
ReplyDeleteसुनील कुमार जी , हमने तो ये ख़बरें अख़बारों में पढ़ी थी ।
ReplyDeleteलेकिन नेट का कमाल देखिये कि सब कुछ यहाँ उलब्ध है ।
सबसे पहले इशारा किया संगीता जी ने ।
अरविन्द जी ने भी मज़ाक मज़ाक में अपनी बात कह ही दी ।
फिर रश्मि रविज़ा जी ने सही बताया ।
हरकीरत जी ने भी सही दिशा में इशारा किया ।
चन्द्र सोनी ने आधा सच बोला ।
राजीव तनेजा जी ने रिसर्च ही कर डाली और पता लगा ही लिया ।
समीर जी भी पीछे नहीं रहे और सही ज़वाब दिया ।
लेकिन पूर्ण रूप से सही ज़वाब का अभी इंतज़ार है ।
डॉक्टर साहब,
ReplyDeleteहम बेचारे गरीब पत्रकारों का भी कुछ ख्याल कर लीजिए...इतनी बढ़िया खबरें आप देना शुरू कर देंगे तो हमें कौन घास डालेगा...
जय हिंद...
खुशदीप भाई , अभी अभी आपकी ही ख़बरें पढ़कर आ रहा हूँ ।
ReplyDeleteअब आप लोग जो बताते दिखाते हो , हम तो उसी पर विश्वास कर लेते हैं । :)
वाह मजा आ गया, अब तो रोज खबरें लिखिये
ReplyDeleteपचास साल साथ रहने के बाद तलाक़. अजब गजब दुनिया है
ReplyDeleteऐसा भी होता है…………आखिर इसी का नाम दुनिया है।
ReplyDeleteडा साहिब, कम्बोडिया में क्रिकेट का खेल इन्टरनेट में खेला जाता है :)
ReplyDeleteजहां तक कीड़े-मकोड़े खाने का प्रश्न है, अपने उत्तर-पूर्वी प्रदेश नागालैंड में मुझे पता है कुत्ते का मांस तो खाया जाता है ही, मुझे एक मित्र ने बताया कैसे वहां कोहिमा में एक शाम उसे लाइट में आने वाले कीड़े चाय के साथ तल के परोसे गए उसके बॉस द्वारा :)
इन नकली उस्ताद जी से पूछा जाये कि ये कौन बडा साहित्य लिखे बैठे हैं जो लोगों को नंबर बांटते फ़िर रहे हैं? अगर इतने ही बडे गुणी मास्टर हैं तो सामने आकर मूल्यांकन करें।
ReplyDeleteस्वयं इनके ब्लाग पर कैसा साहित्य लिखा है? यही इनके गुणी होने की पहचान है। अब यही लोग छदम आवरण ओढे हुये लोग हिंदी की सेवा करेंगे?
Ho sakta hai kisi medical advice per hi vah dish khilay a ho aap hi behtar javab bata payenge.
ReplyDeleteSamacharon ka sanklan samyak aur suvyvasthit hai.
..........मज़ा आ गया
ReplyDeleteमतलब ... इस उम्र में भी तलाक़ और विवाह हो जाता है .... खबर तो बहुत काम की है ....
ReplyDeleteटिप्पणियों में झींगुर की बात सच लग रही है ....
वाह ...वाह ...
ReplyDeleteवाह मजा आ गया हमने तो टिपण्णी पढ़कर जान लिया की झींगुर की बात होगी. वैसे कुमार राधा रमण जी की बात में दम है
ReplyDeleteनासवा जी , ज़ाहिर है दुनिया में असंभव कुछ भी नहीं ।
ReplyDeleteरचना जी , आइडिया तो अच्छा है । कोशिश करते हैं ।
Interesting news.
ReplyDeleteक्या ख़ूब ख़बरें बटोर लाये हैं...जनाब!
ReplyDeleteडा. साहिब, ऐसा प्रतीत होता है कि विवाह अथवा तालाक से सम्बंधित समाचारों के चयन में आप की नज़र ने पचास की संख्या पर विशेष ध्यान दिया है,,,पेरिस से 'गया' की याद आई जिसका हिंदी से अनुवाद अंग्रेजी में करने को हमें कक्षा ९ में परीक्षा में हमारे टीचर द्वारा कहा गया "गया गया गया, गया!"... और खेल समाचार मीडिया में भी अधिकतर अंत में ही क्यूँ दिए जाते हैं? क्या इसे प्राकृतिक कहा जा सकता है?
ReplyDeleteखूब चुन चुन कर ख़बरें लगायी हैं ....
ReplyDelete50 साल बाद इन खबरो का मज़ा और बढ जायेगा ।
ReplyDeleteडॉ.साहब,पिछले कुछ दिनों से आपके प्रोफाइल वाले पेज से चित्रकथा ब्लॉग पर क्लिक करने से कई बार याहू का पेज खुल जाता है जिस पर लिखा आता है कि जो पेज आप ढूंढ रहे हैं,वह मौजूद नहीं है। कृपया देखें कि यह क्या माजरा है।
ReplyDeleteराधारमण जी , यह समस्या दूसरे ब्लोग्स पर भी नज़र आती है । शायद नेटवर्क की वज़ह से ही है । अभी तो ठीक खुल रहा है ।
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