१)
महिला डॉक्टर से : डॉक्टर साहब , मेरे पति सारी रात नींद में बडबडाते हैं । कोई दवा दीजिये ।
डॉक्टर : ये दवा दे रहा हूँ । रोज सुबह पानी के साथ लेनी है । आपके पति बडबडाना बंद कर देंगे ।
महिला : नहीं डॉक्टर , ऐसी दवा दीजिये कि ये साफ बोलना शुरू कर दें । पता तो चले कि ये नींद में किसका नाम लेते हैं ।
डॉक्टर : ये दवा आपके पति के लिए नहीं , आपके लिए है ।
2)
आदमी डॉक्टर से : डॉक्टर साहब मेरी पत्नी सारी रात नींद में शेरनी की तरह गरजते हुए खर्राटे मारती है । इसका कोई इलाज है ?
डॉक्टर : इन्हें दिन में गरजने का अवसर दीजिये , खर्राटे अपने आप बंद हो जायेंगे ।
3)
डॉक्टर (चार बच्चों की माँ ) रोगी से : आपकी उम्र कितनी है ?
4)
महिला : जी २० साल .
डॉक्टर : कितने साल से ?
पनघट की पनिहारियाँ याद आती हैं
सुबह जब पत्नी फ़रमान सुनाती है --
अज़ी चला जायेगा , पीने का पानी भर लीजिये ।
5 )
और अब एक सवाल : यदि कामवाली बाई एक दिन ना आए तो सबसे ज्यादा परेशानी घर में किस को होती है । और क्यों ?
वाह डॉ साहब क्या बात है...मजेदार उपचार है
ReplyDeleteहा हा ... डाक्टर साहब मज़ा आ गया ...
ReplyDeleteअभी तक ये सोच रहा हूँ किसको परीशानी होगी ... :)
badhiya...
ReplyDeleteसर......................
ReplyDeleteये सवाल बेफिजूल है..............अभी ढेरों उत्तर आयेंगे आपके पास कि- "शामत पति की आएगी अगर बाई ना आये" मगर सच नहीं है,,,,,,ईमानदारी से कहिये?????
पुरुष सिर्फ चुटकुलों में ही घर का काम करते है........दिन भर बीवी की गुलामी करते हैं..........और बीवी की सुनते हैं..........
दरअसल औरतें सब काम करतीं हैं बस लतीफे नहीं बनाती.....
:-)
सादर.
-मेरा ये कमेंट बस स्पाम में ना जाये प्रभु.
हा हा हा ! अनु जी , इसका ज़वाब इतना आसान भी नहीं है । नासवा जी को देखिये, अभी तक सोच में पड़े हैं । :)
Deleteयह भी सही तरीका है उपचार का ....! लेकिन इस तरीके कोई सोच समझ कर अपनाए तो ....!
ReplyDeleteकामवाली न आए तो सबसे ज्यादा तकलीफ घर की मालकिन को होती है .... :)
ReplyDeleteजी , घर में पूछकर तो देखिये ! :)
Deleteअगर काम वाली एक दिन भी ना आये तो सबसे ज्यादा परेशानी पति को होगी :)
ReplyDeleteअब ये ना पूछियेगा क्यों भला :)
अली जी , यह तो सब को पता है । लेकिन असली सवाल तो यही है कि क्यों ! :)
Deleteसबसे ज्यादा परेशानी 'ग्रहण' देवता को होती है दराल साहब।
ReplyDeleteबढ़िया पोस्ट .....परेशानी पति को ही होती है ......मैडम का मिज़ाज जो झेलना पड़ता है ......!!और अगर मैडम का मूड ख़राब हो तो मिर्ची वाला खाना खाना पड़ता है ....पानी पी पी कर .....!!!!... :)
ReplyDeleteहा हा हा ! सही कहा जी ।
Deleteकामवाली अगर सुन्दर हो और अनुपस्थित हो तो घरवाले का मूड उखड़ जाता है और उसके हिस्से का कुछ काम भी करना पड़ता है :-)
ReplyDeleteयानि दोहरी मार पड़ती है । :)
Deleteबिलकुल सही जा रहे हो डॉक्टर साहब :-)
DeleteBAAI KI PARESHANI KAUN SAMJHEGA ?
ReplyDeleteKKISI ROZ N AA PAYE TO WH KYA FEEL KARTI HAI AUR KYON ?
http://hbfint.blogspot.in/2012/04/38-human-nature.html
यह तो एक अलग पोस्ट का मसाला मिल गया । :)
Deleteमस्त है आजकी पोस्ट ...
ReplyDeleteआभार आपका !
आपने ब्लॉग्गिंग के तापमान को कम करने का इलाज़ भी ढूँढ निकाला. और लोगों को व्यस्त रखने के लिये सवाल भी छोड दिया फिर सवाल भी ऐसा कि पहले मुर्गी आई थी या अंडा. मान गए...
ReplyDeleteदूसरा वाला सबसे सटीक :).अगर यह कमेन्ट छाप जाये तो..
ReplyDeleteसबसे ज्यादा परेशानी पति को होगी कारण भी वही जनता है :)
ReplyDeleteकाम वाली बाई (मेड) मैडम को बिना बताए एक हफ्ता छुट्टी मारने के बाद आई...मैडम ने पूछा कि क्या ये हरकत सही थी...इस पर मेड ने कहा...क्या मेमसाब...मैं तो समझी आप जानती होंगी..मैंने तो अपना फेसबुक स्टेटस अपडेट किया था- आई एम ऑफ फॉर वैकेशन...और साहब ने उस पर कमेंट भी किया था...मिस यू, कम बैक सून...
ReplyDeleteजय हिंद...
:-):-)
Deleteबढ़िया लतीफे .... :):) सही जवाब पर आपने अपनी सहमति जता ही दी है तो अब क्यों दिमाग खपाएँ ....
ReplyDeleteसंगीता जी , यानि आप भी सहमत हैं !
Deleteवैसे परमजीत बाली जी की बात पर भी गौर किया जाये . :)
बहुत बढिया है सभी लतीफे;)
ReplyDeleteकाम वाली के ना आने पर पत्नी को ज्यादा तल्कलीफ होती हैं क्यों कि किस घर में कया उठा पटक चल रही है इस की कोई खबर नही मिल पाती....;)))
हमको तो इसका अनुभव ही नहीं है !
ReplyDeleteतनाव हल्का करने में मददगार हैं ये चुटकुले !
पनघट की पनिहारियाँ याद आती हैं
ReplyDeleteसुबह जब पत्नी फ़रमान सुनाती है --
अज़ी चला जायेगा , पीने का पानी भर लीजिये ।
शब्द कुछ चिरपरिचित लगे :) :)
हा हा हा ! घर घर की ही कहानी है गोदियाल जी .
Delete(उप) चार तक की बात तो टाइटल में थी, यह पाँचवाँ (सवाल) कहाँ से आ गया?
ReplyDeleteयह चौथे से सम्बंधित है :)
Deleteडॉक्टर (चार बच्चों की माँ ) रोगी से : आपकी उम्र कितनी है ?
ReplyDeleteमहिला : जी २० साल .
डॉक्टर : कितने साल से ?
हा...हा....हा.....
२० के बाद कहाँ अटकती है ......?
सही पहचाना हरकीरत जी .
Deleteअन्य मित्र तो कामवाली में ही उलझे हैं :)
जाके पैर न फटी बिवाई ,वो क्या जाने पीर पराई .परेशानी ब्लोगर को ही होगी मैड के सामने बीवी पति को साहब कहने लगती है ,साहब को दो ,साहब से पूछो ,मैड के अनुपस्थित रहने पर ये अवसर खत्म हो जातें है .पति भी कहता है मैं साहब बतायेंगी मैड के कुछ भी पूछने पर .मैड की अनुपस्थिति सब को ना गंवार गुज़रती है अलग अलग कारणों से .मामला काफी पेचीला है .मैड के बिना कहीं कहीं तो चूल्हा भी नहीं जलता .
ReplyDeleteसभी चिठ्ठा भाइयों को प्रणाम .
राम राम भाई !
बेहतरीन चुटकला थिरेपी .
ReplyDeleteबेहतरीन चुटकला थिरेपी .
ReplyDeleteबेहतरीन चुटकला थिरेपी .
ReplyDeleteमामला काफी पेचीला है ...#
ReplyDeleteबढ़िया लतीफे .... :)
बरबस मुस्कान खिंच आयी सुबह सुबह -डाक्टर साहब आप महान हैं!
ReplyDeleteकितनी भोली हैं न भारतीय गृहिणियां देखिये न सब अपने पतियों पर कितना आँख मूँद कर विश्वास करती हैं -कोई पति के बारे में ऐसा वैसा सोच भी नहीं सकतीं ....सल्यूट देम :)
ReplyDeleteसर जी आपकी पोस्ट पढकर मज़ा आ गया ..कभी समय मिले तो हमारे ब्लॉग पर भी आये ...धन्यवाद
ReplyDeleteकईयों के पास तो चर्चे ही मैड के होतें हैं .आधुनिक जीवन में (भारतीय सन्दर्भ )मैड एक अप्रतिम स्थान banaaye हुए है .उसकी उपस्तिथि तो मुखरित होती ही है अनुपस्तिथि भी मुखर होती है किसी के चेहरे पर उदासी बन किसी के मातम .बर्तन भांडे अपने अस्तित्व को कोसते रहतें हैं .आज मैड क्यों नहीं आई .
ReplyDeleteएक बर्तन दूसरे से बोला -
"मैड भी आदमी है हफ्ते में एक छुट्टी तो उसे भी चाहिए ,मैम साहब तो उसे रोबोट समझे हैं . "
ज़वाब मिला .
आजकल तो ये हाल है कि एक तरफ सारी खुदाई , एक तरफ कामवाली बाई ।
Deleteअब देखिये न दिल्ली का एक डॉक्टर couple हवालात की हवा खा आया , मेड के चक्कर में ।
उधर विलायत में तो एक एन आर आई को मिलियंस देने पड़े बाई को ।
भई आपके सवाल का मेरे से कोई मतलब नहीं है सो सीधे जवाब नहीं दे रहा....मगर कान खुले रहते हैं कई बार सो इतना जानता हूं कि मेड के न आने या देर से आने पर आसपास की अधिकतर मोहतरमाएं मेड बिना लाउडस्पीकर के सारे मोहल्ले को बता देती हैं मेड नहीं आई है..सब जानती हैं कि नहीं आई है फिऱ भी पूछती हैं एकदूसरे से की आई की नहीं आई....
ReplyDeleteबाकी ये समझ आ गया कि पति लोग रात में खर्राटे क्यों भरते हैं या क्यों बड़बड़ाते हैं.....हाहाहाहा..... वैसे फूलों की सैर के चक्कर में दिल्ली घूम डाली.पर फूलों के गुच्छों से मुलाकात नहीं हो पाई
हां वो भूत जो श्रीमती जी की पक़ड़ में आया था वो वाली फोटू कहां गई..
ReplyDeleteभूत क्यों देखना चाहते हो भाई ! :)
Deleteपनघट की पनिहारियाँ याद आती हैं
ReplyDeleteसुबह जब पत्नी फ़रमान सुनाती है --
अज़ी चला जायेगा , पीने का पानी भर लीजिये ।
वाह डाक्टर साहब मजा आ गया .........व्यस्तम जीवन में आप हास्य ढूढ़ लेते हैं ....बहुत बड़ी बात है ....हसने se वाकई उर्जा मिल जाती है |
सही कहा त्रिपाठी जी . जीवन में हंसने का बहुत महत्त्व है .
Deletelol they were awesome :)
ReplyDeleteयदि कामवाली बाई एक दिन ना आए तो सबसे ज्यादा परेशानी घर में किस को होती है । और क्यों ?..
Mommy.. all the time :P
मज़ेदार पोस्ट...
ReplyDeleteडाक्टरों का चेहरा इतना तो ज़रूर बताता है कि उनके भीतर हास्य-बोध खूब होता है-अब उसे वे चाहे जिससे शेयर करते हों। डाक्टर यदि कवि हो जाए,तो अपनी बात खुलकर रखना ज़रूर आसान हो जाता है।
ReplyDelete