हमारे एक पडोसी मित्र दिल्ली सरकार में उच्च पद पर आसीन हैं । एक दिन उनकी पत्नी को दिल में धड़कन बढ़ने लगी और बेचैनी होने लगी । हमने उनका मुआयना किया और सलाह दी कि तुरंत अस्पताल में भर्ती करा दिया जाए ।
हमारे सुझाव पर उन्हें दिल्ली के एक पुराने नामी अस्पताल में हमारे ही मित्र कार्डियोलोजिस्ट की देख रेख में भर्ती करा दिया गया । डॉक्टर ने तुरंत उन्हें सी सी यू में भर्ती कर लिया ।
अगले दिन हम उनसे मिलने पहुंचे । पूछा--क्या हाल है ? बोले--भैया, मेडम तो सी सी यू में बेड पर लेटी हैं और हमने सारी रात यहाँ कॉरिडोर में बेंच पर बैठ कर बिता दी ।
डॉक्टर ने आज हमारी सारी अफ़सरी निकाल दी ।
इस वर्ष दीवाली पर हमारा भी कुछ यही हाल हुआ ।
हुआ यूँ कि श्रीमती जी ने जिद्द पकड़ ली कि इस बार तो घर में डेंटिंग पेंटिंग करा कर रहेंगे । हमें भी उनकी जिद्द के आगे झुकना पड़ा ।
अच्छे भले साफ सुथरे घर को सौंप दिया गया पेंटरों को । और पूरा सप्ताह निकल गया लेकिन उन्होंने निकलने का नाम नहीं लिया ।
पूरे एक सप्ताह घर का और हमारा जो हाल रहा , उसे देखकर हमें भी यही लगा --
इस वर्ष दीवाली और घरवाली ने मिलकर हमारी भी सारी अफ़सरी उतार दी ।
हालाँकि कुछ सीखने को भी मिला ।
चमचमाते मकान में भी कुछ कोने , क्षेत्र और जगहें ऐसे होते हैं जहाँ धूल, कूड़ा करकट और मैल छुपा रहता है ।
दीवाली के बहाने वहां की भी सफाई हो जाती है ।
कभी कभी सोचता हूँ --घर का छुपा मैल तो हम निकाल लेते हैं , दीवाली पर ।
लेकिन हमारे मन और मष्तिष्क में जो मैल छुपा है ना -- ईर्ष्या और द्वेष का , काम और क्रोध का , लोभ और मोह का --उसे कब और कैसे निकालेंगे ?
Monday, October 24, 2011
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दिल का छिपा मेल तब निकलेगा जब ढोंग,पोंगा -पंथ से पल्ला झाड लेंगे।
ReplyDeleteआप सब को भी दीपावली पर्वों की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteआबोहवा में बहुत गंदगी है..जितना निकाल पायेंगे निकालेंगे नहीं निकाल पाये तो रूखसत कर जायेंगे..एक बात है कि अपना काम करेंगे और मस्त रहेंगे।
ReplyDeleteबातों बातों में काम की सीख दे दी आपने ... आभार !
ReplyDeleteआपको और परिवार में सब को दीपावली की हार्दिक मंगलकामनाएं !
त्यौहार की सार्थकता तो तभी है जब घर और मन दोनों से मैल निकल जाए.
ReplyDeleteआप और आपके परिवार को दिवाली की ढेरों शुभकामनायें.
shikha ji sahmat ..........
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें......
दिल का मैल निकालना इतना आसान नहीं है फिर भी कोशिश तो करनी ही चाहिए.क्योंकि कोशिश ही तो रंग लाती है
ReplyDeleteआपको व आपके परिवार को दीपावली कि ढेरों शुभकामनायें
सही है ...
ReplyDeleteदीपावली की शुभकामनाएं स्वीकार करें !
दिल का मेल निकल जाए तो इन्सान उजला नहीं बन जाएगा डॉ साहेब ..और उजला कौन बनना चाहता हैं ?...सब घसे हुए हैं गंदगी के ढेर में....
ReplyDeleteHappy diwali...
मन का मेल ही तो हटाना है....दीपावली की हार्दिक शुभकामनाये.....
ReplyDeleteदिल की मैल निकालना ही दीवाली का सबसे अच्छा प्रकाश है...
ReplyDeleteदीवाली की असीम शुभकामनाएं...
जय हिंद...
शायद मन के मैल को निकालने का प्रतीक पर्व दशहरा इसके पहले ही आकर यह सफाई भी प्रतीकात्मक रुप से तो करवा ही जाता है ।
ReplyDeleteदीपपर्व की हार्दिक शुभकामनाओं सहित...
बढिया लिखा है ..
ReplyDeleteमन और मस्तिष्क की मैल निकालने की जरूरत है सबों को ..
..दीपावली की शुभकामनाएँ !!
मन का मैल निकाल कर सफाई करना किसी पेंटर के हाथ में नहीं है ..खुद जूझना पड़ेगा ..
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteबाहर के जितने भी लट्टू जलालो, प्रकाश वास्तव में तब होता है जब मन की एक बत्ती ही जल जाए :)
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभ कामनाएं सभी को!
भारत में दीवाली से सम्बंधित मान्यतायेओं के लिए लिंक देख सकते हैं -
http://blog.eaglespace.com
सही है जी। दीवाली मुबारक हो आपको भी।
ReplyDeleteफिर भी डॉ. साहब ,दिवाली तो मुबारक ही हो !
ReplyDeleteदिल की मैल तो हटाना है...
ReplyDeleteआपको व आपके परिवार को दीपावली कि ढेरों शुभकामनायें
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteशुभ दीपावली।
ReplyDeleteस्वच्छ दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteभगवान चाहेगा तो सब साफ़ हो जायेगा। दीपावली की शुभकामनायें!
ReplyDeleteदीपावली की मुबारक और शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteआपको सपरिवार दिवाली की हार्दिक बधाई, शुभकामनायें।
ReplyDeleteपञ्च दिवसीय दीपोत्सव पर आप को हार्दिक शुभकामनाएं ! ईश्वर आपको और आपके कुटुंब को संपन्न व स्वस्थ रखें !
ReplyDelete***************************************************
"आइये प्रदुषण मुक्त दिवाली मनाएं, पटाखे ना चलायें"
कोई उपाय मिले तो सभी को बताये शायद पूरा समाज साफ हो जाये |
ReplyDeleteदिवाली की शुभकामनाये |
दीवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|
ReplyDeleteमन का मैल तो आत्मदीप जलाकर ही निकाला जा सकता है……………दीपावली पर्व अवसर पर आपको और आपके परिवारजनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं……
ReplyDeleteसार्थक पोस्ट डॉ साहेब....
ReplyDeleteदिवाली की हार्दिक शुभकामनायें स्वीकार करें...
दीपावली केशुभअवसर पर मेरी ओर से भी , कृपया , शुभकामनायें स्वीकार करें
ReplyDeleteदीपावली केशुभअवसर पर मेरी ओर से भी , कृपया , शुभकामनायें स्वीकार करें
ReplyDeleteदीपावली केशुभअवसर पर मेरी ओर से भी , कृपया , शुभकामनायें स्वीकार करें
ReplyDeleteयह गनीमत है कि घरवाली ने अफ़सरी उतार दी, समझो कि बच गए वर्ना बाहरवाली फुलझडियां सुलगा देती:) आपको और आपके प्रियजनों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteसभी ब्लोगर मित्रों को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें ।
ReplyDeleteBas,mauke par kaam aa sakne wale aap jaise logon ki sankhya badhti jaye.Phir,man ka mail haTte bhi kitni der lagegi!
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteज्योति पर्व की बहुत -२ बधाईयाँ , सुन्दरसृजन को , सम्मान ....मंगलमय हो दीपावली ../
ReplyDeleteआप तो एक सप्ताह में ही छूट गए यहाँ तो एक महिने में भी पीछा नहीं छूटता है। शुभकामनाएं।
ReplyDeleteयह कहानी तो अनादि काल से चली आ रही, गीता के अनुसार वस्त्र समान शरीर पर, तथाकथित एकत्रित मैल की सफाई की है - जो बेचारी परमात्मा का ही एक अंश, सबकी अपनी अपनी आरम्भ में शुद्ध आत्मा चौरासी लाख योनियों से गुजर मानव शरीर रुपी वस्त्र भी पा, काल-चक्र में फंस, ढोती चली आ रही है, क्यूंकि दिमाग की बत्ती का बटन कहाँ है ये आधुनिक डॉक्टर नहीं जानते :)
ReplyDeleteदीपावली की अनेकानेक शुभ कामनाएं!
सफाई दिलो में भी हो... घर तो हम साफ़ करते ही हैं!
ReplyDeleteशुभ दीपावली!
दीपपर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ...
ReplyDeleteकभी कभी सोचता हूँ --घर का छुपा मैल तो हम निकाल लेते हैं , दीवाली पर ।
ReplyDeleteलेकिन हमारे मन और मष्तिष्क में जो मैल छुपा है ना -- ईर्ष्या और द्वेष का , काम और क्रोध का , लोभ और मोह का --उसे कब और कैसे निकालेंगे ?
बहुत सुन्दर विचारोत्तेजक पोस्ट है आपकी.
दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर भी आईयेगा.
देरी के लिये क्षमा। दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें।
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