आजकल सचिन तेंदुलकर के बाल बहुत सुर्ख़ियों में हैं । घुंघराले बालों को सीधा कराकर जैल से सैट कर, विश्व कप फुटबाल मैच देखते हुए ज़नाब किसी हॉलीवुड हीरो से कम नहीं लग रहे थे । सुना है अब सब युवा उनकी हेयर स्टाइल की नक़ल कर रहे हैं ।
आदमी के सर पर बाल --हों तो मुश्किल , न हों तो और भी मुश्किल ।
यदि सर पर बाल हैं तो कटवाना भी पड़ेगा । नहीं कटवाए तो आदि मानव से लगने लगेंगे । अब कटवाने के लिए पहले मन पसंद नाई होना चाहिए । फिर पसंद की स्टाइल होनी चाहिए । अंत में नतीज़ा पसंद नहीं आया तो कुछ नहीं कर सकते सिवाय इसके कि अगली बार नाई बदल लें ।
बचपन में जब गाँव में रहते थे , दादाजी का खानदानी नाई --नत्थू नाई ही बाल काटता था । लेकिन वो कौन सा फैशन के बाल काटता था । पकड़ा , बैठाया और घुमा दी मशीन कच कच । बाल कटाते समय अपनी तो हालत कुछ ऐसी होती थी ----
बस फर्क इतना था कि उसके हाथ में कैंची नहीं , कच कच वाली मशीन होती थी जो देखते देखते गंजा कर देती थी ।
वक्त गुज़रा , हमने स्कूल छोड़ा । कॉलिज में आ गए । उधर दादाजी भी नहीं रहे । अब कोई नहीं टोकता था , लम्बे बालों के लिए ।
उधर ७० के दशक में राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन का बोल बाला था फिल्मों में । उनके बालों का फैशन --लम्बे बाल , कान ढके हुए , गर्दन पर बालों का गुच्छा ---सब नौजवान अपना रहे थे ।
कॉलिज के अंतिम वर्ष में पढ़ाई का बोझ कुछ ज्यादा ही था । इसलिए बालों का बोझ कुछ कम किया , मूंछे काट कर । लेकिन सर के बाल अभी भी लम्बे ही थे ।
डॉक्टर बनने के बाद पैसे भी मिलने लगे थे । ८० के दशक में अंग्रेजी फिल्मों का भी प्रभाव पड़ने लगा था । इसलिए शक्ल में मिला जुला परिवर्तन आया जिसमे हिंदी और इंग्लिश दोनों फिल्मों का असर दिखाई देता था ।
क्या ज़माना था --काली घनी लम्बी मूंछों की दिशा नीचे की ओर होती थी ।
इंटर्नशिप के बाद समय आया हाउस जॉब का । एक साल का जॉब जो पोस्ट ग्रेजुएशन करने के लिए आवश्यक होता था ।
हमने फिर एक बार शक्ल बदली । अब दाढ़ी भी बढ़ा ली और स्टाइल से काटकर दाढ़ी को मूंछों के साथ मिलाकर कुछ ऐसा रूप निकल कर आया ---
आज न दाढ़ी है , न मूंछें हैं , और न ही सर पर इतने बाल हैं ।
आजकल जब मैं कंघी करता हूँ तब बच्चे बड़ा हँसते हैं । कहते हैं --पापा , सर पर चार बाल हैं और आधे घंटे से कंघी करने में लगे हुए हो ।
मैं कहता हूँ -- बेटा , प्रेसियस चाइल्ड की देखभाल ज्यादा करनी पड़ती है ।
अब जिसके सर पर घनी जुल्फें हैं वे तो हाथ मारकर भी स्टाइल मार लेते हैं ।
लेकिन हमें तो चार बालों की जिओग्राफिकल लोकेशन को ध्यान में रखते हुए अग्रिम योजना बनाकर उसे ध्यानपूर्वक कार्यान्वित करना पड़ता है ।
आखिर सब समय समय की बात है । पहले सर पर बाल ज्यादा दिखते थे , अब खाल ज्यादा दिखती है ।
खैर हमने सोचा क्यों न किसी डॉक्टर से परामर्श लिया जाए । लेकिन हेयर स्पेशलिस्ट तो कोई होता नहीं । फिर सोचा अपने त्वचा रोग विभाग के हैड से बात की जाए । लेकिन उनके हैड पर तो हमसे भी दो बाल कम हैं । अगर उनके पास कोई इलाज़ होता तो पहले अपना न करते ।
फिर हमें नज़फगढ़ के नवाब , विरेंद्र सहवाग का ख्याल आया । भई शादी के बाद उड़े उनके बाल फिर वापस आ गए । पता चला कि उन्होंने हेयर ट्रांसप्लांट कराया है ।
लेकिन अपनी तो हालत पतली हो गई जब पता चला कि एक बाल की कीमत ७५० रूपये है । अब हमने सोचा कि चलो दो चार हज़ार रूपये अपने ऊपर खर्च कर लिए जाएँ तो क्या बुराई है । लेकिन हिसाब लगाया तो देखा कि इतने में तो बस ४-६ बाल ही लग पाएंगे ।
अब अगर कंघी में एक दो बाल दिख जाते हैं तो पत्नी कहती है, लो कर दिया हज़ार पंद्रह सौ का नुकसान ।
अब आप ही बताएं -- है कोई तेल, लोशन , करीम , लेप , दवा , दुआ , टूना , टोटका या काला, पीला ,लाल ,हरा --जादू , जो उड़े हुए बालों को वापस ला दे ।
Saturday, July 3, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
डॉ. साहब आज कल यह बीमारी ऐसी फैली है की सब दवा ही पूछते घूम रहें है ..यहाँ तक की हम भी जूझ रहे है इस समस्या से चलिए अच्छा किया आपने चर्चा छेड़ कर हो सकता है इन्ही टिप्पणियों से कही कुछ असरदार बात निकल आए और अपना काम हो जाए....
ReplyDeleteवैसे ऐसा कम ही देखा गया है कि डॉ. साहब ही दवा पूछ रहे है...हा हा हा....
बढ़िया रोचक चर्चा...धन्यवाद जी
काश! मैं उपाय जानता होता तो भले न बताता मगर आजमाता जरुर!! :)
ReplyDeleteसुन्दर लेखन।
ReplyDeleteइसका एक इलाज है कि
ReplyDeleteदादा जी के टैम पुराणा गांवड़ु नाई ढुंढो,
उसकी ही मशीन काम आवेगी। हा हा हा
पण भाई साब आपने भी कई रुप बदल के देख लिए।
राम राम
ललित भाई , दादाजी के टाइम का नाइ तो दादाजी के ही साथ है ।
ReplyDeleteकिसी आस पास के सैलून का पता बताओ ।
मजेदार ,एक साथ ही मेमायर ,नोस्टाल्जिया ,फैशन ,फोटो सेशन सब कुछ -मुझे तो अपने बचपन के नाई की याद आ गयी जो बीच बीच में कैंची को हवा में कचपच कचपच कर देता था ....आपकी रोनी सूरत से तो अजीब सा भाव मन में घुमड़ आया ...मुंह बिसूरने की आपकी शिष्ट अदा .... :) जरा एक नजर यहाँ भी जरूर जरूर डाल दीजिये ....
ReplyDeletehttp://indianscifiarvind.blogspot.com/2008/08/blog-post_2977.html
http://indianscifiarvind.blogspot.com/2008/08/blog-post_20.html
अपने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दिनों में एक गंजे हीरो यूल ब्रिंनर की पिक्चर, 'द किंग एंड आई' प्रसिद्द हुई तो कई अच्छे भले लम्बे बालों वाले लड़के भी गंजे हो गए थे!
ReplyDeleteबिरला मंदिर के सामने ईंट पर बैठ हजामत कराने वाले कहते थे कि वो 'इतालियन सेलून' से आ रहे हैं!
अब हम क्या कहें दुया करते हैं कि चार बाल बचे रहें। मगर सुना है बाल कम होने से आदमी के पास पैसा बहुत होता है? आज पैसे का ही बोल म्बाला है बालों को कौन पूछता है। बेफिक्र रहिये। शुभकामनायें
ReplyDeleteहा हा हा ! अरविन्द जी , जहाँ तक मुझे याद है ये बचपन वाली फोटो मेरी नहीं है । अब किसी ने स्टिंग ओपरेशन कर दिया हो तो अलग बात है । :)
ReplyDeleteनिर्मला जी , बाल कम होने से पैसा आता है , यह तो मैं नहीं कह सकता क्योंकि आजकल पैसा आने के लिए बहुत कुकर्म करने पड़ते हैं । लेकिन हाँ , बाल वापस लाने के लिए पैसा जाता ज़रूर है ।
:) :) आपके अनेक रूपों से परिचय मिला...अमरीश पुरी का भी अपना स्टाईल था.. मज़ेदार पोस्ट
ReplyDeletesampoorn parchay chitron ke saath achchha laga.
ReplyDeletemain to yahi kahoonga bhagwan ka diya har roop pyara hota hai.Badhai!!
हा.हा.हा.मज़ा आ गया पोस्ट पढ़ कर...और अंत में आपकी धरम पत्नी का डायलोग सुन कर की १५०० का नुक्सान कर दिया...अरे जनाब कहे ७५० रुपया भी खर्च करना है...पता है...मैंने सुना है आम के अचार का तेल रोज गंजे सर पर लगाने से बाल उग आते है...तो शुरू हो जाइये अपनी खोपडिया को मर्तबान चटवाना...हा.हा.हा.सच कह रही हूँ.
ReplyDeleteहा हा हा
ReplyDeleteआपके लिखने में कुछ बात है (जो कि शायद बहुत कम डाक्टरों में होती है). अपने पहले के चित्र दिखाने के लिए भी आभार.
Hey Dr. Daral !
ReplyDeleteYou are looking gorgeous !
nowadays men are equally beauty concious !
after all equality ka zamana hai !
ha ha ha.. badhia , goodlooking , handsome post !
अनामिका जी , डॉक्टर्स पहले नए नुस्खे को दूसरों पर आज़माते हैं । तो क्यों न यह नुस्खा समीर लाल जी को बता दें ।
ReplyDeleteकाजल जी , एक व्यंगकार को लेखन पसंद आया , यानि ठीक ठाक है ।
दिव्या जी , तारीफ की तारीफ के लिए शुक्रिया । सच है आजकल पुरुष भी महिलाओं से कम नहीं , मेंटेनेंस के मामले में ।
दराल सर,
ReplyDeleteसच सच बताइए, आपने राजेश खन्ना की अपना देश और दाग़ कितनी बार देखी थी...
जय हिंद...
सच सच सच ही बता रहा हूँ । एक बार भी नहीं ।
ReplyDeleteअपना देश बाद में एक बार आधी अधूरी तब देखी थी , जब हमारी कोलोनी में टेंट लगाकर दिखाई जा रही थी । तब हम टेंट फाड़कर घुसे थे । हा हा हा !
जो भी है डा. साहब एक बात तो है की आप हर अंदाज़ में हीरो से कम नही लग रहे .... अगर चांस लिया होता तो अमिताभ से कम नही होते ......
ReplyDeletebahut mast post........
ReplyDeleteअब तो यह कह्ते हैं कि बचे बाल सब मज़े मे हैं ।
ReplyDeleteडाक्टर साब,
ReplyDeleteमैं युवा और विज्ञान में विश्वास रखने वाला व्यक्ति हूँ. मैं बाल उड़ने और पैसे आने में विश्वास नहीं रखता हूँ. बाकी मज़ाक की सौ बात हैं. हाँ बाल को लाने के चक्कर में पैसे को जाते बहुत बार देखा हैं.
आपकी इस गंभीर समस्या का एक इलाज हैं मेरे पास, जोकि सस्ता, सुंदर और टिकाऊ भी हैं. और वो हैं---विग.
जी हाँ विग, जो आपको आपके मनपसंद साइज और डिजाइन में भी मिल जाएगा. पैसा भी मामूली ही लगेगा, और सुंदर और टिकाऊ तो हैं ही.
आप विग लगाकर घर से बाहर निकलिएगा, और देखिएगा आपके पीछे कितने लोगो का दिल जल उठेगा. हा हाहा हा.
धन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
आपके साथ-साथ ही खुद को भी बड़ा होता पाया। वैसे,बालों से जुड़ा टेंशन भी तभी तक है,जब तक ये बाल हैं।
ReplyDeleteकिसी व्यक्ति विशेष की कार्य क्षमता में "काला, पीला ,लाल ,हरा" रंगों के माध्यम से सुधार हेतु उसकी जन्मतिथि और जन्म के समय का ज्ञान आवश्यक माना गया है अनादी kaal से ...
ReplyDeleteवाह!!!!!!!!!!!!!!!!! कभी बाल कभी टाल. समय समय की बात है.
ReplyDeletethanks for making an comment.
ReplyDeletekeep commenting.
daraal ji,
cold drink to khair shuru se (jab se bani hain) hi vivaado main rahi hain.
ye desh kaa durbhaagya hain ki-hum cold drink to status symbol maante hain. bade- bade netaa, businessman, or ameer log jab cold drink pitae hain to log inspire (prerit) to honge hi.
ye bhi dukhad hain ki--cold drinks par vivaad uthne par ab aam jantaa ko energy drink ke naam par or bhi zehreelaa or nuksaandeh paey pilaayaa jaa rahaa hain.
ye hinduataan hi hain, jahaan doodh, ghee, cold drink, paani, baraf, ice cream, daal, chaawal, anaaz, mirch-masaale, aadi sab kuch nakli-milaawati hain. mujhe to lagtaa hain is milaawat-nakli pane main ti hindustaan paakistaan sareekhaa ho gayaa hain.
again thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
"""लेकिन हमें तो चार बालों की जिओग्राफिकल लोकेशन को ध्यान में रखते हुए अग्रिम योजना बनाकर उसे ध्यानपूर्वक कार्यान्वित करना पड़ता है ...."""
ReplyDeleteसर बालों पर बेहद रोचक अभिव्यक्ति है ...आभार
"अब अगर कंघी में एक दो बाल दिख जाते हैं तो पत्नी कहती है, लो कर दिया हज़ार पंद्रह सौ का नुकसान"...
ReplyDeleteओह!...तो इसका मतलब मैं कई साल से घाटे में जा रहा हूँ :-(