एक दिन के लिए दिल्ली बंद हुई । मानो जिंदगी ही ठप्प हो गई ।
कुछ इसी तरह हमारे शरीर के साथ भी होता है । यदि शरीर के जोड़ जाम हो जाएँ , यानि उनमे कोई रोग हो जाये तो हमारी सारी गतिविधियाँ ही प्रभावित हो जाती हैं । यूँ तो जोड़ों के रोग को गठिया रोग कहते हैं । लेकिन ये रोग कई प्रकार के होते हैं । जैसे --ओस्टियो आर्थराईटिस , रिउमेटिक आर्थराईटिस और गाउटी आर्थराईटिस ।
आइये आज बात करते हैं , गाउटी आर्थराईटिस की ।
इसके कई नाम होते हैं जैसे --गाउट , गाउट सिंड्रोम , गाउटी आर्थराईटिस, किंग्स फुट आदि ।
गाउट क्या होता है ?
यह एक ऐसी दशा है जिसमे शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता हो जाती है। रक्त में यूरिक एसिड अधिक होने से यह शरीर के विभिन्न अंगों में जमा हो जाता है , क्रिस्टल के रूप में । जैसे गुर्दों में , पैरों और हाथों की उँगलियों में , कोहनी के पीछे , कान के लोब्युल में ।
सबसे ज्यादा असर पैर के अंगूठे में होता है, जिसमे सूजन और दर्द होने से चलना मुश्किल हो जाता है ।
गाउट के लक्षण :
गाउट का अटैक होने पर पैर के अंगूठे में अचानक सूजन , लाली , गर्म होना और तेज दर्द होने लगता है । हालाँकि पहला अटैक बिना इलाज़ के भी १-२ हफ्ते में ठीक हो जाता है । लेकिन फिर होने वाले अटैक बिना दवा के ठीक नहीं होते । आगामी अटैक लम्बे भी ज्यादा चलते हैं । रोग बढ़ने पर गुर्दों में भी पथरी बनने की सम्भावना रहती है ।
क्यों होता है ?
यह रक्त में यूरिक एसिड के बढ़ने से होता है । यूरिक एसिड दो तरह से बढ़ सकता है --या तो ज्यादा बनने से , या मूत्र में वित्सर्जित न होने से । इसके प्रमुख कारण हैं :
जेनेटिक : २० % लोगों को जेनेटिक कारण से होता है ।
खाने में रेड मीट , यीस्ट , और फिश ऑयल ज्यादा होने से ।
अत्यधिक अल्कोहल , विशेष तौर पर बियर ।
मोटापा होने से ।
कुछ दवाओं से भी यूरिक एसिड बढ़ सकता है ।
निदान : मुख्य तौर पर पैर के अंगूठे के बेस पर अचानक सूजन , दर्द और लाल होना --गाउट की ओर इशारा करता है । यूरिक एसिड के बढे होने से इसकी पुष्टि होती है । लेकिन सही निदान के लिए सूजन से पानी निकाल कर इसकी जाँच करने पर यूरिक एसिड के क्रिस्टल दिखाई देते हैं ।
उपचार : अक्युट अटैक होने पर आराम करें । चलने के लिए छड़ी लेने से जोड़ पर बोझ कम पड़ता है । पैर को उठाकर रखें , जैसे तकिया लगाकर । आइस पैक (बर्फ )का इस्तेमाल करें । पानी की कमी न होने दें । यानि ज्यादा पानी पियें ।
डॉक्टर से सलाह अवश्य लें । डॉक्टर आपको देगा :
दर्द निवारक दवा , यूरिक एसिड को कम करने की दवा और कभी कभी steroids
यदि अटैक दोबारा न हो , इसके लिए ज़रूरी है कि आप डॉक्टर को दिखाते रहें ताकि यूरिक एसिड को कम रखने के लिए दवा मिलती रहे ।
बचाव के साधन :
खाने में परहेज़ । यही एक रोग है जिसमे परहेज़ बहुत काम आता है । लो फैट और लो कोलेस्ट्रोल डाईट लें ।
रेड मीट , यीस्ट , फिश , कोर्न सिरप और डाईट सोडा से परहेज़ रखें ।
अल्कोहल या बियर से बचें । यदि लेनी भी हो तो कम से कम मात्रा में ।
वज़न धीरे धीरे कम करें ।
पानी खूब पियें ।
दूध , दही खूब खाएं पियें । इस हिसाब से हरयाणवी लोगों को गाउट कम होना चाहिए ।
यदि आप कोई दवा ले रहे हों तो अपने डॉक्टर को ज़रूर बताएं ।
अंत में : चिंता न करें । यह रोग शर्तिया ठीक होने वाले रोगों में से एक है। बस एक अच्छा डॉक्टर होना चाहिए।
और आपको एक अच्छा मरीज़ होना चाहिए ।
बहुत अच्छी जानकारी
ReplyDeleteआपने इस बीमारी का निदान तो बता दिया पर उसका क्या जहाँ से आपने बात शुरू की थी अर्थात दिल्ली/भारत बन्द के कारण जिन्दगी में जो जाम लग जाता है, उसका क्या !!
क्या हो गया डॉ साहब ! यह कमेंट्स कहाँ गायब हो जाते हैं ! आपके साईट पर एक भी कमेन्ट न पाकर दिल कुछ हल्का हुआ ( मेरे ब्लाग पर पिछले कई घंटे से आये सारे कमेन्ट गूगल खा गया ). एक शेर नज़र है
ReplyDeleteदिल खुश हुआ मस्जिद ए वीरान देख कर
मेरी तरह खुदा का भी खाना खराब है !
बहुत सही बात कही...अच्छे डॉक्टर का, जब तक एक अच्छे मरीज का साथ ना हो...रोग का उपचार संभव नहीं..
ReplyDeleteकई महत्वूर्ण जानकारी मिली..गाउट के बारे में ..शुक्रिया
अच्छी जानकारी
ReplyDeleteएक व्यक्ति जिसे हाइपरटेंशन और diabetes है अगर उसे गाउट हो जाए तो क्या खाएगा .
हाइपरटेंशन में लो साल्ट लो फैट
diabetes में लो ओर नो शुगर / carbohydrate
गाउट में लो प्रोटीन
बहुत बहुत आभार सर, इस जानकारी के लिये । संक्षेप में तथ्यपरक बात ।
ReplyDeleteसर एक बात और ,हालांकि डाक्टर से सलाह लिया जाता है और मानना भी पड़ता है ,लेकिन मैं सलाह देनें की गुस्ताखी कर रहा हूं -असिड को एसिड कर लीजिये ।
beemariyan theek karanewale doctor bhagwaan se kam nahin hote hain ...
ReplyDeleteबेहद उपयोगी जानकारी ! बहुत बहुत आभार !
ReplyDeleteबहुत अच्छी जान्कारी जी,
ReplyDeleteजानकारी का आभार डॉ साहब । अगर ऑस्टिओ आर्थ्राइटिस के इलाज के बारे में भी लिखें तो ।
ReplyDeleteसतीश जी , कल सभी परेशान थे । लीजिये अब ठीक हो गया है । हमें तो समीर जी ने सांत्वना दी ।
ReplyDeleteअजय कुमार जी , सही ध्यान दिलाया । ठीक कर दिया है । आभार ।
डॉ सिन्हा , इसीलिए तो कहते हैं --सच्चा सुख निरोगी काया । वैसे हमारी dieticians कमाल की है , सबके लिए भोजन बता ही देती हैं ।
आशा जी , जल्दी ही लिखूंगा ।
बहुत अच्छी जानकारी...आपने लिखा है कि यूरिक एसिड बढा हुआ हो तो दूध दही खूब खाइए...पर मेरे डाक्टर ने तो मिल्क प्रोडक्ट और ज्यादा प्रोटीन की सभी चीज़े जैसे ( दालें, और सारी वो सब्जियां जिनमें प्रोटीन की मात्र ज्यादा होती है ) लेने से मना किया है :( :( ..
ReplyDeleteलाभदायक जानकारी के लिए धन्यवाद! मेरे बड़े भाई और मेरे एक मामाजी को मैंने गाउट की तकलीफ कभी-कभी होते देखी...
ReplyDeleteदराल जी,
ReplyDeleteआपने बहुत अच्छी और काम की-उपयोगी जानकारी दी हैं. मेरे दादाजी और पापा को भी येही सेम बिमारी हैं. बहुत परेशान रहते हैं पैर का अंगूठा सूजने से. परहेज़ भी काफी करते हैं लेकिन आये दिन अंगूठे को सूजा पाते हैं.
अंगूठा तो सूजता ही हैं साथ ही पैर भी काफी दुखते हैं. लगभग रोजाना पैर दबवाते हैं तब कहीं जाकर नींद आती हैं. क्या इसका को परमानेंट-पक्का इलाज़ नहीं हैं?????? क्या इस बिमारी को हमेशा-हमेशा के लिए ज़द से नहीं उखाड़ा जा सकता ताकि वे (दादा जी और पापा) सब कुछ खा-पी सके?????? और अपनी लाइफ को एन्जॉय कर सके???????
थैंक्स.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
गाउटी आर्थराईटिस की बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी दी है आपने ... लगता है यूरिक ऐसिड की भी जाँच करवाते रहना चाहिए .... शुक्रिया डाक्टर साहब ...
ReplyDeleteसंगीता जी , लो फैट दूध और योगर्ट से बार बार अटैक न होने में फायदा होता है । प्रोटीन्स सिर्फ वही नहीं खानी चाहिए जिसमे प्यूरिन्स होते है जैसे रेड मीट , सेल्फिश , लीवर , यीस्ट आदि ।
ReplyDeleteयदि बार बार अटैक होने लगें तो यूरिक एसिड कम करने वाली दवा का सेवन ज़रूरी हो जाता है जो डॉक्टर की देख रेख में ही लेना चाहिए ।
इस रोग के बारे में ज्ञानवर्द्धक जानकारी देने के लिए आभार.
ReplyDeleteGood information.
ReplyDeleteupyogi jaankaari.
ReplyDelete...aabhar.
डॉ. साहब बहुत कारगर पोस्ट हालाँकि ऐसी बीमारी का कोई आइडिया नही है फिर भी किसी पीड़ित व्यक्ति के लिए जानकारी भारी आलेख..ऐसे जानकारी और लाभदायक बातों को बताने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया...
ReplyDeleteदराल सर,
ReplyDeleteकिस तरह से आपका आभार कहूं...लगता है आपने ये पोस्ट मेरे लिए ही लिखी है...इस गाउट का मैं भी शिकार हो चुका हूं...दवाई-परहेज़ छोड़ा फिर हो गया...अब डॉक्टर का कहना है कि ये दवाई लंबे अरसे तक लेनी पड़ेंगी...कितने साल तक ये दवाई लेनी पड़ती है...
मेरे डॉक्टर भी कह रहे थे कि लोग शुगर का तो ध्यान रखते हैं लेकिन यूरिक एसिड को लेकर लापरहवाही बरतते हैं..वो डॉक्टर इस बात पर भी ज़ोर दे रहे थे कि यूरिक एसिड पर जागरूकता बढ़ाने की भारत में बहुत आवश्यकता है..
जय हिंद...
मैं तो नॉन-वेज बिलकुल भी नहीं खाता.... (है! ना ...सर्प्रायिज़िंग.......?) दरअसल वो क्या है ना की मुझे अपनी फिटनेस का बहुत ख्याल करना पड़ता है.... मीट खाने वालों कि स्किन खराब हो जाती है... इसलिए नहीं खाता.... प्रोटीन मैं सोयाबीन से लेता हूँ.... सोयाबीन का दूध मैं घर पर ही बनाता हूँ..... और अल्कोहोल तो बिलकुल भी नहीं लेता हूँ.... मेरा खाना भी बहुत नैचुरल होता है.... दोपहर और रात के खाने में सलाद ही ज़्यादा खाता हूँ.... आधा किलो टमाटर रोज़ खाता हूँ.... और जम कर एक्सरसाइज़ करता हूँ.... तो मुझे लगता है की मुझे गाउट होने के चांसेस नहीं हैं....
ReplyDeleteअब क्या है ना की .... मुझे अपनी पर्सनैलिटी का बहुत ध्यान रखना पड़ता है.... बहुत अच्छा लगता है ... जब सड़क पर निकलो और लोगों की निगाह आपकी ओर बार-बार उठे... और लडकियां देख कर आहें भरें.... इसलिए ख़ुद को बहुत फिट रखता हूँ.... अब ऊपरवाले ने जब इतनी अच्छी पर्सनैलिटी दी है तो ख्याल भी तो हमें रखना पड़ेगा ना... मुझे तो ज़रा सा जुखाम भी होता है तो .... तो डॉक्टर के पास भाग जाता हूँ.... तो मुझे लगता है कि ... मुझे गाउट नहीं होना चाहिए... अभी दो दिन पहले ही रैंडम ब्लड शूगर चेक कराया था.... आपकी पोस्ट बहुत अच्छी लगती है.... बहुत कुछ लिखने का मन करता है....
ये पोस्ट तो लाज़वाब लगी क्योंकि गाऊत के बारे में मालूम तो था लो या नो प्युरीन आहार लेना चाहिए ये भी पता था पर उसके खास लक्षण और उसकी शुरुआत पैर के अंगूठे से होती है ये बिलकुल भी अंदाज़ा नहीं था क्योंकि शायद बहुत आम बीमारी नहीं है इसकी डिटेल कई बार पढनी चाही पर पढ़ नहीं पायी आज इस पोस्ट से सारी जानकारी मिली बहुत बहुत आभार
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी मिली..आभार.
ReplyDeleteखुशदीप जी , यूरिक एसिड को कम करने की दवा लम्बे समय तक लेनी पड़ सकती है । लेकिन परहेज़ से भी फायदा होगा । सही है , डायबिटीज के साथ यूरिक एसिड का टेस्ट भी करवाना चाहिए क्योंकि यह भी सिंड्रोम एक्स का एक भाग है ।
ReplyDeleteमहफूज़ मियां , कमाल कर दिता । हमें अपने कॉलिज के दिनों की याद दिला दी जब हम भी जिम से आते समय बड़े अकड़ कर चलते थे और दिन भर डोले दिखाते रहते थे । लेकिन यार , किसी लड़की ने हमें कभी नज़र उठा कर नहीं देखा । बड़े खुशकिस्मत हो भाई । कीप इट उप।
Bahut hi upyogi jaankari hai, aabhaar.
ReplyDeleteलाभदायक जानकारी के लिए धन्यवाद!
ReplyDeleteमहफूज़ जी को दिए जवाब में मुस्कुरा रही हूँ .....!!
ReplyDeleteपहले भी आई थी आपकी ये ज्ञानवर्धक पोस्ट पढ़ी थी ...टिपण्णी भी की पर पोस्ट नहीं हुई .....
ReplyDeleteयहीं हमारे पडोस में एक व्यक्ति इस बीमारी से ग्रस्त है ...मैंने उसे आपकी पोस्ट दिखाई ....उन्होंने कुछ और जानकारी चाही खाने को लेकर ...क्या क्या खा सकते हैं और किसमें परहेज करना है .....!!
ग़ज़ल की शुरुआत हो चुकी होगी ....???
मेरे एक बॉस सरदारजी थे जिन्होंने बताया की कैसे वे सिकंदराबाद दक्षिण भारत में रहते थे जब अंग्रेजी दवाओं से उनके हाथ की खारिश ठीक नहीं हुई तो पिताजी के दबाव में गुरुद्वारे में जा सेवा कर के आये तो अगले दिन ही वो ठीक हो गए!
ReplyDeleteएक और हट्टे-कट्टे मोने सरदारजी ने बताया की कैसे उनके टखने, फिर कुछ अंतराल पर घुटने, और फिर हिप जोइंट भी आर्थराइटिस से जाम हो गए तो वे जम्मू- कटरा के निकट स्थित वैष्णो देवी के मंदिर सपरिवार घिसटते-घिसटते देर रात पहुँच गए... माँ के दर्शन कर सुबह उठे तो पाया कि उनकी वर्षों की बिमारी दूर हो गयी थी! मीराबाई के शब्द कान में गूज गए "रोगी अन्दर बैद बसत है..."!
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteVery good advice for patient
DeleteVery good advice for patient
Deleteहरकीरत जी , मुस्कराते रहना अच्छा लगता है ।
ReplyDeleteगाउट में खाने का परहेज़ ऊपर बता दिया है ।फिर भी यह समझ लीजिये कि खाने की जिन चीज़ों से यूरिक एसिड बढ़ता हो , उसका परहेज़ करें ।
जिन खानों में प्युरिन नहीं होता : ( यूरिक एसिड नहीं बढ़ता , खा सकते हैं )
दही , खीरा , प्याज , टमाटर , नारियल, स्वीट कोर्न , एग योक , बादाम, निम्बू ।
और फलों में --चेरी , नाशपाती , केला , सेब, बिना बीज वाला अंगूर , पपीता , आम ।
जिनमे कम मात्रा में प्युरिन होता है --सीमित मात्रा में खा सकते हैं :
मूंगफली , सैफ्लोवर , ओलिव , कोर्न और कोर्नोला । दूध , एग वाईट , शहद , पोपकोर्न , रिफाइंड ग्रेन।
परहेज़ :
ज्यादा चाय , कॉफ़ी , कोला , फैटी फूड्स , रेड मीट , सीफूड , पलक , मशरूम , गोभी और एल्कोहल , स्मोकिंग ।
जानकारी के लिए शुक्रिया कि क्या खा सकते है ,क्या सीमित मात्रा में खा सकते है ।
Deleteजी हाँ , एलोपेथी मे कोई भी परहेज़ absolute नहीं होता ! यानि सीमित मात्रा मे कभी कभार लेने से कोई नुकसान नहीं होगा !
Deleteजानकारी हुयी . सावधानी बरतने की प्रेरणा मिली ।
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी। आशा है,प्रभावित रोगी लाभान्वित होंगे और संभावित रोगी प्रभावित होने से बच सकेंगे।
ReplyDeleteIt's a very common disease, so a post on it is indeed very useful for readers.
ReplyDeleteThanks for this informative post.
aapne meri baat kaa jawaab nahi diyaa.
ReplyDeletemaine aapse mere dada ji or papa ke baare main kuch puchhaa thaa.
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
चन्द्र सोनी जी , क्या आपके पापा और दादा जी को गाउट डायग्नोज हुआ है ?यदि diagnosed है तो उन्हें यूरिक एसिड को कम करने की दवा लम्बे समय तक खानी पड़ेगी । साथ ही परहेज़ भी करना पड़ेगा जो मैंने एक टिप्पणी में दिया है। वैसे टांगों में दर्द और कारणों से भी हो सकता है । डॉक्टर से सलाह लें ।
ReplyDeleteडा० साहब,
ReplyDeleteआपकी इस पोस्ट से बहुत जानकारी मिली....आभार
very very informative post .
ReplyDeleteTons and tons of thanks.
बढ़िया ज्ञानवर्धक पोस्ट |
ReplyDeleteयूरिक एसिड को कम करने के लिए होम्योपेथी में अर्टिका युरेन्स बहुत बढ़िया दवा है यह जोड़ों में जमा सभी युरेट्स को तोड़कर बाहर निकाल देती है |
शुक्रिया रतन सिंह जी । क्या इसे लम्बे समय तक लेने से यूरिक एसिड को कम रखा जा सकता है ?
ReplyDeleteजानकारी भरा बढ़िया आलेख
ReplyDeletenamaskar dr. sahib aapki jankari kay liye.mere ghutno or meri haath ki unglio may dard rehta hai.aaj kay din mera uric acid 7.3 hai aur main pichhlay 2 saalo say bp ki dawa ATPURE SA lay raha hoon.kya is dawa kay karan bhi uric acid bar sakta hai. meri umar 51 saal ki hai or main poori tarah say vegitarion hoon,
ReplyDeleteगुल्लू जी , क्या आप किसी एलोपेथिक डॉक्टर से इलाज़ करा रहे हैं या नहीं , यह पता नहीं चला । अक्सर दवा से यूरिक एसिड नहीं बढ़ता । इस नाम की दवा से मैं परिचित नहीं हूँ ।
ReplyDeleteHi!Dr.ji Mujhe gaut ka attack 3bar hua hai.18 month pahle 1st attack aaya tha.starting main alopathic treatment liya par koi relief nahin
ReplyDeletemila.uske bad homeopathic treatment liya relief
mila.parantu har 6 to 10 month main attack repeat ho raha hai.kya treatment lagatar lena padega.kya parhez bhi hamesa karna padega.kya kabhi completely relief milega.
Nice Post. Thanks Doctor.
ReplyDeleteDr. Ji Namaskar Mera URIC ACID high ho gaya hai mujeh kaun se dawa lene chaiya
ReplyDeletejisasey side affact na hot aur bimari bhi khatam ho jay
pls. advice me
1- aurvedic mey
2- homopathic mey
3- alopathic mey
thanks
jaiswal
sir namaste mein karnal ka niwasi hoon sir mein aapse yah pooch na chahta hoon ki mere sare body mein dard rehta hai kya yeh uric acid ka lakshan hai mere umar 41 saal hai
ReplyDeleteVery good advice.
ReplyDeletesir mera name ruk bahadur thapa hai mai uric acid ki paresani me hu pl... muje eis ki elaj ur medicen bata de ta ki mai aapna elaj kara saku . eski puri jankari dedenge muje pura aasa hai mai aap ki baut aabhari rahunga ...eis ki jan kari muje meri email id per de mera id hai (rukbahadur1980@gmail.com per pl..... sir
ReplyDeletedr sahab mera uric acid 1 munth pahle 6.7 tha. mai 35 year ka hu. paro mai jalan or subah uthte samay yediyo mai dard hota hai, kone si dawa lu ki teek ho jau. thanks
ReplyDeleteजोशी जी , लगता है आप Planter fasciitis से ग्रस्त हैं . इसके लिए सुबह शाम पैरों को हलके गर्म पानी में डुबोइए . इस तरह सिकाई करने से धीरे धीरे दर्द ख़त्म हो जायेगा . साथ ही जूतों में पैड लगा कर आरामदायक बनाइये . यदि धूम्रपान करते हों तो बंद कर दीजिये . वज़न भी कम कीजिये . यह रोग अपने आप ठीक हो जाता है .
Deleteशुक्रिया हिन्दी में जानकारी देने के लिए । मुझे यूरिक एसिड की वजह से उॅगलियों में परेशानी है । मैं होम्योपैथी इलाज ले रही हूॅ। पहले से काफी फायदा है मुझे । दूध दही लेती हूॅ। खुशी हो रही है जानकर कि इस बीमारी का इलाज सम्भव है ।
ReplyDeleteSir mujhe ye jaanana h Ki uric acid badhne se gale me b dard bnta h kya...mera uric acid jyada h or mujhe gale me dard rhta h kbi pet me...dr ne bola Ki uric acid,high hone,Ki vjh se h..plz rply me
ReplyDeleteयूरिक एसिड बढ़ने से गले मे दर्द नहीं होता !
ReplyDeleteSir meri mother ko 10 saal se diebetes hai.or daily insulin pe depend hai.fir b unkI diebetes control nhi rhti.full parhez b rkhte hai..meetha...gehu,chawal,aalu is trh ki kuch b chije nhi khate...pls kuch upay btaye..vo daily neem ka juice b lete h.
ReplyDelete