Tuesday, April 13, 2010
बैसाखी के शुभ दिन १००वी पोस्ट और शादी की सालगिरह ---क्या इत्तेफाक है --
लो जी आज हमारा भी शतक पूरा हो गया।
१ जनवरी २००९ को बनाये गए ब्लॉग को आज एक साल , तीन महीनेऔर १३ दिन हो गए हैं ।
कछुए की चाल से चलते हुए , हमने भी शतकीय दोड़ पूरी कर ही ली ।
इत्तेफाक देखिये की आज ही बैसाखी भी है ।
और आज ही हमारी शादी की सालगिरह भी है।
१३ अप्रैल १९८४ को हम परिणय सूत्र में बंधे थे ।
वैसे यह भी एक इत्तेफाक ही था ।
दरअसल हमारी एक ही मांग थी कि हमें डॉक्टर लड़की से शादी करनी है।
उधर हमारे ससुर जी की भी एक ही ख्वाइश थी कि लड़का डॉक्टर तो हो , लेकिन दिल्लीवाला हो ।
अब दिल्ली में हरयाणवी जाट लड़के थे ही कितने । मुश्किल से ३-४। और लड़कियां तो ढूंढें से नहीं मिलती थी ।एक मिली भी तो उसने एक मद्रासी से प्रेम विवाह कर लिया ।
इत्तेफाक :
ऐसे में हमारे एक मित्र सहपाठी आकर मिले और बताया कि हमारे लिए एक रिश्ता नज़र आया है , अखबार में ।मैंने पूछा भाई , तुम्हे कैसे मालूम ?वो बोला , यार मैं देख तो अपने लिए रहा था लेकिन मुझे एक जाट लड़की का एड नज़र आ गया । अब सच पूछिए तो मैंने तो इसे देखा ही नहीं था । वैसे भी पिछले हफ्ते की बात थी ।
अब ये तो होना ही था , अगर ये इत्तेफाक नहीं तो और क्या था । शायद डेस्टिनी !
क्योंकि ससुरजी ने भी एक ही एड दिया था और मैंने तो एक भी नहीं ।देखा भी नहीं , फिर भी खबर मिल गयी और बात भी तय हो गयी ।
अब अपनी तो इकलौती मांग पूरी हो गई थी । इसलिए शादी भी बिना दान दहेज़ के हुई ।
शगुन के रूप में लिया सिर्फ एक रुपया ।
आज वो एक रुपया , एक बड़ा पेड़ बनकर फलों से लदा हुआ है।
शादी में लड़की का पिता तो कन्या दान करता ही है ।
आपको दहेज़ चाहिए तो दहेज़ में मांगिये लड़की की शिक्षा ,संस्कार और चरित्र।
इस तरह आप दान दहेज़ के साथ शादी कर सकते हैं।
जिंदगी में बस यही गुण काम आते हैं।
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दाराल साहेब,
ReplyDeleteसर्वप्रथम शादी की साल गिरह की बधाई..
उसके बाद आपके पाणिग्रहण वाले दिन को इतने रोचक तरीके से याद करने के लिए बहुत बहुत बधाई..और तीसरी बात आपकी समस्त सफलताओं के लिए फिर से बधाई...
जुगल जोड़ी बनी रहे ...इसके लिए ढेरों शुभकामना....
और आपके सुन्दर विचारों को जान कर और आपको अपने ब्लॉग जीवन में पाकर खुद को बधाई दे रहे हैं और अंत में बैसाखी की बधाई...
मतलब ये हुआ कि बधाई ...बधाई ...बधाई ...बधाई ...बधाई ...बधाई ...बधाई ...बधाई ... और फिर से बधाई ...
हाँ नहीं तो...!!
दराल सर,
ReplyDeleteथ्री इन वन धमाके पर भांगड़ा, गिद्दा के साथ ज़ोरदार बधाई...
बस ऐसे ही शतक बनते रहें...दांपत्य के माधुर्य के, रचनात्मक लेखन के, सार्थक कर्म के...और हम सब यूं ही निहाल होते रहें...
शाम को टीचर जी आमंत्रित हैं या नहीं...
जय हिंद...
बधाई है जी बधाई है।
ReplyDeleteभरपूर बधाई है।
सराबोर बधाई है।
चहुं ओर बधाई है।
डोबल डोबल बधाई है।
शादी की सालगिरह और शतकीय पोस्ट..एक साथ..मगर हम दोनों की अलग अलग पार्टी लेंगे जी. बहुत बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ.
ReplyDelete....शादी की वर्षगांठ की हार्दिक बधाईंया व शुभकामनाएं ... न सिर्फ़ आपको वरन भाभी, बच्चों व परिवार के सभी सदस्यों को शुभकामनाएं !!
ReplyDelete....अब सैकडे पे क्या बधाई दें अभी तो "ताली" बजा देते हैं जल्दी ही डबल सेंचुरी होगी तब बधाई देंगे .... हो जायेगी बल्ले बल्ले... !!!
इत्ती सारी खुशियां एक साथ .. बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteतीन खुशियाँ एक साथ...बधाई हो जी।
ReplyDeleteबधाई।
ReplyDeleteदंपत्ति को सालगिरह की बधाई,
ReplyDeleteशतकीय पोस्ट की भी बधाई ।
आपको दहेज़ चाहिए तो दहेज़ में मांगिये लड़की की शिक्षा ,संस्कार और चरित्र।
ReplyDelete--वाह क्या बात कही है आपने।
--शादी की वर्षगांठ की हार्दिक बधाईंयाँ व शुभकामनाएँ।
वैवाहिक वर्षगांठ, बैशाखी और ब्लॉग-पोस्ट शतक की बधाई/ शुभकामनाएँ तो एक साथ लीजिए लेकिन पार्टी अलग-अलग देनी पड़ेगी :-)
ReplyDeleteशाम को टीचर बुलाएँगे तो हमें भी याद कर लीजिएगा, हमें अभी बहुत कुछ सीखना है।
बाकी बधाई पोस्ट तो शाम 4:30 की है ही
आपका दाम्पत्य जीवन सभी के लिए प्रेरणा बने, ऐसी शुभकामना है। आपका लेखन भी संख्या से नहीं गुणवत्ता से समाज में स्थान बनाए इसके लिए भी शुभकामना है। आपको बधाई। हमारी तरफ से भाभी जी को एक फूल भेंट कर दीजिए।
ReplyDeleteबधाईयां ही बधाईयां, बहुत सुंदर और शुभ संयोग है एक ही दिन. पर पाटियां तो सरजी अलग अलग ही बनती हैं. कब आना है? और कहां आना है?
ReplyDeleteरामराम.
शादी की सालगिरह की बहुत बहुत बधाई....बैसाखी और १०० वीं पोस्ट के लिए अतिरिक्त बधाई ....
ReplyDeleteडा. दराल साहिब, आप दोनों को अपनी शादी की छब्बीसवीं साल-गिरह पर अनेकानेक बधाइयां और हार्दिक शुभेच्छा...ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि यह बैसाखी का दिन, १३ अप्रैल, बार-बार आये और हर बार खुशियाँ ही खुशियाँ लाये आप सभी के जीवन में !!! वैसे यह संयोग नहीं है क्यूंकि कहावत है कि विवाह स्वर्ग में निर्धारित होते हैं / भले ही संपन्न पृथ्वी पर होते हों !!! और कलियुग में अच्छे मनुष्य का साथ भाग्यवान को ही प्राप्त होता है :)
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाए आज बहुत ही शुभ दिन है ।
ReplyDeleteसौंवी पोस्ट और शादी की सालगिरह की ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
ReplyDeletedr sahab rchnaon ke sath dampty jiwan ki varsh ganthon ka bhi shatak lagayen...yhi abhilasha hai ...badhayyee...bdhayiyan
ReplyDeleteशादी की सालगिरह और १००वी पोस्ट पर बधाई शुभकामना हजारो हजार पोस्टे लिखें ..आभार
ReplyDeleteडाक्टर साहब को बैसाखी की बधाई!
ReplyDeleteफिर आप की शादी की सालगिरह की बहुत बहुत बधाइयाँ!!
ब्लाग जगत में सैंकड़ा जमाने की बधाई!!!
क्या बात है सारी खुशियाँ एक साथ समेट लीं!
हमारी मिठाई सुरक्षित रखिएगा। जब दिल्ली आएँ तो मांग लेंगे।
"आज वो एक रुपया , एक बड़ा पेड़ बनकर फलों से लदा हुआ है।"
ReplyDeleteKaash ki har koi yah samajh paataa. Ek baar phir se dheron shubhkaamnaye Dr. Sahaab !
शादी की सालगिरह और शतकीय पोस्ट की भी बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteडाक्साब बहुत बहुत बधाई हो,सालगिरह की,शतक की,बैसाखी की और आपको मिले बढिया दहेज की.काश स्ब उस दहेज को भी पहचानपाते जो आपने बताया.एक बार फ़िर बधाई.
ReplyDeleteदराल अंकल,
ReplyDeleteसालगिरह की बहुत बहुत बधाई...
सबके लिए मिठाई यहाँ है...
डाक्टर साहब अच्छा दिन चुना है शतकीय पारी के लिए.शादी की सालगिरह और उस दिन भी पोस्ट!!!!!!!!.मतलब की अब तो शादी के २५ साल हो चुके अब क्या डरना ?? अरे अपने दहेज से डर कर रहेंगे तो और ज्यादा सुखी रहेंगे. हा...हा... आज के इस पावन अवसर पर आपको आपके दहेज़ को और (आज वो एक रुपया , एक बड़ा पेड़ बनकर फलों से लदा हुआ है।)एक रूपये वाले उस पेड़ सभी को भगवान बुरी नज़र से बचाए, आगे भी सुखी और स्वस्थ जीवन दे ऐसी भगवान से प्राथना करती हूँ
ReplyDeleteशादी की सालगिरह और शतकीय पोस्ट की भी बहुत बहुत बधाई...
आभार
आजकल के दहेज लोभियों के मुँह पर करारा तमाचा जड़ती हुई आपकी पोस्ट पहुत प्रासंगिक है!
ReplyDeleteशादी की सालगिरह की और पोस्ट के शतक का बहुत-बहुत बधाई!
च्रर्चामंच में भी यह पोस्ट उठा ली है!
समीर जी , पाबला जी , ताऊ जी , द्विवेदी जी , शास्त्री जी --ज़नाब पार्टियाँ तो आपकी पक्की । बस आप दिल्ली आने का प्रोग्राम तो बनाइये । लेकिन इस भीषण गर्मी में तो नहीं । अभी तो हम ही पकौड़े बने जा रहे हैं।
ReplyDeleteआप सब की शुभकामनाओं के लिए आभार कैसे व्यक्त करूँ।
इस पोस्ट में छुपी कुछ बातों को आपने समझा, सराहा और अनुमोदन किया , यही हमारा उपहार है।
शादी की सालगिरह और बैशाखी तथा पोस्टों का शतक वाह क्या संयोग है
ReplyDeleteसामूहिक बधाई
Badhaiyaan sweekaar karein!
ReplyDeleteKabhi phal khilayega?
Maaf kijiye, Khilaaiyega?
ReplyDeleteआशीष भैया , कर्म के बीज डालो , फल तो खुद ही मिल जायेगा।
ReplyDeleteशुक्रिया ।
सौ वी पोस्ट पूरे होने पर और शादी की वर्षगांठ पर हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें!
ReplyDeleteApko satak poora karne ke liye is aasha ke sath subh kamnayen ki aap jald hi dohra satak poora karege.Aapke achchhe wicharon ki desh aur samaj ko jaroorat hai.Aap hamlogon ke andolan se bhi juren jo bharat main sahi mayne main loktantr ke liye aur sarkari khajane ko looteron se bachane ke liye hai login karen http://hprdindia.org
ReplyDeleteशादी की सालगिरह और शतकीय पोस्ट की ढेर सारी शुभ कामनाएं !
ReplyDeleteविलंबित,--शादी की वर्षगांठ की हार्दिक बधाईंयाँ व शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteBadhai Doctor saahab ... shaadi ki saal girah ki ... 100 poston ki .. baisaakhi ki ...aur bahut bahut shubhkaamnaayen ...
ReplyDeleteसभी इत्तेफ़ाकों के लिए बधाइयां.
ReplyDeleteWah ! Aap log paas hote to mai ek cake zaroor banake khila deti!
ReplyDelete100 vi post aur dilchasp shadiki saalgirah ,dono mubarak ho!
आदरणीय डा. साहब आपको बहुत बहुत बधाई और शुभकामना सर ।
ReplyDeleteअजय कुमार झा
आप जैसे हंसमुख साथी पाने के लिए श्रीमती दराल को मेरी शुभकामनायें ! इश्वर करे आप ऐसे ही हँसते और हंसाते रहे हैं !
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें !
आपको शादी की सालगिरह और शतकीय पोस्ट की ढेर सारी शुभ कामनाएं !
ReplyDeleteमास्टर जी ने पुछा- ये रुपया किसने चलाया।
विद्यार्थी ने जवाब दिया- सगाई वालों ने।
तो जी अब जाकर सत्यापन हुआ है कि ये रुपया आपकी सगाई से ही चला है।:)
Congratulations sir.. :)
ReplyDeleteशतकीय पोस्ट और विवाह की वर्षगाँठ की हार्दिक बधाई व शुभकामनायें ...!!
ReplyDeleteशादी की सालगिरह और १००वी पोस्ट पर बधाई व शुभकामनायें ...!!
ReplyDeleteआने में देर हुई...क्षमा करें...शादी की वर्षगाँठ की, बैसाखी की और सौंवीं पोस्ट की ढेरम-ढेर बधाइयाँ...
ReplyDeleteनीरज
समीर जी , पाबला जी , ताऊ जी , द्विवेदी जी , शास्त्री जी --ज़नाब पार्टियाँ तो आपकी पक्की...!!
ReplyDeleteमेरा भी नाम जोड़ लीजिए...
डा. साहिब, 'बैसाखी' से याद आया की यह नाम भारतीयों के मन में एक माह के नाम के अतिरिक्त ध्यान आकर्षित कर सकता है एक लाठी ('क्रच') की ओर भी, जिसके सहारे एक लंगड़ा व्यक्ति चलता है...और संभव है कि यह इसके अतिरिक्त किसी का ध्यान शनि कि ओर भी आकर्षित करे! क्यूंकि शनि-ग्रह पृथ्वी की तुलना में अत्यधिक सुस्त चाल से, एक वर्ष की जगह ३० वर्ष, सूर्य का चक्कर काटने में लगाती प्रतीत होती है (जो वास्तव में सूर्य से अत्यधिक दूरी के कारण है), इसे मानव जीवन में एक लंगड़े जैसा बताया अथवा समझा गया खगोलशास्त्रियों द्वारा :) और पत्नी भी लाठी के समान ही सहारा भी देती है अपने पति को: पत्नी को 'भवसागर' पार करने में नाव (जहाज) के समान कहा गया है प्राचीन ज्ञानियों द्वारा...
ReplyDeleteइन अनोखे संयोगों पर
ReplyDeleteमेरी ओर से भी अनूठी शुभकामनाएँ!
खुशदीप जी के साथ गिद्दे में शामिल हूँ ......!!
ReplyDeleteजोरदार बधाई .....!!
आप सभी महानुभावों को धन्यवाद ।
ReplyDeleteशुभकामनायें स्वीकारें ।
अरे!...वाह...आपके विवाह की तारीख तो अब कभी भी नहीं भूलेंगे :-)
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