top hindi blogs

Thursday, April 8, 2010

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर मिला , डॉक्टरों को सम्मान ---

सतयुग , त्रेता युग, द्वापर युग और अब कलयुग
कलयुग यानि काला युग। काला धंधा , काला धन , काला अंतर्मन ।
यही तो है कलयुग का प्रभाव।

इस प्रभाव से कोई भी क्षेत्र नहीं बचा है। यहाँ तक कि चिकित्सा जगत पर भी इसका प्रभाव पड़ा है ।

तभी तो मानवीय और नैतिक मूल्यों का ह्रास होता जा रहा है ।

लेकिन फिर भी , अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं , जो अपने कर्तव्य का निष्ठापूर्वक पालन करते हुए मानव हित में कार्यरत हैं

इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य दिवस पर दिल्ली सरकार ने ऐसे ही कर्मठ कर्मयोगी स्वास्थ्यकर्मियों को स्टेट अवार्ड(राजकीय पुरूस्कार ) से सम्मानित किया ।

मैं जब जूनियर डॉक्टर था तब हमारे सर्जरी के हैड , भूतपूर्व प्रधान मंत्री श्री चरण सिंह जी के दामाद , डॉ जे पी सिंह, जिनका मैं प्रिय छात्र रहा , कहा करते थे कि एक डॉक्टर में तीक्वालितिज ( गुणों ) का होना अति आवश्यक है। और वो हैं :

१) अवेलेबिलिटी यानि उपलब्धता । आपको अपने रोगियों के लिए समय पर उपलब्ध रहना चाहिए ।
२) अफेबिलिती यानि म्रदुभाशिता । मरीजों के प्रति आपका व्यवहार अच्छा होना चाहिए ।
३) एबिलिटी यानि क़ाबलियत

अब अहम् बात यह है कि सबसे आवश्यक है उपलब्धता , फिर आपका व्यवहार । इन दो गुणों से ही आप मरीज़ का भरोसा जीत लेते हैं । इसी से इलाज़ में आसानी रहती है

लेकिन मेरा मानना है कि ये तीन गुण सिर्फ डॉक्टरों में ही नहीं , बल्कि सभी क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों में भी होने चाहिए ।

और इन्ही गुणों को मुद्दे नज़र रखते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली के डॉक्टरों , नर्सों और अन्य पैरामेडिकल कर्मचारियों को सम्मानित किया । आइये हमारे अस्पताल के जिन लोगों को सम्मान मिला , उनसे आपका परिचय कराते हैं

डॉ श्रीधर द्विवेदी

डॉ द्विवेदी , मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष हैं । साथ ही प्रिवेंटिव कार्डियोलोजी क्लिनिक और आर टी क्लिनिक केभी इंचार्ज हैं। इसके अलावा धूम्रपान विरोधी , नशा उन्मूलन और अडोलेसेंत कार्डियोलोजी जैसे विषयों पर भी कामकर रहे हैं। डॉ द्विवेदी जी जन जागरूकता व्याखान ( पब्लिक अवेयरनेस लेक्चर ) का भी आयोजन हर माह करते हैं, जिनमे क्षेत्र के आम लोगों को सरल भाषा में स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी प्रदान की जाती है।

डॉ द्विवेदी एक अच्छे कवि भी हैं। आपकी लिखी कविता आपने भी पढ़ी होगी , इस ब्लॉग पर।

एक सात्विक जीवन के धनी , डॉ द्विवेदी अत्यंत म्रदुभाशी और खुशदिल इंसान हैं। मरीजों के प्रति उनका समर्पण अत्यंत सराहनीय है। एक बार उनसे मिलकर देखें , आप भी प्रभावित हुए बिना नहीं रहेंगे

डॉ एस वी मधु :

डी ऍम एन्दोक्राइनोलोजि यानि सुपर स्पेशलिस्ट । आप अस्पताल के डायबिटीज के अकेले सुपर स्पेशलिस्ट हैं।और अब अस्पताल में एक अत्याधुनिक डायबिटीज सेंटर खोलने के लिए सफल प्रयास में जुटे हैं।

डॉ मधु यहाँ सबसे चहेते डॉक्टरों में से एक हैं। हों भी क्यों नहीं , उनमे ऊपर बताई गई तीनों क्वालितिज कूट कूटकर भरी हुई हैं। इसीलिए अस्पताल के किसी भी कर्मचारी को स्वास्थ्य सम्बन्धी परामर्श या सेवा की ज़रुरत होतीहै तो सब उन्ही के पास जाते हैं । डॉ मधु एक सीधे सादे और सरल जीवन में विश्वास रखते हैं और अपने काम के प्रति समर्पित हैं।

श्री भारत भूषण :

मेडिकल सोश्यल वर्कर । सही मायने में उन्हें एक समाज सेवक कहना चाहिए । सरकारी नौकरी में रहते हुए भी अपने काम को अपना फ़र्ज़ ही नहीं उत्तरदायित्व समझते हैं। इसीलिए आउट ऑफ़ वे जाकर भी मरीजों की सेवा में लीन रहते हैं। एक अच्छे भाषाविद , लेखक और संयोजक के रूप में अस्पताल में सभी सांस्कृतिक और सामाजिक कार्यक्रमों में अग्रणी रहते हैं। हैल्थ एजुकेशन में डिप्लोमा लेकर जन जागरूकता के कार्यों में हमेशा सक्रिय भाग लेते हैं।

सम्मान पुरुस्कार वितरण समारोह में उपस्थित थे --दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमती शीला दीक्षित जी , स्वास्थ्य मंत्री डॉ किरण वालिया जी , प्रिंसिपल सेक्रेटरी श्री जे पी सिंह जी , डीन डॉ के अगरवाल , और डाइरेक्टर डी एच एस डॉ भट्टाचार्जी

इसे इत्तेफाक कहें या कुछ और , लेकिन पिछली बार २००८ में हुए सम्मान समारोह में स्टेट अवार्ड हमें भी मिला था ।
अब अपने बारे में क्या कहें , जो भी हैं , जैसे भी हैं , एज इज वेयर इज कंडीशन में आपके सामने हैं।

34 comments:

  1. पुरानी बधाई भी और आज विश्व स्वास्थय दिवस पर बधाई.

    ReplyDelete
  2. दराल सर,
    आपका सबसे बड़ा अवार्ड तो ऊपर वाले ने आपको बख्शा हुआ है...वो है इतना बड़ा दिल...

    आज के भौतिकतावादी युग में आप जैसे डॉक्टरों की वजह से ही ये मुमकिन है कि गरीब आदमी का भी इलाज हो जाता है...

    वरना पैसे की अंधी दौड़ ने ऐसी पट्टी बांध रखी है कि कई नर्सिंग होम वाले मरीज़ की लाश पर भी सौदेबाज़ी करने से गुरेज़ नहीं करते...

    जय हिंद...

    ReplyDelete
  3. सबसे परिचय करवाने का शुक्रिया !!

    ReplyDelete
  4. सबको अवार्ड मिला है..बहुत ख़ुशी की बात है...
    ब्लॉग जगत से आपका जुड़ना ही हम जैसों के लिए बहुत बड़ा अवार्ड है दाराल साहेब...और यह बात मैं बिलकुल दिल से कह रही हूँ...
    गिनती के लोग हैं जिनको वो प्रतिष्ठा मिली है ..और उनमें से एक आप भी हैं...
    आभार....

    ReplyDelete
  5. हिंदी ब्लॉगिंग से आपका जुड़ना और पूछे गए सभी सवालों का धीरज के साथ (निःशुल्क )जवाब देना अपने आप में एक समाजसेवा का कार्य है ...वर्ना कलियुग में चिकित्सक बिना फीस लिए कहाँ कुछ करते हैं ..
    बधाई व शुभकामनायें ...

    ReplyDelete
  6. सभी चिकित्सक बढ़ायी के पात्र हैं -शुभकामनाएं भी !

    ReplyDelete
  7. डा. दराल साहिब, मैंने सुबह आपके ब्लॉग का चक्कर लगा लिया था,,,और अभी समाचारपत्र में डा. श्रीधर द्विवेदी का नाम जाना पहचाना पाया आपके ब्लॉग में आने से सत्संग का लाभ उठा ...उनको और आप सभी गुरु तेग बहादुर के अन्य चिकित्सको को भी बधाई!

    ReplyDelete
  8. सब को बधाई और आप को धन्यबाद

    ReplyDelete
  9. सभी को हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें! सबके साथ परिचय करवाने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया! सुन्दर प्रस्तुती!

    ReplyDelete
  10. अवेलेबिलिटी, अफेबिलिती और एबिलिटी, एकदम सही और एक अच्छे डॉक्टर की मुख्य विशेषताए आपने बतायी ! डा० साहब , एज इज वेयर इज आधार पर भी आप एक अच्छे इंसान है !

    ReplyDelete
  11. अब अपने बारे में क्या कहें , जो भी हैं , जैसे भी हैं , एज इज वेयर इज कंडीशन में आपके सामने हैं। .....आपको बहुत बधाई,आप इस योग्य हैं,सम्मान स्वयं सम्मानित हुआ.

    ReplyDelete
  12. Daral saheb,
    aapne mujhe bahut achchha comment diya. aapka comment meri rachna ka sahi aankalan hai.badhai!

    sabse parichay karaane ke liye shukriya.

    ReplyDelete
  13. बढ़िया प्रस्तुति और परिचय के लिए बधाई भाई जी ! !

    ReplyDelete
  14. बेहतरीन प्रस्तुति..बधाई.

    *********************
    "शब्द-शिखर" के एक साथ दो शतक पूरे !!

    ReplyDelete
  15. खूबसूरत प्रस्तुति...आपका ब्लॉग बेहतरीन है..शुभकामनायें.
    ************************
    'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर हम प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटे रचनाओं को प्रस्तुत करने जा रहे हैं. जो रचनाकार इसमें भागीदारी चाहते हैं,वे अपनी 2 मौलिक रचनाएँ, जीवन वृत्त, फोटोग्राफ hindi.literature@yahoo.com पर मेल कर सकते हैं. रचनाएँ व जीवन वृत्त यूनिकोड फॉण्ट में ही हों.

    ReplyDelete
  16. डा. साहिब, क्यूंकि आपने युग के प्रभाव को थोड़े से शब्दों में संदर्भित किया, मैंने सोचा यहाँ थोडा यह भी जोड़ दूं कि प्राचीन हिन्दू, भले ही भीड़ से दूर, हिमालय की कंदराओं में पहुँच गए सत्य कि खोज में,,,और यह उन्ही के 'भागिरिथि प्रयास' का फल है कि आज 'हिन्दू' सत्य को न जानते हुए भी गर्व से कहता फिरता है कि कैसे उसके पूर्वज 'पहुंचे हुए' ज्ञानी थे और चन्द्रमा की चरण धूलि यानि 'माँ' का आशीर्वाद पा अनंत तक पहुँचने में सक्षम हो पाये थे सतयुग में, लोक-परलोक की यात्रा कर उससे पहले अन्य युगों में...

    ReplyDelete
  17. जिस दिन पेपर में देखा कि आज विश्व स्वस्थ दिवस है तो पहले आपका ध्यान आया कि शायद आपने इस पर भी कोई पोस्ट लिखी हो और मेरा सोचना सही निकला ....

    कलयुग यानि काला युग। काला धंधा , काला धन , काला अंतर्मन ...
    "अंतर्मन"...आपका ब्लॉग भी है ....पर वो कला नहीं बहुत उजला है .....!!
    डॉ श्रीधर द्विवेदी,डॉ एस वी मधु और श्री भारत भूषण जी को ढेरों बधाई ....पर हमें तो सबसे ज्यादा खुशी निचे वाली तस्वीर को देख कर हुई .....आप तो हैं ही इसके काबिल ......!!

    ReplyDelete
  18. कुछ टंकण की गलतियां सुधारकर ही पढ़ियेगा ... !!

    ReplyDelete
  19. आपको आज बधाई और बाकी सबको भी बधाई हमारी तरफ से ... पुरूस्कार एक माध्यम है समाज द्वारा पहचानने का ... अच्छा लगा सब के बारे में जान कर ...

    ReplyDelete
  20. 1अवेलेबिलिटी यानि उपलब्धता ।
    २) अफेबिलिती यानि म्रदुभाशिता ।
    ३) एबिलिटी यानि क़ाबलियत
    सर ये जो जीवन के तीन महान सूत्र हैं. इतने अच्छे सूत्र के लिए आभार.सभी डॉ बधाई के पात्र है और आप भी. अच्छी लगी ये पोस्ट

    ReplyDelete
  21. आप सबको बहुत-बहुत बधाई.

    ReplyDelete
  22. आपके समस्त साथियों को शुभकामनायें ! और आप तो सदाबहार ग्रेट हो जो लोगों के दिल में रहते हो ! आपको शुभकामनायें

    ReplyDelete
  23. विश्व स्वास्थय दिवस पर बधाई. उन समस्त चिकित्सकों को भी हार्दिक बधाई जिन्होंने पूरी निष्ठा से इस सेवा को नयी ऊंचाईयां प्रदान की हैं....सबसे परिचय करने के लिए आपका भी शुक्रिया

    ReplyDelete
  24. शादी की सालगिरह और शतकीय पारी की ढेर सारी शुभकामनाये और बधाई दराल साहब !

    ReplyDelete
  25. गोदियाल जी , आप तो अंतर्यामी हैं।
    पलक झपकते ही अहसास हो गया ।

    ReplyDelete
  26. हा-हा-हा, डा० साहब, मेरे पास एक तीसरी आँख भी है , खैर , एक बार फिर से ढेरों शुभकामनाये !

    ReplyDelete
  27. बैसाखी के शुभ दिन १००वी पोस्ट और शादी की सालगिरह ---क्या इत्तेफाक है --
    --
    आपकी उपरोक्त पोस्ट का पृष्ठ नहीं खुल रहा है!
    --
    अनुभूति

    ReplyDelete