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Friday, November 20, 2009

ज़रा हट के ---

पिछली कई पोस्ट में मैंने कई सीरियस मुद्दों और बीमारियों के बारे में लिखा। आगे आने वाली पोस्ट में ज़िक्र होगा, थायराइड की बीमारियों का। लेकिन वो कहते हैं न की --ऑल वर्क एंड नो प्ले, मेक्स जैक अ डल ब्वाय। तो हमने सोचा की इस बार ज़रा कुछ हट के हो जाए।
वैसे भी आजकल सभी बड़े बड़े ब्लोगर्स पहेलियाँ बूझने और बुझाने में लगे हैं। तो लीजिये एक हमारी तरफ़ से भी।

अब ज़रा इसे दिखिये ---


इस सुनहरे रंग की मूर्ती को देखिये। ये मूर्ती करीब सात फुट ऊंची है। और इसकी एक ख़ास बात ये है की, इसमे एक जगह बनी है, जहाँ सिक्के डालो तो इसका पोस्चर बदल जाता है। यानि ये स्वचालित है। हालाँकि बिजली के तार कहीं नज़र नही आते।

अब आपको बताना ये है की ये खूबसूरत मूर्ती किस नेता या अभिनेता की है और किस शहर में स्थापित है।
समीर लाल जी, कोशिश करेंगे ?

20 comments:

  1. मूर्ति किसकी है यह सवाल तो अपनी जगह है लेकिन ..
    "समीर लाल जी कोशिश करेंगे ? " कोई हिंट जैसी लगती है ..यानि यह मूर्ति भारत मे तो नही है.. और न ही किसी भारतीय की है । वैसे हमारे देश मे इस कैरेक्टर के बहुत से जीते जागते लोग है ... पैसा डालते ही पोस्चर् बदल देते हैं ..हाहाहा .

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  2. Aapki post zara nahin... poori hi hat ke hai...
    :)
    Jai Hind..

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  3. Yeh Michael Douglas ki moorti hai.... jo ki newyork mein hai....

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  4. अच्छी जानकारी , आभार ।

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  5. हम तो पर्यटक नहीं रहे आजीवन तो का बताएं :)

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  6. लगता तो कनाडा की है...चैक करते हैं

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  7. शरद जी, हिंट तो सही पकड़ा है.
    बात भी सही कही है.
    समीर जी से अभी और उम्मीद है.

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  8. असली हाड-मांस की होती तो कोशिश करते.. दराल जी..... vaise समीर जी ढूंढने निकले हैं हमारी आस भी उन्हीं पर है..

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  9. ये है तो क्यूबेक का..पक्का!!

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  10. अच्छा इसी का लिंक दे देता हूँ:

    http://images.google.ca/imgres?imgurl=http://www.gonomad.com/destinations/0508/images/quebec-statue.jpg&imgrefurl=http://www.gonomad.com/destinations/0508/quebeccity.html&usg=__uBlcMAFs_1UPMw-7DNbxWmTePks=&h=267&w=200&sz=13&hl=en&start=1&tbnid=FmIwVcbMAqbjXM:&tbnh=113&tbnw=85&prev=/images%3Fq%3Dneo-traditional%2BMes%2BA%25C3%25AFeux%2Brock%2Bthe%2BFrancophonie%2BStage%26gbv%3D2%26hl%3Den%26sa%3DG

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  11. Mes Aïeux rock क्यूबेक सिटी...मूरल...लिविंग स्टेच्यू

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  12. बहुत खूब! शरद जी ने कलियुगी मानव की सही नाडी पकड़ी है - डा. दराल की संगती के कारण शायद! वैसे भी सुकरात ने कुछ ऐसा कहा था कि तीस साल की उम्र तक आदमी या तो डॉक्टर होता है या फिर मूर्ख रह जाता है :)

    जहां तक सात-फुटे एक्टर का प्रश्न है वो किसी पश्चिमी देश का ही होना चाहिए ...और डा. साहिब के कनाडा से ताज़ा-ताज़ा प्रभावित होने के कारण वहाँ के किसी शहर का हो सकता है...जिसमें से टोरोंटो के कम चांसेस हैं क्यूंकि नहीं तो मेरी बड़ी बेटी शायद वो देखी होती और मुझसे चर्चा करी होती...हार मान ली :)

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  13. नतीजा शाम को या फ़िर कल की पोस्ट में।

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  14. योगेन्द्र जी, समीर लाल जी पर बड़ा भरोसा है आपको।

    जे सी साहब, आपकी बात में दम है।

    वैसे समीर जी को मैं जानता हूँ। धुन के बड़े पक्के हैं और पता लगाकर ही रहेंगे।

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  15. सब लोगों ने समीर जी को काम पर लगा दिया, वीकेंड अच्छा बीतेगा उनका

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  16. अब समय मिल गया है तो थोड़ी बहुत अटकल लगा सकते हैं...फ़िल्मी दुनिया में हौलीवुड (?) के हास्य कलाकारों में, पहले बचपन में हमने जो फिल्में देखी, दो टोपीधारी जोड़ियाँ प्रसिद्द थीं : बड एबट-लो कोस्टेल्लो, और स्टेन लौरेल-ओलिवर हार्डी की...इनमें एक मोटा और लम्बा था तो दूसरा छोटा और पतला...

    मुझे यह कुछ-कुछ लो कोस्टेल्लो की जैसी लग रही है. किन्तु वो न्यू जर्सी अमेरिका का था और उसकी मूर्ती वहां पहले से लगी है, जबकि यह मूर्ती आधुनिक रोबोटनुमा है और संभव है कि यह कूबेक, कनेडा में लगाईं गयी हो भले ही वो अमेरिकन था...और दोनों देश भाई-भाई से ही तो हैं :)

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  17. लो जी, राज़ खुल गया।
    आख़िर समीर भाई कसौटी पर खरे उतरे।
    पता लगा कर ही दम लिया।
    मैं समीर जी की लगन और तत्परता को सलाम करता हूँ।
    बाकी ब्लोगर्स के लिए भी ये अच्छा उदहारण है।

    जे सी साहब, आपकी बिटिया टोरोंटो में है तो आप अवश्य कई बार गए होंगे। मैं तो एक बार ही गया हूँ , अपने मित्र
    डॉ विनोद वर्मा के आमंतरण पर। मैंने एक पोस्ट लिखी थी ---दोस्ती की निराली मिसाल --ये हम पर भी लागू होती है।
    यदि कभी आप कनाडा जायें, तो समीर जी से अवश्य मिलिएगा। आप को और उनको , दोनों को बड़ा अच्छा लगेगा।

    मूर्ती का विस्तृत विवरण , अगली पोस्ट में, आज शाम को ही।

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  18. डील-डौल और शक्ल सूरत से तो किसी फिरंगी की लगती है लेकिन आदत इसमें हमारे भारतीय नेताओं की ही है...पैसा फैंकते ही अपने रंग-ढंग बदल देती है :-)

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