आज रविवार १५ जुलाई से हास्य कार्यक्रम ग्रेट इंडियन लाफ्टर चेलेंज ५ शुरू हो रहा है . यह लाइफ ओ के चैनल परलाफ इंडिया लाफ के नाम से रात १० बजे दिखाया जायेगा . इत्तेफ़ाक से जब हमें पता चला तो हम भी पहुच गए ऑडिशन देने . हमें विश्वास दिलाया गया , आपको एक हफ्ते में ज़रूर बुलाएँगे . हफ्ते तो कई बीत गए लेकिन बुलावे का फोन नहीं आया . एक बार पहले भी ऐसा हो चुका है जब डायरेक्टर के साथ दो बार इंटरव्यू के बाद भी अंतत : बुलावा नहीं आया . आखिर यह मान कर ही दिल समझाना पड़ा -- यह आवश्यक नहीं , सफलता हर बार अवश्य मिले .
टीचर्स कार्निवल के फोटो दिखा कर हमने वादा किया था , आपको अपनी क्लिप्स दिखाने का . क्लिप्स अब मिल चुकी हैं . भले ही सारे देश को हंसाने का अवसर नहीं मिला, अपने अस्पताल के छात्र और डॉक्टर्स ने खूब एन्जॉय किया . यहाँ आपको बता दें --यह कार्यक्रम बहुत मौज मस्ती भरा, चुलबुला , ताबड़ तोड़ और वाइब्रेंट होता है . इसलिए शायद आपको पहली नज़र में शॉक लग सकता है .
लीजिये , आप भी आनंद लीजिये . मौका और दस्तूर देख कर जो सही लगा , वही प्रस्तुत किया है .
1) इस क्लिप में प्रस्तुत हैं , कुछ चुनिन्दा बुजुर्ग कवियों की चंद पंक्तियाँ , अपने अंदाज़ में :
२) हमारा काव्य सफ़र शुरू हुआ था काका हाथरसी की कवितायेँ सुनकर. उन्ही को समर्पित करते हुए, ये चार छंद :
रचना दीक्षितJuly 15, 2012 10:31 AM
ReplyDeleteढेरों ढेर तालियाँ और वंस मोर का शोर. वाह वाह क्या बात है. ये रेकॉर्डिंग्स तो आपने पहली बार लगाई हैं. मज़ा आ गया.
डॉ टी एस दरालJuly 15, 2012 11:38 AM
Deleteजी , लेकिन लगता है गूगल को पसंद नहीं आई . कहीं दिखाई ही नहीं दे रही --न हमारीवानी पर , न डैशबोर्ड पर .इसलिए काट छंट कर दूसरी बार लगाई है . अब नज़र आ रही है .
जी हमें तो नज़र आ रही है और सुने भी दे रही है .... और मज़ा भी ले रहे हैं हंस हंस के दोहरे भी हो रहे हैं ... बधाई हो .. अब अगली भी लगा देना ... शर्माना मत ... हंस हंस के झेलेंगे ...
ReplyDeleteवाह, एक अलग किस्म का अंदाज , डा० साहब ! वहाँ उपस्थित श्रोतावों का उत्साह और तालिया आपके हास्य-काव्य की सफलता की कहानी बयान कर रहा है !आप भी पूरे मूड में नजर आ रहे है! बहुत बढ़िया !
ReplyDeleteलाफ़्टर चेलेंज से इसलिये बुलावा नही आया कि वहां सिर्फ़ ताऊओं से सेटिंग है और उन्ही को मौका मिलता है.:) क्लिप्स देख सुनकर आनंद आ गया.
ReplyDeleteरामराम
अपुन तो जन्म से ही ताऊ हैं , फिर क्यों नहीं ? :)
Delete:):) बहुत बढ़िया क्लिप्स ॥
ReplyDeleteअगली बार ही सही..
ReplyDeleteबड़े छुपे रूस्मत निकले आप तो! इस अदा में तो अच्छे-अच्छे मंच पर न सुना पायें।
ReplyDeleteहास्य कवि वही होता है जो कविता करना जाने न जाने हसाना अच्छे से जानता है। बहुत अच्छा लगा देख सुन कर। जो है वो लगाइये फिर नये बना कर लगाइये। हम भी कहते हैं...वन्स मोर..वन्स मोर।
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ReplyDeleteभोत बढिया जी, आपने तो अच्छे अच्छों के कान की सर्जरी कर दी।
ReplyDeleteराम राम
डॉ.साहब
ReplyDeleteआप का ये अंदाज़ मन को भाया ..अब एक बात तो तय है ?
आप का मरीज़ ,आपके पास रोते-रोते आएगा
और हँसते-हँसते मर जायेगा....आखिर मरना तो एक दिन है ही ?
खुशनसीब मरीज़ ...जिसकी जिंदगी में आप जैसा डॉ,आये :-)))
खुश रहिये ,खुश रखिये !
अशोक जी , इसलिए मरीजों को नहीं सुनाते. खामख्वाह हमारे नाम लग जायेगा . :)
Deleteडॉ साहब आपका ये अंदाज़ भी दिल को बड़ा भा गया .आनंद आ गया .
ReplyDeleteसपनों में ही पेंग बढ़ाते, झूला झूलें सावन में।
ReplyDeleteमेघ-मल्हारों के गानें भी, हमने भूलें सावन में।।
मँहगाई की मार पड़ी है, घी और तेल हुए महँगे,
कैसे तलें पकौड़ी अब, पापड़ क्या भूनें सावन में।
मेघ-मल्हारों के गानें भी, हमने भूलें सावन में।।
हरियाली तीजों पर, कैसे लायें चोटी-बिन्दी को,
सूखे मौसम में कैसे, अब सजें-सवाँरे सावन में।
मेघ-मल्हारों के गानें भी, हमने भूलें सावन में।।
आँगन के कट गये नीम,बागों का नाम-निशान मिटा,
रस्सी-डोरी के झूले, अब कहाँ लगायें सावन में।
मेघ-मल्हारों के गानें भी, हमने भूलें सावन में।।
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ReplyDeleteJCJuly 15, 2012 6:26 PM
ReplyDeleteबहुत बढ़िया! आप विद्यार्थियों में बहुत प्रसिद्द दिखाई पड़े... एक ही प्रश्न उठता है कि कहीं आपके हाथ में कुछ नंबर तो नहीं हैं??? बाकी 'हालचाल ठीक ठाक है/ सब कुछ ठीक ठाक है'! धन्यवाद!
हाथ में नंबर ! --- जे सी जी , अब इसका राज़ भी बता ही दीजिये .
Deleteप्रौफैश्नल कॉलेज में प्रैक्टिकल आदि के भी नंबर होते हैं, इस लिए अधिक मार्क्स लेने के लिए अधिकतर विद्यार्थी चमचागिरी करते हैं...
Deleteजे सी जी , उन्हें जो चाहिए , हमने वही दिया . :)
DeleteJCJuly 16, 2012 9:01 PM
Deleteइसे कहते हैं सही नब्ज़ पकड़ना...:)
तु सी छा गए बादशाहों ...
ReplyDeleteइतनी हुल्लड़ भीड़ में अपनी रचना सुना लेना किसी योद्धा से कम नहीं है .. :-)
लेडी डाक्टर्स कुछ ज्यादा ही फ़िदा हैं आप पर ...
ये कैसे जाना पंडित जी ! :)
Deletemajedar achha lagi
ReplyDeleteआनंद आ गया आपका यह रूप पसंद आया !
ReplyDeleteशुभकामनायें !
अभी दूनों वीडियो देखा,बड़ा मजा आया !
ReplyDeleteआपका लुक तो गंभीर है मगर यहाँ तो आउटलुक बिलकुल विपरीत है.एक तो कवि,दूसरे हास्य का और रीसरे डॉक्टर,माशाअल्लाह क्या काम्बिनेशन है ?
तालियाँ बजाने वाले कुछ ज़्यादा ही उत्साहित लग रहे हैं.लगता है उनको हँसी का सूखा झेले काफ़ी अरसा हो गया है.आप कई बार झेंप भी गए हैं,पर चिंता न् करिये,कई बार के अभ्यास से आदत पड़ जायेगी !
सही कहा संतोष जी -- करत करत अभ्यास के ---युवाओं के साथ खुद भी युवा बनना पड़ता है .
Deleteलेकिन झेंपने की उम्र तो हमारी नहीं है .हाँ , एक आध जगह सूई अटक गई थी . यह अक्सर बड़े बड़े कवियों के साथ भी होता है . :)
sundar !
ReplyDeleteकिसी लाफ्टर चैलेंज में इंतजार रहेगा।
ReplyDeleteजी , कोशिश तो है दोबारा आने की .
Deleteबिंदु संख्या 1 और 2 के बाद,कोई सामग्री नज़र नहीं आ रही है। बड़ा-सा गैप दिख रहा है।
ReplyDeleteराधारमण जी , पहले चारों क्लिप्स एक साथ लगाईं थी . लेकिन पोस्ट कहीं दिखाई ही नहीं दी. इसलिए दो भाग में विभाजित कर लगा रहा हूँ .
Deleteवाह ... बहुत ही बढि़या प्रस्तुति ।
ReplyDeleteएंजेलीना जोली संग होली !!!!
ReplyDeleteएक सीटी हमारी और से भी...............
झेल गए सर...अगली क्लिप्स भी लगा दें...
:-)
सादर
अनु
जी , अगली पोस्ट झेलनी नहीं पड़ेगी . :)
Deleteओये होए ......:))
ReplyDelete.................
..........................
...............................
बाकि के कमेंट्स का इन्तजार करें ......:))
अगली पोस्ट का भी इंतज़ार करें . :)
DeleteKya kahne.
ReplyDeleteChha gaye aap.
............
ये है- प्रसन्न यंत्र!
बीमार कर देते हैं खूबसूरत चेहरे...
क्या बात है ....आप तो गज़ब के परफोरमर हैं.लाफ्टर वालों ने आपको न बुला कर अपना ही नुक्सान किया है..
ReplyDeleteनुकसान भले ही न हुआ हो , लेकिन हम पर उपकार किया है . :)
Deleteडाक्टर साहब किसी तकनीकी कारण से आपको सुन पाना मुमकिन नहीं हुआ ! मन मसोस कर रह गये !
ReplyDeleteदूसरे मित्र इतनी तारीफ कर रहे हैं तो उनकी बात में दम ज़रूर होगा वैसे भी आप स्मार्ट आदमी हैं तो मंच लूट लेना क्या बड़ी बात है आपके लिए :)
बहुत बहुत बधाई !
अली सा , आशा करता हूँ , अगली पोस्ट तक तकनीकि गड़बड़ ठीक हो जाएगी . :)
Deleteवाकई मज़ा आगया आपका यह अंदाज़ देखकर, अब तक क्यूँ नहीं लगाया था आप ने अपना कोई क्लिप :)आप भी न कभी-कभी शर्माते बहुत हैं :)डॉ साहब...
ReplyDeleteप्रस्तुति अच्छी लगी। मेरे नए पोस्ट "अतीत से वर्तमान तक का सफर" पर आपका हार्दिक अभिनंदन है।
ReplyDeleteडॉक्टर साहब रहने दीजिए बुलावे को....आप कितने मंच की शोभा बढ़ा चुके हैं..अब एक हास्य ब्लॉग सम्मेलन की कमी है उसे तो पूरा कर दें...। दिल्ली में रहते हुए भी इस मामले में दिल्ली दूर है क्या?
ReplyDeleteग़ज़ब का आइडिया है . इस पर विचार करना पड़ेगा .
Delete.
ReplyDeleteहा हाऽऽ… मज़ेदार !
बहुत ख़ूब डॉक्टर भाईसाहब !
इतनी मांग देख कर लग तो नहीं रहा कि किसी को भी झेलने में दिक्कत हुई होगी …
अब लगा ही दीजिए अगली पोस्ट में बाकी तमाम क्लिप्स :)
भाई --- साहब ! जब आपने झेल लिए तो किसी और को क्या शिकायत हो सकती है! :)
Deleteआगाज़ अच्छा है ...एक दिन लाफ्टर चैलेन्ज तक भी पहुंचेंगे !
ReplyDeleteशुभकामनायें !
हमे तो ऐसा ही लगा जैसे लाफ्टर चेलेंज का एपिसोड देख लिया मजा आ गया दर्शकों का शोर भी बता रहा है की आप कितनी उच्च कोटि के कलाकार हैं
ReplyDeleteखुलकर कही है बात आपने अपनी ,
ReplyDeleteलगता है उनसे कुछ बात हुई है ( मुलाक़ात हुई है) .बढ़िया प्रस्तुति .
apko sunana achchha laga...anand aa gaya ...................... badhai
ReplyDeleteबहुत बढिया जी
ReplyDeleteग़ज़ल कैसे होती है कोई सांवली सी नर्स आए और लेडी हार्डिंग में ...बढिया प्रस्तुतियां आपकी सभी सुनी .
ReplyDeleteवाह वाह वाह जी
ReplyDeleteवाह वाह वाह जी
आपको देख और सुनकर आनन्द आ गया,डॉ.साहिब.
ताली ....ताली ...ध..ताली.
जोरदार प्रस्तुति के लिए आभार,डॉ.साहिब.
वाह वाह वाह .......डॉ. साहब ...जय हो ...सब मिलकर तालियाँ बजाएं ...!
ReplyDeleteशानदार! मजेदार। हमने सही समय पर देखे वीडियो। सब साफ़ सुनाई दे रहा है।
ReplyDeleteअगली पोस्ट का इंतजार है! :)
नई पोस्ट कहाँ गायब हो गई?
ReplyDeleteसही सवाल . ज़वाब भी अगली पोस्ट में ही .
Delete