कैमरा :
अच्छा फोटो खींचने के लिए किसी प्रोफेशनल कैमरे की आवश्यकता नहीं होती . आजकल आम तौर पर छोटे छोटे डिजिटल कैमरे मार्केट में उपलब्ध हैं जो ५००० -१०,००० रूपये की रेंज में मिल जाते हैं . अच्छी फोटो का मेगा पिक्स़ल से कोई सम्बन्ध नहीं होता . मेगा पिक्स़ल बस फोटो का साइज़ तय करता है यानि आप कितना एनलार्जमेंट कर सकते हैं . हमारे मोबाइल के २ मेगा पिक्स़ल कैमरे से भी बढ़िया फोटो आते हैं . लेकिन कैमरे में लेंस कार्ल जीस का हो तो फोटो ज्यादा साफ आते हैं . ज्यादा ज़ूम का भी ज्यादा फायदा नहीं होता क्योंकि हाई ज़ूम पर बिना ट्राई पोड के फोटो खींचने पर शेक इफेक्ट की वज़ह से फोटो धुंधले नज़र आयेंगे .
सधा हुआ हाथ : अच्छी फोटो के लिए ज़रूरी है की फोटो खींचते समय हाथ स्थिर रहें . ज़रा सी हरकत भी फोटो को धुंधला कर सकती है . लेकिन यह अभ्यास से ही आता है .
प्रकाश :
फोटो लेते समय ध्यान रखें , सूरज आपके पीछे की ओर हो जिससे रौशनी सब्जेक्ट के ऊपर पड़े . अक्सर लोग फोटो लेते समय सूरज महाराज का ध्यान ही नहीं रखते .
सिमिट्री :
किसी भी सब्जेक्ट जैसे किसी भवन , मोनुमेंट या जगह की फोटो लेते समय फोटो फ्रेम की सिमिट्री जितनी सही होगी , फोटो देखने में उतना ही आनंद आएगा . अक्सर लोग सिमिट्री का ध्यान नहीं रखते , बस देखा और किल्क कर दिया . सब्जेक्ट के दायें , बाएं , ऊपर और नीचे --चारों ओर समान या एक अनुपात में स्थान रहना चाहिए . कहाँ कितना रिक्त स्थान रखना है , यह आपके अनुभव और पसंद पर निर्भर करता है .
फोरग्राउंड और बैकग्राउंड :
आम फोटो तो सभी खींच लेते हैं . फोटो में भी मॉडर्न आर्ट पैदा करना भी एक कला है . नए नए आइडियाज ट्राई करना में हर्ज़ भी क्या है .
स्पेशल इफेक्ट्स :
आसमान में छाये बादल फोटोग्राफर्स को हमेशा लुभाते हैं . इन्हें प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ ऐसे मिलाइये जैसे इनके बिना फोटो अधूरी सी लगे . लेकिन यहाँ भी सिमिट्री का सही होना ज़रूरी है .
क्योंकि फोटो खींचने का ऐसा अवसर संयोगवश ही मिलता है .
फोटो देख कर कहना मुश्किल है , यह सूर्योदय की फोटो है या सूर्यास्त की . लेकिन यदि दिल से खींची जाए तो इफेक्ट एक जैसा ही आता है -- मनभावन .
किसी प्राकृतिक द्रश्य जैसे झील का फोटो लेते समय फोरग्राउंड में पेड़ पौधे आदि लेने से द्रश्य की शोभा बहुत बढ़ जाती है . इसके बिना फोटो देख कर ऐसा लगेगा जैसे बिना नमक की दाल .
कलात्मक दृष्टि :
स्पेशल इफेक्ट्स :
ज़रा सी कल्पना शक्ति का इस्तेमाल कर आप फोटो में स्पेशल इफेक्ट्स ला सकते हैं . पैवेलियन की इस तस्वीर को लेते समय एक सूखे पेड़ को बीच में लेने से फोटो की सुन्दरता में चार चाँद लग गए हैं . बिना इस पेड़ के फोटो बहुत ब्लैंड लगती .
आउटडोर यात्रा पर :
आसमान में छाये बादल फोटोग्राफर्स को हमेशा लुभाते हैं . इन्हें प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ ऐसे मिलाइये जैसे इनके बिना फोटो अधूरी सी लगे . लेकिन यहाँ भी सिमिट्री का सही होना ज़रूरी है .
आँखें खुली रखिये :
किसी अंजानी जगह पर विचरण करते समय सतर्क रह कर चहलकदमी करेंगे तो अनेक ऐसे द्रश्य देखने को मिल जायेंगे जिन्हें आप कैमरे में कैद करना चाहेंगे . यह टेढ़ा मेढ़ा पेड़ और उस पर बैठा बन्दर --यह द्रश्य पलक झपकते ही ओझल हो सकता है .
अवसर को हाथ से न जाने दें :
क्योंकि फोटो खींचने का ऐसा अवसर संयोगवश ही मिलता है .
सूर्योदय या सूर्यास्त :
नोट : ब्लॉगजगत में कई अच्छे फोटोग्राफर हैं जैसे देवेन्द्र पाण्डे जी , सतीश सक्सेना जी , संदीप पंवार और नीरज जाट . हाल में ही श्री इन्द्रानील भट्टाचार्जी के फोटो देखकर बहुत आनंद आया . अब आपके सुन्दर फोटोज का इंतजार रहेगा .
वाह.... अब तो अवश्य ही अच्छे फोटोग्राफर बन जाएंगे.... वैसे एक छोटी सी कोशिश मैंने भी की थी...
ReplyDeleteतिरछी नज़र
बढ़िया फोटो हैं शाहनवाज़ जी .
Deleteफोटोग्राफी अच्छा शौक है . कीप आईटी अप .
अब आपके फोटो देखते रहेंगे , फोलो जो कर किया है .
मुझे फोटो खिचाने का बहुत शौक है... और मुझे सबसे ज्यादा अपनी ही फोटो खिचानी अच्छा लगता है.. .. हालांकि मैं फोटो खींच नहीं पाता हूँ...फिर भी कोशिश करता हूँ.... अब तो आपसे ही सीखूंगा.. वैसे आपकी इस पोस्ट से काफी कुछ सीखने को मिला है... और आपके ये सारे फोटोग्रैफ्स बहुत अच्छे लगे.. इसी बहाने यह भी पता चला कि ब्लॉगवुड में कितने अच्छे अच्छे फोटोग्रैफर हैं.. थैंक्स फॉर शेयरिंग..
ReplyDeleteमहफूज़, फोटोग्राफी एक मेडिटेशन जैसा है . ज़रूर कोशिश कीजिये , यह शौक पालने की .
Deleteमुझे भी शौक है फोटोग्राफी का....
ReplyDeleteठीकठाक खीच लेते हैं...मुझे लगता है मोमेंट्स सबसे ज्यादा ज़रूरी है अच्छे फोटो के लिए......सीढ़ी साधी कन्वेंशनल फोटो कम अपील करती है....
and no doubt u are a magical photographer...u know all the tricks.thanks for sharing.
regards
anu
Thanks Anu ji .
Deleteनेचर फोटोग्राफी में भी बड़ा आनंद आता है .
तकनीकी जानकारी तो पढ़ी भी जा सकती है पर ये जानकारी है जो कही उपलब्ध नहीं होती अक्सर ... आपने न सिर्फ अच्छे फोरो खींच के अच्छे उधारण दिये हैं ... मिसाल भी दी है ... की शौंक सस्ते में भी पूरा किया जा सकता है ...
ReplyDeleteये शौक मैं भी रखता हूँ ...कुछ सीखने में और इज़ाफा हुआ|
ReplyDeleteआभार |
क्या बात है ...आइन्दा फोटो खीचते वक्त आपकी बातें जरुर याद रहेंगी.
ReplyDeleteबिलकुल ठीक कहा आपने पूर्णतः सहमत हूँ आपकी बातों से...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर फोटोस हैं आपने जो भी बातें यहाँ सिखाई हैं सभी सहजने व स्मरण रखने योग्य है.सार्थक पोस्ट.
ReplyDeleteऐसा हादसा कभी न हो
फोटोग्राफी की उम्दा जानकारी डा० साहब !
ReplyDeleteफोटोग्राफी के बारे में अच्छी जानकारी मिली ..
ReplyDeleteआभार !!
बिलकुल सही लिखा है आपने .... खिचवाना और खींचना एक कला है सहमत हूँ ... आभार
ReplyDeleteडाक्टर साहब!
ReplyDeleteआप तो फोटोग्राफी के भी मास्टर निकले।
टिप्स के अनुकूल सुंदर सटीक, सुंदर तश्वीरें। मुझे कभी कोई फोटोग्राफर कहेगा ये सोचा न था, धन्यवाद। आपके शुरू के टिप्स से अच्छा कैमरा न होने का गम जाता रहा। मैं चाहता हूँ कि ऐसा कैमरा हो जिसमें चित्र को पास बुलाकर(जूम करके)साफ फोटू खींच सकूँ। कुछ सीन में पास जा कर खींचने पर पिटे जाने का खतरा बना रहता है।:) मेरा कैमरा रात के समय अच्छी फोटो नहीं खींचता। संतोष त्रिवेदी जी के नए कैमरे पर नज़र है।:)
ReplyDelete'सुंदर' डबलिया गया।:( 'डबल सुंदर' पोस्ट मान लीजिए।:)
Deleteपाण्डे जी , सुबह की सैर पर फोटोग्राफी का शौक ही आपको एक डेडिकेटेड फोटोग्राफर बनाता है . यही तो होता है जुनून . लेकिन पास जाने का खतरा तो मत ही उठाइए . :)
Deleteअजी क्या बात है बेहतरीन टिप्स दिए आपने डॉ साहब .और कपडे हमने देखा है आसमानी रंग के कपडे शाम के समय तकरीबन सन सेट से ठीक पहले बड़ा अच्छा चित्र प्रस्तुत करते हैं सब्जेक्ट का .आपने शानदार टिप्स दिए हैं कमरा सब्जेक्ट से ज्यादा प्रकाश उठाए न कि परिदृश्य से इसीलिए मंच के पीछे वाली दीवार नीली गहरी ,या लाली रखी जाए .शुक्रिया आपका .आप सच मुच गजब फ्टोग्रेफी करतें हैं .सौन्दर्य पारखी मस्त मौला भी हैं जीने का शौक है आपको किंग साइज़ .
ReplyDeleteये टिप्स भी खूब रहे . आभार .
Deleteसचमुच आपने पते की बातें बताईं हैं। मेरे ब्लागों में मैं अपनी खींची हुई फोटो ही उपयोग करता हूं।
ReplyDeleteटिप्पस ले "दराल" के, फिर तू फोटू खीच.
ReplyDeleteफोटोग्राफर बन जाएगा, पहले तू ले सीख,,,,,,
बहुत सुंदर टिप्पस,,,,
RECENT POST...: राजनीति,तेरे रूप अनेक,...
यह अच्छा विषय लिया आपने, दुर्लभ और आवश्यक तो है ही !
ReplyDeleteकई फोटो गज़ब के हैं ...
आभार !
छोटी, लेकिन बड़े काम की बातें.
ReplyDeleteसबसे अच्छी तस्वीर वह मानी गई है जो सब्जेक्ट का 75% कवर करती है। अधिकतर तस्वीरों के लिए प्रातःकाल ही सर्वोत्तम होता है। तमाम प्रयासों और पुरस्कारों के बावजूद,कोई छायाकार नहीं कहता कि वह अपनी किसी तस्वीर से पूरी तरह संतुष्ट है। यही असंतोष छायांकन को लगातार नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है।
ReplyDeleteबढ़िया जानकारी .... सभी फोटो बहुत बढ़िया लगीं
ReplyDeleteआपकी यह पोस्ट पढ़ना सुखद है सर...
ReplyDeleteफोटोग्राफी से बड़ा लगाव है... एक फोटो ब्लाग बना ही लूँ अब...
सादर।
मिश्रा जी , अलग ब्लॉग बनाने से बेहतर है , एक ही ब्लॉग पर विविध प्रकार की पोस्ट लिखी जाएँ . एक से ज्यादा ब्लॉग्स पर ज्यादा पाठक नहीं आते . यह मैं अपने अनुभव से कह रहा हूँ . मैं अपने दूसरे ब्लॉग -- चित्रकथा को अब महज़ एक संग्रह के माध्यम के रूप में इस्तेमाल कर रहा हूँ .
Delete...आपकी सलाह कि ज़्यादा ज़ूम संभाल पाना आसान नहीं है,बिलकुल ठीक है.यही सलाह निशांतजी ने मुझे कैमरा लेते वक्त दी थी ,पर LUMIX FZ 47 में पावर इमेज स्टेबलाइजर का फंक्शन है जिससे ज़ूम को कंट्रोल किया जा सकता है,ऐसा मालूम होने पर ले लिया.
ReplyDeleteबाकी,आपकी सलाहें बड़े काम की हैं.आभार !
संतोष जी , इस फंक्शन का इस्तेमाल एक सीमा तक ही किया जा सकता है . असली इफेक्ट के लिए ट्राई पोड भी खरीद ही लीजिये . हालाँकि उसका इस्तेमाल करना इतना आसन नहीं होगा .
Deleteफोटो खिंचवाना अदा,कलाकार का नाम।
ReplyDeleteपर सबको आता नहीं, करना ऐसा काम।।
JCJuly 13, 2012 10:30 AM
ReplyDeleteअपन ने तो डॉक्टर साहिब बौक्स कैमरे से ही आरंभ किया और समाप्त भी कर दिया :)...
तब फोटो धुलाई वाले ने बताया कि एक रील में आठों (बारह?) तसवीरें एक सी ही जैसी लाईट में खींचनी चाहिए - सूर्योदय अथवा सूर्यास्त के समय...
उन दिनों संयोगवश अग्फा वालों ने क्लिक थ्री द्वारा खिंची तसवीरें भी इनाम पाने के लिए मंगवाईं, किन्तु सॉरी कह वापिस मिल गयीं...:)...
कहते हैं कि हर तस्वीर/ कलाकृति में कलाकार के भी छिपे दस्तखत/ सिग्नेचर होते हैं - जैसे बच्चों में माता-पिता की/ अथवा तीन पीढ़ी तक की भी झलक दिख सकती है!!! और आपके अनुसार पति-पत्नी एक उम्र पर भाई-बहन से दिखने लगते हैं...:)...
मेरी टिपण्णी दिखाई नहीं दे रही स्पाम में तो नहीं चली गई
ReplyDeleteडा. .दराल जी बहुत लाभकारी टिप्स दिए हैं बहुत अच्छी तस्वीरें है किन्तु आपने फोटोग्राफी में मेरा नाम तो लिया ही नहीं मेरे सभी मेमोयर में जिस फोटो में मैं नहीं हूँ सभी फोटो मैंने ही खींचे हैं फोटोग्राफी मेरी हाबी है मेरे फोटोज के बारे में आपकी क्या राय है :):):)
ReplyDeleteसॉरी राजेश जी . आपके फोटो और पोस्ट में देखता पढता रहता हूँ . नाम तो बस यूँ ही कुछ लोगों के लिख दिए थे वर्ना फोटोग्राफी के शौक़ीन और भी बहुत से लोग हैं .इस शौक को और आगे बढ़ाएं . अब तो डिजिटल कैमरे आने से कोई खर्चा भी नहीं होता .
Deleteनिसंदेह , आपके फोटोज में काफी कुछ नयापन होता है , जानकारी के साथ . आभार .
such a knowledge full and informative post...
ReplyDeletehaardik aabhar Daraal ji
ReplyDeleteसर पे चढ़ के बोलता है तस्वीरों का जादू ,फटो- ग्रेफर की आँख .
ReplyDeleteबड़े उपयोगी टिप्स दिए हैं...बढ़िया पोस्ट.
ReplyDeleteडाक्टर साहब आपकी आधी बात तो तस्वीरें कह देती है और रही सही क़सर आपके बेहतरीन टिप्स पूरी कर देते है . यूं ही हमें लाभान्वित करते रहे
ReplyDeleteकुछ गुर सीख कर हम भी जा रहे हैं..विशेषकर बादल के।
ReplyDeleteबढ़िया है .
Deleteऔर हाँ सब्जेक्ट इंतज़ार नहीं करता .फ़ौरन क्लिक करो .फोटो का मतलब सिर्फ आपकी या किसी दृश्य की तस्वीर भर नहीं है एक पूरा कैनवास विषय लिए होता है चित्र इसीलिए तो कहतें हैं तस्वीर बोलती है एक चित्र हज़ार शब्द तुल्य होता है .बढ़िया प्रस्तुति .आपकी ब्लॉग पर आकार उत्साह वर्धन करने की कला भी अप्रतिम है .विषय में कुछ जोड़ जाती है आपकी हरेक दस्तक जो बड़ा ही कीमती होता है .शुक्रिया आपका डॉ साहब .
ReplyDeleteआपकी ज़र्रानवाज़ी है वीरुभाई जी .
Deleteअत्यंत जानकारी भरा आलेख, परंतु हमारी समस्या यह है कि हमें अदा तो आती है पर कला नही.:) कब आ जाये अदा दिखाने?
ReplyDeleteरामराम.
आपका स्वागत है . कभी भी .
Deleteअरे ये पोस्ट तो छूटी जा रही थी ..आपने उपयोगी टिप्स दिए हैं डाक्टर साहब !
ReplyDeleteऔर अद्भुत मजेदार दृश्य भी -ओये ओये क्या बात है बंदरिया के तो बड़े ठाठ हैं !
इंतज़ामात में बहुते बीजी हैं ! :)
Deletebahut hi achche tips.sadhuwad
ReplyDeleteजय हो.
ReplyDeleteलाजबाब टिप्स.
लगता है ब्लॉग जगत में बहु संख्या में ब्लोगर्स अच्छे फोटोग्राफर्स
बन जायेंगें.
जानकारीपूर्ण पोस्ट के लिए शुक्रिया जी.
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ReplyDeleteआपके टिप्स बहुत उपयोगी हैँ अबकी बार फोटो लेते समय काम आयेगे
ReplyDeleteमेरा ब्लॉग
कैमेरा की नज़र और हमारा नज़रिया, दोनों का ज़िक्र है इसमें!
ReplyDeleteइन दोनों की मदद से एक बेहतरीन तस्वीर बनाई जा सकती है ।
Yes. Which one did you like the most, though it is difficult to decide.
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