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Monday, April 16, 2012

जंगल में मंगल -- फाईव इन वन ( भाग १ )

श्री अरविन्द मिश्र जी की एक पोस्ट पर टिप्पणी देते हुए हमने लिखा था-- मंगल पर मंगल मनाने में तो पांच सौ साल लग जायेंगे क्यों अभी जंगल में ही मंगल मनाया जाए १३ अप्रैल को हमारी शादी की २८ वीं वर्षगांठ के अवसर पर हमने कुछ ऐसा ही कार्यक्रम बना लिया था । सुबह ही एक पोस्ट स्ड्युल कर हम निकल पड़े । सोचा कि जब वापस आयेंगे तब तक बधाईयों का टोकरा फुल भर चुका होगा । लेकिन आकर देखा तो २० % ही भरा पाया

ज़ाहिर है , पाठक शीर्षक देखकर या आरम्भ की चंद पंक्तियाँ पढ़कर ही अंदाज़ा लगा लेते हैं कि पोस्ट पढने लायक है या नहीं । हमने भी ढिंढोरा न पीटते हुए बस अंत में एक पंक्ति डाल दी थी कि आज हमारी वैवाहिक वर्षगांठ है

बचपन में शेर की कहानी सुनने का बड़ा शौक था । अब यह हमारे लिओ होने का परिणाम है या कुछ और, कहना मुश्किल है । लेकिन जब भी ताऊ जी फ़ौज से छुट्टी लेकरते , ह उनसे या तो युद्ध की बातें सुनते या शेर की कहानी । यदि गलती से भी कहानी में कोई और जानवर आता तो फ़ौरन हाय तौबा मचाते और कहते , बस शेर के बारे में बताओ ।

कॉलेज के दिनों में जब घूमने का अवसर मिलने लगा तो पाया कि दो स्थान बहुत पसंद आते थे -- एक पहाड़ और दूसरे जंगल
इस वर्ष पहली बार ऐसा हुआ कि १३ अप्रैल को दोनों बच्चे घर से बाहर थे । ऐसे में हमें अपने पहले हनीमून की याद आ गई । यह हमारा प्रकृति प्रेम ही था कि जब हम श्रीमती जी के साथ विवाह की 2 वीं वर्षगांठ पर घूमने जाने का प्रोग्राम बना रहे थे तो यह हमारा ही सुझाव था कि इस बार हनीमू किसी ऐसी जगह मनाया जाए जो बिल्कुल अलग हो

एक अच्छी बात यह रहती है कि सैर सपाटे के मामले में हमारी राय कभी भिन्न नहीं होती । इसलिए श्रीमती जी भी फ़ौरन मान गई । और हमारा प्रोग्राम बन गया हरिद्वार जाने का । अब इससे बढ़िया प्राकृतिक स्थल और भला क्या हो सकता था एक सुगर फ्री हनीमून के लिए

शायद बहुत कम लोग जानते होंगे कि हरिद्वार सिर्फ एक पवित् तीर्थ स्थल ही नहीं है । बल्कि यहाँ स्थित है देश के सबसे बड़े वाइल्ड लाइफ नेशनल पार्क्स में से एक --राजा जी नेशनल पार्क (चिल्ला वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी ) देहरादून से लेकर हरिद्वार तक फैला यह फोरेस्ट रिज़र्व पूर्व की ओर जाकर कॉर्बेट पार्क से जाकर मिल जाता है । यह मूलत : हाथियों का संरक्षण पार्क है । लेकिन अन्य जंगली जीव भी बहुतायत में देखे जा सकते हैं


दिल्ली से मोदीनगर तक का रास्ता तय करने के बाद मेरठ बाई पास से होते हुए, फिर खतौली बाई पास और अंत में मुजफ़्फ़र नगर बाई पास को पार करने तक का तकरीबन ९० किलोमीटर का रास्ता बेहद आसान बन गया हैसारे रास्ते चार लेन वाला सिग्नल फ्री हाईवे बनने से सफ़र का नंद दुगना हो जाता है

सुश्री मायावती के राज में विकास का यह उदाहरण आश्चर्यचकि करता हैहालाँकि हाई वे ऑथोरिटी ऑफ़ इंडिया का गठन श्री अटल बिहारी बाजपेई जी के कार्यकाल में किया या था

फ़्लाइओवर्स पर लगी इम्पोर्टेड लाइट्स को देखकर यही लगा कि विकास की आंधी उत्तर प्रदेश में भी आ चुकी है ।

लेकिन खतौली बाईपास बनने से चीतल रेस्ट्रां का अच्छा खासा नुकसान हो गया है । अब वहां कोई नहीं जाता । बिजनेस में कब दिन पलट जाएँ और दिवाला निकल जाए , इसे देखकर यह अच्छी तरह समझ आता है ।

१३ अप्रैल को सुबह से ही बादल छाए हुए थे । १२५ किलोमीटर तक मौसम ऐसा ही रहा ।


मुजफ़्फ़र नगर बाई पास के ख़त्म होते ही सड़क पर अनेक ढाबे बने हैं । ढाबे में खाने का अपना ही मज़ा है । जब तक हमने आलू परांठे का स्वाद लिया , तब तक बूंदा बंदी होने लगी थी । फिर तेज बारिस होने लगीअगले ७५ किलोमीटर मध्यम बारिस में ड्राईव करते रहे

चिल्ला :


पिछली बार ५-६ साल पहले जाना हुआ था । गंगा जी के पश्चिमी किनारे पर घाट बने हैं । ठीक इसके विपरीत पूर्वी किनारे पर है चिल्ला फोरेस्ट । बैरेज से होकर गंगा पार करते ही दिल्ली हरिद्वार सड़क के सामानांतर एक पतली सी सड़क है जो जंगल से होती हुई चिल्ला जाती है जहाँ गढ़वाल मंडल विकास निगम का आरामदायक टूरिस्ट बंगला है जहाँ रहने का बढ़िया इंतज़ाम है । इस सड़क और गंगा के बीच घना जंगल है जहाँ पिछली बार हमने हाथी पर बैठकर तेंदुए की जोड़ी देखी थी । दायीं ओर सारा जंगल है जो करीब २४०-२५० वर्ग किलोमीटर में फैला है । यहाँ सिर्फ गाड़ी से जाया जा सकता है । पिछली बार हम अपनी गाड़ी लेकर जंगल में घुस गए थे , एक गाइड के साथ । लेकिन शाम होने की वज़ह से ६-७ किलोमीटर के बाद ही वापस मुड़ना पड़ा था क्योंकि अँधेरा होने लगा था । इसलिए इस बार तय कर लिया था कि पार्क का पूरा चक्कर अवश्य लगाना है

सड़क से ही ऐसा दृश्य देखने को मिल जाता है

साढ़े बारह बजे तक हम चिल्ला रेस्ट हाउस पहुँच गए जहाँ मने फोन कर पहले ही कमरा बुक करा लिया था
क्रमश : ---

38 comments:

  1. आपने अगर लोनी, शामली, थाना भवन होते हुए सहारनपुर तक या उससे आगे यमुनौत्री मार्ग पर उतराखण्ड बार्डर तक यात्रा नहीं की है तो ठीक है नहीं तो आप मायावती के कार्य की बढाई नहीं कर पाते।

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    1. संदीप भाई , तारीफ मायावती की नहीं , हाईवे की कर रहे हैं । वास्तव में यहाँ पर ड्राईव करना एक सुखद अनुभव था ।
      वर्ना खतौली से होकर जब जाते थे तो सारा मूड खराब हो जाता था ।

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  2. ...बहुत अच्छा रहा कि आप जंगल में मंगल मना लिए,अपने साथी के साथ कुछ पल सुकून के बिताये...अगली कथा का इंतज़ार है !

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  3. सुगर फ्री हनीमून :) वाह क्या नाम दिया है.जंगल में मंगल करने का अच्छा आईडिया है आपका.

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  4. कवि की विधा चाहे जो हो,मगर प्रकृति-प्रेम कविता की अनिवार्यता है। उस पर,यदि श्रीमतीजी भी हमख़्याल निकल आएं,तो कहने ही क्या!

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  5. आज काफी दिनों के बाद ब्लोग्स पर आना हुआ है... नहीं तो मैं सिर्फ रश्मि रविजा और शिखा की पोस्ट ही पढ़ कर सोच लेता हूँ कि मैंने सारे ब्लोग्स पढ़ लिए... कभी कभार खुशदीप भैया...और प्रवीण पाण्डेय जी पर भी चला जाता हूँ...

    ख़ैर! अभी आपका ट्रेवलौग पढ़ा... पढ़ कर बहुत अच्छा लगा... आजकल कोम्मेन्टिंग बहुत मुश्किल हो गयी है... ऐज़ ईट टेक्स लौट्स ऑफ़ टाइम... व्हिच आय हैव डू नॉट... इफ यू कन्फर कमेंट्स ऑन टू दी अदर ब्लोग्स ... यौर रेस्ट ऑफ़ दी..अक्वेनटेन्सेस विल गेट फ्यूरियस ... सो दिस वन इज ऑल्सो दी अनदर रीज़न.. डिस्पाईट दी प्रीटेक्स्ट ऑफ़ लैक ऑफ़ टाइम...

    अभी मैं भी हरिद्वार गया था.. बाय कार... रोड्स देख कर मज़ा आ गया था... और हमारे उत्तर प्रदेश में तो मायावती ने तो रोड्स और किसी भी चीज़ के लिए कुछ भी नहीं किया... सारा काम NHAI और अदर एजेंसीज़ वालों ने किया... पहले लखनऊ से गोरखपुर जाने में बाय रोड आठ घंटे लगते थे और अब सिर्फ तीन.... अभी आपके थ्रू ही पता चला कि आप लिओ हैं... लिओज़ की एक और बड़ी ख़ास बात होती है... कि यह ऐडवनचरस के साथ एक्सप्लोरेटिव भी होते हैं.. लिओज़ हर चीज़ को एक्सप्लोर करते हैं... चाहे वो रिश्ता हो या फिर प्रकृति... सेम ऐज़ स्कोर्पिओस... ओनली दीज़ टू जोडीयैक सिंबौल्ज़ आर कोंसीदर्ड वैरी सुपीरियर... मुझे आपका ट्रेवलौग लिखने का अंदाज़ पसंद आया... अब तो आगे का इंतज़ार है... वैसे आप फ़ोटोज़ में आप बहुत हैंडसम लग रहे हैं...

    थैंक्स फॉर शेयरिंग....

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    1. सही कह रहे हैं महफूज़ मियां । जैसा कि मैंने भी लिखा है कि HAOI का गठन बाजपेई जी के समय हुआ था । बेशक हाईवे बनने से ट्रेवेल टाइम कम और सुविधाजनक हो जाता है । हमें तो इंतजार है हरिद्वार तक पूरा होने का जहाँ कम चल रहा है ।
      लिओ के केरेक्टर्स सही पहचाने हैं आपने । शुक्रिया ।

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    2. aapka vrataant padhkar aur picture dekh kar bahut achcha laga maje ki baat yeh hai ki do din pahle main bhi dehradun se gr,Noida usi raste se pahuchi road bahut achchi ban gai hain.yeh baat to sach hai ki lekhakon/kaviyon ko prakarti ka saanidhya bahut achcha lagta hai...aapke agle bhaag ka intjaar hai.

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  6. १/५ हिस्से में ही आनंद आ गया................

    इन्तेज़ार है अगले हिस्से का...........
    where is the honey,by the way????
    :-)
    regards

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  7. जंगल में मंगल की शरुआत जबरदस्त है और यह मंगल कई मंगल चलेगा यह और भी अच्छा है...

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  8. डाक्टर साहब सब से पहले देर से सही मेरी ओर से शादी की सालगिरह की बहुत बहुत बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें स्वीकार कीजिये !

    घूमने के मामले मे मैं काफी सुस्त रहा हूँ ... शायद इस मामले मे पापा का असर ज्यादा है मुझे पर ... मैं भला और मेरा घर ... हम दोनों की लगभग यही सोच रहती है !

    खैर आप के साथ साथ घूमना हो जाएगा ... यह भी क्या कम है ! अगली पोस्ट के इंतज़ार मे ...
    सादर आपका

    शिवम

    इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - चुनिन्दा पोस्टें है जनाब ... दावा है बदहजमी के शिकार नहीं होंगे आप - ब्लॉग बुलेटिन

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  9. शुगर फ्री हनीमून मुबारक हो .... जंगल में मंगल मनाने का खूब आनंद लिया .... विवाह के 28 वर्ष पूरे होने पर बधाई और शुभकामना

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  10. bahut badhiyaa.
    facebook kaa aabhaari hoon, jo aapke status ke dwara hame aapke blog ki soochnaa mil jaati hain.
    dhanyawaad.
    CHANDER KUMAR SONI

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  11. हनीमून के लिए दिख रहे अब दो द्वार!
    जवानी में कश्मीर, बुढ़ौती में हरि द्वार।:)

    कोई मनाये नव वर्ष कोई वैसाखी त्योहार
    हम तो करेंगे अब जंगल में खूब प्यार।:)

    उनकी खींच नहीं पाये अपनी खूब खिंचाई
    जो भी हो वर्षगांठ की आपको ढेरों बधाई।:)

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    1. हा हा हा ! हरिद्वार में प्यार !
      आइडिया बढ़िया है ना . :)

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  12. शुगर फ्री हनीमून
    सुगर फ्री हनी मून मनाने वालों की बात ही और है .असली सुगर मिले तो सैकरीन कौन खाए .मुबारक अठ्ठाईस -वाँ साल प्रणय का .

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  13. मुबारक हो शुगर फ्री हनीमून ...
    उम्मीद है यूं ही आँखों देखा हाल चलता रहेगा ...

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    1. जी अवश्य . लेकिन सेंसर्ड :)

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  14. वाह, जंगल में मंगल -मगर मनाया कैसे -जानने की अदम्य और उत्कट इच्छा है !

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  15. शुगर-फ्री? शुगर साथ में लेकर जा रहे हैं, हमारे यहाँ कहते हैं मिश्री की डली। तो अब बताइए शुगर-फ्री कैसे? बहुत अच्‍छा आयडिया लगा आपका। आपकों ढेर सारी बधाइयां।

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    1. अजित जी , सुगर और सुगर फ्री --दोनों में मिठास बराबर होती है . लेकिन सुगर फ्री , सुगर की तरह नुकसान नहीं करती . :)

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  16. shaandaar aur jaandar sugar free honeymoon!! bahut bahut mubaraka!

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  17. चिर -यौवन के साल मुबारक ,

    तुमको अठ्ठाईसवां साल मुबारक .
    मंगलवार, 17 अप्रैल 2012
    कोणार्क सम्पूर्ण चिकित्सा तंत्र

    कोणार्क सम्पूर्ण चिकित्सा तंत्र
    -- भाग एक --

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  18. यह पोस्ट मनोरंजक रही भाई जी ...
    अगली का इंतज़ार रहेगा !

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  19. जंगल में मंगल की अधूरी दास्ताँ और तस्वीरें बड़ी खुबसूरत है ...अगली किश्त का इंतज़ार है !

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  20. इधर तो डॉ साहब मंगल में जगल मनाने वाले बहुत अधिक हो गए हैं .मसलन ममता मेढकी .

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  21. हरिद्वार दुबारा गया तो इस बार फॉरेस्ट का पूरा मजा लूंगा.....

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  22. ओये होए ....
    हमें तो जलन सी हुई जा रही है ....:))

    बधाइयाँ......(दुखी मन से..:)) )

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    1. जी , जलन का भी इलाज है अगली पोस्ट में --गंगा जी का ठंडा पानी . :)
      देखिये / पढियेगा ज़रूर .

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  23. सुगर फ्री हनीमून...​
    ​​
    ​आपने डायबेटिक लोगों के लिए क्रांतिकारी शोध से जो रास्ता दिखाया है, उसके लिए इस साल के मेडिसिन नोबेल के लिए मैं आपका नाम ​प्रस्तावित कर रहा हूं...अनुमोदन पूरा ब्लाग जगत करेगा...​
    ​​
    ​जय हिंद...

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    1. खुशदीप भाई , यह नॉन डायबिटिक्स के लिए भी बहुत लाभकारी है . फिर तो डबल नोबल !

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  24. चीतल रेस्टोरेंट ... आपने बभूत पुराने दिनों में पहुंचा दिया ... कई बार वहां का आनद लिया है ...
    जंगल में मंगल वो भी २८ वीं साल गिरह पे ... क्या बात है डाक्टर साहब ... आपकी रोचक शैली में ये कारवाँ अच्छा गुजरने वाला है ...

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  25. शुगर फ्री हनीमून वो भी शुगर के साथ,.....बहुत खूब दराल साहब,...
    शादी की २८ वीं सालगिरह की बधाई बहुत२ शुभकामनाए,...
    इस यादगार खुशी पर मै आपका फालोवर बन गया हूँ आपभी बने मुझे हादिक खुशी होगी,
    पोस्ट पर आइये आपका स्वागत है,...आभार

    MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...

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  26. बढ़िया रहा आपका सुगर -फ्री हनीमून ....हम जलकर नहीं ख़ुशी -ख़ुशी बधाई दे रहे हैं डॉ साहेब ..आपका जीवन यू ही मजेदार बना रहे ....अगली कड़ी भी साथ ही पढ़ रही हूँ ..

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    1. मस्ती का एक और नाम है डॉ .तारीफ़ सिंह दराल .जगल में मंगल -भाग -2 faaiv in van manbhaavan पोस्ट .

      कृपया आपके अन्वेषण के लिए -
      रविवार, 22 अप्रैल 2012
      कोणार्क सम्पूर्ण चिकित्सा तंत्र -- भाग तीन
      कोणार्क सम्पूर्ण चिकित्सा तंत्र -- भाग तीन
      डॉ. दाराल और शेखर जी के बीच का संवाद बड़ा ही रोचक बन पड़ा है, अतः मुझे यही उचित लगा कि इस संवाद श्रंखला को भाग --तीन के रूप में " ज्यों की त्यों धरी दीन्हीं चदरिया " वाले अंदाज़ में प्रस्तुत कर दू जिससे अन्य गुणी जन भी लाभान्वित हो सकेंगे |

      वीरेंद्र शर्मा
      http://veerubhai1947.blogspot.in/

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  27. सुगर फ़्री हनीमून :) राजाजी पार्क हम पिछले नवम्बर में गए थे। अब कार्बेट पहुंचने का मुड है।

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