आज सारे देश में भ्रष्टाचार के विरुद्ध अन्ना लहर चल रही है ।
जहाँ भी देखो --अन्ना ही अन्ना । मैं भी अन्ना --तू भी अन्ना । अन्ना टोपी -अन्ना टी शर्ट --यहाँ तक कि अन्ना टैटू भी --जैसे एक फैशन सा बन गया है ।
कौन है यह अन्ना ? यह अन्ना क्या है ?
अन्ना कोई व्यक्ति नहीं , यह एक सोच है --विचार है , एक प्रणाली है , व्यवहार है ।
बेशक भ्रष्टाचार के विरुद्ध वर्षों से दबी भावनाएं बाहर आ रही हैं । आम आदमी जो स्वयं को निसहाय महसूस करता है , आज सड़कों पर निकल आया है अपना रोष प्रकट करने ।
लोगों के विशाल जुलूस में चेहरे नज़र आते हैं --छात्रों के , युवाओं के , गृहणियों के , महंगाई से त्रस्त आम कामकाजी लोगों के , छोटे मोटे व्यवसायिक लोगों के ।
समर्थन में आगे आ रहे हैं --स्कूली बच्चे , मुंबई के डिब्बावाले , किन्नर -सभी वर्ग के लोग ।
उनके चेहरे पर वर्षों की यातना नज़र आती है , शोषण नज़र आता है और कूट कूट कर भरा हुआ रोष नज़र आता है ।
रोष प्रणाली की असंवेदनशीलता पर , अपने असहाय होने का , वर्षों तक शोषित होने का ।
अन्ना के रूप में सबको एक मसीहा नज़र आता है । इसीलिए आज हज़ारों की तादाद में लोग सड़कों पर निकल पड़े हैं, घर का आराम छोड़कर ।
लेकिन साथ ही कुछ सवाल भी उठते हैं । हमें यह भी सोचना पड़ेगा कि भ्रष्टाचार है कहाँ ।
देश में ? समाज में ? या स्वयं अपने अन्दर ?
क्या एक टोपी पहनने से आप अन्ना बन सकते हैं ?
क्या आपको अन्ना कहलाने का हक़ है यदि आप :
* कोई काम बिना रिश्वत लिए नहीं करते ?
* सरकारी नौकर हैं लेकिन हर काम में कमीशन चाहते हैं ?
* डॉक्टर हैं लेकिन बिल बढ़ाने के लिए गैर ज़रूरी टेस्ट करवाते हैं ?
* वकील या ज़ज़ हैं और झूठ को सच कर देते हैं ?
* अध्यापक हैं लेकिन विधालय में कम और घर पर ट्यूशन ज्यादा पढ़ाते हैं ?
* व्यापारी हैं पर हर चीज़ में मिलावट करते हैं ?
* ठेकेदार हैं लेकिन घटिया माल लगाकर सबकी जान खतरे में डालते हैं ?
* पुजारी हैं लेकिन बुरी नज़र डालते हैं ?
* समाज सेवक हैं लेकिन दान की राशि से सबसे पहले अपना घर भरते हैं ?
* भक्त हैं , मंदिर में पूजा करते हैं , फिर कुकर्म करते हैं ?
क्या सिर्फ हमारे नेता या आला अफसर ही भ्रष्ट हैं ?
यहाँ आत्म निरीक्षण की ज़रुरत है ।
जन्माष्टमी विशेष :
आज श्री कृष्ण जी का जन्मदिन है ।
श्री कृष्ण--- जिनका जीवन ही संसार के लिए एक वरदान रहा ।
जिन्होंने माखन चोर के रूप में वात्सल्य , गोपियों और राधा संग रास लीला कर प्रेम बरसा कर , मित्र के रूप में सुदामा से दोस्ती निभाकर , और अर्जुन के सारथी के रूप में विश्व को गीता का ज्ञान देकर मृत्युलोक वासियों का मार्गदर्शन किया है ।
आइये उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए निस्वार्थ भावना से अपना कर्म करते हुए आज हम सही रूप में अन्ना बनने का प्रयास करें ।
ईशांक दराल
आज जहाँ सारा देश कान्हा का जन्मदिन मना रहा है । वहीँ परिवार में सबसे बड़े पुत्र और एक समय आस पड़ोस में दसियों लड़कियों में अकेले लड़के होने के नाते सभी आंटियों और दीदियों द्वारा प्यार से कान्हा कहलाये जाने वाले हमारे सुपुत्र का भी आज जन्मदिन है ।
ईशांक जो इंजीनियरिंग का फ़ाइनल वर्ष का छात्र है , आज २१ वर्ष का हो गया है ।
Monday, August 22, 2011
क्या आपको अन्ना कहलाने का हक़ है ? जन्माष्टमी विशेष --
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दराल साहब, जय श्रीकृष्ण
ReplyDeleteअपना तो बता सकते है कि किसी भी रिश्वत से अभी तक तो दूर है, और आगे भी रहेंगे, देखे कौन हमें बिगाडता है?
दोनों जन्मदिन की बधाई हो आपको व परिवार को।
यह जन्माष्टमी देश के लिए और आपको शुभ हो !
ReplyDeleteइशांक को सस्नेह आशीर्वाद ! वे अपने पिता का नाम रोशन करें यही कामना करता हूँ !
क्या सिर्फ हमारे नेता या आला अफसर ही भ्रष्ट हैं ?
ReplyDeleteयहाँ आत्म निरीक्षण की ज़रुरत है ।
सहमत हैं जी !
इशांक को जन्मदिन की बधाई !
बेटे को जन्मदिन पर शुभाशीष एवं घणी घणी बधाई।
ReplyDeleteकृष्णा कृष्णा आए कृष्णा,
ReplyDeleteजगमग हुआ रे घर-अंगना...
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और इशांक के जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई...
जय हिंद...
इशांक को जन्मदिन की बधाई
ReplyDeleteभ्रष्टाचार केवल अनशन से नहीं खतम हो होगा.हमें स्वावलोकन करना होगा. पहले अपने अंदर से ये सब मिटाना होगा फिर देश से. इसके लिए आन्ना की जरुरत पड़ेगी ही प्रेरणा के लिए.
आभार
सर्वप्रथम तो आपके कान्हा को जन्मदिन की बधाई व शुभाशीष। आपके प्रश्न पर भी आती हूँ कि क्या हम अन्ना बनने के अधिकारी हैं? आज जो आन्दोलनरत हैं वे वास्तव में अन्ना है या उनका जैसा आदर्श बनने की कल्पना कर रहा है। भ्रष्टाचार से लिप्त मानसिकता वाला व्यक्ति तो वहाँ आया ही नहीं है। ऐसे बुद्धिजीवी तो इस आंदोलन में किन्तु परन्तु खोजकर इसकी धार को कमजोर करना चाहते हैं। फिर भी आपके कथन की पुष्टि करती हूँ कि हमें भ्रष्ट आचरण के प्रति और जागरूक रहना होगा।
ReplyDeleteडा० साहब , सर्वप्रथम इशांक को मेरी तरफ से जन्मदिन की ढेरों हार्दिक शुभकामनाये ! और आप सभी को जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई !
ReplyDeleteडा० साहब, आपने बहुत सी अच्छी बाते कही !
अन्ना ने भी दो बाते जो ख़ास कही उन्हें यहाँ वर्णित करना चाहूँगा ; पहली तो यह कि हमारे घरों में जो गृहणियां महंगाई और भ्रष्टाचार का का रोना तो रोती है, मगर यह जानते हुए भी कि उनके पति की मासिक सेलरी (वेतन ) मानलो २५०००/- रूपये है तो उन्होंने कभी यह समझने या जानने की कोशिश की कि उनका पति हर महीने ५० से ६० हजार रूपये कहाँ से लाता है ? वे हर हफ्ते मौल जाकर हजारों रूपये की खरीददारी कहाँ से करते है ? यहाँ तो इनका यह तुरफ रहता है कि हमें तो आम खाने से मतलब है, पेड़ गिनने से भला क्या फ़ायदा ?
दूसरी बात जनता मालिक है और ये सत्ता के सरकारी नुमाइंदे नौकर ! मगर इन हरामखोर नौकरों के तेवर तो देखो ! चोरी भी करते है, और सीना जोरी भी ! अपने घरेलू नौकर की तो ढेरों बुराइयां कर देंगे, उसे चोर कहेंगे, लुटेरा कहेंगे, उसकी पुलिस से वेरिफिकेशन करवाएंगे ! मगर खुद के गिरेवान में नहीं झांकते ! इनकी पुलिस वेरिफिकेशन कौन करेगा ? आज जरुरत है हर स्तर पर सोच बदलने की ! अन्ना ने तो सिर्फ एक रास्ता दिखाया है ! अगर साल में हमारी सेलरी में ठीक से बढ़ोतरी न हो तो हम हड़ताल पर चले जाते है, मगर कभी हमने सोचा कि हमारे गली मोहल्ले में जो कूदा उठाने वाला आता है उसे हम सालों से २०-३० रूपये महिना ही दे रहे है ऊपर से बीबीयों के नखरे अलग झेलता है वो, क्या उसके लिए महंगाई नहीं बढी ? अत : जब तक टॉप से बोटम तक सोच नहीं बदलती, ख़ास फर्क नहीं पड़ने वाला ! वैसे सारे ही अन्ना के भक्त बने फिरेंगे !
क्षमा चाहता हूँ , कृपया कूदा के स्थान पर कूडा पढ़े !
ReplyDeleteइशांक को जन्मदिन की बधाई ...
ReplyDeleteआत्मावलोकन के लिए प्रेरित करने वाला लेख ..विचारणीय ..
जन्माष्टमी की शुभकामनायें
आवश्यकता इस बात की लग रही है कि हम अपने प्रति भ्रष्ट आचरण का विरोध करें और स्वयं इजी मनी जो हर कदम पर भ्रष्टाचार को बढावा दे रही है का मोह छोडें ।
ReplyDeleteजन्माष्टमी के साथ ही इशांक को जन्मदिन की अनेकों बधाईयां...
पहले इशांक का अर्थ समझ लूं ,वागीश जी मेहता को फोन मिलाता हूँ -फिर लिखूं -उत्तर -पूरब दिशा के बीच का कौड़,एंगिल (कौन ) ,वास्तु शाश्त्र की दृष्टि से शुभ ,जल कुंद बनाने का स्थान ."इशांक "भाई को /कान्हा को ,कृष्णा के संग जन्म दिवस की बधाई .
ReplyDeleteमैं भी अन्ना तू भी अन्ना ,जित देखू उत अन्ना ही अन्ना ,ये अन्ना मेरे दिल की जुबां है ....अन्ना होने की पात्रता के बाबत आपने भाई साहब बड़े मौजू और प्रासंगिक सवाल उठाए हैं .लेकिन सरकार तो अपने ही पाले हुए तोतों के प्रति भी तोता चश्म हो गई है ,मतलब निकल जाने के बाद इन गाली गुफ्तार में सिद्धस्त तोतों को अब पहचानती भी नहीं जिन्हें कभी पार्टी का आधिकारिक प्रवक्ता बनाया था .बेहतरीन पोस्ट के लिए आपका आभार ,बधाई "जन्माष्टमी "की ,कान्हां जन्म दिवस की .
रविवार, २१ अगस्त २०११
गाली गुफ्तार में सिद्धस्त तोते .......
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Saturday, August 20, 2011
प्रधान मंत्री जी कह रहें हैं .....
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गर्भावस्था और धुम्रपान! (Smoking in pregnancy linked to serious birth defects)
http://sb.samwaad.com/
रविवार, २१ अगस्त २०११
सरकारी "हाथ "डिसपोज़ेबिल दस्ताना ".
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meri baat thodi ajeeb to lagegi yaha..par ek baat bolna chahta hoon...ki as a society we all have accepted a level of corruption and it does not matter to us if that happens..this Anna Andolan is because politician has crossed all the limits in corruption..they all are doing what they like and there is no end to make money....in that process a common man has been ignored like anything and also middle class and upper middle class affected a lot...for upper middle class if we talk these are those people who taught their children just after birth that "Beta Govt. Job karna chaahe chapraasi hi mile kyonki ek to Kaam nahi karna Padega aur dooje upper ki kamai hogi"....but because of the large political ambitions in this country in last 10 years we have seen that the government is like a outside agency which is not for us and their only motto is to earn money for them and their known people....it has affected the thought of this middle class section and they all were discussing this in their drawing rooms..once they see a hope in a person...Which is called ANNA..they are on road.....I was just seeing the Chandragupta Serial and there was a discussion between Chandragupta and Chaankya and topic was about the destruction of the enemy...Chankya told when you have lots of enemy then try to finish the bigger one first and than many of the smaller ones will be finished in that process only and later it will be easy to finishes the small enemy.......So my point is that when we will finish the bigger enemy as corruption in higher politician than it will be easy to make it implemented in lower circle also.....We as indian middle class are big follower of most of the things..if our politicians are good and doing good things...there are lots of possibility that we all will be doing the same...........
ReplyDeleteSachin Jain
सर्वप्रथम, चिरंजीवी ईशंक दाराल को उसके २१वें जन्मदिन पर अनेकानेक बधाई और 'मेरा' आशीर्वाद!
ReplyDeleteऔर, श्री कृष्ण जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर सभी को बधाई...
हमारे पूर्वज 'हिन्दू', इंदु अर्थात चंद्रमा को सर्वोच्च स्थान दे गए,,, और चित्रों आदि में उसे गंगाधर शिव, अर्थात पृथ्वी के मस्तक पर इसी से उत्पन्न हुए चन्द्रमा को देवी पार्वती दर्शा गए!... साधारणतया हरेक के यूं दो जन्मदिन बना गए, एक सूर्य के चक्र के अनुसार और दूसरा चन्द्रमा के चक्रानुसार,,, जैसे 'मेरा' इस वर्ष क्रमशः टीचर्स डे, ५/९ और ८/९ (भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी) को मनाया जा सकता है...
(डार्विन का नाम तो आज सब 'हिन्दू' जानते हैं, किन्तु हमारे ग्यानी पूर्वज, 'प्राचीन हिन्दू', देवताओं के गुरु बृहस्पति के नियंत्रण में देवता और असुरों के मिले जुले प्रयास से अमृत प्राप्ति हेतु किये गए 'क्षीर सागर मंथन', अर्थात हमारी गैलेक्सी की उत्पत्ति की कथा द्वारा, अंततोगत्वा चार चरणों में प्राप्त सफलता, अर्थात विष्णु का अमृत दायिनी मोहिनी रूप, चन्द्रमा के रूप में सांकेतिक भाषा में दर्शा गए... और मानव को भी ब्रह्माण्ड का प्रतिरूप / प्रतिबिम्ब दर्शा गए, प्रत्येक व्यक्ति के भीतर, माया से ही सही, कृष्ण के ही अनंत रूप दिखाई देते हैं - अन्ना के भी और 'मेरे' भी :)...
Happy Birth Day - इशांक
ReplyDeleteकृपया सुपुत्र का नाम ईशांक पढ़ें, अर्थात प्रभु की अंक अर्थात गोद में (?)
ReplyDelete'मेरे' ख्याल से 'ईशान कोण' उत्तरपूर्वी दिशा को दर्शाता है जहां भारत में कामाख्या मंदिर गुवाहाटी में देवी / विष्णु (जो पश्चिम से पूर्व तक शक्ति रूप में लेटे हुए माने जाते हैं) के मूलाधार पर सदियों से निर्मित है,,, वो दिशा जो जल-चक्र का मुख्य स्रोत है, जहां प्रति वर्ष दक्षिण-पश्चिम मॉनसून हवाएं खिंची चली जाती है, पंचभूतों के मिले जुले प्राकृतिक प्रयास से,,, और प्रतिवर्ष वहां अम्बुवाची (बादलों से सम्बंधित) मेला मनाने उसी भाँती तांत्रिक भी सब दिशा से शक्ति पीठ पर खिंचे आ एकत्रित होते हैं...
विचारणीय लेख .. ..
ReplyDeleteमै जनता हूँ , और मैने हमेशा ईमानदार रहने की कोशिश की हैं एक खराब सिस्टम के बाद भी . मैने अपने हर कर्त्तव्य को निष्ठां से पूरा किया हैं . और अपने आस पास के समाज में जहां भी गलत को देखा हैं उसका प्रतिकार किया हैं .
ReplyDeleteब्लॉग जगत में भी गलत के प्रति मैने आवाज उठाई हैं और कभी कोम्प्रोमिस नहीं किया गलत के साथ ना निज जिन्दगी में , ना सामाजिक रूप से
मेरा यही कर्तव्य था मैने पूरा किया , आगर दूसरो को किसी चीज़ के लिये माना किया तो पहले खुद उसको नहीं किया
हम सब को इस अनशन के साथ अपनी अन्दर जांच कर देखना चाहिये हमने कब और कहा गलत किया
और उसको मानना चाहिये
मुझे ख़ुशी हैं की मेरे जीवन में मुझे कभी भ्रष्टाचार से अपने को आगे बढाने की नौबत नहीं आई क्युकी मैने अपनी जरूरतों को ही कम कर लिया
इशांक को सस्नेह आशीर्वाद ! वे अपने पिता का नाम रोशन करें यही कामना करता हूँ ! this is the comment by mr satish saxena
ReplyDeletei would like to wish ishank a very happy b day and wish that he makes his parents proud not just his father
http://mypoeticresponse.blogspot.com/2011/06/blog-post.html
ReplyDeleteआत्म निरीक्षण की जरूरत तो है ही ....!
ReplyDeleteजन्माष्टमी की शुभकामनाएं !
प्रिय इशांक दराल को २१ वे जन्मदिन की शुभकामनाएं !
समस्त परिवार को बधाई !
इशांक हमेशा खुश और स्वस्थ रहे !
सबसे पहले तो जे सी जी का शक्रिया । जे सी जी ने न सिर्फ ईशांक का सही अर्थ बताया बल्कि टंकण त्रुटि सुधार भी कराया ।
ReplyDeleteरचना जी का भी बहुत आभार । बेशक बच्चों के पालन पोषण में मात पिता , दोनों का बराबर का हाथ होता है ।
सतीश भाई , शायद मित्र प्रेम में पिता लिख गए । फिर भी आशीर्वाद में तो कोई कमी नहीं । आभार सतीश जी ।
संदीप पंवार जी , आज इसी शुरुआत की ज़रुरत है । यदि हम स्वयं को सही रास्ते पर रखें और बाहरी प्रलोभन को स्वयं को छूने न दें तो भ्रष्टाचार अपने आप कम होने लगेगा ।
बढिया लिखा है .. ईशांक बेटे को स्नेहाशीष !!
ReplyDeleteवाह दराल साहब बेहद उम्दा और सटीक प्रश्न उठाया है आज आत्मावलोकन की जरूरत है।
ReplyDeleteकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें।
ईशांक को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें।
रमादान (रमजान ,रमझान )मुबारक ,क्रष्ण जन्म मुबारक .कान्हां /ईशांक का जन्म दिन मुबारक .
ReplyDeleteजय अन्ना ,जय भारत . . रविवार, २१ अगस्त २०११
गाली गुफ्तार में सिद्धस्त तोते .......
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Saturday, August 20, 2011
प्रधान मंत्री जी कह रहें हैं .....
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रविवार, २१ अगस्त २०११
सरकारी "हाथ "डिसपोज़ेबिल दस्ताना ".
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अजित जी , दरअसल आज भ्रष्टाचार इस कदर जन जन में समां गया है कि आप स्वयं रिश्वत न भी लें , तो भी कहीं न कहीं देनी ज़रूर पड़ी होगी । यह भी भ्रष्टाचार का ही अंग है । एक उदाहरण लीजिये --ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए कितने लोग ऐसे है जिन्होंने बाकायदा ड्राइविंग टेस्ट पास कर लाइसेंस बनवाया है ? शायद ही कोई हो ।
ReplyDeleteइसीलिए लगता है कि आज भ्रष्टाचार से कोई विरला ही बचा होगा ।
ऐसे में एक ही रास्ता है कि पहले हम स्वयं प्रण करें कि किसी भी रूप में ग्राफ्ट से बचे रहेंगे ।
गोदियाल जी , सही कह रहे हैं । हम अपनी सहूलियत के हिसाब से अपनी धारणाएं बना लेते हैं ।
@ सचिन जैन --
ReplyDeleteयह सही है कि भ्रष्टाचार ऊपर से शुरू होता है । यह एक केस्केडिंग इफेक्ट है । यदि ऊपर वाले सुधर जाएँ तो नीचे वाले अपने आप रास्ते पर आ जायेंगे । आजकल छोटे कर्मचारी भी इसीलिए शेर बने रहते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि जिस चोर की दाढ़ी में तिनका हो , वह किसी को कुछ कह ही नहीं सकता ।
शुक्रिया विरुभाई ।
इशांक को जन्मदिन की बधाई.. सच है सिर्फ एक टोपी पहनने से हम अन्ना नहीं बन सकते हैं..विचारणीय लेख .. .. आप को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteatyant saarthak aur sateek aalekh.....
ReplyDelete@यहाँ आत्म निरीक्षण की ज़रुरत है ।.
ReplyDeleteबिलकुल सही डॉ साहब,हमे अपनें अन्दर के राक्षस को मारना होगा वरना तो और भी बहुत कानून हैं लेकिन पालन कितना हो रहा है.
अन्ना जी नें एक मंच दिया है लेकिन हम सबको आत्मचिंतन करना होगा तथा भ्रष्टाचार का अंत करना होगा.
बढ़िया लगी पोस्ट,आभार.
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर बहुत शुभकामनायें-
और हाँ प्रिय इशांक के जन्मदिवस पर बहुत बहुत बधाई...
गोदियाल जी की बात महत्त्वपूर्ण है। हम तो आपके सवालो में नहीं फँसे।
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनायें !
ReplyDeleteइशांक को जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
इशांक को जन्मदिन की बधाई ...
ReplyDeleteप्रेरक आलेख
जै श्री कृष्ण।
ReplyDeleteईशांक के जन्म दिन की ढेरों शुभकामनाएँ.....।
ईशांक को जन्मदिन पर शुभाशीष...व आप सबको जन्माष्टमी पर शुभकामनाएं ...
ReplyDeleteHappy krishna Janmashtmi and a Happy B'day to your son too :)
ReplyDeleteu r right
Its so easy to say Anna Anna, but its difficult to implement.
बहुत कड़े सवाल उठाए हैं आपने. एक दम सटीक.
ReplyDeleteबर्ना हमें आदत केवल दूसरों पर ही उंगली उठाने की पड़ गई है.
आत्मप्रश्न व आत्मशुद्धी पहला पग उठाने से भी कहीं अधिक आवश्यक है.
आशा है, हम केवल इसीलिए अपना कर्म न छोड़ देंगे कि दूसरे ही कौन अपना धर्म निभा रहे हैं.
आप सभी का हार्दिक धन्यवाद ।
ReplyDeleteआइये आज जन्माष्टमी पर अन्ना और कृष्णा को मिलाकर एक नया व्यक्तित्त्व बनायें ।
जिस काम के लिए सरकार आपको तनख्वाह देती है , उसी को सुविधा कर वसूल कर करना --यही तो भ्रष्टाचार है ।
निस्वार्थ भावना से अपना कर्म करके देखिये , बड़ी संतुष्टि मिलती है ।
पैसा जिंदगी की ज़रुरत ज़रूर है , लेकिन जिंदगी नहीं ।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteईशांक को जन्मदिन पर शुभाशीष
पोस्ट सुबह ही पढ़ ली थी मगर बिजली चले जाने से कुछ लिख नहीं पाया ...
ReplyDeleteइसलिए ईशांक को आशीर्वाद sms से भेजना पड़ा ...
ईशान कोण की बात कर रहे हैं वीरू भाई जो यज्ञ वेदी का एक शुभ कोण है ....
मगर लगता है ईशांक का सीधा सा अर्थ ईश का एक हिस्सा ,भाग हो सकता है ...
ईशावास्य मिदं सर्वं यत्किन्च्जग्त्याम जगत ...
एक बार फिर ईशांक को बहुत बधाई और शुभकामनाएं !
केक तो कट गया होगा -एक टुकड़ा मेरे नाम भी .....
इशांक को जन्मदिन की बधाई।
ReplyDelete--
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की भी बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।
ye jan aandolan asal me jan jan ko aatmnirikshan ka mouka de raha hai...bhrash sirf vah nahi jo galat tareeke se paise kamata hai...jo suvidhayen paise se kharidna chahta hai vah bhi bhrasht hai....ishank ko janmdin ki hardik shubhkamnaye.
ReplyDeleteमिश्र जी सही कह रहे हैं...
ReplyDeleteसफ़ेद खरगोश को शशांक कहा जाता है, अर्थात चंद्रमा समान (?),,,
उसी प्रकार ईशांक ईश समान कहा जा सकता है क्यूंकि मानव मस्तिष्क एक ऐनालौजिकल कोम्प्यूटर है जो विभिन्न रूपों में समानता खोजता है...
एक जानी पहचानी तस्वीर से दूसरे का मिलान करता रहता है (और कवि कहता है, "तेरी सूरत से नहीं मिलती किसी की सूरत / हम जहां में तेरी तस्वीर लिए फिरते हैं..."),,,
यद्यपि 'हिन्दू मान्यतानुसार संकेत करते कि साकार के माध्यम से अदृश्य शक्ति तक हर कोई पहुंचना चाहता है - भारत में (अदृश्य) गणेश के तथाकथित वाहन मूषक से ले कर मूल रूप से काशी निवासी शिव के वाहन नंदी बैल तक की पूजा करते (श्रेष्ट अर्थात पूज्य मानते)...
ईशांक को जन्मदिन की मुबारकबाद !
ReplyDeleteअच्छा लगता है ऐसा संयोग !!
अल्लाह उसे लंबी उमर और नेक हिदायत दे ,
आमीन !!!
आप ब्लॉगर्स मीट वीकली में तशरीफ़ लाए ,
शुक्रिया !!!
बुख़ारी साहब का बयान इस्लाम के खि़लाफ़ है
दिल्ली का बुख़ारी ख़ानदान जामा मस्जिद में नमाज़ पढ़ाता है। नमाज़ अदा करना अच्छी बात है लेकिन नमाज़ सिखाती है ख़ुदा के सामने झुक जाना और लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होना।
पहले सीनियर बुख़ारी और अब उनके सुपुत्र जी ऐसी बातें कहते हैं जिनसे लोग अगर पहले से भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हों तो वे आपस में ही सिर टकराने लगें। इस्लाम के मर्कज़ मस्जिद से जुड़े होने के बाद लोग उनकी बात को भी इस्लामी ही समझने लगते हैं जबकि उनकी बात इस्लाम की शिक्षा के सरासर खि़लाफ़ है और ऐसा वह निजी हित के लिए करते हैं। यह पहले से ही हरेक उस आदमी को पता है जो इस्लाम को जानता है।
लोगों को इस्लाम का पता हो तो इस तरह के भटके हुए लोग क़ौम और बिरादराने वतन को गुमराह नहीं कर पाएंगे।
अन्ना एक अच्छी मुहिम लेकर चल रहे हैं और हम उनके साथ हैं। हम चाहते हैं कि परिवर्तन चाहे कितना ही छोटा क्यों न हो लेकिन होना चाहिए।
हम कितनी ही कम देर के लिए क्यों न सही लेकिन मिलकर साथ चलना चाहिए।
हम सबका भला इसी में है और जो लोग इसे होते नहीं देखना चाहते वे न हिंदुओं का भला चाहते हैं और न ही मुसलमानों का।
इस तरह के मौक़ों पर ही यह बात पता चलती है कि धर्म की गद्दी पर वे लोग विराजमान हैं जो हमारे सांसदों की ही तरह भ्रष्ट हैं। आश्रमों के साथ मस्जिद और मदरसों में भी भ्रष्टाचार फैलाकर ये लोग बहुत बड़ा पाप कर रहे हैं।
ये सारे भ्रष्टाचारी एक दूसरे के सगे हैं और एक दूसरे को मदद भी देते हैं।
अन्ना हज़ारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन पर दिए गए अहमद बुख़ारी साहब के बयान से यही बात ज़ाहिर होती है।
ब्लॉगर्स मीट वीकली 5 में देखिए आपसी स्नेह और प्यार का माहौल।
ReplyDelete@ डॉ दराल ,
रचना की निगाह तीक्ष्ण है, अनजाने में भी की गयी सामान्य भूल पर वे अपना पक्ष रखना नहीं भूलतीं और अक्सर वे ठीक कहती हैं समाज को उनकी निगाह का ध्यान रखना होगा !
ईशांक बेहतरीन काम करें तो यकीनन श्रेय माता पिता दोनों का ही है, और मुझे यकीन है कि आपका पुत्र समय के साथ खरा निकलेगा !
दुबारा बच्चे को सस्नेह शुभाशीष !
अन्ना के चरित्र को खुद में उतारना ज्यादा आवश्यक है ...
ReplyDeleteईशांक के जन्मदिन के साथ सुखद संयोग है ...
बहुत बधाई और शुभकामनायें !
@ डॉक्टर अनवर जमाल जी, यदि सीधे सादे शब्दों में कोई बच्चा (जैसे राजा को नंगा बताया एक बच्चे ने, जबकि उसके चमचे माया के कारण अंधे हो उसके धारण किये गए वस्त्र की तारीफ़ किये जा रहे थे), या बच्चे समान बूढा कहे तो शायद यह कहेगा कि कलि युग में ही नहीं अपितु घोर कलि युग में मानव से सत (सत्व अथवा सत्य) युग के परम ज्ञानी परमात्मा शिव समान व्यवहार की आशा करना ही क्या सही होगा?
ReplyDeleteश्रीकृष्ण जन्माष्टमी और इशांक के जन्मदिन की बहुत बहुत बधाईयाँ!
ReplyDeleteइशांक को जन्मदिन की बधाई !
ReplyDeleteश्रीकृष्णजन्माष्टमी के शुभ दिन प्रिय इशांक को जन्मदिन पर बहुत बहुत प्यार और आशीर्वाद....
ReplyDeleteबात अगर आत्मनिरीक्षण की हो और जीवन में लागू कर लिया जाए तो फिर कई समस्याएँ खुद ब खुद दूर हो जाएँ...
इशांक को जन्मदिन की बधाई |
ReplyDeleteबधाई छोटे दराल साहब को ... कृष्णजन्माष्टमी के दिन इस दिन की महत्ता और भी बढ़ जाती है ...
ReplyDeleteआपका अन्ना पे लिखा अन्नमय लेख बहुत ही सामयिक है ... आज अपने अंदर देखने का भी समय है ... और गलतियां सुधारने का भी ...
बहुत ही सही कहा आपने सबको anna कहलाने का कोई हक़ नहीं है पहले अपने अंतर्मन को साफ़ करो अपनी सोच बदलो फिर अपनी तुलना अन्नाजी से करो /रिश्वत देनेवाला भी उतना ही गुन्हागार है जितना रिश्वत लेनेवाला /इतने अच्छे लेख के लिए आपको बधाई /
ReplyDelete/मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद /मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है /आभार /
डॉ अनवर ज़माल जी , सही कह रहे हैं । भ्रष्टाचार का प्रभाव सभी लोगों पर एक जैसा ही पड़ता है । इसमें धर्म या प्रान्त का सवाल ही पैदा नहीं होता । फिर नारे हिंदी में लगायें या उर्दू में --मकसद तो एक ही है --सरकार तक अपनी बात को पहुँचाना । हमारे धर्मगुरु ही कभी कभी पथभ्रष्ट हो जाते हैं ।
ReplyDeleteसही कहा सतीश जी --रचना जी बहुत बारीकी से पढ़ती हैं । यह खूबी काबिले तारीफ है ।
सभी ब्लोगर मित्रों का दिल से आभार ।
इशांक को सस्नेह आशीर्वाद
ReplyDeleteपहले अपने अंतर्मन को साफ़ करो अपनी सोच बदलो रिश्वत देनेवाला भी उतना ही गुन्हागार है जितना रिश्वत लेनेवाला आत्म निरीक्षण की ज़रुरत है
डॉ .दराल भाईसाहब ,इस दौर में आपका संग साथ ही अन्ना जी की ताकत है .ऊर्जा और आंच दीजिए इस मूक क्रान्ति को .बेहतरीन जानकारी दी है आपने अपने बहुत अच्छी पोस्ट .लगाईं है अन्नाजी की पात्रता पाने के लिए .
ReplyDeleteram ram bhai
सोमवार, २२ अगस्त २०११
अन्ना जी की सेहत खतरनाक रुख ले रही है . /
http://veerubhai1947.blogspot.com/
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.आभार .....इफ्तियार पार्टी का पुण्य लूटना चाहती है रक्त रंगी सरकार ./ http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com
Tuesday, August 23, 2011
इफ्तियार पार्टी का पुण्य लूटना चाहती है रक्त रंगी सरकार .
जिस व्यक्ति ने आजीवन उतना ही अन्न -वस्त्र ग्रहण किया है जितना की शरीर को चलाये रखने के लिए ज़रूरी है उसकी चर्बी पिघलाने के हालात पैदा कर दिए हैं इस "कथित नरेगा चलाने वाली खून चुस्सू सरकार" ने जो गरीब किसानों की उपजाऊ ज़मीन छीनकर "सेज "बिछ्वाती है अमीरों की ,और ऐसी भ्रष्ट व्यवस्था जिसने खड़ी कर ली है जो गरीबों का शोषण करके चर्बी चढ़ाए हुए है .वही चर्बी -नुमा सरकार अब हमारे ही मुसलमान भाइयों को इफ्तियार पार्टी देकर ,इफ्तियार का पुण्य भी लूटना चाहती है ।
अब यह सोचना हमारे मुस्लिम भाइयों को है वह इस पार्टी को क़ुबूल करें या रद्द करें .उन्हें इस विषय पर विचार ज़रूर करना चाहिए .भारत देश का वह एक महत्वपूर्ण अंग हैं ,वाइटल ओर्गेंन हैं .
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com//......
गर्भावस्था और धुम्रपान! (Smoking in pregnancy linked to serious birth defects)
Posted by veerubhai on Sunday, August 21
२३ अगस्त २०११ १:३६ अपराह्न
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ReplyDeleteSuna hai,abhyaas se jad mati bhi sujaan ho jati hai.Isliye,bhrashtachariyon ka bhi anna topi pehanana bura nahai. Engineering men bhi admission se lekar site par project poora karne tak,zabardast bhrastachaar hai.Ishaank saavdhan!
ReplyDeleteSuna hai,abhyaas se jad mati bhi sujaan ho jati hai.Isliye,bhrashtachariyon ka bhi anna topi pehanana bura nahai. Engineering men bhi admission se lekar site par project poora karne tak,zabardast bhrastachaar hai.Ishaank saavdhan!
ReplyDeletewaakai anna koi vyakti nahin, hamari apni soch hai
ReplyDeleteईशांक का जन्मदिन आप सब को मंगलमय हो । हम ईशांक के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।
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