न तो मूढ़ था , न परिस्थितियां । लेकिन अवसर ही ऐसा था कि हम न कह ही नहीं सकते थे ।
जी हाँ , कनाडा से श्री समीर लाल जी आए हुए थे । अब मिलना तो तय था । इसलिए राम का नाम लेते हुए हम भी पहुँच ही गए ब्लोगर मिलन में ।
यहाँ परिचय चल रहा है ।
विशिष्ठ अतिथिगण । वैसे यहाँ अतिथि कोई नहीं था ।
समारोह के मेज़बान , अपना बखान सुनाते हुए । पक्के कीबोर्ड खटरागी हैं , यह तो दिख ही रहा है ।
वर्मा जी बड़े ध्यानमग्न दिख रहे हैं । आखिर अध्ययन और अध्यापन इनका काम जो है भाई ।
बहार ही बहार , जब खड़े हो जाएँ चार यार । यहाँ चौथे श्री तनेजा जी फोटो खींच रहे हैं । इसलिए कोरम पूरा करने के लिए मिसेज तनेजा ने साथ दिया ।
आज ही के दिन कविराज श्री अशोक चक्रधर जी का निमंत्रण था--काका हाथरसी पुरस्कार समारोह के लिए । उनका निमंत्रण मैं कभी नहीं ठुकराता , लेकिन जा भी नहीं पाता । परन्तु आज अवसर मिल ही गया ।
इसलिए ब्लोगर मिलन से फारिग होते ही हम दौड़ पड़े इस सम्मान समारोह की ओर ।
आज युवा कवि श्री प्रवीण शुक्ल को काका हाथरसी पुरस्कार से नवाज़ा गया , जिसमे उन्हें काका हाथरसी ट्रस्ट की ओर से एक लाख रूपये की धनराशी का चेक भेंट किया गया ।
कार्यक्रम के आरम्भ में काका पर एक पावर प्रेजेंटेशन करते हुए श्री अशोक चक्रधर ।
मुख्य अतिथि श्री बलराम जाखड , श्री अशोक चक्रधर और प्रवीण शुक्ल के साथ । साथ में डॉ कुंवर बेचैन भी ।
चेक भेंट करते हुए श्री बलराम जाखड ।
इस अवसर पर श्री प्रवीण शुक्ल की पुस्तक --गाँधी और मेनेजमेंट --का विमोचन भी किया गया ।
अंत में डायमंड बुक्स की तरफ से सभी के लिए भोजन की व्यवस्था भी थी ।
इस तरह यह शाम , राम राम करते हुए दो मुकाम तक ले गई । विवरण आज ही पोस्ट कर दिया है , क्योंकि क्या जाने कल अवसर मिले न मिले ।
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बढ़िया चित्रमयी रिपोर्ट...
ReplyDeleteअशोक जी के यहाँ जाना तो हम भी चाहते थे लेकिन कार के वर्कशाप में होने के कारण मन मार कर मायूस होना ही पड़ा
आज ही हाथ मार लिया। नहीं तो कल से कई धारावाहिक शुरू हो जायेंगे।
ReplyDeleteसुन्दर तस्वीरों से आपने घर बैठे ही दोनों जगहों की सैर करवा दी इसके लिए बेहद धन्यवाद.
ReplyDeleteशुक्रिया इस मिलन वार्ता की प्रस्तुति के लिए.
ReplyDeleteहा हा हा सबसे तेज चैनल
ReplyDeleteशुभकामनाएं
वाह! क्या बात है...!
ReplyDeleteराम का नाम लिया तो राम भी हाजिर हैं :) ...बढ़िया रहा आपका मिलन ...
ReplyDeleteबेहद सुंदर.... चित्रमयी रिपोर्ट...
ReplyDeleteसबसे तेज चैनल :-)) और बढ़िया चित्रों के लिए आभार आपका !
ReplyDeleteरिपोर्ट देने के लिये आभार.............
ReplyDeleteबहुत बढ़िया फोटो रपट है .... सुन्दर प्रस्तुति... आभार
ReplyDeleteवाह! क्या बात है रिपोर्ट देने के लिये आभार...
ReplyDeleteबहुत संक्षिप्त है।
ReplyDeletegagar mai sagar.
ReplyDeletesab ko bahut bahut badhaaI.
ReplyDeleteयहाँ तो दो जगह की रिपोर्ट है ...बहुत बढ़िया ...
ReplyDeleteवाह दो दो रपट एक साथ ..
ReplyDeleteब्लॉगर्स एकता ज़िंदाबाद.. अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteहैपी ब्लॉगिंग
दोनों मिलन देख कर मज़ा आ गया डाक्टर साहब .... फोटो भी लाजवाब हैं दोनों के ....
ReplyDeleteअच्छा लगा एक साथ देखकर, इसी तरह मिलते रहे......
ReplyDelete"जहां चाह वहाँ राह"...बढ़िया तसवीरें!
ReplyDeleteशुक्रिया इस मिलन वार्ता की प्रस्तुति के लिए...
ReplyDeleteअरे!!!! जाखड जी ने इतना छोटा चेक दिया!!! क्रिकेटर को तो एतना बडा चेक देते हैं कि दो लोग पकड कर ले जाते हैं :)
ReplyDeleteदोनो कार्यक्रमों की अच्छी रिपोर्टिंग के लिए धन्यवाद॥
एक लाख का इनाम ! मेरा तो मुंह ही खुला रह गया...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteहम आ तो नहीं पाये मगर दर्शन तो आपने करवा ही दिया!
--
बाल दिवस की शुभकामनाएँ!
डा :सा :,
ReplyDeleteआपने उन सब लोगों को दोनों समारोहों की घर बैठे सैर करा दी जो आमंत्रित नहीं थे या जो जा नहीं सकते थे .धन्यवाद
..यह चित्रमयी रिपोर्ट तो बहुत शानदार है
ReplyDeleteबहुत बढ़िया रिपोर्ट दी हैं आपने.
ReplyDeleteचित्र तो बहुत ही शानदार हैं.
हार्दिक बधाई.
धन्यवाद.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
बढ़िया रपट के साथ तस्वीरें फ्री .......मज़ा आ गया
ReplyDeleteबहुत बढिया सचित्र समाचार. मज़ा आ गया.
ReplyDeleteअरे हमें तो पता ही नहीं चला कि इते लोग आए हुए हैं।
ReplyDeleteअच्छी तस्वीरें ...
ReplyDeleteबढ़िया रिपोर्ट ...और वो भी इतनी जल्दी !
सचित्र रिपोर्ट देने के लिये आभार...
ReplyDeleteइस तरह यह शाम , राम राम करते हुए दो मुकाम तक ले गई... विवरण आज ही पोस्ट कर दिया है , क्योंकि क्या जाने कल अवसर मिले न मिले...
ReplyDeleteदराल सर, अनजाने में आप इस पोस्ट के आखिर में कितनी बड़ी बात लिख गए...इसी पोस्ट के बाद आपके सिर से वो साया उठ गया जो जीवन भर बरगद बन कर आपको ठंडी छांव देता रहा...पिता के जाने का क्या मतलब होता है, पिछले दस दिन से उसी को दिन-रात अनुभव कर रहा हूं...हम कितने भी बड़े क्यों न हो जाएं, लेकिन पिता के होते खुद को सिक्योर ही समझते रहते हैं...फिर अचानक एक दिन उनके जाने के बाद लगता है कि हम खुद ही बड़े हो गए...
सीनियर दराल सर को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि...
जय हिंद...
त्वरित रिपोर्ट के लिये आभार ।
ReplyDeleteखुशदीप जी की टिप्पणी से दुखद सूचना प्राप्त हुई ,आपके दुख में शामिल हूं ,ईश्वर आपके परिवार को शांति और शक्ति प्रदान करे ।
ReplyDeleteडा. दाराल साहिब, यद्यपि आपने पहले ही संकेत दिया था, खुशदीप जी के माध्यम से समाचार पा दुःख हुआ,,,
ReplyDeleteपरमात्मा आपके पिताजी की आत्मा को शांति प्रदान करे!
दराल जी, फोटो बहुत ही प्यारे हैं। बधाई।
ReplyDelete---------
गायब होने का सूत्र।
क्या आप सच्चे देशभक्त हैं?
खुशदीप जी , किसी ने सच ही कहा है -- करले सो काम , भजले सो राम ।
ReplyDeleteवैसे पूर्वाभास सा हो गया था ।
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