आज जन्माष्टमी है । यानि भगवान श्री कृष्ण जी का जन्मदिन । यूँ तो श्री कृष्ण जी को कई नामों से जाना जाता है जैसे किशन , कान्हा , कन्हैया , श्याम , देवकीनंदन , गोपाल ---। और श्री कृष्ण जी के अनुरागी भी बहुत रहे जैसे मीरा ,राधा , गोपियाँ ----। लेकिन एक नाम जो ज़ेहन में आता है वो है सुदामा का । सुदामा कृष्ण के बचपन के मित्र । सुदामा का कृष्ण जी को चावल का उपहार देना भला कोई कैसे भूल सकता है ।
ज़ाहिर है , मित्रता में कीमत नहीं , भावना महत्त्व रखती है ।
ऐसे ही एक मित्र हमें मिले --श्री राजीव तनेजा जी , जिन्होंने हमारे जन्मदिन पर हमें एक ऐसा ही उपहार देकर दिल जीत लिया ।
तनेजा जी ने सुबह १०-३० बजे हमें जन्मदिन विशेष पर टिप्पणी देकर जन्मदिन की बधाई दी ।
उसके बाद उन्होंने हमारी तब तक लिखी कुल १३४ पोस्ट पढ़ी और सब पर टिप्पणी दर्ज की । अंतिम टिप्पणी रात के ९-०९ बजे लिखकर ही उन्होंने विराम लिया । इस तरह करीब साढ़े दस घंटों में तनेजा जी ने १३४ पोस्ट पढ़ी और १३४ टिप्पणियां लिखी ।
अब यह भी एक विश्व कीर्तिमान ही हो सकता है ।
इसे क्या कहेंगे --किसी के प्रति सच्ची श्रद्धा , स्नेह , मित्रता की भावना या फिर एक जुनून !
कुछ भी हो लेकिन हमें तो श्री तनेजा जी के साहस और समर्पण पर गर्व सा महसूस हो रहा है ।
साथ ही श्रीमती संजू तनेजा जी की सहनशीलता को भी नमन करने का दिल करता है , क्योंकि उस दिन तनेजा जी के ख्यालों में सिर्फ और सिर्फ हम ही हम रहे होंगे ।
तनेजा दंपत्ति से मेरी मुलाकात केवल दो बार हुई है ।
पहली बार हम मिले थे ब्लोगर मिलन में --फरवरी २०१० में ।
बाएं से श्री राजीव तनेजा जी , श्रीमती संजू तनेजा जी , कविता वाचक्नवी जी और एक अन्य मित्र ।
चेहरे पर लगातार एक शर्मीली सी मुस्कान लिए तनेजा जी बोलते कम देखे गए , सुनते ज्यादा रहे ।
दूसरी मुलाकात हुई , श्री ललित शर्मा जी के साथ --सी एस ओ आई क्लब में । एक पारिवारिक मिलन के रूप में ।
तनेजा जी एक हंसमुख और विनोदी स्वाभाव के व्यक्ति हैं । उनका सेन्स ऑफ़ ह्यूमर ग़ज़ब का है । यह उनके ब्लोग्स को पढ़कर ही पता चलता है । क्योंकि प्रत्यक्ष में वह कम ही बोलते हैं । लेकिन उसकी कमी वह मुस्कराते हुए आपकी बात को ध्यान से सुनकर मन ही मन ग्रहण करते हुए पूरी करते हैं । फिर उसका अच्छी तरह से विश्लेषण करते हैं ।
उनके हास्य से ओत प्रोत लेखों में देश , समाज और वर्तमान परिवेश में फैली कुरीतियों पर करारे व्यंग देखने को मिलते हैं । बेशक वो बहुत सोचते हैं , मनन करते हैं , आस पास की घटनाओं का प्रेक्षण करते हैं । फिर उसी को अपने हलके फुल्के अंदाज़ में लिखे ब्लॉग पोस्ट्स में डालते हैं ।
उनके कुछ ब्लोग्स हैं --हँसते रहो , ज़रा हटके -लाफ्टर के फटके , हँसते रहो --हंसाते रहो ---।
श्री तनेजा जी ने जो उपहार हमें दिया , वह सरसरी निगाह से देखें तो साधारण सी बात लगती है । भला कोई टिप्पणियों का क्या करेगा । लेकिन उसके पीछे जो भावना नज़र आ रही है , वह बेशकीमती है । आजकल कौन किसी के बारे में सोचता है ? किस के पास टाइम है ?
लेकिन एक छोटी सी मुलाकात कभी कभी इतना असर छोड़ जाती है कि इस नश्वर संसार में रहकर भी आदमी की सोच सात्विकी की ओर अग्रसर हो जाती है ।
मैं कई दिन से सोच रहा था कि श्री तनेजा जी को क्या रिटर्न गिफ्ट दी जाये । आज जन्माष्टमी के दिन यह पोस्ट उन्हें समर्पित कर मुझे लगता है कि इसे बढ़िया कोई और गिफ्ट नहीं हो सकती ।
गीता में श्री कृष्ण जी ने कर्म करते रहने को कहा है --लेकिन केवल सत्कर्म । सत्कर्मों का फल भी सर्वोत्तम ही होता है । आज जन्माष्टमी के दिन यदि हम मन में सत्कर्म करने का दृढ निश्चय कर लें , तो शायद यही सबसे बढ़िया जन्माष्टमी का उपहार रहेगा अपने लिए और शुभकामनायें सब के लिए ।
Thursday, September 2, 2010
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जन्माष्टमी पर सुन्दर उपहार...श्री कृष्ण-जन्माष्टमी पर ढेर सारी बधाइयाँ !!
ReplyDelete________________________
'पाखी की दुनिया' में आज आज माख्नन चोर श्री कृष्ण आयेंगें...
सही बात है, श्रीमती संजू तनेजा जी के धैर्य की पराकाष्ठा है ये तो ...
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteजन्माष्टमी पर सुन्दर उपहार
ReplyDeleteबहुत बढिया राजीव जी और ललित जी को बधाई।आपको और आपके परिवार को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteजी दराल सर, आपने बिलकुल सही कहा.
ReplyDeleteतनेजा जी से मेरा मिलना भी हमेशा सुखद रहा है. बहुत आत्मीयता से पेश आते हैं. ऐसा लगता नहीं की हम ब्लॉग के जरिये मिले हैं.
जन्माष्टमी के अवसर पर आपको एवं तनेजा परिवार को बहुत बहुत बहुत बधाई!!
इ-मेल द्वारा प्राप्त :
ReplyDeleteआदरणीय दराल सर..
नमस्कार....आपके ब्लॉग पर ये कमेन्ट करने की कोशिश कई बार की लेकिन पता नहीं क्यों हर बार रिजेक्ट हो रही थी ...इसलिए इसे मेल से भेज रहा हूँ..
कमेन्ट:
पहली बार जब ब्लॉगर मीट में आपसे मुलाक़ात हुई और आपके विचारों को सुना तो लगा कि आप और मैं एक ही थैली याने के हास्य के चट्टे-बट्टे हैं| तभी मन ही मन सोचा कि आपके ब्लॉग को पढना रुचिकर होगा लेकिन फिर इसे आलस्य के चलते कह लें या फिर कोई और वजह...बस...संयोग ही नहीं बन पा रहा था आपके ब्लॉग पर हाजिरी बजाने का...लेकिन वो कहते हैं ना कि देर आए...दुरस्त आए...
जैसे ही पाबला जी के ब्लॉग से आपके जन्मदिन के बारे में पता चला तो सोचा कि ज्यादा नहीं तो कम से कम बधाई तो दे ही दी जाए...आपके ब्लॉग पर पहुचं कर सोचा कि बधाई के कमेन्ट के अलावा एक-दो और पोस्टों को भी खंगाल लिया जाए...
आपके ब्लॉग को पढ़ने की तमन्ना तो दिल में थी ही...इसलिए सोचा कि क्यों ना शुरू से ही शुरुआत की जाए?...जब पढना शुरू किया तो ये कतई इरादा नहीं था कि सभी पोस्टों को पढूंगा लेकिन जैसे-जैसे मैं आपकी पुरानी पोस्टों को पढता गया …वैसे-वैसे आपकी लेखन शैली और बात कहने के ढंग का कायल होता गया…एक ही ब्लॉग में इतने रंग देख कर मैं कुछ चकित सा भी था और ये देख कर हैरान भी था कि कुछ विषयों पर आपने लिखा था ..उन्हीं विषयों पर मैं भी हाथ आजमा चुका था जैसे भिखारियों के बारे में…झोलाछाप डाक्टरों के बारे में… धूम्रपान निषेध के बारे में…इसे देखकर लगा कि काफी हद तक हमारे विचार एक-दूसरे से मिलते-जुलते हैं
बस फिर क्या था?…मैं एक के बाद एक कर के आपकी सभी पोस्टों को खंगालता गया…पढता गया…संस्मरण …फिल्में…हास्य…जागरूक करने वाले लेख…बीमारियों से कैसे करें बचाव…इत्यादि…इत्यादि… सब कुछ तो मिला मुझे वहाँ…
दो-तीन घंटे तक पढ़ने के बाद दिल में ख्याल आया कि क्यों ना आपके जन्मदिन पर आपको एक सबसे अलग…सबसे जुदा किस्म का तोहफा दिया जाए?…काम से छुट्टी का मूड तो बन ही चुका था मेरा…बस!…फिर क्या था…एक के बाद एक करके आपकी सभी पोस्ट ध्यानपूर्वक पढ़ी…उन पर मनन किया और फिर उन पर कमेन्ट किया…
हो सकता है कि इसे कुछ लोग सनक का भी नाम दे दें लेकिन पढ़ना मेरा शौक है…और शौक जो कराए …कम है..
आपकी लेखन शैली और बात करने के ढंगऔर सैंस ऑफ ह्यूमर का कायल तो मैं पहले ही बन चुका था…अब अपनी इस पोस्ट के जरिये रिटर्न गिफ्ट देकर आपने तो मुझे अपना मुरीद ही बना लिया…
बहुत-बहुत आभार
विनीत:
राजीव तनेजा
राजीव जी , आपने हमें पढने के लिए पूरे दिन की छुट्टी की , यह तो वास्तव में कमाल की बात है ।
ReplyDeleteमैंने एक ही ब्लॉग बनाया है मूल रूप से । उसमे मैं मुख्य तौर पर चार विषयों पर ही लिखता हूँ ।
१) मेडिकल आर्टिकल्स । २) हास्य --कवितायेँ या लेख ३) फोटोग्राफी ४) सामाजिक विषय ।
इनके अलावा धर्म , राजनीति या अन्य विवादित विषयों पर लिखने से मैं बचता हूँ ।
दूसरे ब्लॉग --चित्रकथा पर बचे खुचे फ़ोटोज ही डालता हूँ ।
बेशक आपके हमारे विचार काफी मिलते हैं । आभार और शुभकामनायें ।
बहुत अच्छा लगा आज का लेख,
ReplyDeleteकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
वाह, उस दिन जरूर मिस्टर और मिसेज तनेजा के बीज झगडा हुआ रहा होगा जो इन जनाव को इतना वक्त मिला :) आपको और तनेजा साहब को भी कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteराजीव तनेजा जी का परिचय अच्छा लगा ...
ReplyDeleteजन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
आप दोनों बधाई के पात्र हैं। आप इसलिए कि कैसा भी परिचय हो,मगर दस घंटे तक किसी को तभी बर्दाश्त किया जा सकता है जब हर पल अगले क्षण की उत्सुकता पैदा होने का क्रम जारी रहे। तनेजा जी इसलिए कि उन्होंने इस बात का मोल जाना कि मेहनत से लिखी गई पोस्ट ध्यानाकर्षण डिजर्व करती है।
ReplyDeleteआप सब को कृष्ण जन्म अष्टमी की हार्दिक शुभ कामनाएं एवं बधाइयाँ
ReplyDeleteकोई शक नहीं कि राजीव भाई एक खूबसूरत दिल वाले व्यक्ति हैं....
ReplyDeleteआज पहली बार ऐसा देखा है कि हमारी सोसायटी के मंदिर के बाहर कार्पेट बिछे हुए हैं । पचास कुर्सियां लगी है , जन्माष्टमी मनाने के लिए । और बाहर तेज बारिस हो रही है ।
ReplyDeleteक्या ग्लोबल वार्मिंग का असर इतना ज्यादा बढ़ गया है कि भक्ति में भी विघ्न पड़ने का डर हो गया है ?
या फिर भक्त ज़नों की भक्ति में ही कहीं कुछ खोट आ गया है ?
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बारिश का होना शुभ संकेत है।
ReplyDeleteतनेजा जी का प्यार अद्भुत है और आपकी यह पोस्ट लाज़वाब।
इस से अच्छा जन्मदिन का उपहार तो कुछ हो ही नहीं सकता....बहुत ही अच्छे मित्र हैं आपके...दुआ है...ये मित्रता ऐसे ही बनी रहें...और परवान चढ़ती रहें.
ReplyDeleteजन्माष्टमी की शुभकामनाएं
जन्माष्टमी के दिन बारिश
ReplyDeleteज्यों आपके जन्मदिन पर हुई थी
आपकी सभी पोस्टों पर
तनेजा जी की टिप्पणियों की बारिश
बारिश तो कैसी भी हो
सुखद ही होती है
तनेजा सिर्फ नाम के तने हैं
उनके मन में प्यार के फूल बहुत घने हैं
राजीव नाम है
राज करते हैं जीव पर
राजी रखते हैं सदा और
राजी रहने की है सदा।
तनेजा साहब के बारे जानकर अच्छा लगा, जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
बारिस अब रुक गई है । और भक्तजनों की भीड़ उमड़ने लगी है ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर नज़ारा है ।
आपने राजीव जी के बारे में बहुत सुन्दर लिखा है अविनाश जी ।
डॉ दराल,
ReplyDeleteआप बड़े खुश किस्मत हैं जो राजीव तनेजा का दिल आप की रचनाओं पर आया मन से आवाज आ रही है कि हाय हम न हुए.... :-)
मुझे एक बार इनके घर जाने का सौभाग्य मिला है डॉ दराल ! जिस आत्मीयता से यह दोनों पतिपत्नी आतिथ्य सत्कार करते हैं यह नहीं महसूस हुआ कि हम ब्लागर मीट में आये हैं लगा कि जैसे अपने परिवार में हैं वह क्षण वाकई स्नेहिल थे !
आपकी सारी रचनाओं को एक बार में पढना वाकई विश्व रिकार्ड होगा ! हार्दिक मुबारकबाद राजीव भाई को और साथ में आप जैसे दोस्त को, आप चीज ही कुछ ऐसे हो .....
सादर
दराल सर
ReplyDeleteसबसे पहले दो पहर की देरी से आपको जन्मदिन की लाखों बधाईयां....निःसंदेह तनेजा जी ने सबसे बेहतरीन तोहफा दिया है.ये एक श्रमसाध्य कार्य है जो कोई कर सकता है ये नहीं सोचा था। सभी पोस्ट को पढ़ना फिर उस पर टिप्पणी करना। रोमांचक है। सही में ये अपने में एक कीर्तिमान ही है..।
angreji mein kahavat hai ki ek samaan pnkh wale panchhi ek jagah jama ho jaate hain...
ReplyDeleteyadyapi krishn aur sudama ek hi jaati ke naheen the, kintu yeh to krishn ka badhappan hi kaheinge ki wo is bhed-bhav ke pare the (jaati ameer-garib, aadi)...is kaaran krishn ka janm-din manane ka sahi mahatv yahi raha hoga (?)...
वाह............बहुत बहुत बधाई आपको.........
ReplyDeleteमज़ा आ गया
राजीवजी का परिचय देने के लिए आभार॥ जन्मदिन की बधाई॥
ReplyDeleteIt's a beautiful experience to know about Rajeev ji and Lalit ji.
ReplyDeleteRegards,
प्रशंसनीय ।
ReplyDeletehappy janmashtmi.
ReplyDeleteand
god bless you MR.TANEJAA JI.
(please contact for guineiss book of world records, for admitting your commenting record).
thanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
यह काम तो तनेजा जी ही कर सकते थे।
ReplyDeleteबधाई।
………….
जिनके आने से बढ़ गई रौनक..
...एक बार फिरसे आभार व्यक्त करता हूँ।
राजीव तनेजा जी को आपकी सभी पोस्ट को पढ़ने व आपको इस पोस्ट के लिए बहुत बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteलगता है हमें ही देरी हो गयी ... पर आशा है आप स्वीकार करेंगे .....
ReplyDeleteआपको जनम दिन की बहुत बहुत बधाई ... शुभकामनाएँ ...बहुत अच्छा लगा पढ़ कर और जान कर ... प्रभु आपको सत्कर्म करने की प्रेरणा दे ....
राजीव जी और ललित जी को बधाई। राजीव तनेजा जी का परिचय अच्छा लगा.
ReplyDeleteराजीव जी से कल ही ग्रुप चैट में मुलाकात हुई,व्यक्ति की भाषा उसके बारे में यूँ भी सब बता ही देता है.लगा कि वे सचमुच एक सभ्य,शिष्ट और जीनियस व्यक्ति है. पढ़ने के मामले में इतने 'सरके ' हुए है जान कर खुशी हुई क्योंकि यहाँ भी एक सरकी हुई रहती है.
ReplyDeleteहा हा हा
मेरी दादी,पापा सबको जूनून था पढ़ने का.
वैसे फोटोज देख कर पहचाना मैं तनेजा दंपत्ति से ललित भैया के ब्लोग पर मिल चुकी हूं. किसी लेखक की रचना को इतने ध्यान से किसी ने लगातार पढा है ये बात,अहसास ही कम खुशी देने वाला नही होता. और उसे हर आर्टिकल पर 'यूज' भी मिले निसंदेह 'दिल को छू जाने वाली' बात इसे कहते हैं.यूँ हर नए काम जुनूनी व्यक्ति ही द्वारा किये गए हैं.मैं ऐसे लोगों को बहुत पसंद करती हूं. सलाम करती हूं. राजीव जी! दराल सर लकी हैं उन्हें आप जैसा 'रीडर' और दोस्त मिला.
जी शुक्रिया इंदु जी । राजीव जी से मुझे भी कुछ सीखने का अवसर मिला है , जिसका प्रमाण मैं अगली पोस्ट में देने वाला हूँ । कृपया पढियेगा ज़रूर ।
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