आज हम स्वतंत्रता की ६३ वीं वर्षगांठ मना रहे हैं । बेशक इस आज़ादी के लिए हम सब बधाई के पात्र हैं । साथ ही कर्ज़दार हैं उन स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के , जिन्होंने हमारे आज के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया ।
अब अंग्रेजों की ग़ुलामी से तो हम आज़ाद हो गए , लेकिन आज भी अनेक जंजीरें हैं जो हमें जकड़े हुए हैं ।
क्या हम इनसे आज़ाद हो पाए हैं ?
पिछले साल आज ही के दिन लिखी ये पंक्तियाँ क्या बदल पाई हैं ?
अभी देश को आजाद कराना है --
मंहगाई ,प्रदुषण और भृष्टाचार से ,
युवाओं के बदलते आचार व्यवहार से।
आतंकवाद और अलागवाद से,
सीमाओं के विवाद से।
जात पात के झगडों से,
धर्म के लफडों से।
बेहिसाब बढती आबादी से,
पर्यावरण की बर्बादी से।
अभी तो आज़ादी दिलानी है ---
गरीबों को कुपोषण से,
शरीफों को शोषण से
भूखों को भूख से,
घूसखोरों को घूस से
गंगा-यमुना को गंदगी से,
बाल मजदूरों को बंदगी से।
जब तक हम इनसे निज़ात नहीं पाएंगे , तब तक असली मायने में आज़ाद नहीं कहलायेंगे ।
Sunday, August 15, 2010
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कुछ नही बदला और न भविष्य मे कोई नज़दीक ऐसी उमीद है। रचना अच्छी है बस ये उमीद अब कविताओं तक ही रह गयी है। आप सब को स्वतंत्रता दिवस की बधाई और शुभकामनाएं।
ReplyDeleteजो शहीद हुए आजादी के लिए
ReplyDeleteउनकी आत्मा रोती है
जो देश का है असली अधिकारी
उसके तन पे लंगोटी है
रोटी कपड़ा और मकान का
नारा तो अब बेमानी हुआ
लोकतंत्र के राजा वजीरो की
लुच्चे-टुच्चों के हाथ गोटी है
विचारोत्ते्जक लेख के लिए आभार
स्वतंत्रता दिवस की बधाई
आपने आजादी के जो मायने यहां लिखे वह काबिले तारीफ है सचमुच हमें तभी आजादी मिलेगी जब आपके लिखे अनूसार सब हो पायेगा पर यहां निराशा ही उपजती है कही कोई उम्मीद है तो रोशनी मिले.........पर हमें उम्मीद तो करनी ही चाहिए व प्रयास भी।
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाये और ढेरों बधाई....
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteस्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ
ReplyDeleteबहुत अच्छी और विचारणीय प्रस्तुति ...
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाये और बधाई
एक उम्मीद ही तो जो साथ नही छोडती.
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाये और ढेरों बधाई.
beshak..beshak..in sab se to dilwani hi hai....sarthak vyang rachna....sadhuwad..
ReplyDeleteसिंगल विंडो सिस्टम को अगर लागू करें,तो आत्म-शुद्धि ही सभी भौतिक समस्याओं का समाधान प्रतीत होता है.
ReplyDeleteना जाने कब आज़ाद होंगे हम इन आज़ाब से?
ReplyDeleteबहुत ही ओजस्वी आलेख, स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ.
ReplyDeleteरामराम.
सचमुच अभी आजादी मिली ही कहां है ??
ReplyDeleteअपनी रचनाओं के जरिये आप बहुत ही सटीक एवं सही जगह पर चोट करने में सिद्धहस्त हैं...
ReplyDeleteमारक क्षमता से लैस आपकी ये पोस्ट भी इन्हीं कसोटियों पे खरी उतरती है ....बहुत-बहुत बधाई...
happy independence day.
ReplyDeletethanks.
WWW.CHANDERKSONI.BLOGSPOT.COM
विचारोत्ते्जक लेख ... स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएँ.....
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस कि अनेकानेक शुभकामनायें! किन्तु जिस तरह से कई वर्षों से हर वर्ष हम केवल आशा करते रह जाते हैं उससे साफ़ है कि हमारी गाडी सही दिशा में नहीं जा रही है - हम भटक से गए लगते हैं!
ReplyDeleteबहुत खूब, डा० सहाब, लेकिन जो कुछ चल रहा है क्या हम इस देश को सचमुच मे आजाद करा पायेगे, यक्ष प्रश्न !!!!!
ReplyDelete... behatreen .... badhaai va shubhakaamanaayen !!!
ReplyDeleteआजादी की लड़ाई तो अभी शेष है.
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स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप एवं आपके परिवार का हार्दिक अभिनन्दन एवं शुभकामनाएँ !
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं.............
ReplyDeleteबन्दी है आजादी अपनी, छल के कारागारों में।
ReplyDeleteमैला-पंक समाया है, निर्मल नदियों की धारों में।।
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मेरी ओर से स्वतन्त्रता-दिवस की
हार्दिक शुभकामनाएँ स्वीकार करें!
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वन्दे मातरम्!
हाँ ...इनसे आज़ादी तो अभी बाकी ही है ...!
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक शुभकामनाये और ढेरों बधाई....
ReplyDeleteबहुत सही सोच भाई जी ...आवश्यकता है कुछ संकल्प लेने की ! शुभकामनायें
ReplyDeletebahut sahi likha hai aapne.......
ReplyDeleteएक बेहद उम्दा पोस्ट के लिए आपको बहुत बहुत बधाइयाँ और शुभकामनाएं !
ReplyDeleteआपकी पोस्ट की चर्चा ब्लाग4वार्ता पर है यहां भी आएं !
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!