शराब एक ऐसी चीज़ है जिस पर सदियों से शायरों ने अनगिनत शे'र लिखे हैं , गीतकारों ने गीत लिखे हैं , जो उच्च समाज में प्रतिष्ठा का प्रतीक होती है , मध्यम वर्ग में जश्न का जरिया और निम्न वर्ग में जिंदगी बर्बाद करने का साधन। इसका सेवन भी आदि काल से होता आया है। आदि मानव से लेकर आधुनिक युग तक विभिन्न रूपों में शराब का उत्पादन और सेवन होता आया है। कहीं शराब को खराब माना जाता है , कहीं शराब और शबाब साथ मिलकर नवाबों की शान बनती है। लेकिन ख़राबी शराब में होती है या शराबी में , यह हमेशा बहस का विषय बना रहता है।
बात बहुत पुरानी है। तब हमने नया नया जॉब ज्वाइन किया था। एक दिन डॉक्टर्स के किसी कार्यक्रम का निमंत्रण मिला जिसमे कार्यक्रम के बाद कॉकटेल डिनर का आयोजन था। उन दिनों में कॉकटेल शब्द को बहुत बड़ा माना जाता था। ज़ाहिर है , शराब का सेवन अपेक्षाकृत इतना कॉमन नहीं था जितना आजकल हो गया है। इसलिए इस तरह के निमंत्रण को पाना एक सौभाग्य माना जाता था। हमने जब अपने एक वरिष्ठ साथी डॉक्टर को इसके बारे में बताया तो उनकी बांछें खिल गई और हम भी खुश हो गए कि चलिए कोई साथ तो मिला जो साकी का भी काम करेगा।
कार्यक्रम में हम तो तन्मयता से भाषण सुन रहे थे और हमारे साथी बार बार घूमकर यह देख रहे थे कि शराब खुली कि नहीं। क्योंकि देर हो चुकी थी और लोगों को बेचैनी होने लगी थी , इसलिए अंतत: भाषण ख़त्म होने से थोड़ा पहले कॉकटेल काउंटर खुल गया। यह पता चलते ही हमारे साथी महाशय दौड़ पड़े और जब तक हम वहां पहुंचे तब तक वो जाने कितने पैग उदरस्थ कर चुके थे। जब हमने जाकर देखा तो पाया कि कुछ लोग उन्हें घेर कर खड़े थे और सब अपना अपना गिलास उन्हें सौंप रहे थे और वो भी गटागट बॉटम अप किये जा रहे थे। यह पागलपन देखकर हम तो सकते में आ गए। हमने उन्हें बड़ी मुश्किल से सब से दूर किया , लेकिन तब तक जो होना था वो हो चुका था। आखिर किसी तरह हमने जल्दी जल्दी कुछ खाया और उनकी सुध ली तो उन्हें चारों खाने चित पाया। अंत में उनके स्कूटर को अन्दर पार्क कर उन्हें एक ऑटो में डालकर रात के बारह बजे हमने उन्हें उनके घरवालों को सौंपा और अपने घर की ओर रवाना हुए।
ऐसा नहीं है कि शराब ऐसी खराब चीज़ है कि इसका सेवन पाप समझा जाये। दरअसल ख़राबी पीने वाले के व्यवहार में होती है। इस घटना से कई बातें उजागर होती हैं जो शराब का सेवन करने वालों के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। इनके बारे में और शराब से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में अगली पोस्ट में। फ़िलहाल आप इस लतीफे का आनंद लीजिये :
एक आदमी डॉक्टर के पास गया और बोला -- डॉ साहब मेरे पेट में दर्द रहता है।
डॉक्टर ने उसका मुआयना किया और कहा -- क्या आप शराब पीते हैं ?
रोगी बोला -- जी सच बोलूँगा , वो तो मैं पीता हूँ।
डॉक्टर -- देखिये शराब पीने से आपका ज़िगर ख़राब हो गया है और पेट में पानी भी भर गया है।
रोगी -- लेकिन डॉक्टर साहब पानी तो मैं पीता ही नहीं फिर पेट में पानी कैसे ! अच्छा याद आया शुरू में जब मैंने पीना शुरू किया था तब पानी मिलाकर पीता था लेकिन चढ़ जाती थी। तब से मैंने पानी पीना ही छोड़ दिया।
डॉक्टर -- लेकिन अब आपको छोड़नी पड़ेगी।
रोगी -- डॉक्टर साहब , प्लीज छोड़ने के लिए मत कहिये। हाँ , कम कर सकता हूँ।
डॉक्टर -- ठीक है , रोज कितना पीते हो ?
रोगी -- जी झूठ नहीं बोलूँगा , बस चार पीता हूँ।
डॉक्टर -- चलिए आज से तीन कर दीजिये , फिर दो सप्ताह बाद दो और --
रोगी -- ठीक है डॉक्टर साहब , लेकिन दो से कम मत कीजियेगा क्योंकि पूरी बोतल एक पैग में आ ही नहीं सकती।
नोट : असली शराबी वो होता है जो बेड टी की जगह चाय का कप नहीं बल्कि पैग लेकर बैठता है।
मित्र को उसके घर पहुंचा कर अच्छा कार्य किया आपने।
ReplyDeleteये तो ठीक है पर फायदे बताइये..मूड चटक रहा है। :)
ReplyDeleteअगली पार्टी ( पोस्ट ) का इंतजार करिए। :)
Deleteहैंग ओवर हो ही नही, इसका तरीका भी बताईयेगा.:)
Deleteरामराम.
बड़ी ज़िम्मेदारी का काम है। दिल्ली-प्रवास के दौरान हमारा भी सामना ऐसी ही परिस्थितियों में करमा जी की टुन्न-परेड से हुआ था।
ReplyDeleteजहां तक मुझे लगता है शराब पीने के फायदे कम और नुकसान ही ज्यादा हैं। लेकिन हाँ यदि दवा के रूप में शराब का सेवन एक हद में रहकर किया जाये तो वो उतना बुरा भी नहीं जितना समझा जाता है। बाकी तो "अति हर चीज़ की बुरी होती ही है"फिर चाहे वो शराब हो या कुछ और...:)
ReplyDeleteजी सही कहा।
Deletehic....hic.......
ReplyDelete:-)
regards
anu
अगर शराब में नशा होता तो बोतल न नाचती ???
ReplyDeleteबोतल की ग्लास वाल्स हज्म नहीं कर पाती ! :)
Deleteबहुत बार लोगों को ऐसे ही फैलते देखा तो तब से ही निश्चित है कि ऐसा नहीं बनना है।
ReplyDeleteशराब अच्छी चीज है गर बंदा अपने पैरों पे चलकर घर पहुंचे। :)
ReplyDeleteसीमा से अधिक हर चीज़ की बुरी होती ही है"फिर चाहे वो शराब हो या कुछ और...:
ReplyDelete,,
RECENT POST : अपनी पहचान
मय बुरी नही, मयकशीं बुरी साबित हो सकती है.
ReplyDeleteरामराम.
hic ...hic..
ReplyDeletePS: Advertisements[edit]. Advertising alcoholic beverages is banned in India .
हम तो नू कहेंगे डा० साहब ;
ReplyDeleteसब किया धरा, इस शराब का ही है,
फ्री की बंटे तो मुई प्यास बढ़ा देती है। :)
प्रतिदिन कितने पैग लाभकारी है, आपकी सलाह का बेसब्रे से इन्तजार :)
Deleteमेरा शायद ही कोई ऐसा मित्र होगा जो न पीता हो , मैं नहीं पीता . मुझे न कभी शराब से शिकायत रही न कभी यार दोस्तों से . बस दिक़्कत वहीं होती है जहां कुछ लोग अपनी हैसियत से बाहर निकलने लगते हैं चाहे वे पी कर ऐसा करें या बिना पिए ह....
ReplyDeleteइंसान का व्यवहार मायने रखता है.. फिर वो शराब पीकर किआ जाए या बिना पिए :):).
ReplyDeleteपीने वालो को पीने का बहाना चाहिए पीना आये या ना आये पीना चाहिए ,पीकर कुछ लोग जानबूझ कर मन की निकालते हैं फिर बदनाम बेचारी शराब को करते हैं वर्ना बेचारी शराब तो आराम देती है सब गम भुला देती है ,ख़ुशी में नचा देती है नींद की दवा की जरूरत नहीं आराम से सुला देती है ---ये उत्तर उन दोस्तों के लिए जो आपसे बड़ी उत्सुकता से इसके फायदे पूछ रहे हैं :):):)
ReplyDeleteआज नाना जी श्री गोलन सिंह की दो लाइन आपको समर्पित करता हूँ
ReplyDeleteन पीना बुरा है न पिलाना बुरा है
पी के बस होश में आना बुरा है
चाहे कोइ कुछ भी कहता रहे ...शराब बुरी है तो बुरी ही है....महिमा मंडान या इतिहास बताने से, या सभी पीते हैं इससे अच्छी नहीं होजायगी.... चोरी, भ्रष्टाचार, बलात्कार भी युगों से किये जा रहे हैं परन्तु वे अच्छे तो नहीं होजायंगे.....
ReplyDeleteपीना भी बुरा है, पिलाना भी बुरा है,
बनाना, बेचना,लाइसेंस देना भी बुरा है|
एक भी अच्छाई नहीं है इसमें दोस्तों-
अच्छा आदमी भी पीने के बाद बुरा है |
पीना भी बुरा है, पिलाना भी बुरा है,
ReplyDeleteबनाना, बेचना,लाइसेंस देना भी बुरा है|
एक भी अच्छाई नहीं है इसमें दोस्तों-
अच्छा आदमी भी पीने के बाद बुरा है |
हमें तो ये पंक्तियां अच्छी लगी जी।
सहमत।
Deleteलेकिन यहाँ संत नगर / आदर्श नगर आदि बस नाम के ही हैं।
कई आयुर्वेदिक दवाएं मदिरा जैसी होती हैं, बात वही है, दवा की तरह ली जाने वाली चीजें आदत बने तो नुकसानदेह है !
ReplyDeleteहमें तो असली शराबी की परिबाषा अच्छी लगी ... शराबी को घर पहुंचाना जरूर एक पुन्य का काम है जो आपने लिया ....
ReplyDeleteडा० साहब ...पीने वालो को पीने का बहाना चाहिए
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