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Sunday, January 24, 2010

दिल दा मामला है----- कुछ ते करो जतन----- ,

दिल दा मामला है , दिल दा मामला है
कुछ ते करो जतन ,
तौबा खुदा दे वास्ते, कुछ ते करो जतन ----
दिल दा मामला है ,
दिल ---दा ------है।

युवा दिलों की धड़कन , गुरदास मान द्वारा गाया ये रोमांटिक गाना हम बरसों से सुनते रहे हैं

लेकिन आज हम दिल के उस चैंबर की बात नहीं कर रहे, जिसमे रोमांस रहता है। बल्कि उस चैंबर की बात करेंगे जिससे सांस चलती रहती है, जिंदगी चलती रहती है।

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं लेफ्ट वेंट्रिकल की, दिल का वो चैंबर जो सारे शरीर को रक्त प्रवाह द्वारा शक्ति प्रदान करता है। लेकिन ज़रा सोचिये यदि शक्ति दाता ही शक्ति विहीन हो जाये तो क्या होगा।

तो हार्ट अटैक होगा यानि हृदयाघात

वही हार्ट अटैक जिसके बारे में कुछ दिन पहले डॉ अरविन्द मिश्रा ने लिखा था ---

वेटिंग लिस्ट वाले बैठे हैं ,तत्काल सेवा वाले चले जा रहे ....


आइये देखते हैं , हार्ट अटैक होता क्यों है ---

पूरे शरीर को ऊर्जा प्रदान करने वाले को भी ऊर्जा की ज़रुरत होती है। और हार्ट को यह ऊर्जा मिलती है रक्त प्रवाह से , जो मिलता है दो धमनियों द्वारा जिन्हें कहते हैं ---कोरोनरी आर्टरीज

लेफ्ट कोरोनरी आर्टरी जो हृदय के सामने और बाएं हिस्से यानि लेफ्ट वेंट्रिकल को रक्त सप्लाई करती है और राईट कोरोनरी जो दायें वेंट्रिकल को।

अब यदि इन आर्टरीज में कहीं रुकावट आ जाये तो हृदय के उस हिस्से में रक्त संचार बंद हो जाता है और हृदय की मांस पेशियाँ दम तोड़ देती हैं यानि वो हिस्सा बेकार हो जाता है। इसी को हार्ट अटैक कहते हैं।

हार्ट अटैक का मुख्य कारण लेफ्ट कोरोनरी आर्टरी में रुकावट होना है, जिससे लेफ्ट वेंट्रिकल का एक हिस्सा काम करना बंद कर देता है

क्यों होती है रुकावट :

हमारे रक्त में मौजूद वसा जो कोलेस्ट्रोल के रूप में होता है , धीरे धीरे हृदय की धमनियों में जमता रहता है। यूँ तो कोलेस्ट्रोल शरीर की कई गति विधियों के लिए आवश्यक है, लेकिन इसकी अत्यधिक मात्रा हानिकारक होती है।
कोलेस्ट्रोल का धमनियों में जमना --पलौक कहलाता है।

जब यह पलौक धमनी को इतना बंध कर देता है की मसल्स की ओक्सिजन डिमांड पूरी नहीं हो पाती तो मसल्स चीखना शुरू कर देती हैं यानि छाती में दर्द शुरू हो जाता है , जिसे एंजाइना कहते हैं।

अक्सर एंजाइना तब होता है जब हम कोई भारी काम करते हैं जैसे ---सीढियाँ चढ़ना, दौड़ना, साइकल चलाना आदि।
यदि धमनी में ७० % रुकावट हो तो भारी काम करने पर दर्द होता है। लेकिन ९० % रुकावट होने पर बिना भारी काम के दर्द होने होने लगता है। ऐसी स्थिति में एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी ज़रूरी हो जाती है।

हार्ट अटैक के लक्षण :

सीने में दर्द, बायीं तरफ ,विशेषकर भारी काम करने पर। यह दर्द बाएं कंधे, बाजू या ज़बड़े में भी हो सकता है।
साथ में पसीना आना
घबराहट और बेचैनी
दिल में धड़कन महसूस होना

ये सभी लक्षण हैं एंजाइना के। ऐसे में यदि धमनी में रुकावट १००% हो जाये तो हार्ट अटैक हो जाता है

ऐसा कब हो सकता है :

अत्यधिक ठण्ड, तनाव, डर , अत्यधिक ख़ुशी या ग़म , इस तरह के हालातों में धमनी में अचानक स्पाज्म हो सकता है जिसकी वज़ह से पूर्ण रुकावट हो जाती है।
इसके अलावा पलौक का टूटना, या कहीं से ब्लड क्लौट आकर वहां फंसने से भी अटैक हो सकता है।

आइये देखते हैं की इस आकस्मिक विपदा से कैसे बचा जाये ---ज़रा इस चित्र को देखिये :


यह फ्लो डायग्राम साभार प्रस्तुत किया है, प्रोफ़ेसर श्रीधर द्विवेदी जी ने , विभागाध्यक्ष --चिकित्सा विभाग एवम अध्यक्ष प्रिवेंटिव कार्डियोलोजी क्लिनिक, जी टी बी हॉस्पिटल, दिल्ली।

घ्यान रखिये की :

हार्ट अटैक आजकल २० से ३० साल की उम्र के युवकों को भी होने लगा है
एथिरोस्क्लेरोसिस ( धमनियों में कोलेस्ट्रोल का जमना ) बचपन से ही शुरू हो जाता हैइसलिए बच्चों को भी जंक फूड्स से बचना चाहिए
महिलाएं भी इससे प्रभावित हो सकती हैं
अक्रिय जीवन शैली आदमी की दुश्मन और सक्रियता लाभकारी साबित होती है
सात्विक जीवन दीर्घकालीन सुखमय जीवन की कुंजी है

खुदा दे वास्ते सही, अपने वास्ते और अपनों के वास्ते, भाई ज़रा दिल का ध्यान रखिये

यह लेख आपको कैसा लगा , बताइयेगा ज़रूर।

28 comments:

  1. बहुत उपयोगी जानकारी दी डाक्टर साहब आपने. हमने यो अभी ५ साल पहले ही रिपेयर करवाया है और अभी तो बढिया सर्विस दे रहा है.:)

    रामराम.

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  2. आपकी जानकारी बहुत ही सीधी और सरल भाषा में ...... बहुत ही महत्वपूर्ण है ....... हमारे जैसे लोगों के लिए बहुत काम की जानकारी है ........

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  3. डॉ टी एस दराल जी नमस्कार, आप ने बहुत सुंदर जानकरी दी,बिलकुल सीधी ओर सरल भाषा मै
    धन्यवाद

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  4. उपयोगी पोस्ट!
    संग्रह करने योग्य!

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  5. बहुत अच्छी जानकारी दी क्या बच्चों में भी यह समस्या हो सकती है यदि हो तो क्या करना चाहिए इस बारे में जानकारी दीजिएगा ।

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  6. बहुत महत्त्वपूर्ण जानकारी दी है आपनें,धन्यवाद डॉ साहब.

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  7. सुनीता जी, आर्टरीज में कोलेस्ट्रोल का जमना बचपन में ही शुरू हो जाता है।
    इसको बढ़ावा देते हैं ---उपरोक्त डायग्राम में दिखाई गई आदतें।
    इसलिए बचाव के लिए इनसे दूर रहना चाहिए।
    और नियमित रूप से व्यायाम करना और फल और हरी सब्जियों का सेवन करना लाभकारी रहता है।

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  8. महत्वपूर्ण जानकारी के लिये धन्यबाद

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  9. बहुत उम्दा जानकारी!

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  10. उपयोगी पोस्ट.
    उम्दा जानकारी.

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  11. समीर जी , आपने हमारे ब्लॉग पर ९९९ वीं टिपण्णी की है।
    और देवेंदर जी आपकी टिपण्णी १००० वीं है।
    मुबारक।
    और आप सभी टिप्पणीकारों का आभार।

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  12. लीजिए 1001 की टिप्पणी का शगन...

    दिल की बातें, दिल वाले जानते हैं...
    मैं सोच में रहता हूं, डर-डर के कहता हूं...
    पल-पल दिल के पास तुम रहती हो...

    डॉक्टर साहब, देरी के लिए पहले तो मुआफी...वो मियांजी मेरी नन्ही सी जान को उलझ गए थे...दिल को दुरुस्त रखने के लिए बड़ी उपयोगी पोस्ट लिखी है...दिल पर सितम (कोलेस्ट्रोल) ढहाते रहने वालों से यही कहूंगा, खुद का नहीं सही, उस महबूब का तो ख्याल रखो, जिसे इस दिल में रहने के लिए खोली की नहीं अच्छे खासे अपार्टमेंट की ज़रूरत है...

    जय हिंद...

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  13. डा० साहब पहली लाइन पढ़ते ही मैं समझ गया था कि दराल साहब आज दिल के बारे में बताने वाले है ! बेहद उम्दा जानकारी आपने दी ! और आज के इस आधुनिक खान-पान , रहन सहन और पर्यावरण के युग में इन बातो की जानकारी रखना बहुत जरूरी हो गया है क्योंकि कुछ समय पहले मैंने जब सूना कि एक बंगाली लड़के को ३२-३३ साल की उम्र में दिल का दौरा पडा तो मैं भी सुनकर हैरान था क्योंकि अमूमन हम यह उम्मीद करते है कि ४०-४५ से पहले ऐसे वाकये कम ही आते है !

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  14. रोचक अंदाज में उपयोगी जानकारी, आभार

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  15. वाह सर जी क्या जानकारी दी है.आगे भी आपसे ऐसी ही तमाम जानकारियों की उम्मीद रहेगी.
    आभार
    "हम तो ताउम्र इंतजार किसी और का करते रहे
    पर दिल पे दस्तक ये मुआ कोलेस्ट्राल दे गया"

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  16. "हम तो ताउम्र इंतजार किसी और का करते रहे
    पर दिल पे दस्तक ये मुआ कोलेस्ट्राल दे गया"

    वाह रचना जी, क्या बात है। अति सुन्दर।

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  17. बहुत महत्व पूर्ण जानकारी है हो भी क्यों न ये दिल का मामला है शुभकामनायें

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  18. सामान्य जन के लिए बहुत उपयोगी जानकारी , आपका शुक्रिया डॉ साहब ! उम्मीद है बिना फीस के यह सलाह मिलती रहेगी !

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  19. Is jaankaaree ke chnad points note book me note karne honge!
    Gantantr diwas kee anek shubhkamnayen!

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  20. बहुत सुन्दर और महत्वपूर्व जानकारी प्राप्त हुई आपके पोस्ट के दौरान! आपको और आपके परिवार को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!

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  21. डा. दराल साहिब ~ बहुत बढ़िया जानकारी, विशेषकर अष्ट-चक्र समान प्रोफ़ेसर श्रीधर द्विवेदी जी के फ्लो डायाग्राम के लिए धन्यवाद!

    दिल के साथ दिमाग का भी मामला क्या अधिक नहीं है? मेरा अपना दिल और दिमाग भर आया था जब कई वर्ष पहले एक मित्र का फ़ोन गौहाटी से आया कि उनकी साली अपने पति के साथ दिल्ली में अपने ५ माह की लड़की को ले कर एम्स आई हुई थी और में उनसे मिल लूं...वे हौज़ खास में घर ले कर लगभग तीन माह से रह रहे थे और अस्पताल के चक्कर काट रहे थे - कुछ मैंने भी काटे ...लड़की के दिल में छिद्र था...ओपरेशन हुआ किन्तु कार्डियो के बाद २-३ दिन वेस्कुलर शाखा में पहुँच सिधार गयी...बहुत दया आई बेचारों पर...

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  22. जे सी साहब, अभी अभी मैं आप ही के बारे में सोच रहा था की आप कहाँ रह गए अब तक।
    तभी आपकी टिपण्णी देखी ।
    दिल का दिमाग से तो सीधा सम्बन्ध है ही। बेशक। लेकिन क्या करें डॉक्टर तो सिर्फ प्रयास ही कर सकते हैं।
    अक्सर परिणाम सार्थक होता है, लेकिन कभी कभी सफलता हाथ नहीं भी लगती।

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  23. डा. साहिब, मैं 'एसडीए' में धोते का नवां "हैप्पी बर्थडे" मनाने और नॉएडा में अपनी छोटी बहन और बहनोई के साथ भी कुछ समय गुजारने के लिए चला गया था, और अभी लौटा...हालांकि maine aapki post wahaan padh li thi...

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  24. bahut badhiyaa or upyogi jaankaar di hain aapne.
    thanks.
    aapka blog achchhaa lagaa isliye haatho haath join bhi kar liya hain.
    again thanks.
    www.chanderksoni.blogspot.com

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  25. सोनी जी, आपका स्वागत है।
    उम्मीद है अब मिलना होता ही रहेगा।

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  26. डॉ टी एस दराल जी नमस्कार, आप ने बहुत सुंदर जानकरी दी,बिलकुल सीधी ओर सरल भाषा मै
    धन्यवाद

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  27. बहुत सरल भाषा में अच्छी जानकारी है-क्यों न इस कार्य हेतु एक अलग ब्लॉग बनाया जाए-जिसे रोचक बनाने के लिये हम अपने जीवन में आये किस्से जो मरीजों के साथ हम लोगों ने भोगे हास्य व करुणा के वे पल शामिल कर लें।

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  28. लगता है कि ये पोस्ट आपने फिर से पोस्ट कर दी है...अभी कुछ देर पहले ही तो इस पर कमेन्ट किया था :-)

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