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Friday, February 15, 2013

वेलेंटाइन डे पर रेड रोज और डोमिनोज का भोज -- क्या यही है प्रेम रोग !

वैलेंटाइन डे (II) : 



कल शाम पत्नी बोली पढ़कर अख़बार,
अज़ी बोलो कितना करते हो हमसे प्यार।

वेलेनटाइन डे पर आज के रोज़,
बताइये कितने देंगे हमको रोज।

एक का मतलब समझेंगे , देखते ही हुआ था प्यार।
तीन यानि करते थे,करते हो, करते रहोगे बेशुमार।

108 दिए बिना ही किया था शादी का इकरार,
अब बारह दे कर ही कर दो प्यार का इज़हार।

हमने कहा प्रिये , एक और एक सौ आठ ,
तो भूल जाओ, वो थी गुजरे वक्त की  बात।

बारह में बसा है,  बस हाल का हाल,
तीन में दिखते हैं प्रेम के तीनों काल।

डार्लिंग शौक से हमारे प्यार को आजमाओ ,
पर रोज बहुत महंगे हैं , इस बार तीन में ही काम चलाओ।

लेकिन वेलेंटाइन रोज का तो बहाना था,
पत्नि को हमसे आई लव यु बुलवाना था।

इसलिए पूरे बारह रोज ही ख़रीदवाए,
ये बात और है,कि उनके पैसे हमने उन्ही से दिलवाए । 

भला पत्नी के सामने भी कोई पर्स खोलता है ,
भई शादी के बाद कौन आई लव यू बोलता है !

हमने तो मौके की नज़ाकत थी परखी जांची,
पर पत्नि की फरमाईश थी अभी और बाकि।

बोली वेलेंटाइन डे पर बेलन नहीं उठाऊंगी,
सोच लिया आज रात खाना नहीं बनाऊँगी। 

अब या तो डोमिनोज का पिज़्ज़ा खिलाओ , 
या फिर घर चलकर खुद ही खाना बनाओ !

हारकर एक हाथ में डबलरोटी, और एक हाथ में रोज,
पकड़कर पिटे आशिक से , हम चल दिए डोमिनोज ।

वहां देखा एक हम उम्र युगल बैठे पिज़्ज़ा खा रहे थे
हम उन्हें और वो हमें,  देख देख कर शरमा रहे थे।

उधर एक युवा कन्या हमें देख मुस्कराने लगी
आँखों आँखों में अपने बॉय फ्रेंड को समझाने लगी।

हम भी जहाँपनाह से खड़े खड़े फूल सूंघते रहे,
और अपने ५०० के नोट का खून होते देखते रहे।

घर जाकर फूल सजाये, और पिज़्ज़ा का भोग लगाया,
पर प्रेम रोग की जगह तुरंत निंद्रा रानी ने आ दबाया।

सुबह जब नींद खुली तो रोज देख ये हुआ अहसास,
वेलेंटाइन डे तो रोज़ है , जब तक साथ हैं अपने ख़ास।

29 comments:

  1. नोट के मुताबिक यदि इन संख्याओं के बीच के गुलाब हुए तो :)))मौके की नज़ाकत को देखते हुए बढ़िया मज़ेदार रचना ...शुभकामनायें

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  2. उसी मूड में आगे-
    (खफा न होना युगल)
    आशा है आप अकेले ही खफा होंगे-
    सादर -
    बेलेन्टाइन पर हुआ, बेलन बेला छूछ |
    डाक्टर साहब ऐंठते, अपनी छूछी मूँछ |

    अपनी छूछी मूँछ, आज मैडम ना ऐंठी |
    रोज रोज की बात, प्रतीक्षा करती बैठी |

    लेकिन मित्र दराल, कृष्ण नहिं अस्त्र उठाये |
    ऊँच नीच गर होय, वहीँ चिमटा ले धाये ||

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  3. बहुत मजेदार लिखा है बढ़िया प्रस्तुति बसंत पंचमी की बधाई आपको |

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  4. वाह......... ज़बरदस्त लिखा.... मज़ा आ गया...

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  5. एक सौ आठ रोज = मुझसे शादी करोगी ?

    हा .....हा ....हा ......

    इतने रोजो का ज्ञान कैसे हुआ आपको .....?????????????


    पता चल गया .......:))

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  6. बसंती हवा के झोंकों के साथ आपको आई लव यू सर जी , आप आज भी उतने ही दिलकश हैं .

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  7. :):) aisa hi hai ..majedaar likha hai .

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  8. :):) रोज़ की भाषा पहली बार समझी :):)

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  9. बढ़िया है।

    इतने प्रश्न चिन्ह लगाने के बाद हीर जी को भी 'पता चल गया'.. अच्छा है। :)

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  10. अब एक हाथ में डबलरोटी, और एक हाथ में रोज
    पकड़कर पिटे आशिक से हम चल दिए डोमिनोज ..

    ऐश हैं जहाँपनाह ...

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  11. वाह जी कविता भी हास्य व्यंग्य की कविता कूट (कूट शब्द संकेत )भी .स्वाद स्वाद ही स्वाद पहली नजर में हो जाओ वेलेंटाईन .शुक्रिया व्यस्तता में से कुछ पल चुरा लाये ,आप आये .

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  12. ...प्यार के लिए हर रोज आरक्षित हो :-)

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  13. थोड़ी समझदारी दिखानी थी , एक गुलाब का पौधा ही गमले सहित देना था . जितने गुलाब चाहिए ,उगा लें . हमसे ये मत पूछियेगा आपको कैसे पता !!!

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  14. सर जी, अब वो उम्र तो रही नहीं कि शाम को हिसाब लगाने बैठते कि इस ख़ास दिन पर
    किस-किस को परस्पर किस किया
    और कौन सी मिस को मिस किया। :)
    बढ़िया !

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  15. मेरा तो 4 रोज़ से काम चल जाएगा --- कल आज और कल ...और परसों भी ....हा हा हा हा हा यानी 365 रोज़ ..वाह ! पर दिल्ली से मुंबई पहुँचाओगे कैसे ????????

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    1. जी , जब मुंबई से हमारी बेटी ने हमारी सालगिरह पर फूल भिजवा दिए थे , तो दिल्ली से मुंबई भी जा सकते हैं। लेकिन रेड रोज तो नहीं। :)

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  16. हास्य व्यंग पर बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.

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  17. :)रोचक !
    सही कहा कि अपनों के साथ का हर दिन ही वेलेंटाईन दिन है.

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  18. ईश्वर करे यह बेलन टाईन दिवस नित्य रहे, इससे ज्यादा और आनंद की क्या बात होगी?:)

    रामराम.

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  19. गया था साथ लिए 'वेलेन्टाईन डे' पे उसे,
    'अगर-मगर' ही में दिन 'प्यार' का गुज़ार दिया,
    'परन्तु-किन्तु' का मौक़ा भी न मिला मुझको,
    बुखार इश्क़ का 'पोलिस' ने आ, उतार दिया।

    मैं, अबकि उससे मिलूंगा 'शबे-बरात' ही को,
    समाज वालों ने थोड़ा जो वक़्त उधार दिया !
    http://aatm-manthan.com

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  20. बहुत अच्छे डा.साहब!

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  21. क्या बात है डॉ साहब! :-)

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  22. अपनों को उनके ख़ास होने का एहसास कराना ही इसका मकसद है कोई भी किसी का वेलेंटाइन हो सकता है -वेलेंटाइन बोले तो प्यारा .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .

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  23. सुबह जब नींद खुली तो फूल देख ये हुआ अहसास
    रोज़ है वेलेंटाइन डे , जब तक साथ हैं अपने ख़ास।
    sahi kaha ...

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  24. वाह क्या बात है.....रोज का नोट काफी पसंद आया

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  25. ये सच कहा .. वेलेंटाइन तो रो ही है .. अगर दिल में प्रेम की उमंग है .. जीने किम ख्वाहिश है ...
    पर आपका दिन का हाल पढ़ के मज़ा आ गया ...

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