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Wednesday, February 20, 2013

जब ऐसा हो या वैसा हो -- तो हाल कैसा हो !


जब विद्यालय परिसर में सफाई होने लगे, पानी का छिडकाव हो
और चूना लगाकर सजाया जाये तो समझो --- वी आई पी  विजिट का तनाव आने वाला है।

जब शहर की सडकें जगमगाने लगें , तारकोल का ताज़ा भराव हो
और फुटपाथ को तोड़कर दोबारा बनाया जाये तो समझो --- शहर में चुनाव आने वाला है।

जब सब्जियां भी मुर्गियां सी बिकने लगें , टमाटर के ऊंचे भाव हो
और मंडी से प्याज़ नदारद पाया जाये तो समझो--- सत्ता में बदलाव आने वाला है।

जब आपको आप के एस एम एस आने लगें , टोपी का पहनाव हो
और हाथ में तिरंगे की तरह  झाड़ू उठाया जाये तो समझो -- इंकलाब आने वाला है।

जब पत्नि बिना बात मुस्कराने लगे,  बदले बदले से हाव भाव हो
और आपको सर आँखों पर बिठाया जाये तो समझो--- कोई महंगा प्रस्ताव आने वाला है।

जब माटी की सोंधी सोंधी सुगंध आने लगे, पीपल की शीतल छाँव हो
और बांसुरी पर गडरिया प्रेम धुन सुनाता जाये तो समझो--- प्रीतम का गाँव आने वाला है।

जब मन बेचैन हो और काम से कतराने लगे, सीने में दर्द का घाव हो
और रह रह के बदन में झुरझुरी सी आ जाये तो समझो--  इश्किया ताव आने वाला है।

जब उठते बैठते घुटने कड़ कड़ करने लगें , गोलियों से लगाव हो
और आपको मेट्रो में बुजुर्गों की सीट पर बिठाया जाये तो समझो , बुढ़ापे का पड़ाव आने वाला है !

जब लड़के हाथ में हाथ डाल कर चलने लगें , बदन में बालियों का फैलाव हो
और बालों को इन्दरधनुषी रंगों से रंगा जाये तो समझो ,संस्कृति में बिखराव आने वाला है।



30 comments:

  1. कुछ अच्छा होने का संकेत भी संदेहों से परिपूर्ण लगता है. आज की सच्चाई पर सुंदर व्यंग.

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  2. गहन अनुभव से निकली बातें ! :-)

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  3. जब कोई आने वाला होता है तभी शुभ होता है, ईश्वर करे कोई न कोई आता रहे।

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  4. ...हमारे काम का आखिरी सूत्र है !

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  5. वाकई अनुभव तगड़ा है ...

    बस मन बेचैन न हो जाए :)
    शुभकामनायें !

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  6. वाह! हर एक लाइन माय्नेखेज़ है।

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  7. अच्छे काम के पीछे कोई न कोई तो कारण होगा ही :):)

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  8. रोजमर्रा की बातों से हटकर कुछ अलग दिखलाई पड़ता है तो जान लेना चाहिए की कुछ होने वाला है

    Recent Post दिन हौले-हौले ढलता है,

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  9. बहुत ही गजब सोच से लिखा है. पर लगता है अब प्यारा गाँव कभी नही आयेगा. ना जाने सौंधी महक वाले प्यारे गाँव से कितनी दूर इस बदबूदार और भूलभुलैया वाले महानगरों में हम लोग आ निकले हैं.

    रामराम.

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    1. इसीलिए प्यारा लगता है। एक फार्म हाउस हो तो कैसा हो ! :)

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  10. पढ़ के झुरझरी सी आण लाग री सै :)

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    1. फुरफुरी तो नहीं आई ना। :)

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  11. बहुत बढ़िया.....
    आखरी दो मिसरे तो लाजवाब....
    (राजनीति में रूचि कम है वरना पहले तीन भी बढ़िया...)
    बीच का एक स्त्री होने के नाते खटक गया :-)

    सादर
    अनु

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    1. जी हाँ।
      पुरुषों का दर्द तो पुरुष ही समझ सकते हैं। :)

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  12. एक वो स्त्री वाला छोड़ कर बाकी सब बढ़िया लगे :).

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  13. बिल्‍कुल डाक्‍टरी अंदाज की कविता है, बधाई।

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  14. ्डाक्टर साहब सब बीमारियों के क्या खूब लक्षण बताये हैं अब निदान भी बता दीजियेगा :)

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  15. वाह !भाव और व्यंग्य विनोद का कैप्स्यूल एक साथ क्या कोम्बो मेडिसन है .

    जब तबीयत किसी पे आती है ,

    मौत के दिन करीब होते हैं .

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  16. सामाजिक रोगों का भी काफी अनुभव है आपको . निदान भी बताइए .
    latest postमेरे विचार मेरी अनुभूति: पिंजड़े की पंछी

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  17. अजित जी की बात से सहमत हूँ वाकई बिल्‍कुल डाक्‍टरी अंदाज की कविता है, बधाई।

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  18. bahut khoob.
    thanks.
    CHANDER KUMAR SONI
    WWW.CHANDERKSONI.COM

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  19. चिकित्सकीय अनुभव कविताई के काम आता है , मगर स्त्री के मामले में कभी कभी फेल भी हो जाता है !

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  20. बिलकुल सटीक पंक्तियाँ कहीं.....

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  21. बहुत खूब ..... आपको धन्यवाद ............
    आप भी पधारो आपका स्वागत है ....pankajkrsah.blogspot.com

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  22. जब पत्नि बिना बात मुस्कराने लगे, बदले बदले से हाव भाव हो
    और आपको सर आँखों पर बिठाया जाये तो समझो--- कोई महंगा प्रस्ताव आने वाला है।-----हा हा हा सही समझा वैसे तो सभी पंक्तियाँ अच्छी हैं सच्ची हैं पर ये तो सबसे अव्वल है बधाई इस दिलचस्प प्रस्तुति हेतु.

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    1. धन्यवाद राजेश जी। .
      हालाँकि इस पर तो काफी मतभेद नज़र आ रहा है। :)

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  23. बहुत खूब ... लगता है कुछ तो होने वाला है ...
    सभी ख्याल सच ओर दिलचस्प .... मज़ा आ गया ...

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  24. जब माटी की सोंधी सोंधी सुगंध आने लगे, पीपल की शीतल छाँव हो
    और बांसुरी पर गडरिया प्रेम धुन सुनाता जाये तो समझो--- प्यारा गाँव आने वाला है।

    सभी लाइन अपने आप में खुबसूरत एहसास लिए . लेकिन इसमें मेरे गाँव की मति की सोंधी महक ने जगा दिया

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  25. सभी लाइन अपने आप में खुबसूरत एहसास लिए . लेकिन इसमें मेरे गाँव की माटी की सोंधी महक ने जगा दिया

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  26. बहुत बढ़िया बिम्ब और परिवेश बटोरा है रियलिटी बाइट्स का .शुक्रिया आपकी टिपण्णी और प्रेक्षण का शहरी ही ज्यादा लापरवाह और अनियमित होते हैं खाने पीने के समय को लेकर .

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