बैसाखी के अवसर पर लिखी पिछली पोस्ट पर आप सब की शुभकामनाओं के लिए दिल से आभार । उनका भी जिन्होंने इ-मेल के ज़रिये अपनी शुभकामनायें भेजी । और विशेष तौर पर पाबला जी , खुशदीप भाई और राजेन्द्र स्वर्णकार जी का , जिन्होंने फोन कर बात कर शाम को यादगार बना दिया ।
उधर निर्मला कपिला जी ने स्नेहपूर्ण शिकायत की कि इस अवसर पर तो सब ब्लोगर्स को पार्टी देनी चाहिए थी । डॉक्टर्स बड़े कंजूस होते हैं ।
इस पर डॉ अमर कुमार ने प्यार भरी झिड़की लगाई कि भाई क्यों पूरी बिरादरी की नाक कटवाते हो । कुछ करते क्यों नहीं ।
ऐसे में हमें अपना CSOI याद आया । हमने तुरंत इवेंट्स मेनेजर को फोन मिलाया और कहा कि भाई कुछ करो , बिरादरी की इज्ज़त का सवाल है ।
और उन्होंने भी तुरंत आयोजन कर डाला --एक गीतों भरी शाम का जिसमे बैसाखी पर भांगड़ा पेश किया गया ।
अब हमने तो सब को निमंत्रण दे दिया था लेकिन समय की कमी के रहते पहुँच कोई नहीं पाया । समीर लाल जी की भी तीन में से एक भी पार्टी नहीं हो पाई ।
लेकिन प्रत्यक्ष में न सही आभासी ही सही , चलिए आपका स्वागत करते हैं इस पार्टी में ।
भवन को खूबसूरती से सजाया गया था , रेड कारपेट के साथ ।
एक तरफ बार टेबल लगी थी , जूस पीने के लिए ।
दूसरी तरफ स्टेज तैयार थी , डांस और गाने के लिए ।
पेड़ों को भी दुल्हन की तरह सजाया गया था ।
और यहाँ खाने की टेबल्स लगी थी ।
लेकिन खाना बाद में , पहले भांगड़ा हो जाए । वैसे जींस पहने हुए युवा सरदारों को देखकर ही मस्ती आ जाती है । उस पर मस्ती भरे गीत --वाह वाह ।
अंत में एक गीत -हाय ओ रब्बा --- नइयो लगदा --दिल मेरा --
सुनकर न जाने क्यों श्रीमती जी सीरियस हो गई । शायद एक मां को बच्चों की याद आ गई । आखिर पहली बार ऐसा हुआ था कि ऐसे अवसर पर बच्चे साथ नहीं थे ।
लेकिन यदि पति डॉक्टर होने के साथ साथ हंसोड़ हास्य कवि भी हों तो भला पत्नी क्या ज्यादा देर सीरियस रह सकती है ।
हमने भी न जाने क्या सुनाया कि वो खिलखिला पड़ी ।
और हमें हमारी ही लिखी वो कविता याद आ गई --वो हंसती हैं तो खिल उठते हैं खुशबू लिए बत्तीस किस्म के फूल ।
और इस तरह एक हरियाणवी युवा युगल ने पंजाबी भांगड़े और गीतों के साथ बैसाखी मनाई ।
उधर निर्मला कपिला जी ने स्नेहपूर्ण शिकायत की कि इस अवसर पर तो सब ब्लोगर्स को पार्टी देनी चाहिए थी । डॉक्टर्स बड़े कंजूस होते हैं ।
इस पर डॉ अमर कुमार ने प्यार भरी झिड़की लगाई कि भाई क्यों पूरी बिरादरी की नाक कटवाते हो । कुछ करते क्यों नहीं ।
ऐसे में हमें अपना CSOI याद आया । हमने तुरंत इवेंट्स मेनेजर को फोन मिलाया और कहा कि भाई कुछ करो , बिरादरी की इज्ज़त का सवाल है ।
और उन्होंने भी तुरंत आयोजन कर डाला --एक गीतों भरी शाम का जिसमे बैसाखी पर भांगड़ा पेश किया गया ।
अब हमने तो सब को निमंत्रण दे दिया था लेकिन समय की कमी के रहते पहुँच कोई नहीं पाया । समीर लाल जी की भी तीन में से एक भी पार्टी नहीं हो पाई ।
लेकिन प्रत्यक्ष में न सही आभासी ही सही , चलिए आपका स्वागत करते हैं इस पार्टी में ।
भवन को खूबसूरती से सजाया गया था , रेड कारपेट के साथ ।
एक तरफ बार टेबल लगी थी , जूस पीने के लिए ।
दूसरी तरफ स्टेज तैयार थी , डांस और गाने के लिए ।
पेड़ों को भी दुल्हन की तरह सजाया गया था ।
और यहाँ खाने की टेबल्स लगी थी ।
लेकिन खाना बाद में , पहले भांगड़ा हो जाए । वैसे जींस पहने हुए युवा सरदारों को देखकर ही मस्ती आ जाती है । उस पर मस्ती भरे गीत --वाह वाह ।
अंत में एक गीत -हाय ओ रब्बा --- नइयो लगदा --दिल मेरा --
सुनकर न जाने क्यों श्रीमती जी सीरियस हो गई । शायद एक मां को बच्चों की याद आ गई । आखिर पहली बार ऐसा हुआ था कि ऐसे अवसर पर बच्चे साथ नहीं थे ।
लेकिन यदि पति डॉक्टर होने के साथ साथ हंसोड़ हास्य कवि भी हों तो भला पत्नी क्या ज्यादा देर सीरियस रह सकती है ।
हमने भी न जाने क्या सुनाया कि वो खिलखिला पड़ी ।
और हमें हमारी ही लिखी वो कविता याद आ गई --वो हंसती हैं तो खिल उठते हैं खुशबू लिए बत्तीस किस्म के फूल ।
और इस तरह एक हरियाणवी युवा युगल ने पंजाबी भांगड़े और गीतों के साथ बैसाखी मनाई ।
आदरणीय डॉ दराल जी
ReplyDeleteनमस्कार !
..............बहुत ही सुंदर तस्वीरे है
शादी की सालगिरह बहुत -बहुत मुबारक हो मिसेस दराल को भी यह दिन आपकी जिन्दगी में हमेशा आए आप दोनों एकसाथ मिलकर मनाऐ
भवन को बहुत ही खूबसूरती से सजवाया है डॉ साहब
ReplyDelete.......बैसाखी की हार्दिक बधाई
बैसाखी की पार्टी है या वैवाहिक वर्षगांठ की । सब तैयारियां बिल्कुल परफेक्ट लग रही है । जीवन्त पार्टी के आभासी स्वरुप में बैसाखी के साथ ही मेरिज एनिवर्सरी की भी आपको पुनः अनेकानेक बधाईयाँ...
ReplyDeleteआप भी क्या कमाल करते हैं डॉक्टर साहब
ReplyDeleteहंसाते हंसाते निहाल करते हैं डॉक्टर साहब
हमारे लिए तो बीरबल की खिचड़ी पकातें हैं
हवा हवा में ही शानदार पार्टी मनातें है
इस सुन्दर प्रस्तुति से बस दिल को लुभातें हैं
शादी की सालगिरह इसी तरह तो मनातें हैं.
डॉक्टर साहिबा की सुस्ती,चुटकी में भगातें है
प्रभु से प्रार्थना है ,नजर न लगे आपकी युगल जोड़ी को
जुग जुग अमर प्रेम बना रहे.
वैशाखी की बहुत बहुत हार्दिक बधाई.
इतनी बढ़िया पार्टी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद डाक्टर साहब !
ReplyDeleteवाह आपने तो बहुत जीवन्त चित्र लगाए हैं!
ReplyDeleteसुव्हान अल्लाह ..बहुत बहुत बधाई एक बार फिर. ऐसी करोणों सालगिरह साथ मनाये आप दोनों.
ReplyDeleteरोचक और मंगलमय.
ReplyDeleteवाह! देखकर ही लग रहा है की बहुत बढ़िया पार्टी रही होगी....
ReplyDeleteयह तो विशेष बन गयी वैशाखी -बधाई और शुभकामनाएं!
ReplyDeleteबैसाखी की और शादी की वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई
ReplyDeleteshaandaar party rahi
ReplyDeleteबैसाखी की हार्दिक बधाई
ReplyDeleteक्या डॉक्टर साहब, अभी भी ३ पार्टी पर अटके हैं..पेनाल्टी कौन भरेगा? :)
शादी की सालगिरह बहुत -बहुत मुबारक,वैसे हम बहुत नाराज हे हमे क्यो नही बुलाया इस पार्टी मे, हम ने तो नया सुट भी खरीदा था स्पेशल इस पार्टी के लिये, पुरानी टाई के संग:)
ReplyDeleteवाह ... पार्टी तो बहुत ज़ोरदार ठी ...बस एक बात जानना चाहती ठी कि आखिर आपने श्रीमती जी को क्या सुनाया जो बत्तीस तरह के फूल खिल गए ? :):)
ReplyDeleteएक बार फिर बधाई
ठी को थी पढ़ा जाये ..
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें आपको !!
ReplyDeleteहा हा हा ! समीर जी , आप सूद ( पेनाल्टी ) सहित जोड़ते जाइये । हमें आपके गणित पर भरोसा है ।
ReplyDeleteराज जी बुलाते तो ज़रूर लेकिन क्या करें हमें समझ नहीं आया कि उस वक्त जर्मनी में कितने बजे थे ।
संगीता जी , यह तो राज़ की बात है , ऐसे कैसे बता दें । :)
हार्दिक शुभकामनाएं.
ReplyDeleteवो हंसती हैं तो खिल उठते हैं खुशबू लिए बत्तीस किस्म के फूल
बहुत खूब,जनाब.
वाह आज तो आपने बढ़िया सैर करा दी. धन्यवाद.
ReplyDeleteसुंदर पार्टी के लिए धन्यबाद. चित्र देखकर ही मन आनंदित हो गया. आज भाभी जी के दर्शन भी करा दिये आपने. वैशाखी की शुभकामनायें.
ReplyDeleteवाह! पढ़कर, देखकर ही आनंद आ गया।...बहुत बधाई।
ReplyDelete`एक तरफ बार टेबल लगी थी , जूस पीने के लिए '
ReplyDeleteजूस..... हद है कंजूसी की :)
हा हा हा ! प्रशाद जी , जूस में आप कुछ भी मिला सकते हैं ।
ReplyDeleteबहुत खूब, शुभकामनाये पुनश्च: !
ReplyDeleteम्हारी पार्टी तो बाकी रह ही गयी
ReplyDeleteनेट से दूर रहने का फ़ल मिल गया।:)
शुभकामनाएं
♥ आदरणीया भाभीजी ♥
ReplyDeleteसहित
♥ प्रिय डॉ.टी एस दराल भाईजी ♥
बहुत आनन्द आया आपकी इस शानदार पार्टी में शामिल हो'कर …
एक बार फिर बधाई !
जीवन में खिलता रहे , बारह मास बसंत !
ख़ुशियों का सुख-हर्ष का , कभी न आए अंत !!
* Happy Marriage Anniversary*
आगामी 727 वर्षों तक आपका दाम्पत्य जीवन हंसी-ख़ुशी से परिपूर्ण रहे…
* हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !*
- राजेन्द्र स्वर्णकार
वाह ! डॉ. साहेब,शादी की दावत में तो मज़ा आ गया--क्या रंगीन बैशाखी मनाई आपने --टु -इन -वन --बधाईया--
ReplyDeleteवैशाखी और वैवाहिक वर्षगाँठ , दोनों की पार्टी शानदार रही ..
ReplyDeleteशुभकामनायें !
dr. daral
ReplyDeletebaisakhi ki mangal kamana
baisakhi ke sath bhangara ka mel achha laga , ager ithas bhi nal yad aata to bahut achha lagata
nayi fasal ka aagaj ,ugane wale ke hanth.
sadhuvad ji .
दराल सर और भाभीश्री की मेहमाननवाज़ी का आनंद मैंने तो एडवांस में ही ले लिया था...प्री-एनिवर्सरी पार्टी में...
ReplyDeleteअब पोस्ट-एनिवर्सरी पार्टी का लुत्फ़ गुरुदेव समीर जी को भी शरीक कर ले लिया जाएगा...(चाहे वर्चुअली ही सही)
जय हिंद...
डॉ दराल जी,
ReplyDeleteपार्टी शानदार आभास ही इतना रोचक है कि पार्टी में शामिल होने का आनन्द आ गया...
शादी की सालगिरह और बैसाखी...दोनों की हार्दिक बधाई.
अजी साथ-साथ तो एक फोटो खिंचवा लेते। भाभीजी को भी हमारी बधाइयां दीजिएगा। पुन: बधाई।
ReplyDeleteबहुत शानदार पार्टी रही....बहुत बहुत शुभकामनाएं
ReplyDeleteआप सब का बहुत बहुत आभार ।
ReplyDelete.
ReplyDeleteडॉ दराल ,
वैशाखी और वैवाहिक वर्षगाँठ के लिए बधाई एवं शुभकामनायें । जानदार और शानदार पार्टी है। उदास चेहरों पर मुस्कान बिखेरना कोई आप से सीखे। इज्ज़त भी रख ली आपने बिरादरी की । सुन्दर एवं मनमोहक चित्रों के लिए आभार ।
.
काश हमें पता होता तो हम भी शामिल हो जाते असलियत में ... भाई हम तो उस वक़्त दिल्ली में थे ... मज़ा आ गया आपकी पार्टी देख कर ...
ReplyDeleteवैवाहिक वर्षगाँठ के लिए बधाई एवं शुभकामनायें ...
ReplyDeleteनासवा जी , पहले बताते
ReplyDeleteतो आपको ज़रूर बुलाते ।
चलिए फिर सही ।
एक बंगाली मित्र के घर पहुँच उसने पाया कि वो सूखा भात (चावल) खा रहा था!
ReplyDeleteउसने जब कारण पूछा तो जवाब मिला "ये भात और वो माँछ" ! (पड़ोस से मछली पकने की खुशबू आ रही थी!)
हमने भी मुंबई में बैठे वैसे ही 'जूस' का आनंद उठा लिया!
फिर से बधाईयाँ !
आद. दराल जी ,
ReplyDeleteक्षमा चाहती हूँ वक़्त पर आ नहीं सकी ....
वर्षगाँठ की ढेरों शुभकामनाएं ....
बहुत अच्छा लगता है आपको यूँ ख़ुशी के बहाने दूढ़ते देख ....
जिन्दादिली तो कोई आपसे सीखे ......