कोरोना का कहर जब शहर में छाया ,
तब हुकमरान ने ये फरमान सुनाया।
कि स्कूल, कॉलेज, ज़िम, क्लब सब होंगे बंद ,
पर हमें तो वर्क फ्रॉम होम का आईडिया बड़ा पसंद आया।
लेकर बुजुर्गी का सहारा हमने अर्ज़ी लगाई,
कि कमज़ोर तो नहीं है ये साठ साल की काया।
इसलिए कोरोना से तो हम कभी ना डरेंगे ,
परन्तु कल से हम वर्क फ्रॉम होम ही करेंगे।
किन्तु पत्नी को देर न लगी ये बात समझते ,
कि घर तो क्या हम तो ऑफिस में भी कुछ काम नहीं करते।
हम भी वर्क फ्रॉम होम का मतलब तब समझे ,
जब पत्नी ने कहा कि अब ये सुस्ती नहीं चलेगी।
उठो और हाथ में झाड़ू पोंछा सम्भालो,
आज से कामवाली बाई भी वर्क फ्रॉम होम ही करेगी।
बहुत खूब।
ReplyDeleteमानवता के हित में प्रधानमन्त्री जी के निर्देशों का पालन करना चाहिए।