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Sunday, October 21, 2012

आम आदमी के लिए फलों का राजा आम नहीं , केला होता है --


कहते हैं आम फलों का राजा है . ज़ाहिर है , राजा है तो आम आम आदमी की पहुँच से बाहर ही होगा . इसीलिए बचपन में हमें भी जो फल सबसे ज्यादा प्यारा लगता था वो आम नहीं केला था . आखिर , तब हम भी तो आम आदमी ही थे . भले ही अब आम आदमी से ऊपर उठ गए हैं ( बाहर की दुनिया देखकर ऐसा लगता है ) , लेकिन रहते तो बनाना रिपब्लिक में ही हैं . इसलिए फलों में सबसे प्रिय अभी भी केला ही है . इसका भी वैज्ञानिक कारण है। बचपन में जो बातें सिखाई जाती हैं या परिस्थितिवश सीखने को मिलती हैं , वे जिंदगी भर न सिर्फ याद रहती हैं बल्कि आपकी जिंदगी का हिस्सा बन जाती हैं .

समय के साथ बहुत कुछ बदल गया है, फलों का स्वरुप भी। जब हम स्कूल में पढ़ते थे , तब केले 50 पैसे दर्जन मिलते थे . केले बेचने वाला भी आवाज़ लगाता -- केला मक्खन मलाई हो रिया है। उन दिनों जो केले सबसे ज्यादा पसंद किये जाते थे वे होते थे -- चित्तीदार केले। ऐसे केले लम्बे होते जिनका छिल्का बहुत पतला होता और छिल्के पर छोटे छोटे चित्ते ( स्पॉट्स ) उभर आते जो न सिर्फ देखने में खूबसूरत लगते बल्कि खाने में भी वास्तव में मक्खन मलाई जैसा स्वाद आता था। ज्यादा पकने पर ये केले 25 पैसे दर्जन मिलते थे .

आज 40 साल बाद केले 50 रूपये दर्जन मिलते हैं . आम आदमी भले ही घर के लिए दर्जन न खरीद पाए , लेकिन रिश्तेदारों को देने के लिए आज भी केले ही सबसे सस्ते पड़ते हैं . लेकिन अफ़सोस, अब चित्तीदार केले देखने को नहीं मिलते . ज़ाहिर है , समय के साथ केलों की किस्म में बदलाव हुआ है . वैज्ञानिक शोध और आधुनिक प्रणाली ने केलों की गुणवत्ता को ही बदल दिया है .

आजकल ट्रकों पर लदे केले हरे, रहड़ी में रखे पीले और घर में आकर काले नज़र आते हैं . यानि अब पकने के बाद केलों पर चित्तियाँ नहीं बनती बल्कि केले सारे ही सड़कर काले हो जाते हैं . कभी कभी तो देखने में आता है कि बाहर से साफ सुथरे दिखने वाले केले अन्दर से सड़े हुए निकलते हैं .

इसका कारण प्रतीत होता है भ्रष्टाचार,  जो खाद्य पदार्थों में मिलावट के रूप में और पैदावार बढ़ाने के लालच में फलों और सब्जियों में हानिकारक रासायनिक पदार्थों के इस्तेमाल के रूप में बहुधा नज़र आता है। पिछले वर्ष केलों का स्वाद और स्वरुप देखकर बहुत दुःख हुआ था क्योंकि मार्केट में ज्यादातर केले मिलावटी ही आ रहे थे।

लेकिन इस वर्ष यह देखकर सुखद आश्चर्य हुआ कि आजकल मिलने वाले केले प्राकृतिक रूप से , सुन्दर स्वस्थ , पौष्टिक  और स्वादिष्ट हैं . भले ही चित्तीदार न हों , लेकिन केलों का स्वाद लौट आया है . मार्केट में आजकल बड़े बड़े केले जो हमें हमेशा लुभावने लगे हैं , भरे पड़े हैं . इसलिए क्यों न इस फेस्टिवल सीजन में मिठाइयाँ छोड़ फलों पर ध्यान दिया जाये , विशेषकर केले जो आम आदमी के आम होते हैं .

आइये देखते हैं , केले के स्वास्थ्य सम्बन्धी गुण :

* केले में कार्बोहाईड्रेट, विटामिन ऐ, बी 6, विटामिन सी , फोलेट और लोह तत्व पाए जाते हैं . कार्बो से ऊर्जा मिलती है और बाकि तत्वों से रक्त की कमी नहीं होती .

* केले में खनिज पदार्थ होते हैं -- पोटासियम, मैग्नीज , मैग्निसियम , कैल्सियम और आयरन जो शारीरिक प्रतिक्रियाओं के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं .

* फाईबर -- एक केले में करीब 3 ग्राम फाइबर होता है जो कब्ज़ होने से रोकता है .

* केले में फैट , ट्रांस फैट्स और कोलेस्ट्रोल न के बराबर होता है . इसलिए हृदय रोगियों और हाई कोलेस्ट्रोल के रोगियों के लिए बड़ा लाभदायक है .

* सोडियम भी कम होने से ब्लड प्रेशर के रोगी भी खा सकते हैं .

* एक केले में करीब 110 केल्रिज होती हैं .

उपयोग :

* केले शिशुओं में सॉलिड आहार आरम्भ करने का सर्वोत्तम जरिया है . इसमें शिशु के लिए सभी उपयुक्त पोषक तत्व मौजूद होते हैं .

* केले वज़न घटाने और बढ़ाने --  दोनों में काम आ सकते हैं।

* इसी तरह केले दस्त और कब्ज़ -- दोनों में फायदा पहुंचाते हैं .

* केले एक लो कोलेस्ट्रोल , लो फैट , लो सोडियम लेकिन हाई फाईबर डाईट है।

विशेष सावधानी : पके हुए केले में सुगर कंटेंट ज्यादा होने से डायबिटिक्स को ज्यादा नहीं खाने चाहिए . एक स्वस्थ व्यक्ति एक दिन में 10 केले तक भी खा सकता है . हालाँकि ऐसा करने की आवश्यकता नहीं होती . बेहतर है कि हम अपना भोजन संतुलित रखें जिसमे फलों की उचित मात्रा होना अनिवार्य है .

नोट : जिंदगी में संतुलन आचार व्यवहार, सोच विचार और आहार , सभी में आवश्यक है . 
 


35 comments:

  1. आम में स्वाद आता है, केले में संतुष्टि..

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    1. सही है सही है, ये पब्लिक है सब जानती है

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  2. अब तो हर फल और सब्‍ज़ी हर मौसम में मि‍लने से पता ही नहीं चल पाता कि‍ उसका असली स्‍वाद क्‍या है

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  3. स्वादिष्ट और उर्जा से भरपूर केले का कोई जवाब नहीं है.

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  4. आजकल पपीता भी राजा है. हर मौसम में उपलब्ध. बिना बीज का, बेहद मीठा. और सस्ता भी. उसके फायदे नुकसान पर भी प्रकाश डालें.

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    1. पपीता विटामिन ऐ और फाईबर का अच्छा श्रोत है . इसलिए बच्चों में विटामिन ऐ की कमी नहीं होने देता और बड़ों में कब्ज़. हालाँकि हर चीज़ का सेवन एक सीमा तक ही सही रहता है .

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  5. केले में फैट , ट्रांस फैट्स और कोलेस्ट्रोल न के बराबर होता है.
    जानकार अच्छा लगा, मुझे केल पसंद है मगर वजन भी ज्यादा है एसलिए सोच रहा था कहीं केले और तो वजन नहीं बढ़ा रहे हैं।ध्न्यवाद

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    1. नाश्ते में एक केला और एक गिलास दूध लीजिये , वज़न कम होने लगेगा.
      यदि ज्यादा खायेंगे तो एक्स्ट्रा केल्रिज वज़न बढ़ाएंगी .

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    2. मैंने तो सुन रखा था की केले और दूध साथ लेने से वजन बढ़ जाता है इसलिए बच्चो को भी बनाना मिल्क सेक देते है , अब पता चला की ये तो गलत जानकारी थी :(

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    3. जी नाश्ते में सिर्फ केला और दूध लेना है .

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    4. हम भी यही सुनते थे की दूध केला मोटा बनाता है , भ्रान्ति का निवारण हुआ !
      अच्छी जानकारी !

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  6. वाह केला ला ...हमें कभी हरी छाल का केला पसंद था -इन दिनों सस्ता है भाई!

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  7. केले में फैट , ट्रांस फैट्स और कोलेस्ट्रोल न के बराबर होता है.
    यह पढ़कर बहुत ख़ुशी हुई वरना मोटे होने और हाई ब्लड प्रेशर में नुक्सान होने के डर से ज्यादा नहीं खाती थी बहुत अच्छी जानकारी दी है हार्दिक आभार |वजन घटाने के लिए कैसे खाने चाहिए ये भी बता देते तो बहुत अच्छा होता चलिए अब बता दीजिये |

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  8. "आजकल ट्रकों पर लदे केले हरे, रहड़ी में रखे पीले और घर में आकर काले नज़र आते हैं . यानि अब पकने के बाद केलों पर चित्तियाँ नहीं बनती बल्कि केले सारे ही सड़कर काले हो जाते हैं . कभी कभी तो देखने में आता है कि बाहर से साफ सुथरे दिखने वाले केले अन्दर से सड़े हुए निकलते हैं"

    और यह आम आदमी की पहुँच का फल है, बेचारा आम आदमी :)

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  9. ...ग़ालिब टोकरी भर आम से खुश होते थे,केले से नहीं !
    हाँ,केला गुणी फल तो है ।

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    1. किसने कहा की ग़ालिब आम आदमी थे . शाही घराने से सम्बन्ध रखते थे ग़ालिब मियां .

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  10. आम तो कहने को आम है इसलिए आम आदमी की पहुंच से बाहर था..केले को आज की महंगाई बाहर करती जा रही है आम आदमी के हाथों से। रह गए गालिब मियां ..शायद वो केले खाकर शेर नहीं लिख पाते होंगे...

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  11. एक दर्जन तक केले खाने से संभावित अत्यधिक 'कफ' को नियंत्रित करने हेतु एक छोटी ईलाईची का सेवन पर्याप्त है।

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  12. 'क्या जोड़ों के दर्द वाले व्यक्ति को केले नहीं खाने चाहिए ....?

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    1. मैंने ऐसा तो नहीं कहा था . :)
      हाई सुगर में ध्यान रखना ज़रूरी है . जोड़ों के दर्द में तो कोई परहेज नहीं .

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  13. केले की जानकारी के साथ उसका सही उपयोग आप जैसा इमानदार डॉ. ही बता सकते हैं सदा की भांति बहुत शानदार पोस्ट .
    डॉ. साहब सामान्यतः मैं लिंक नहीं देता लेकिन आपसे अनुरोध जन्म दिन देखने का कष्ट करियेगा .http://zaruratakaltara.blogspot.in/

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  14. आपकी पोस्ट पढकर केला खा रहा हूँ ...
    धन्यवाद आपका !

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  15. लाभदायक जानकारी के लिए धन्यवाद!
    मंदिरों आदि में आदिकाल से देवताओं पर परम्परानुसार फलों के चढ़ाए जाने की प्रथा देख कह सकते हैं कि हमारे गहराई में जाने वाले पूर्वजों ने भी विभिन्न विषयों पर प्राप्त ज्ञान के आधार पर ही विभिन्न फलों को, विशेषकर गुच्छे में मिलने वाले सफ़ेद रंग के केले को, उच्च स्थान दिया होगा...
    जय अम्बे गौरी मैय्या!!!

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  16. ""बचपन में जो बातें सिखाई जाती हैं या परिस्थितिवश सीखने को मिलती हैं , वे जिंदगी भर न सिर्फ याद रहती हैं बल्कि आपकी जिंदगी का हिस्सा बन जाती हैं .समय के साथ बहुत कुछ बदल गया है ...""
    बहुत बढ़िया पोस्ट ... फलों के राजा केले के बारे में ... आभार

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  17. कही पर पढ़ा था की केले भी सेब से कम नहीं है बस सेब को वैज्ञानिको का साथ मिल गया और वो डाक्टर दूर भगाने का नुश्खा बन गया और प्रसिद्द हो गया , केले को भी वैज्ञानिको का साथ चाहिए :)

    वैसे आम तो अपने स्वाद और हर समय न मिलने के कारण राजा है सेहत के लिए कौन उसे खाता है :)

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    1. यानि आम आदमी की सेहत का ख्याल राजा नहीं , सिपहसालार रखते हैं . :)

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  18. i will b thankful if u kindly throw some information about dengu,swainflu,chikngunian.how a common layman can detect by symptoms and primary course of treatment if in remote with primary medical facilities

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    1. राजेश जी , अगस्त में एक पोस्ट लिखी थी --http://tsdaral.blogspot.in/2012/08/blog-post_22.html इस लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं . विस्तार से जल्दी ही लिखूंगा.

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    2. कला हमें भी पसंद है. और यहाँ तो मिलता भी हस्ट, पुष्ट और बहुत मीठा है.:)

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  19. केला बारहमासा ,सस्ता और लाभदायक फल है....
    अच्छी जानकारी..
    :-)

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  20. केले के गुणकारी गुणों को जानकर अब नाशते मे फलों के सेवन का निश्चय कर लिया है । आप इसी तरह हमें ऐसी स्वास्थयवर्धक जानकारी प्रदान करते रहे । आपका आभार

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  21. कृष्ण कह गए, "कर्म कर/ फल की इच्छा मत कर"! अर्थात फल खाना आपके हाथ में है, किन्तु उसे पचा पाना आपके पाचन तंत्र पर निर्भर करता है - जो सब का एक सा नहीं है!... आजके विषैले पर्यावरण को ध्यान में रख कुछ उपाय सुझायेंगे क्या???

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  22. भगवान ने जिन भी फलों की रचना की, वह सब अद्भुत हैं। बस इंसान से ही इन्‍हें बचाने की जरूरत है। कहीं कार्बाइट है तो कहीं पेस्‍टीसाइड, आदमी करे तो क्‍या करे?

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  23. बेहद महत्वपूर्ण जानकारी के लिए आभार

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