एक दिन एक कोर्ट में एक डॉक्टर की हैसियत से बयान देते हुए डिफेन्स के वकील ने क्रॉस एक्सामिनेशन करते हुए अचानक सवाल किया -- डॉक्टर साहब , सुना है आप कवि भी हैं . हमने कहा -- वकील साहब , एक मुद्दत के बाद आप पहले इन्सान मिले हैं जिन्होंने हमें कवि भी कहा . वर्ना आजकल तो लोग कवि ही कहने लगे हैं , ये तो भूल से गए हैं की हम डॉक्टर भी हैं . जब से कवियों की संगति में रहने लगे हैं , तब से एक विसंगति उत्पन्न हो गई है -- हमारे डॉक्टर मित्र तो हमें कवि समझने लगे हैं , कवि मित्र हमें डॉक्टर समझते हैं , लेकिन हमारे अस्पताल के जो मरीज़ हैं , वे हमें ना डॉक्टर समझते हैं , न कवि . वैसे भी हमने देखा है -- एक सरकारी डॉक्टर को मरीज़ डॉक्टर समझते ही नहीं . अब देखिये एक दिन ओ पी डी में बैठ एक महिला को चेक किया और दवा लिख कर हमने कहा -- आप दवा खरीद लेंगी ? महिला बोली -- जी दवा खरीदनी होती तो आप के पास क्यों आते ! डॉक्टर के पास न जाते !
पिछले कुछ वर्षों से प्रशानिक कार्य करते हुए पब्लिक से बहुत रूबरू होना पड़ा . इस चक्कर में पब्लिक स्पीकिंग करना सीख गए -- मंच पर आने लगे -- कविता करने लगे -- आखिर एक दिन दिल्ली के लाफ्टर चेम्पियन का ख़िताब ही जीत लिया . फिर ब्लॉगिंग शुरू हो गई . लेकिन अब लगता है -- सब छूट जायेगा . सरकार ने हमारे सर पर ताज रखने का विचार बना लिया है . दिल्ली के एक बड़े नवनिर्मित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की देख रेख हमें सौंप दी है . अब दिन रात मेहनत कर हमें इसे चलाना है . अब कांटे चुभें या कीलें , हमने भी ताज सर पर रखना स्वीकार कर ही लिया है .
ज़ाहिर है , इसलिए अब ब्लॉगिंग के लिए समय शायद ही मिल सके . लेकिन अभी दुबई की सैर करवानी बाकि है , जो हम अवश्य कराएँगे .
अरे वाह मुबारक हो...आप की इस बात से कि अब कांटे चुभें या कीलें हमने भी ताज सर पर रखना स्वीकार कर ही लिया है। आज एक गीत याद आ गया "अब चाहे माँ रूठे या बाब यार मैंने तो हाँ करली अब चाहे कांटे मिले कलियाँ यारा मैंने तो हाँ करली,हाँ करली तो करली....:-)
ReplyDeleteहमने तो अमल करना शुरु कर दिया है.....।
ReplyDeleteकिस बात पर ?
Deleteमुबारक हो ताज.......
ReplyDeletetaz to aakhir taz hai..hamari shubhkamnaye aap jald hi ise phoolon ke taz me badal denge..
ReplyDeleteबधाई भाई जी ...
ReplyDeleteहस्पताल का नाम भी बता दो ...
शुभकामनायें नयी जिम्मेवारी के लिए !
सतीश जी , अपने आस पास देखिये तो .
DeleteCongratulations first,but let this 'blogging brahmcharya,be of short duration!
ReplyDeleteदुबई की सैर के बाद उस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की भी सैर करवाइयेगा जिसकी देख रेख आपके भरोसे सौंप दी गयी है !
ReplyDeleteताज के लिए आप को बधाई पर ब्लागरों की सैर वहां वर्चुअल ही रहे तो बेहतर :)
उम्मीद है कि आप इस तरह से ब्लागिंग गृहस्थ बने रहिएगा !
और हां अरविन्द जी के हमउम्र होने का मतलब ये तो नहीं कि वे जो जो करते रहें आप भी वैसे ही... :)
Deleteयह तो महज़ इत्तेफाक है ज़नाब ! :)
Deleteसैर करने के और बहुत सी जगहें हैं , बस थोडा सा इंतजार कीजिये .
शुभकामनायें नयी जिम्मेवारी के लिए !
ReplyDeleteडॉ साहब 'ताज' मुबारक हो।
ReplyDeleteसब कम करियेगा साथ वह भी बीच राह ये बुरी बात है . प्रशासनिक व्यस्तता अपनी जगह लेकिन लेखन का आनंद कुछ और है . आपके पोस्ट का सदा इंतजार रहता है सो आप सदा बने ही रहिएगा .
ReplyDeleteशुभकामनायें नयी जिम्मेवारी के लिए !
ब्लॉगर कहें , पोस्ट लगाओ
Deleteसरकार कहे , अस्पताल चलाओ .
घर में भी है एक सरकार, जो कहे
जाओ , सब्जियां खरीद कर लाओ .
अब सोचते हैं , सोम से शनि दोपहर
चलायें अस्पताल .
शनि की शाम सुनें , और सुलझाएं
पत्नी के सवाल .
रवि की सुबह लेकर बैठें कंप्यूटर
कुछ अपनी कहें , कुछ औरों को दें उत्तर .
अरे वाह... यह तो बहुत बड़ी खुशखबरी है.... बहुत-बहुत बधाई!
ReplyDeleteare waah ye to bahut sundar khabar hai balkon ke liye......gahe/bagahe naye anubhav bhi bant-te rahenge.....
ReplyDeletepranam.
डॉक्टर साहब, बहुत बहुत शुभकामनायें...
ReplyDeleteसाथ ही दुआ कि एक दिन आपको एम्स की भी ज़िम्मेदारी मिले और आप वहां के निदेशक बनें....
जय हिंद...
आपकी दुआओं की कद्र करता हूँ .
Deleteजिंदगी में अनेक इम्तिहान पास किये हैं .
लेकिन यह सबसे बड़ा है .
नाम छिपाने से स्पष्ट है कि ब्लॉगरों को न तो अपॉइंटमेंट में छूट मिलेगी,न पेमेंट में!
ReplyDeleteअगर एक कविह़दय व्यक्ति सुपरस्पैशियैलिटी अस्पताल का प्रमुख होगा तो मुझे विश्वास है कि वहां सुविधाओं की कभी कमी नहीं होगी. मेरी शुभकामनाएं.
ReplyDeleteसुविधाओं का तो कह नहीं सकते , लेकिन हमारा सारा स्टाफ अभी भी बहुत खुश रहता है .
Deleteडॉ साहब 'ताज' मुबारक हो।
ReplyDeleteCMHO बना दिए गएँ हैं डॉक्टर साहब....????
ReplyDeleteबधाई बधाई....
फिर भी थोड़ा वक्त ब्लॉग्गिंग के लिए निकाल ही सकते हैं.....आपके भीतर का कवि कुलबुलायेगा नहीं क्या???
best wishes...and pls stay in touch.
regards
anu
जी सही कहा . कवि मन कोई अवसर नहीं छोड़ता .
DeleteCMHO ? :)
Congratulations and wishing you all the success in your new assignment, Dr. sahib !काबिल इन्सान की अहमियत और जरुरत हर जगह होती है, किन्तु जैसा कि शायद एक वक्त आपने ही कहा था कि ब्लॉग्गिंग यानि लेखन कार्य हम खुद के लिए करते है किसी और के लिए नहीं, इसलिए कभीकभार फुर्सत के पलों में मन के उदगारों को अभिव्यक्ति देने के इस माध्यम को भी इस्तेमाल करते रहिएगा !
ReplyDeleteगोदियाल जी , यह वह नशा है जो -- संतुष्टि प्रदान करता है . इसलिए छोड़ने का तो सवाल ही नहीं उठता .
Deleteमुझ गरीब के पेट मे काहे लात मारते हो डाक्टर साहब ... आप लोगो की पोस्टों के कारण ही तो दुकान चल रही है अपनी ... अरे हुज़ूर रोज़ न सही ... 15 दिन मे एक पोस्ट लगा दिया कीजिएगा ... लिखना बंद न कीजिएगा ... आपसे अनुरोध है !
ReplyDeleteमुझ से मत जलो - ब्लॉग बुलेटिन ब्लॉग जगत मे क्या चल रहा है उस को ब्लॉग जगत की पोस्टों के माध्यम से ही आप तक हम पहुँचते है ... आज आपकी यह पोस्ट भी इस प्रयास मे हमारा साथ दे रही है ... आपको सादर आभार !
बाकी नई पोस्टिंग पर बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएं स्वीकार करें !
Delete१५ दिन ! इतने दिन कैसे रुका जायेगा भाई ! :)
Deleteनयी जिम्मेवारी के लिए बधाइयाँ और शुभकामनाएं स्वीकार करें!
ReplyDeleteशुक्रिया .
Deleteप्रथम आगमन पर आपका स्वागत है .
बधाई दराल साहब ब्लॉग्गिंग को आपका डाक्टर तत्वा मिलते रहना चाहिएहैं
ReplyDeleteपदोन्नति पर बहुत बहुत बधाई डॉक्टर तारीफ जी! हमें पूर्ण विश्वास है कि आपके नेतृत्व में अस्पताल उन्नति करेगा! उसके लिए अनेकानेक शुभ कामनाएं!
ReplyDeleteधन्यवाद जे सी जी .
ReplyDeleteबिलकुल नई चुनौती है .
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteइस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (08-09-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
hospital kaa naam daetae
ReplyDeletesab ko jarurat rehti hii haen
aap wahaan honagae to kam sae kam blog mitro ko bharosa hogaa ki ab apna koi haen
Congratulations Congratulations Congratulations Congratulations Congratulations Congratulations Congratulations Congratulations Congratulations
ReplyDeleteCongratulations Congratulations dr. daral ji
ReplyDeleteवाह ताज! बधाई हो डॉक्टर साहब.
ReplyDeleteघुघूतीबासूती
कवि में डाक्टर बसता है डाक्टर में कवि ये तो बाई वन गेट वन फ्री हो गया आपके मरीजों और श्रोताओं को तो दोगुनी ख़ुशी मिलती होगी
ReplyDeleteबहुत सुन्दर पोस्ट,काबिले तारीफ ।
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट - "क्या आप इंटरनेट पर मशहूर होना चाहते है?" को अवश्य पढ़े ।धन्यवाद ।
मेरा ब्लॉग पता है - harshprachar.blogspot.com
दराल सर अपने के लिए कवि डाक्टर ही बेहतर हैं...। कम से कम जबरदस्ती का गंभीर चेहरा बनाकर तो नहीं रखते.। अब उस अस्पताल का कायाकल्प जितना आप कर सकेंगे उतना तो कर ही देंगे। जहां तक सरकार की बात है वो तो बस औपचारिकता पूरी करती है। आपके जीटीबी अस्पताल में काफी पहले मेडिसन विभाग के प्रमुख हुआ करते थे डाक्टर एम पी श्रीवास्तव जी....पिताजी के दोस्त थे। काफी भले डाक्टर..रहते तो गंभीर से भी थे पर स्वभाव था उनका। उनके बाद अनेको डाक्टरों से मिला मगर ज्यादातर जबरदस्ती का मुखौटा पहने हुए.. या पैसों के पीछे भागते। आपसे परिचय हुआ ब्लॉग से....इतना भी पता है कि आप से ब्लॉग छुटेगा नहीं ..चाहे आप कुछ कर लीजिए..उल्टा हो सकता है नई तरह की कविता औऱ व्ंयग्य आपसे सुनने को मिले..आखरी आप अप सुपर स्पेशल होने जो जा रहे हैं।
ReplyDeleteसही कह रहे हैं रोहित जी .
Deleteअब देखते हैं , हम कितनी अन्नागिरी चला पाएंगे .
एक कवि मन फ़ौरन हास्य व्यंग का विषय देख लेता है लेकिन फिर कुछ सोच कर छोड़ देना पड़ता है .
बधाई हो दराल साहब! कहने की ज़रूरत नहीं कि सही ज़िम्मेदारी एक ज़िम्मेदार डॉक्टर के कन्धों पर आई है। आपके बहुत से मरीज़ तो कविता सुनकर चंगे हो जाते होंगे लेकिन उनसे भी कहीं अधिक तो एक भले डॉक्टर की मुस्कान से ही बेहतर महसूसने लगते होंगे। आपको और नये अस्पताल को हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteअनुराग जी , हमारे एक प्रोफ़ेसर कहा करते थे -- एक डॉक्टर में तीन गुण होने चाहिए, और इसी क्रम में :
Delete१.अवेलेबिलिटी
२.अफेबिलिटी
३.एबिलिटी
हमने तो यह बात तभी गांठ बांध ली थी और अब दूसरों को भी बताते हैं .
खैराती से निकल पञ्च तारा में जा रहे हो ,खूब नाम कमा रहे हो
ReplyDeleteऔर तो और सिर्फ कवि कहला रहे हो .....बढ़िया डॉ .कविराल(कवि +डॉ .दाराल )
शुक्रवार, 7 सितम्बर 2012
शब्दार्थ ,व्याप्ति और विस्तार :काइरोप्रेक्टिक
शुक्रवार, 7 सितम्बर 2012
शब्दार्थ ,व्याप्ति और विस्तार :काइरोप्रेक्टि
sir nayi jmmedaaree mubaarak ho , lekin jo blog-ras kaa majaa le chukaa ho wo bloging chhodega nahee.
ReplyDeletebahdiya laga ...shubhakamanayen ...
ReplyDeletepar blaging n chhode yahi nivedan ..
ReplyDeleteयह ताज फूलों का सिद्ध हो आपके लिए..
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाये...
:-)
काम में ही कवि के स्वरूप को ढूढ़ लें, काम और कविता दोनों ही धन्य हो जायेगी।
ReplyDeleteये तो बुत ही अच्छी बात है ... आपके सर पे ताज कुछ सोच समझ कर ही रखा होगा ... कवि तो आप हैं ही और रहेंगे हमेशा ही ... अब नए मुकाम पे जा रहे हैं नई ऊँचाइयों को छुवें ... बहुत बहुत शुभकामनायें ....
ReplyDeleteडॉ .साहब हम सभी ब्लोगियों के लिए बेहद हर्ष का विषय है आपकी तरक्की .आप इस के हकदार हैं ,बड़ा आपका यहाँ पर किरदार है .
ReplyDeleteram ram bhai
रविवार, 9 सितम्बर 2012
Red wine, minus the alcohol, may lower blood pressure
आप दोनों ही रूप में सजते हैं ...और उस से भी ज्यादा आप एक सच्चे इंसान हैं :)))
ReplyDeleteनए उत्तरदायित्व की बहुत बधाई एवं शुभकामनायें !
ReplyDeleteताज हमें दिखाइएगा कैसा है .....
ReplyDeleteएक ताज तो ज़िन्दगी में देख न सके ये तो देख ही सकते हैं .....:))
बहुत बहुत बधाई .....!!
पोस्ट कम डाले पर ब्लॉग न छोडें .....
जी , ब्लॉग तो छोड़ना नहीं चाहते . लेकिन कभी कभी परिस्थितियां विवश कर देती हैं , जैसे अभी .
Deleteलेकिन जल्दी ही लौटूंगा एक नई पोस्ट के साथ .
आप सभी की बधाई और शुभकामनाओं के लिए आभारी हूँ .
बहुत बधाई सर जी। देर से पढ़ पाने का अफसोस मगर देर से ही सही मेरी बधाई भी कुबूल कीजिए। ब्ल़ॉगिंग के संबंध में तो यही गज़ल कहूँगा...
ReplyDeleteमजा लेना है पीने का तो कम-कम, धीरे-धीरे पी
रहेगा उम्र भर ये मौसम, कम-कम, धीरे-धीरे पी।