सिगरेट पीते थे हमदम, हम दम भर कर,
अब हरदम हर दम पर, दम निकलता है।
गुटखा खाते थे सनम, मुंह में चबा चबा कर,
अब खाने के लिए भी, मुंह ही नहीं खुलता है।
सिगरेट पीते थे हमदम, हम दम भर कर,
अब हरदम हर दम पर, दम निकलता है।
गुटखा खाते थे सनम, मुंह में चबा चबा कर,
अब खाने के लिए भी, मुंह ही नहीं खुलता है।
यही त्रासदी है जो ये धूम्र और गुटका प्रेमी समझ नही पाते 🙏😞😞
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