हमारी परेशानी को तुम क्या समझोगे दोस्त,
हम जब गुजरते हैं कब्रिस्तान से,
तो मुर्दे भी उठकर कहने लगते हैं,
डॉक्टर साहब, एक कविता तो सुनाते जाओ।
😅
हमारी परेशानी को तुम क्या समझोगे दोस्त,
हम जब गुजरते हैं कब्रिस्तान से,
तो मुर्दे भी उठकर कहने लगते हैं,
डॉक्टर साहब, एक कविता तो सुनाते जाओ।
😅
है ईश्वर कब्रिस्तान में सोये कवियों की आत्मा को शांति प्रदान करना 🙏
ReplyDelete😅
Delete