1.
क्वारेन्टीन और डिस्टेंसिंग जैसे शब्द अब यक्ष हो गए हैं ,
आइसोलेशन में पति पत्नी के जुदा शयन कक्ष हो गए हैं ।
कोरोना ने लोगों की जिंदगी में कर दिया ऐसा करेक्शन ,
कि युवा ही नहीं बूढ़े भी अब गृह कार्यों में दक्ष हो गए हैं ।
2.
लॉक डाउन के दिन रात तो नाकाम बीते हैं,
पर कोरोना ने सिखा दिया कि कैसे जीते हैं ।
जो लोग गर्मियों में भी नहाने से कतराते थे ,
अब सर्दियों में भी दिन में दो बार नहाते हैं।
3.
जो काम ट्रम्प नही कर पाया है,
वो जसिंडा ने कर के दिखाया है ।
हम भी जिंदगी भर नही डरे इतना,
जितना इस कोरोना ने डराया है ।
4.
जिन सांसों से महका करता था घर,
उन्हीं सांसों से अब लगने लगा है डर ।
कोरोना तो भैया मच्छर का भी बाप निकला ,
गुड नाइट ना नाइट क्वीन करती है असर।
5.
लोग कहते हैं मैं भगवान हूँ ,
दिल से अब भी नौजवान हूं ।
पर मांफ करना भाई कोरोना,
तेरे लिए तो मैं बूढ़ा इंसान हूं ।
6.
ग़म के काले बादल अभी और छाएंगे,
जो जीवन को तहस नहस कर जाएंगे।
लेकिन खुशियों का सूरज फिर चमकेगा,
ग़म ना कर गुजरे अच्छे दिन फिर आएंगे।
वर्तमान समय के बारे में रोचक पंक्तियाँ।
ReplyDeleteधन्यवाद .
Deleteभले ही बहुत कुछ सिखा गया कोरोना, लेकिन अभी भी बहुत कुछ बाकी है सीखना
ReplyDeleteबहुत अच्छी सामयिक रचना
धन्यवाद जी ।
Deleteसामयिक और सुन्दर रचना।
ReplyDeleteधन्यवाद शास्त्री जी ।
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