१ जनवरी २००९ को हमने अपना ब्लॉग बनाया था और पहली पोस्ट डाली थी - नव वर्ष की शुभकामनायें। आज सात साल पूरे हुए और ये ५०० वीं पोस्ट है। ७ साल का ये सफ़र बहुत बढ़िया रहा , जिसमे हमें लेखन का अच्छा अनुभव हुआ , नए दोस्त मिले और अनेकों लाभदायक पोस्ट लिखने का अवसर मिला। लेकिन अब हिंदी ब्लॉगिंग में लोगों की कम होती रूचि और फेसबुक / वाट्सएप आदि सोशल मिडिया के कारण ब्लॉग पर पाठकों के ना आने से ब्लॉगिंग में आकर्षण नहीं रहा। अत : यह हमारी आखिरी पोस्ट है , जो अपने मन पसंद विषय हास्य व्यंग पर आधारित एक समसामयिक कविता के रूप में प्रस्तुत है :
आमचंद्र कह गए सभी से , जब साल सोलवां आएगा ,
पत्नी करेगी कार ड्राईव और , पति खड़ा रह जायेगा।
एक बात नहीं हैं समझे, ग़र पत्नी संग कार में बैठे ,
पति के संग से कैसे हवा में, प्रदुषण बढ़ जायेगा ।
छूटे सारे वी आई पी , ग़र नहीं तू वी ओ पी भी ,
ईवन ऑड के चक्कर से भैया , फिर नहीं बच पायेगा।
बहुत करी है सबने मस्ती , दस बजे आते थे अक्सर ,
दफ़्तर में सरकारी अफ़सर , अब आठ बजे आ जायेगा।
ग़र कभी हो पत्नी संग जाना , पेट दर्द का करो बहाना ,
सीट पर लेटो रोगी बनकर , चालान नहीं कट पायेगा।
एक तरीका और है भैया , ओढ़ दुपट्टा बन जाओ मैया ,
ग़र ना हो दाढ़ी रामदेव सी, कोई पकड़ नहीं पायेगा ।
ज़हर भरा दिल्ली की हवा में , धुँआ धुआं है सारी फ़िज़ा में ,
ग़र नहीं तू संभला 'तारीफ' , चैन से साँस नहीं ले पायेगा।
नोट : दिल्ली में वायु प्रदुषण चरम सीमा पर है। उसे कम करने में सभी का सहयोग अपेक्षित है।
नव वर्ष २०१६ के सभी पाठकों को हार्दिक बधाई और मंगल कामनाएं।
Bahut sundar........aap kahte hain ye blog mein aapki antim kavita hai.
ReplyDeleteplease blog mein post karna band mat kijiye...balki aaj mujhe shishya man kar , blog banana sikha dijiye. Dhanywad
आप तो सीखे सिखाये हैं ! :)
Deleteआभार।
ReplyDeleteदिल्ली है दिल हिंदुस्तान का,धड़कनो को धड़कने दो
ReplyDeleteप्रदुषण हटाओ,लम्बी उम्र पाओ।
आप की रचना मानवता के प्रति नए वर्ष का नया सन्देश।
नूतन वर्षाभिनंदन ।
शुक्रिया शर्मा जी ।
Deleteआमचंद्र कह गए सभी से , जब साल सोलवां आएगा ,
ReplyDeleteपत्नी करेगी कार ड्राईव और , पति खड़ा रह जायेगा।
... नहीं दराल जी दूसरी पंक्ति में " पति ठाट से बगल में बैठेगा" कर दीजिये और ब्लॉग पर लिखते रहिये .. .. ..
आपको सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
कविता जी , यही तो अलाउड नहीं है ।
Deleteआखिर पोस्ट पर नए साल के पहले हप्ते के बाद टिप्पणी ताऊजी...मेरा ब्लाग भी हल्का हो गया है।
ReplyDeleteबस अब हम न ब्लॉगर को कष्ट देंगे , ब्लॉगर्स को। :)
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